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ब्रोकर अनुभव

ब्रोकर अनुभव

1 विषय प्रोग्राम्स में स्टॉक ब्रोकर ट्रेनिंग में ग्रेट ब्रिटन (यूके) 2023

ग्रेट ब्रिटेन और सामान्य रूप से ब्रिटेन और ब्रिटेन के रूप में जाना जाता उत्तरी आयरलैंड, यूनाइटेड किंगडम यूरोप महाद्वीप के उत्तर पश्चिमी तट पर स्थित एक संप्रभु देश है.दो सबसे प्रसिद्ध (और सबसे पुराना) विश्वविद्यालयों इंग्लैंड भी (विशेष रूप से इंपीरियल कॉलेज, लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कई सहित कई अन्य विश्व स्तरीय संस्थान हैं (अक्सर कई ब्रिटेन द्वारा Oxbridge के रूप में) ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज हैं लंदन और राजा कॉलेज लंदन, सब) लंदन विश्वविद्यालय का हिस्सा हैं

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पीएफ घोटाले में बड़ा खुलासा, पीके गुप्ता के बेटे ने निभाई थी ब्रोकर की भूमिका

रिमांड पर लिए गए आरोपी।

पावर कॉर्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले में यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक और ट्रस्ट के सचिव रहे पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश कराने के लिए ब्रोकर की भूमिका निभाई थी। इस मामले में जांच कर रही एजेंसी ईओडब्ल्यू अभिनव को तलाश कर रही है। जो फिलहाल फरार है।

शुरुआती जांच में डीएचएफएल में निवेश के लिए ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता और डीएचएफएल की साठगांठ सामने आई है। इसमें पीके गुप्ता के लड़के अभिनव ने डीएचएफएल से मोटा कमीशन लेकर यूपीपीसीएल से निवेश कराया था।

हालांकि जांच एजेंसी इस पूरे मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ने की कोशिश कर रही है। जांच के दौरान पहले ही पता चल चुका है कि ब्रोकर फर्मों के माध्यम से जो निवेश किया गया उसमें अधिकतर ब्रोकर फर्मों का पूर्व में कोई अनुभव नहीं था और वह केवल यूपीपीसीएल के लिए काम कर रही थीं।

डीएचएफएल के तत्कालीन एरिया मैनेजर से हुई पूछताछ
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने डीएचएफएल के तत्कालीन एरिया मैनेजर अमित प्रकाश को दफ्तर में बुलाकर लंबी पूछताछ की है। अमित प्रकाश ही ब्रोकर के माध्यम से यूपीपीसीएल के अधिकारियों से सीधे संपर्क में थे। निवेश ब्रोकर अनुभव को लेकर दिए गए कमीशन और संबंधित शर्तों के बारे ईओडब्ल्यू के अधिकारियों जानकारी ली गई है। साथ ही यूपीपीसीएल के दो और कर्मचारियों को ईओडब्ल्यू के मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की गई है। रविवार की सुबह 10 बजे यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा के रिमांड की मियाद पूरी हो गई। जिसके बाद उन्हें लखनऊ जेल में दाखिल करा दिया गया है। बीते 5 नवंबर को मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन उन्हें अदालत में पेश कर ईओडब्लयू ने तीन दिन के रिमांड पर लिया था।

दस्तावेजों का किया जा रहा विश्लेषण
ईओडब्ल्यू के डीआईजी हीरा लाल ने बताया कि अभी तक गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के बयानों और सर्च के दौरान मिले दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है। साथ ही जो भी बयान अभियुक्तों द्वारा दिए गए हैं और डीएचएलएफ के एरिया मैनेजर की ओर से दिए गए हैं, उनको सत्यापित कराया जा रहा है।

पावर कॉर्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले में यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक और ट्रस्ट के सचिव रहे पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश कराने के लिए ब्रोकर की भूमिका निभाई थी। इस मामले में जांच कर रही एजेंसी ईओडब्ल्यू अभिनव को तलाश कर रही है। जो फिलहाल फरार है।

शुरुआती जांच में डीएचएफएल में निवेश के लिए ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता और डीएचएफएल की साठगांठ सामने ब्रोकर अनुभव आई है। इसमें पीके गुप्ता के लड़के अभिनव ने डीएचएफएल से मोटा कमीशन लेकर यूपीपीसीएल से निवेश कराया था।

