मुख्य प्रकार के सिक्के

प्र 7. मेरा यूनियन बैंक में खाता न होने पर भी क्या मैं सोने के सिक्के खीद सकता हूं ?
सबसे पहले सोने के सिक्के किसने चलाए
एक समय था जब भारत को अक्सर सोने की चिड़िया कहा जाता था। अनेक मुख्य प्रकार के सिक्के वर्षों के बाद, विविध संभताएं स्वर्ण पर एक मुद्रा के रुप में निर्भर थी और यह समृद्धि का प्रतीक भी रहा। यहां पर आप पढ़ेंगे, भारत के सोने के सिक्कों के बारे में कुछ अद्भुत तथ्य, जो यह सिद्ध करते हैं, कि स्वर्ण को लेकर हमारा प्रेम सचमुच समय से परे है।
भारत के कुछ सबसे पुराने स्वर्ण के सिक्के, कुषाण सभ्यता में सामने आए थे। इनमें से कुछ, यहां पर हैं:
कनिष्क I स्वर्ण सिक्का
यह भारत के किसी राजा द्वारा जारी प्रथम स्वर्ण सिक्का माना जाता है इसे 127 सीई में कुषाण राजा कनिष्क 1 द्वारा जारी किया गया था। यह उन कुछ विशेष सिक्कों में से हैं जिन्हे ग्रीक भाषा में और बाद में बैक्टरियन भाषा में जारी किया गया था जो कि एक इरानी भाषा थी और उस दौरान केन्द्रीय एशिया के क्षेत्र बैक्टरिया (वर्तमान उज़्बेकिस्तान, अफगानिस्तान और तज़ाकिस्तान) में बोला जाता था।
आहट सिक्के
भारत में पहले सिक्के 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास भारत-गंगा के मैदान के महाजनपदों द्वारा ढाले गए थे। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में सिकंदर महान के आक्रमण से कुछ समय पहले, वे पूरी तरह से चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य में डिजाइन किए गए थे।
जो क्रिब के अनुसार, भारतीय पंच-चिह्नित सिक्के ईसा पूर्व चौथी शताब्दी के मध्य या उससे कुछ पहले के हैं, और काबुल/गांधार क्षेत्र में अचमेनिड्स के पंच-चिह्नित सिक्के के साथ शुरू हुए। 1 9वीं शताब्दी के प्रस्तावों ने एशिया माइनर में सिक्कों की शुरूआत से स्वतंत्र 1000 ईसा पूर्व के रूप में उत्पत्ति का सुझाव दिया, “अब कोई विश्वास नहीं दिया गया है”।
उत्तर-पश्चिमी भारत में यूनानी और एकेमेनिड सिक्के (छठी शताब्दी से आगे)
काबुल होर्ड या पुष्कलावती में शेखान डेहरी होर्ड में पाए जाने वाले सिक्के से कई अचमेनिड सिक्कों का पता चला है, साथ ही 5 वीं और चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के कई यूनानी सिक्के, इस क्षेत्र में घूम रहे थे, कम से कम सिंधु के शासनकाल के दौरान। अचमेनिड्स, जो गांधार तक के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे।
2007 में पाकिस्तान में प्राचीन पुष्कलावती (शेखान डेहरी) के स्थल पर एक छोटा सिक्का होर्ड खोजा गया था। मुख्य प्रकार के सिक्के होर्ड में एथेंस सी में खनन किया गया टेट्राड्राचम था। 500/490-485/0 ईसा पूर्व, कई स्थानीय प्रकारों के साथ-साथ सिल्वर कास्ट सिल्लियां। एथेंस का सिक्का अपने प्रकार का सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण है जो अब तक पूर्व में पाया गया है।
