डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है

Demat Account के बारे में जानकारी
अगर आप शेयर मार्किट में निवेश करते हैं या जानकारी रखते हैं तो हम सभी ने Demat Account के बारे में सुना होगा है। इस Blog article में हम जानेंगे कि Demat Account क्या होता है और Demat Account खोलने की प्रक्रिया क्या होती है? बस इस ब्लॉग लेख को पढ़ें .
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Demat A/c क्या होता हैं (Hindi)|What is Demat Account
पहले के समय में जब शेयर खरीदे या बेचे जाते थे तो शेयर प्रमाणपत्र जारी किए जाते थे और एक व्यस्त प्रक्रिया बन जाती थी। पर जब से शेयर्स का इलेक्ट्रॉनिक कन्वर्शन हुआ हैं तब से शेयर्स को एक इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखना सुरक्षित और आसान हो गया हैं और ये सब डीमैट अकाउंट की सहूलियत से हुआ हैं । तो आईये जानते हैं की डीमैट अकाउंट होता क्या हैं ?
Dematerialized Account जिसका मतलब होता है हमारे खरीदे हुए फिजिकल शेयर्स के सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कन्वर्ट करना।इसलिए डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक खाता होता है जहां शेयर, म्यूचुअल फंड आदि को डीमैटराइज्ड रूप में या डिजिटल रूप में होते है। जब बड़ी भागीदारी और नियमित रूप से बिक्री होती है, तो खाते के डीमैटराइजेशन के साथ शेयरों को डीमैट फॉर्म में प्रबंधित करना आसान होता है। डीमैट खाता बैंकों के लिए बचत खाते की तरह डीमैटरियलाइज्ड खाता है, लेकिन डीमैट में इक्विटी शेयर, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड और बांड इलेक्ट्रॉनिक रूप में क्रेडिट की स्वचालित प्रक्रिया और इक्विटी शेयर का ऋण शेयर की खरीद या बिक्री के अनुसार होता है।
डीमैट खाते में लॉग इन करके शेयरों को देखने, खरीदने या बेचने की आसान पहुंच प्रदान करता हैं । डीमैट खाते में रखने से गलत स्थान का जोखिम कम होता है और लेन-देन का रिकॉर्ड भी आसान हो जाता हैं जैसे बैंक बचत खाता पैसो के ट्रांसक्शन का लेखा जोखा रखता हैं ।
Types of Demat Account (Hindi)
Types of Demat account -मूल रूप से तीन प्रकार के डीमैट खाते होते हैं।
Regular Demat Account ( नियमित डीमैट खाते)- इस प्रकार का खाता भारतीय नागरिकों के लिए है और जो भारत में रहते हैं और शेयर्स खरीदने के लिए Regular Demat Account की जरुरत पड़ती हैं इसे कोई भी भारतीय निवेशक किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास अपना अकाउंट खोल सकता हैं अपनी KYC पूरी करने के बाद। सबसे ज्यादा Demat Account इसी श्रेणी में आते हैं।
Repatriable Demat Account ( पुनर्विभाज्य डीमैट खाते ) – इस प्रकार के खाते NRI नागरिक के लिए होते हैं, और इसके लिए NRE (Non Resident External) बैंक खाते की आवश्यकता होती है क्योंकि यह विदेश में फंड ट्रांसफर करने की अनुमति देता है।
Non-Repatriable Demat Account ( गैर-प्रतिदेय डीमैट खाते ) – इस प्रकार का खाता NRI नागरिक के लिए है और इसके लिए NRO(Non-Resident Ordinary) बैंक खाते की आवश्यकता होती है, लेकिन यह फंड को विदेश में स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं देता है।
Types of Service Brokers (Hindi)
स्टॉक एक्सचेंज में ब्रोकर के प्रकार
