म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा?

3. फंड के रोलिंग रिटर्न देखना है जरुरी (Mutual Fund Rolling Returns)
ज्यादातर लोग जब म्यूचुअल फंड पर ध्यान देते हैं तो वह सिर्फ 1 या 2 साल कि ही रिटर्न्स देखते हैं और वह अच्छा या बुरा इस नतिजे पे आते हैं लेकिन इससे हम गलत जगह पर इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं क्योंकि आजकल ज्यादातर फंड मैनेजर या कंपनीया अपने फंड का बहुत हि अच्छे तरिके से मार्केटिंग करती हैं,और एक साल में कुछ जुगाड करके अच्छे रिर्टन्स लाते हैं और उसी एक साल के रिटर्न्स को दिखाकर ग्राहकों को लुभाया जाता हैं, आजकल बहुत काॅपिटेशन कि वजह से लोग सिर्फ एक या दो साल के Quarterly Returns Result को देखकर फंड का Good हैं या Bad हैं इस नतिजे पे पोहच जाते हैं, लेकिन हमें इसके बदले Rolling Returns Observed करना चाहियें मतलब इसमें हम साल या दोसाल कि बजह आजतक के रिटर्न्स को 5 -5 सालो में डिवाइड करतें हैं. इससे हि हम कंपनी के रिकाॅर्ड को अच्छी तरह से जान सकते हैं.
अगर म्युचुअल फंड सही में अच्छा है तो Long Term Rolling Returns भी अच्छे होंगे, तब आप उसमे Investment कर सकते हों. अगर आप इन्वेस्टमेंट के ऊपर अधिक जानकारी चाहते है तो हमारा इन्वेस्टमेंट कहा करनी चाहिये यह ब्लाॅग अवश्य पढ़ सकते हैं.
Best Mutual Fund Choose Criteria Hindi 2021
अगर हम म्युचुअल फंड कि बातकरें तो आज के समय में 2000 से भी ज्यादा म्युचुअल फंड मार्केट में उपलब्ध हैं. कहते हैं Best Mutual fund Kaise Chune Hindi 2021 और सही कैसे चुनें? और सबसे बेस्ट म्युचुअल फण्ड कौन सा हैं ?
अगर हम आम आदमी की बात करें तो यह काफी चर्चा का विषय हैं, और यह सवाल सबसे पहले हमारे दिमाग में आता हैं जब हम म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने कि सोचते हैं, जिसे शेअर मार्केट का गणित नहीं पता होता वह Mutual Fund कि और ही देखते हैं.
आज हम इसी के बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करनेवाले हैं, अगर आप यह पुरा पढ़ लेते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड कौन सा लेना योग्य होगा यह कभी भी ख्याल नहीं आयेगा.
म्युचूअल फंड क्या होता हैं?
यह एक सामुहिक निवेश होता हैं, म्युचूअल यानी आपसी और फंड यानी निवेश. अलग अलग निवेशकों द्वारा एक बड़ी राशी कि निवेश को एक व्यक्ती द्वारा अलग अलग या किसी एक सेक्टर पर निवेश किया जाता हैं जैसे शेयर मार्केट सेक्टर हो गया , असेट फंड हो गया ऐसे करके निवेश किया जाता हैं.
जिसे शेयर मार्केट का ज्ञान नहीं होता और जिसे बैंक से ज्यादा रिटर्न्स चाहिते होते हैं या तो शेयर मार्केट में निवेश करने कि ज्यादा रिस्क नहीं देनी होती वह ज्यादातर म्यूचुअल फंड को सही मानते हैं, लेकिन इससे पहले यह सवाल आता है कि 2000+ से भी म्यूचुअल फंड मार्केट में हैं हमे किसमे निवेश करना योग्य होगा तो इसी की विस्तार से हम चर्चा करेंगे चलिये देखते हैं.