जो क्रिब के अनुसार, ये शुरुआती ग्रीक सिक्के भारतीय पंच-चिह्नित सिक्कों के मूल में थे, जो भारत में विकसित सबसे मुख्य प्रकार के सिक्के पुराने सिक्के थे, जो ग्रीक सिक्कों से प्राप्त ढलाई तकनीक का उपयोग करते थे। डैनियल शलम्बरगर यह भी मानते हैं कि पंच-चिह्नित बार, उत्तर-पश्चिमी भारत में पाए जाने वाले कई पंच-चिह्नित सलाखों के समान, मूल रूप से भारतीय हृदयभूमि के बजाय अचमेनिद साम्राज्य में उत्पन्न हुए थे:
मौर्य काल में आहट सिक्के (322-185 ईसा पूर्व)
मौर्य काल के बाद भी बड़ी मात्रा में पंच-चिह्नित सिक्के जारी किए जाते रहे। इसी तरह मौर्य साम्राज्य का सिक्का मगध के पंच-चिह्नित सिक्के का एक उदाहरण था। प्रत्येक सिक्के को पहनने के आधार पर चांदी के औसतन 50-54 दाने और वजन में 32 रत्ती प्राप्त होते हैं, और पहले के सिक्के बाद के सिक्कों की तुलना में अधिक चापलूसी वाले होते हैं। इन सिक्कों पर सबसे आम सूर्य और छह-सशस्त्र प्रतीकों, और ज्यामितीय पैटर्न के विभिन्न रूपों, मंडलियों, पहियों, मानव आकृतियों, विभिन्न जानवरों, धनुष और तीर, पहाड़ियों और पेड़ों आदि के साथ 450 विभिन्न प्रकार के पंच हैं।
पंच-चिह्नित सिक्कों का उल्लेख मनु, पाणिनी और बौद्ध जातक कथाओं में मिलता है। वे उत्तर में लगभग पहली शताब्दी ईस्वी की शुरुआत तक घूमते रहे लेकिन दक्षिण में तीन शताब्दियों तक चले, यानी लगभग 300 ईस्वी तक।
मुख्य प्रकार के सिक्के
यूनियन बैंक गोल्ड काइन : -
- यूनियन बैंक 999.9 शुद्धता के 24 कैरट के सिक्के प्रस्तुत करता है. सिक्के निवेश करने के लिये या उपहार देने के लिये खरीदे जा सकते हैं.
- प्रामणिकता और शुद्धता के लिये ये सिक्के टैंपर प्रूफ पैकिंग में पैक हैं.
- इन सिक्कों का प्रतियोगी मूल्य स्वर्ण के दैनिक मूल्य के आधार पर तय किया जाता है. बैंक का रेट कार्ड वेबसाइट पर दर्शित है.
- बैंक न्यूनतम 10 सिक्कों की खरीद पर छूट देता है. इसकी जानकारी के लिये स्वर्ण सिक्के की बिक्री के लिये नामित शाखाओं से संपर्क करें.
स्वर्ण में निवेश
- स्वर्ण का मूल्य बना रहता है औ यह मुद्रा स्फीति और आर्थरक मंदी में कवच का काम करता है.
आवेदन पत्र एवं दस्तावेज
प्र 1. क्या यूनियन बैंक सोने के सिक्के का काम कता है ?
उ. जी हां, यूनियन बैं के पास सोने के सिक्के बेचने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति है.
प्र 2. मैं सोने का सिक्का क्यों खरीदूं ?
उ..सोने में निवेश करना मुदा स्फीति से बचाव का के उपाय है. अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव में सोने की क्रय शक्ति बनी रहती है..सोने से आपके पोर्ट फोलियो की विविधता और समग्र स्थरता बनी रहती है.
प्र 3. मुझे यूनियन बैंक से सोने के सिक्के क्यों खरीदने चाहिये ?
उ. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 24 कैरट के सोने के सिक्कों का विकय करता है. किसी प्रकार की क्षति से बचाव के लिये यह टैंपर प्रूफ पैकिंग में होते हैं. इसके अलावा हमारे रेट प्रतियोगी होते हैं.