Full Service Broker : – पारंपरिक ब्रोकर वित्तीय उत्पाद सेवाओं की एक विशाल टोकरी प्रदान करते हैं जैसे कि निवेश सलाहकार, निवेश पोर्टफोलियो सेवाएं, स्टॉक मार्केट निवेश और व्यापार, सेवानिवृत्ति योजना, म्यूचुअल फंड सेवाएं आदि। पारंपरिक ब्रोकर वित्तीय क्षेत्र में कई तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं लेकिन वे चार्ज करते हैं वहाँ सेवाओं पर भी एक भारी शुल्क है। क्योंकि वे बेहतर ग्राहक सहायता प्रदान करते हैं और कई शाखाएँ रखते हैं, मोतीलाल ओसवाल, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एचडीएफसी बैंक आदि पारंपरिक ब्रोकर हैं।
Discount Broker : – डिस्काउंट ब्रोकर ऑनलाइन ब्रोकर हैं, वे स्टॉक मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज सेवाएं प्रदान करते हैं, साथ ही वे म्यूचुअल फंड सेवाएं भी प्रदान करते हैं और कुछ डिस्काउंट ब्रोकर वित्तीय उत्पाद से संबंधित अधिक सेवाएं प्रदान करते हैं। वे पारंपरिक ब्रोकर की तुलना में बहुत कम ब्रोकरेज प्रदान करते हैं। ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स आदि डिस्काउंट ब्रोकर हैं।
Demat Account के फायदे ?|Benefits of Demat Account
- डीमैट अकाउंट में हम शेयर्स तथा सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर तो कर ही सकते है तथा खोने या चोरी हो जाने का डर भी नहीं रहता और हमारे शेयर्स इसमें सुरक्षित भी रहतें है
- डीमैट अकाउंट आपके कई निवेश को भी स्टोर कर सकता है, जैसे बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, सरकारी सिक्योरिटीज आदि।
- स्मार्टफोन की मदद से एक्सेस आसान हो गया हैं की आप अपने डीमैट अकाउंट को कभी भी कहीं भी अपने स्मार्टफोन के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं और अपने शेयर्स और ट्रेड देख सकते हैं या Buy. / Sell, आर्डर भी दे सकते हैं
- डीमैट अकाउंट की मदद से शेयर्स का ट्रांसफर आसानी से होता है
- एक डीमैट खाता नॉमिनेशन की सुविधा प्रदान करता है डीमैट खाते से शेयर होल्डर को Nominee व्यक्ति को ट्रांसफर किया जा सकता है।
Demat Account कैसे खोले ?(Hindi)|How to Open Demat Account
डीमैट खाता खोलने के दो तरीके हैं – ऑफलाइन मोड और ऑनलाइन मोड।
Offline Mode (ऑफलाइन मोड )के लिए आप को स्टॉक ब्रोकर कार्यालय या उसके डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है प्रतिनिधि से संपर्क करना होता है, बस वहां के कार्यालय के टेलीफोन नंबर पर कॉल करके या केवल आवश्यक बुनियादी विवरण के साथ एक फॉर्म भरकर, और खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुल्क का भुगतान करें खाता खोलने के लिए कुछ ब्रोकर इसे मुफ्त रखते हैं लेकिन दूसरी फीस AMC शुल्क है जो ब्रोकर से ब्रोकर भिन्न होती है।
Online Mode (ऑनलाइन मोड) के लिए स्टॉक ब्रोकर की वेबसाइट पर क्लिक करें और डीमैट खाता खोलने के लिए टैब पर क्लिक करें, एक वेब पेज खुलेगा, खाता खोलने के लिए नाम, संपर्क नंबर, ईमेल पता, पैन कार्ड विवरण जैसे मूल विवरण भरें। उसके बाद आधार कार्ड और पैन कार्ड की स्कैन डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है कॉपी स्वयं के हस्ताक्षर के साथ सत्यापन के साथ अपलोड करें। उसके बाद एक खाता खोलने के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करें जो ब्रोकर से ब्रोकर के लिए भिन्न हो सकता है।
डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज:- नीचे आवश्यक दस्तावेजों की चेकलिस्ट है
आईडी प्रूफ- पैन कार्ड, आधार कार्ड या वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस।
पता प्रमाण:- आधार कार्ड, बिजली बिल, वोटर आईडी कार्ड आदि।
बैंक विवरण:- बैंक खाते का कैंसल चेक जिसे डीमैट खाते से जोड़ा जाना है
इस ब्लॉग लेख में आपने डीमैट खाता उसके फायदे और खाता खोलने के तरीके के बारे में जाना
Q-Demat Account क्या होता हैं ?