सही म्युचूअल चुनने के लिये इन 7 बातों पर जरुर ध्यान दे
1. फंड मैनेजर का ट्रैक रेकॉर्ड पर ध्यान दें ( Fund Manager Track Record)
जब हम कोई म्युचुअल फंड को चुनने कि बात करते हैं तब सबसे पहले हमें जो भी फंड को कोई मैनजर चलाता है तो उसका Track Record को देखना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि फंड में क्या बदलाव करने हैं फंड में से कब किस सेक्टर अथवा शेअर कंपनी को निकालना है या उसमें ऐंड करना है यह सब पुरी तरह फंड मैनेजर के साथ में ही होता है, इसलिये इबसे पहले इसे पुरी तरह जांच ले.
2. डियवरसिफिकेशन से रिस्क कम होता हैं (Diversification Risk Minimise)
इसका मतलब जो भी फंड होता है वह किस अलग-अलग सेक्टर में इसको Include किया गया हैं? मतलब बैंकिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, रियालीटी प्रोपर्टी सेक्टर ऐसे कितने अलग अलग सैक्टर में फंड द्वारा निवेश किया गया हैं, क्योंकी अगर एक हि सेक्टर पर सारा फंड डिपेंड होता है तो किसी न्युज के कारण या मंदी के कारण इसमें अचानक गिरावट आती है तो आपका निवेश में आपको बहुत छोटा सहन करना पड़ेगा इसलिए अगर एक से अधिक सेक्टर हो तो अगर एक किसी कारण वश नीचे भी जाता है तो बाकी सेक्टर उसे बैलैंन्स कर देंगे और आपको ओवरऑल प्रोफिट हि होगा.
सभी म्यूचुअल फंड के बारे में
स्टॉक और बॉन्ड जैसी संपत्ति हासिल करने के लिए, एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) एक म्यूचुअल फंड स्थापित करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों और फर्मों से धन एकत्र करती है। एएमसी द्वारा जमा किए गए निवेश की निगरानी के लिए फंड मैनेजरों को नियुक्त किया जाता है। संक्षेप में, म्यूचुअल फंड कई प्रतिभागियों के पैसे को बॉन्ड, इक्विटी और अन्य तुलनीय उत्पादों में निवेश करने के लिए जमा करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेशकों को उनके द्वारा निवेश की गई म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? राशि के आधार पर फंड यूनिट आवंटित की जाती हैं। केवल मौजूदा शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर ही निवेशक फंड यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। अंतर्निहित होल्डिंग्स की अस्थिरता के जवाब में एक म्यूचुअल फंड का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) प्रतिदिन बदलता है। म्युचुअल म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? फंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा कड़ाई से नियंत्रित होते हैं और इसलिए, जोखिम मुक्त निवेश विकल्प के रूप में माना जा सकता है।
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Best Mutual Fund Choose Criteria Hindi 2021
अगर हम म्युचुअल फंड कि बातकरें तो आज के समय में 2000 से भी ज्यादा म्युचुअल फंड मार्केट में उपलब्ध हैं. कहते हैं Best Mutual fund Kaise Chune Hindi 2021 और सही कैसे चुनें? और सबसे बेस्ट म्युचुअल फण्ड कौन सा हैं ?
अगर हम आम आदमी की बात करें तो यह काफी चर्चा का विषय हैं, और यह सवाल सबसे पहले हमारे दिमाग में आता हैं जब हम म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने कि सोचते हैं, जिसे शेअर मार्केट का गणित नहीं पता होता वह Mutual Fund कि और ही देखते हैं.
आज हम इसी के बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करनेवाले हैं, अगर आप यह पुरा पढ़ लेते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड कौन सा लेना योग्य होगा यह कभी भी ख्याल नहीं आयेगा.
म्युचूअल फंड क्या होता हैं?
यह एक सामुहिक निवेश होता हैं, म्युचूअल यानी आपसी और फंड यानी निवेश. अलग अलग निवेशकों द्वारा एक बड़ी राशी कि निवेश को एक व्यक्ती द्वारा अलग अलग या किसी एक सेक्टर पर निवेश किया जाता हैं जैसे शेयर मार्केट सेक्टर हो गया , असेट फंड हो गया ऐसे करके निवेश किया जाता हैं.