सिक्के और छोटे नोट लेने से इनकार न करें : जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने जनपद के सभी राष्ट्रीयकृत निजी सहकारी और समस्त प्रकार के बैंकों को निर्देशित किया है कि कोई भी बैंक रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार प्रचलन मुख्य प्रकार के सिक्के में सिक्के एवं छोटे नोट लेने से इन्कार न करें।
सहारनपुर, जेएनएन। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने जनपद के सभी राष्ट्रीयकृत, निजी, सहकारी और समस्त प्रकार के बैंकों को निर्देशित किया है कि कोई भी बैंक रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार प्रचलन में सिक्के एवं छोटे नोट मुख्य प्रकार के सिक्के लेने से इन्कार न करें। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
अग्रणी जिला मुख्य प्रबंधक संतोष कुमार ने बताया कि उन्होंने बैंकों के समस्त जिला समन्वयक से अपेक्षा की है कि वह अपने बैंक प्रबंधकों को तुरन्त निर्देशित करें कि ग्राहकों से सिक्के एवं छोटे नोट लेने से इन्कार नहीं करें। उन्होंने कहा ऐसे समस्त प्रकार के नोट और सिक्के जो सरकार द्वारा प्रचलन में हैं, उनके लेन-देन के समय किसी ग्राहक को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमानुसार ग्राहकों से सिक्के एवं छोटे नोट लेने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि गत दिनों जिलास्तरीय व्यापार बंधु की बैठक में सदस्यों ने इस प्रकार की शिकायत की थी।
इस प्रकार है कीमत
1862 का ताज वाली क्वीन विक्टोरिया का चित्र बना हुआ है। वजन 11.640 ग्राम और कीमत 900 रुपये हैं। साल 1874 में भी ताज वाली विक्टोरिया एम्पेस का चांदी का रुपया चलन में था। इसका वजन 11.640 ग्राम और आज इसकी कीमत 900 रुपये है। इसके बाद 1902 ये 1910 तक एडवर्ड के चित्र वाले सिक्के वजन 11.660 ग्राम अज्ञैर कीमत 850 रुपये। 1911 से 1922 तक के जार्ज पंचम किंग एंप्रेस के 11.660 वजन के सिक्के के कीमत 850 रुपये हैं, और आखिरी चांदी का रुपया 1938 से 1945 का जार्ज सिक्सथ का है। हालांकि साल 1939 के मध्य के बाद के चांदी के जो सिक्के उपलब्ध है। उनमें अन्य धातु मिली हुई है।
संपदा का वरदान पाने का इच्छुक
इस समय के बाद चांदी का रुपया कभी लेन देन और चलन में नहीं रहा। बाजार में छाया एक किलो का लक्ष्मी गणेश वाला सिक्का दीपावली पर्व पर हर कोई चांदी का सिक्का खरीदकर माता लक्ष्मी और श्री गणेश की पूजा कर धन संपदा का वरदान पाने का इच्छुक है। ऐसे में चांदी के सिक्के, लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां, हटरी, बर्तन, तुलसी का पौधा, चांदी के नोट और दीपक, घंटी की चमक से बाजार रोशन है।
देखने में भी काफी आकर्षक
इस बार लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां जहां 100 ग्राम से 1 किलो वजन में उपलब्ध हैं। वहीं चांदी के लक्ष्मी गणेश जी वाले सिक्के 10 ग्राम से लेकर 1 किलो वजन में मिल रहे हैं। इनकी कीमत 650 रुपये से 65 हजार रुपये तक है। जो देखने में भी काफी आकर्षक है। इसके अलावा लक्ष्मी गणेश के रंगीन प्रिंट वाले सिक्कों की भी खूब मांग हैं।
इनका कहना है
इस साल पुराने सिक्कों की मांग 60 प्रतिशत तक अधिक है, इससे पहले साल 2011 में सिक्कों की मांग बढ़ी थी। लोग एक बार फिर इन्हें खरीद रहे हैं। शहर में लगभग सभी ज्वेलर्स पुराने सिक्के रखते हैं। पुराने सिक्कों के कारोबार में इस बार तेजी है। धनतेरस पर मांग बढ़ने की उम्मीद है।
- विजय आनंद अग्रवाल, निदेशक बंधु ज्वेलर्स
कागजी बाजार लक्ष्मी गणेश के प्रिंट वाले सिक्कों की बिक्री इस अधिक है। इनकी आकर्षक पैकिंग और भी खास बना रही हैं। इसके अलावा मूर्तियों और नोट की मांग सबसे ज्यादा है। चांदी का सिक्का 10 ग्राम से लेकर एक किलो तक वजन में है।