हालांकि जांच एजेंसी इस पूरे मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ने की कोशिश कर रही है। जांच के दौरान पहले ही पता चल चुका है कि ब्रोकर फर्मों के माध्यम से जो निवेश किया गया उसमें अधिकतर ब्रोकर फर्मों का पूर्व में कोई अनुभव नहीं था और वह केवल यूपीपीसीएल के लिए काम कर रही थीं।

डीएचएफएल के तत्कालीन एरिया मैनेजर से हुई पूछताछ
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने डीएचएफएल के तत्कालीन एरिया मैनेजर अमित प्रकाश को दफ्तर में बुलाकर लंबी पूछताछ की है। अमित प्रकाश ही ब्रोकर के माध्यम से यूपीपीसीएल के अधिकारियों से सीधे संपर्क में थे। निवेश को लेकर दिए गए कमीशन और संबंधित शर्तों के बारे ईओडब्ल्यू के अधिकारियों जानकारी ली गई है। साथ ही यूपीपीसीएल के दो और कर्मचारियों को ईओडब्ल्यू के मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की गई है।

एपी मिश्रा को भेजा गया जेल

रविवार की सुबह 10 बजे यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा के रिमांड की मियाद पूरी हो गई। जिसके बाद उन्हें लखनऊ जेल में दाखिल करा दिया गया है। बीते 5 नवंबर को मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन उन्हें अदालत में पेश कर ईओडब्लयू ने तीन दिन के रिमांड पर लिया था।

दस्तावेजों का किया जा रहा विश्लेषण
ईओडब्ल्यू के डीआईजी हीरा लाल ने बताया कि अभी तक गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के बयानों और सर्च के दौरान मिले दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है। साथ ही जो भी बयान अभियुक्तों द्वारा दिए गए हैं और डीएचएलएफ के एरिया मैनेजर की ओर से दिए गए हैं, उनको सत्यापित कराया जा रहा है।