जिसे शेयर मार्केट का ज्ञान नहीं होता और जिसे बैंक से ज्यादा रिटर्न्स चाहिते होते हैं या तो शेयर मार्केट में निवेश करने कि ज्यादा रिस्क नहीं देनी होती वह ज्यादातर म्यूचुअल फंड को सही मानते हैं, लेकिन इससे पहले यह सवाल आता है कि 2000+ से भी म्यूचुअल फंड मार्केट में हैं हमे किसमे निवेश करना योग्य होगा तो इसी की विस्तार से हम चर्चा करेंगे चलिये देखते हैं.
सही म्युचूअल चुनने के लिये इन 7 बातों पर जरुर ध्यान दे
1. फंड मैनेजर का ट्रैक रेकॉर्ड पर ध्यान दें ( Fund Manager Track Record)
जब हम कोई म्युचुअल फंड को चुनने कि बात करते हैं तब सबसे पहले हमें जो भी फंड को कोई मैनजर चलाता है तो उसका Track Record को देखना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि फंड में क्या बदलाव करने हैं फंड में से कब किस सेक्टर अथवा शेअर कंपनी को निकालना है या उसमें ऐंड करना है यह सब पुरी तरह फंड मैनेजर के साथ में ही होता है, इसलिये इबसे पहले इसे पुरी तरह जांच ले.
2. डियवरसिफिकेशन से रिस्क कम होता हैं (Diversification Risk Minimise)
इसका मतलब जो भी फंड होता है वह किस अलग-अलग सेक्टर में इसको Include किया गया हैं? मतलब बैंकिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, रियालीटी प्रोपर्टी सेक्टर ऐसे कितने अलग अलग सैक्टर में फंड द्वारा निवेश किया गया हैं, क्योंकी अगर एक हि सेक्टर पर सारा फंड डिपेंड होता है तो किसी न्युज के कारण या मंदी के कारण इसमें अचानक गिरावट आती है तो आपका निवेश में आपको बहुत छोटा सहन करना पड़ेगा इसलिए अगर एक से अधिक सेक्टर हो तो अगर एक किसी कारण वश नीचे भी जाता है तो बाकी सेक्टर उसे बैलैंन्स कर देंगे और आपको ओवरऑल प्रोफिट हि होगा.
इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (Equity Mutual Fund) में क्या करना चाहिए?
देखिये इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में कम अवधि के लिए निवेश करना अच्छा विचार नहीं है|
अगर आप एक वर्ष से अधिक के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको capital gain पर 10.4% टैक्स देना होगा| यहीं आपको dividend पर तकरीबन 11.5% का टैक्स देना होगा|
इसलिए ग्रोथ option बेहतर है|
अगर आप इक्विटी फण्ड में निवेश कर रहे हैं, तो ग्रोथ विकल्प (Growth option) में ही निवेश करें|
कुछ निवेशकों नियमित आय के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के विकल्प में निवेश करते हैं| यह एक बुरा आईडिया है| पहले तो dividend की कोई गारंटी नहीं है| दूसरी बात आप Growth option के यूनिट्स बेचकर भी अपनी ज़रुरत पूरी कर सकते हैं| टैक्स भी कम लगेगा| मैंने इस विषय पर दूसरे पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|
डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड (Debt Mutual Fund) में क्या करना चाहिए?
अगर आप डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर रहे हैं, तो आपका निर्णय आपके टैक्स स्लैब और आपकी निवेश अवधि पर निर्भर करेगा|
अगर आप अपनी यूनिट्स को 3 वर्ष से पहले बेचते हैं, तो आपको मुनाफे पर अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|
अगर आप अपनी यूनिट्स को 3 वर्ष के बाद बेचते हैं, तो आपको मुनाफे 20% (indexation के बाद) टैक्स देना होगा|
Dividend पर तकरीबन 28% DDT लगता है|
डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में चुनाव करना आसान है|
अगर आप 5% या 20% वाले टैक्स स्लैब में आते हैं, तो Growth विकल्प में निवेश करें| निवेश अवधि से कोई फर्क नहीं पड़ता| Dividend विकल्प में 28% टैक्स लगेगा| मुनाफे पर केवल 5% या 20% टैक्स लगेगा|
अगर आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और 3 वर्ष से कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको Dividend (डिविडेंड) या Dividend Reinvestment विकल्प में निवेश करना चाहिए| मुनाफे पर 30% देना होगा, dividend विकल्प में 28% टैक्स ही लगेगा|
म्यूचुअल फंड क्या है? इसमें निवेश कैसे करे: Mutual Fund in Hindi
Mutual Fund kya hai in Hindi : आप सब ने म्यूच्यूअल फंड्स का विज्ञापन टीवी में जरुर देखा होगा जो म्यूचुअल फंड सही है टैगलाइन के साथ आता हैं। उसे देखकर आपके मन में कुछ सवाल उठते होंगे की म्युचुअल फंड क्या हैं (what is the mutual fund in hindi ) ? इसमें निवेश कैसे करे? ये कैसे काम करता हैं, इसके फायदे, नुकसान और कैसे हम इससे घर बैठे पैसे कम सकते हैं। तो आज हम आपके इन सब सवालो के जवाब देंगे।
बहुत से लोगो को ये गलतफैमी होती है की Mutual Funds में इन्वेस्ट करने के लिए काफी पैसो की जरुरत होती है पर ऐसा बिलकुल गलत हैं आप 500 रुपय भी निवेश करके पैसे कमा सकते हैं। एक और जो भ्रम जो लोगो को है म्यूचुअल फंड के बारे में वो है की ये शेयर मार्किट और म्यूच्यूअल फंड्स दोनों एक ही होते हैं ये भी सही नहीं हैं।
म्यूचुअल फंड क्या है: What is Mutual Fund in Hindi
म्यूच्यूअल फंड्स जैसा नाम से ही प्रतीत होता हैं ये एक ऐसा फण्ड होता हैं जिसमे कई जनो के पैसे लगे होते हैं। आसान भाषा में समझाया जाए तो कई लोगो के पैसे से बना हुआ फंड को ही Mutual fund कहते है। जैसे आप पैसे निवेश करेंगे ऐसे ही और लोगो ने भी पैसे लगाए होते हैं ताकि वो मुनाफा कमा सके। इस पैसे को बाज़ार में अलग अलग विभागों में लगाया जाता हैं ताकि Profit अधिक से अधिक कमाया जा सके।
जिन लोगो को बाज़ार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हैं उनके लिए भी म्यूच्यूअल फंड् में पैसे लगाना आसान और कम जोखिम भरा होता हैं। Mutual Fund में निवेश खाली शेयर बाज़ार तक सिमित नहीं हैं बल्कि सोना, चांदी बांड्स, स्टॉक या फिर अन्य सरकारी सिक्यूरिटी में भी Money Invest किया जाता हैं। विभिन्न विभागों में पैसे लगाने का फायदा ये होता है की इसमें रिस्क काफी कम हो जाता है और Return अच्छा मिल जाता है।
म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार: Type of Mutual Funds in Hindi
SEBI यानि The Securities and Exchange Board of India ने म्यूच्यूअल फण्ड को 4 श्रेणी में विभाजित किया हैं जो इस प्रकार हैं :
1. इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम
इन योजनाओ में पैसा निवेश सीधा शेयरों में जाता हैं। इन स्कीम में हम कम समय में काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं पर उसके साथ में short term में इसमें रिस्क भी काफी रहता हैं। मुनाफा या नुकसान इस बात पर निर्भर करता हैं की शेयर मार्किट के कितना उतर चढाव आता हैं। निवेशको को इन स्कीम में लम्बे समय तक निवेश करना चहिये। कम से कम 5-10 साल तक investment करने से अच्छे return की संभावना ज्यादा रहती हैं।
2. डेप्ट म्यूचुअल फंड योजना
इस योजना में पैसा लगाना कम जोखिम भरा होता हैं। अगर आप short-term investment करना चाहते हैं तो ये स्कीम आपके लिए सही हो सकती हैं। चूँकि इन योजनाओ में पैसा सरकारी बांड्स और दुसरे सुरक्षित जगह लगाया जाता हैं। अगर आप 5 साल से कम समय के लिए इनवेस्ट करना चाहते है तो आपके लिए ये स्कीम सही हैं। हालाँकि इसमें मुनाफा उतना ज्यादा नहीं होता।