आरईआरए भारत में एक ब्रोकर की भूमिका को मजबूत कर सकता है

Quora पर, एक सवाल पूछता है, "भारत में कितने दलाल हैं?" यह पता लगाना मुश्किल है कि पाउनाका बीएम जो कहते हैं कि लाखों लोग 'अचल संपत्ति कर रहे हैं' और तीन से चार लाख ब्रोकरों का अनुमान लगाया गया है। स्वपनिल पिल्लई ने भारत में इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (आईपीसी) की एक सक्षम सूची बताई है और इस सवाल का एक दूसरा जवाब यह था कि देश की जनसंख्या का लगभग 5-6% ब्रोकरेज में एक रूप या दूसरे में लगा हुआ है। इसलिए, हम नहीं जानते कि भारत में कितने दलाल हैं यह नमूना यूएस में दलाल बनने के लिए, दुबई में एक ब्रोकर लाइसेंस के साथ एक प्रशिक्षित पेशेवर होना चाहिए, दलालों को उनके अनुभव, लेनदेन और गुणवत्ता की संख्या, नियमों के प्रति प्रतिबद्धता, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के आधार पर और चार अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। यहां तक ​​कि इस आधार पर कि क्या उसकी फर्म एक समर्पित वेबसाइट है लेकिन, भारत में, कई दलालों पेशेवर नहीं प्रशिक्षित होते हैं बल्कि वे व्यवसाय में प्रवेश करते हैं क्योंकि यह लाभदायक है या पाया जाता है कि उनके पास सही कौशल है जो संभावित खरीदारों और विक्रेताओं को सफलतापूर्वक समझाने के लिए सेट है। डेवलपर फर्म और संभावित खरीदार के बीच मध्यस्थ, दलालों ने खरीदार को कई संभावित खरीदारों या विक्रेताओं से निपटने में समय और व्यय कटौती करने में मदद की इसलिए, उन्हें विश्वसनीय होना पड़ेगा, जो कि खरीदारों और विक्रेताओं के बीच अभी भी अच्छी तरह से स्थापित नहीं है। लेकिन, अब रियल एस्टेट (विनियामक और विकास) अधिनियम, 2016 ने प्रावधान किए हैं जो ब्रोकरेज के व्यवसाय को संगठित करने और दलालों के लिए विश्वसनीय सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं: अनिवार्य पंजीकरण सभी दलालों को अब अनिवार्य रूप से राज्य स्तरीय नियामक अधिकारियों। यह कैसे मदद करता है? यह सुनिश्चित करता है कि ब्रोकर नियमों का एक सेट का पालन करने के लिए बाध्य है और इससे ब्रोकर के व्यवसायिकता पर खरीदारों / विक्रेताओं का भरोसा होगा। यह बाजार में पारदर्शिता लाएगा जो अन्यथा असंगठित रूप से ज्ञात है। अधिक सुरक्षा और स्पष्टता कानून यह भी स्थापित करता है कि ब्रोकर की भूमिका केवल एक सुविधाकर्ता की ही है इसलिए, वह उस परियोजना के निर्माण की समयसीमाओं के बारे में केवल इतना जानकारी रखेगा जैसा कि जनता में रखा गया है या खरीदार और विक्रेता द्वारा सहमति व्यक्त की है। हालांकि, नियम हैं जो डेवलपर को समय-सीमा पर चिपकाने के लिए बाध्य करेंगे। अतीत में, कई ब्रोकरों का खराब अनुभव हो गया है जब उनके ग्राहक एक डेवलपर पर निपटाते हैं और डेवलपर समयरेखा को बनाए रखने में विफल रहता है या जब डेवलपर्स ने वित्तीय लटकाई रखी है और जब केवल एक संभावित खरीदार ने कुछ प्रतिशत का भुगतान किया था संपत्ति की लागत का कानून यह सुनिश्चित करेगा कि डेवलपर्स के ऊपर एक ऐसा अधिकार है जो उपभोक्ता अधिकारों का संरक्षक होगा और इसलिए, दलाल एक खरीदार को उचित प्रतिबद्धताओं को बना सकता है एक क्लीनर कॉलर एक ब्रोकर के रूप में, संभवतः एक संभावित खरीदार को प्रभावित करने के लिए, प्रत्येक जानकारी के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है। इसलिए हमेशा, एक ब्रोकर को यह पता लगाने के लिए चारों ओर भागना पड़ता था कि जो विज्ञापित किया गया है वह सच है। इसके लिए उसे डेवलपर के अतीत के रिकॉर्ड के आधार पर समय-सीमा का अनुमान लगाने की भी आवश्यकता थी। अचल संपत्ति कानून इन चीजों को सरल बनाता है अगर कोई डेवलपर उसकी समयसीमा पर चिपक नहीं करता है, तो उसे खरीदार की भरपाई करनी होगी और वह स्वयं गारंटी है। इसके अलावा, डेवलपर और परियोजना की विश्वसनीयता के बारे में स्पष्ट रूप से अनुमोदन की स्थिति के सामने होना होगा। पिच केवल क्या बेचता है अचल संपत्ति में गिरावट बाजारों में उपभोक्ता के विश्वास की कमी जैसे कारणों पर वापस पाई जा सकती है कई लोग लंबे समय तक बाड़ के बैठे थे, या तो कीमत सुधार या कम होम लोन ब्याज दरों के लिए इंतजार कर रहे थे। ऐसे समय में, परियोजना की वैधता जैसे मुद्दों, मंजूरी की सूची और निवेश पर रिटर्न की गुंजाइश, निर्णय लेने में बड़ी भूमिका निभाई। कानून सुनिश्चित करता है कि दलाल केवल संपत्तियों को बेच सकते हैं जो प्राधिकरण के साथ पंजीकृत किए गए हैं उन्हें खातों की अपनी पुस्तकें बनाए रखने की आवश्यकता है और जवाबदेह हैं। अगर दलाल इकाइयों के पंजीकृत पूल के भीतर से संपत्ति उठा रहा है, तो वह यह सुनिश्चित कर सकता है कि ये बाजार में आगे बढ़ेंगे क्योंकि उनके पास नियामक प्राधिकरण का टिकट है। कमियों के लिए कोई छूट नहीं देने के लिए, इस संबंध में असंतोष का अभ्यास करने के लिए अपने 'लाइसेंस' को खोने का खतरा भी है।

1-3 लाख रुपये में लीजिए Kotak Securities की फ्रेंचाइजी, सब-ब्रोकर बनकर कीजिए बढ़िया कमाई

देश की प्रमुख शेयर ब्रोकरेज कोटक सिक्योरिटीज अपनी फ्रेंचाइजी ऑफर कर रहा है, जिसे लेकर आप कोटक सिक्योरिटीज के सब ब्रोकर बन सकते हैं.

कोटक सिक्योरिटीज का सब ब्रोकर बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

अगर पर्सनल फाइनैंस और शेयर बाजार में आपकी दिलचस्पी है और आप स्वरोजगार की तलाश कर रहे हैं या कमाई बढ़ाना चाहते हैं, तो आपके पास एक अच्छा अवसर है. देश की प्रमुख शेयर ब्रोकरेज कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) अपनी फ्रेंचाइजी ऑफर कर रहा है, जिसे लेकर आप कोटक सिक्योरिटीज के सब ब्रोकर बन सकते हैं. इसके जरिए आपको कोटक का ब्रांड नाम मिलेगा, आप अपनी फ्रेंचाइजी से सभी तरह की वित्तीय सेवाएं दे सकते हैं और आपकी मदद के लिए एक खास रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त किया जाएगा.

कोटक सिक्योरिटीज सब-ब्रोकर मॉडल
इस सब-ब्रोकर मॉडल में फ्रेंचाइजी लेने वाला व्यक्ति कोटक सिक्योरिटीज के साथ समझौता करता है. कोटक सिक्योरिटीज अपना ब्रांड नाम और टेक्निकल सपोर्ट देगी और बदले में सब-ब्रोकर को ग्राहकों की संख्या बढ़ानी होगी और निवेश तथा ट्रेडिंग के संबंध में ग्राहकों की मदद करनी होगी.

कोटक सिक्योरिटीज का रेवेन्यू मॉडल
कोटक सिक्योरिटीज का रेवेन्यू शेयरिंग रेशियो एग्रीमेंट की शर्तों पर निर्भर करता है. आमतौर पर ये 30% से 50% के बीच होता है, लेकिन कुछ मामलों में सब-ब्रोकर को 70% तक रेवेन्यू मिल सकता है. रेवेन्यू रेशियो कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे सब-ब्रोकर का अनुभव, उसकी काबिलियत, नेटवर्किंग स्किल, सिक्योरिटी डिपॉजिट, ट्रेड वॉल्यूम और मौजूदा ग्राहकों की संख्या.

शुरुआत में कितना करना होगा निवेश
कोटक सिक्योरिटीज की सब-ब्रेकर फ्रेंचाइजी लेने के लिए 1-3 लाख रुपये तक सिक्योरिटी एमाउंट जमा करना पड़ता है. डिपॉजिट सिर्फ किसी डिफॉल्ट की स्थिति में गारंटी के तौर पर होगा. इसके अलावा उसे अपना ऑफिस सेटअप करना होगा.

कैसे बनें सब ब्रोकर
कोटक सिक्योरिटीज का सब ब्रोकर बनने ब्रोकर अनुभव के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इस लिंक पर क्लिक करके आवेदन करने के पेज पर पहुंचा जा सकता है. इसके बाद कोटक सिक्योरिटीज के लोग आपसे संपर्क करेंगे. फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपको अपना पहचान पत्र, पैन नंबर, एकेडमिक सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, निवास का प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज की फोटो और कैंसेल्ड चेक या बैंक स्टेटमेंट देना होगा.

How to Become a Stock Broker : 12वीं के बाद शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर कैसे बने ?

How to Become a Stock Broker : 12वीं के बाद शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर कैसे बने ?

How to Become a Stock Broker : सही प्रोफेशन सही समय पर चुनना बेहद जरूरी है। एक स्टूडेंट के मन में अपने भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप जो भी प्रोफेशन को चुन रहे हैं उसके बारे में आपके पास सही जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप भारत में आप स्टॉक ब्रोकर कैसे बन सकते हैं। स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए लगन और बहुत मेहनत करने की ज़रूरत होती है। लेकिन सबसे पहल सवाल ये है कि स्टॉक ब्रॉकर क्या होता है (What is Stock Broker) इसका शेयर मार्केट में क्या काम होता है और स्टॉक ब्रॉकर आप महीने में कितना कमा सकते हैं

What is stock broker

जब भी हम शेयर मार्केट के बारे में सुनते हैं तो हमें स्टॉक ब्रोकर के बारे में भी सुनने को मिलता है। ऐसे में मन में सवाल आता है कि स्टॉक ब्रोकर करता क्या है? तो चलिए आपके इस सवाल का जवाब हम बता देते हैं। स्टॉक ब्रोकर का काम शेयर मार्केट में काफी महत्वपूर्ण होता है। स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच स्टॉक ब्रोकर एक अहम कड़ी का काम करता है। बिना स्टॉक ब्रोकर के निवेशक अपना पैसा शेयर मार्केट में नहीं लगा सकता है।

आसान शब्दों में कहें तो शेयर ब्रोकर एक ऐसा व्यक्ती होता है जो दूसरो के लिये शेयर खरीदता या बेचता है। अगर आप शेयर मार्केट कदम रखना चाहते है तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। ये दोनों ही अकाउंट ब्रोकर खोलत है। शेयर ब्रोकर का करियर काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए इस करियर में सफलता पाने के लिए आपके पास शेयर मार्केट का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। स्टॉक ब्रोकर डीलर, अडवाइजर या सिक्युरिटी एनालिस्ट के रूप मे काम करते हैं। स्टॉक ब्रोकर को स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड कराना होता है। लेकिन स्टॉक मार्केट का मेंबर बनने के ब्रोकर को परीक्षा पास करनी होती है और उसके बाद उसकी ट्रेनिंग भी लेनी होती है

Education Qualification for Stock Broker

भारत में स्टॉक ब्रोकर के तौर पर अपना करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स ने प्रेफरेबली कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, बिजनेस मैनेजमेंट या मैथ्स विषय में अपनी 12वीं क्लास किसी किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड पास की है। वहीं सब-ब्रोकर का काम शुरू करने के लिए कैंडिडेट्स की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए। स्टूडेंट्स 12वीं क्लास पास करने के बाद नीचे दिए गए बैचलर डिग्री कोर्सेज/ सर्टिफिकेट कोर्सेज कर सकते हैं।

बीए/ बीकॉम – फाइनेंस/ एकाउंटिंग/ इकोनॉमिक्स/ बिजनेस मैनेजमेंट/ मैथ्स

बीएससी – मैथ्स/ इकोनॉमिक्स

NSE सर्टिफिकेट – फाइनेंशिल मार्केट्स

NSE सर्टिफिकेट – मार्केट प्रोफेशनल

वहीं अगर आप ग्रेजुएट हैं तो आप नीचे दिए गए मास्टर डिग्री कोर्सेज या पीजी डिप्लोमा कोर्सेज कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं।

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा – कैपिटल मार्केट एंड फाइनेंशियल सर्विसेज

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा – फंडामेंटल्स ऑफ़ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट

आपको बता दें कि आप इन एजुकेशनल कोर्सेज में से अपने लिए कोई सूटेबल कोर्स करने करने के बाद आपको अपना नाम का रजिस्ट्रेशन सेबी के पास करना होगा। एक स्टॉक मेंबर बनने के लिए आपको रिटन एंट्रेंस टेस्ट पास करके संबंधित ट्रेनिंग कोर्स पूरा करना होगा। इसके बाद ही आपको सेबी की मेंबरशिप मिलेगी। आपको मेंबरशिप लेने के लिए निर्धारित राशि ब्रोकर अनुभव संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में सिक्यूरिटी के तौर पर देनी होगी। फाइनेंशियल मार्केट में काम करने के लिए जरूरी है कि आपके पास नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सर्टिफिकेट होना चाहिए।

Top Institute in India to Become Stock Broker

इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज़ ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली

इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट, नई दिल्ली

दी ओरियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, नई दिल्ली

मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मुंबई

इंस्टीट्यूट ऑफ़ फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, मुंबई

दी यूटीआई इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, मुंबई

इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ़ इंडिया, हैदराबाद

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद/ कलकत्ता, बैंगलोर/ लखनऊ

Salary and perks of Stock Broker

अन्य पेशे की तरह स्टॉक ब्रोकर में सैलरी पैकेज उसकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, परफॉरमेंस और वर्क एक्सपीरियंस पर निर्भर करती है। शुरू में ये पेशेवर एवरेज 2 -3 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं लेकिन कुछ सालों के अनुभव के बाद स्टॉक ब्रोकर एवरेज 5 -7 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं।

स्टॉक ब्रोकर को उसकी परफॉरमेंस के मुताबिक अक्सर इंसेंटिव भी दिया जाता है। बता दें कि किसी इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर स्टॉक ब्रोकर शुरू में एवरेज 12 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं। वहीं कुछ साल के अनुभव के बाद ये इन्वेस्टमेंट बैंकर्स एवरेज 30 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं।

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