Ans-डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक खाता होता है जहां शेयर, म्यूचुअल फंड आदि को डीमैटराइज्ड रूप में या डिजिटल रूप में होते है।
Q-Demat Account कितने तरह के होते हैं ?
Ans-Regular Demat Account, Repatriable Demat Account & Non-Repatriable Demat Account
Demat Account क्या है What is Demat Account in hindi
How to open demat account शेयर बाजार में जब आप निवेश करने जाते हैं तो सबसे पहले आपसे डीमेट अकाउंट (Demat Account) के बारे में पूछा जाता है. जो लोग शेयर बाजार में पहली बार निवेश कर रहे हैं उनमें काफी कम लोगों को डीमेट अकाउंट की जानकारी (Demat account details in Hindi) होती है. कई लोग ये नहीं जानते कि डीमेट अकाउंट क्या होता है? (Demat account kya hai?) डीमेट अकाउंट कैसे खोला जाता है? डीमेट अकाउंट के क्या फायदे हैं? इस तरह की काफी सारी जानकारी निवेश करने वालों को नहीं होती है. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हैं और डीमैट अकाउंट के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां आप डीमैट अकाउंट से जुड़ी सारी बातें जान पाएंगे.
डीमैट अकाउंट क्या है? (What is Demat Account?)
डीमैट अकाउंट से जुड़ा सबसे पहला सवाल जो हमारे दिमाग में आता है वो यही है कि डीमैट अकाउंट क्या होता है? Demat Account का full form “Dematerialized Account” होता है. ये एक तरह का अकाउंट होता है जो शेयर मार्केट में होने वाले transaction के काम आता है.
इसे समझने के लिए हम सेविंग अकाउंट का उदाहरण लेते हैं. सेविंग अकाउंट में हम कभी भी अपना पैसा जमा कर सकते हैं, कभी भी निकाल सकते हैं, और कोई उस पैसे को वहाँ से चोरी भी नहीं कर सकता. ये होता है सेविंग अकाउंट का काम. मतलब वो आपके पैसों का पूरा लेखा-जोखा संभालकर रखता है और जरूरत आने पर आपको वो पैसा रिटर्न भी करता है.
अब बात करते हैं Demat account की. इसका संबंध पैसों से नहीं बल्कि आपके खरीदे और बेचे गए शेयर से होता है. जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो ये शेयर आपके पास फिजिकल रूप में सीधे नहीं पहुंचता. इसे स्टोर करने के लिए Demat account खुलवाया जाता है. ताकि आपके खरीदे गए शेयर का पूरा लेखा-जोखा Demat अकाउंट में रहे. जब आप शेयर को बेचना चाहेंगे तो अपने Demat account से ही सीधे बेच पाएंगे.
मतलब Demat account एक ऐसा अकाउंट है जिसमें आप अपने खरीदे गए शेयर को स्टोर करके रख सकते हैं, उसमें उसका पूरा लेखा-जोखा होगा. जब आपकी मर्जी होगी तब आप उसे बेच पाएंगे. बिलकुल सेविंग अकाउंट में जमा पैसों की तरह.
Demat account कितने तरह के होते हैं? (Types of Demat Account)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए तीन तरह के डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल होता है. इन्हें निवेशक के प्रोफ़ाइल के हिसाब से तैयार किया जाता है. इसकी पूरी देखरेख ब्रोकरेज फर्म करती है. चलिये जानते हैं कौन से हैं वो तीन तरह के डीमैट खाते.
1) रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account)
शेयर बाजार में आने वाले वो निवेशक जो भारतीय हैं उन्हें रेगुलर डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है डीमैट खाता दिया जाता है. आप इसे किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास कुछ जरूरी दस्तावेज़ दिखाकर खुलवा सकते हैं. इस खाते से Electronical रूप में शेयर का ट्रेड किया जाएगा.
2) रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account)
ये Demat account खासतौर पर NRI के लिए होते हैं. इसके माध्यम से वे शेयर बाजार में ट्रेड कर सकते हैं. इसके साथ ही वे विदेश में फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं. इस खाते को खुलवाने के लिए पासपोर्ट, वीजा, विदेश का पता, पासपोर्ट साइज फोटो और NRE bank account होना बेहद जरूरी है.
3) नॉन रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non Repatriable Demat Account)
ये Demat account भी NRI के लिए ही होते हैं. इन्हें भी शेयर बाजार में निवेश करने के हिसाब से ही तैयार किया गया है. लेकिन इस अकाउंट के माध्यम से अकाउंट होल्डर विदेश में फंड ट्रांसफर नहीं कर सकता. इसके लिए NRO डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है Bank Account की जरूरत होती है. इसे वो लोग खुलवा सकते हैं. जिनकी आय भारत और विदेश दोनों जगह से होती है.
कैसे खुलवाएं Demat account? (How to open a Demat Account Online?)
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए यदि आप Demat account खुलवाना चाहते हैं तो नीचे दिये गए स्टेप्स को फॉलो करें.
1) Demat डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है Account Opening Documents
डीमैट खाता खुलवाने के लिए सबसे पहले तो आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज़ होने चाहिए.
– बैंक अकाउंट
– पैन कार्ड
– पहचान पत्र
– निवास प्रमाण डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है पत्र
– कई मामलों में ITR की आवश्यकता भी होती है.
– पासपोर्ट साइज फोटो
2) Demat Account Charges
डीमैट खाता खुलवाने एवं रखरखाव के लिए आपको कुछ फीस या चार्जेस भी देने पड़ सकते हैं. इसलिए पहले इनके बारे में जान लेना जरूरी है.
A) वार्षिक रखरखाव शुल्क : ये आपके खाते को मेंटेन करने के लिए ब्रोकरेज फर्म हर साल लेती है.
B) संरक्षण शुल्क : ये भी आपके खाते और आपके transaction को सेफ और सिक्योर रखने के लिए ब्रोकरेज फर्म द्वारा लिया जा सकता है.
C) लेनदेन शुल्क : इसे लेना और न लेना पूरी तरह आपकी ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है. ये आपके प्रत्येक लेनदेन पर अपने हिसाब से चार्ज कर सकते हैं.
3) Demat Account Opening Process
जरूरी चीजे आपने इकट्ठी कर ली. चलिये अब जानते हैं कि आप कैसे Demat account ओपन कर सकते हैं.
Demat account open करना आज के समय में बेहद आसान है. आप इसे दो तरीके से खोल सकते हैं. पहला तो आप किसी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास जाकर, जरूरी दस्तावेज़ देकर खुद खुलवा सकते हैं. या फिर ऑनलाइन Zerodha या Upstox जैसे एप पर जाकर अपना Demat account open कर सकते हैं.
Demat Account के क्या फायदे हैं? (Benefits of Demat Account?)
Demat account होने से आपको डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है कई तरह के फायदे होते हैं.
1) इसके होने से आपको शेयर को संभालने का या उसके खोने का कोई झंझट नहीं होता है. आपके Demat account में Electronic रूप में ये हमेशा के लिए सेव हो जाता है.
2) आपके शेयर आपके Demat account में रहते हैं तो आपके साथ धोखा होने के चांस भी कम हो जाते हैं. आप खुद अपने transaction पर पूरी नजर बनाए रखते हैं.
3) अगर आपके पास Demat account है तो आपको लोन भी आसानी से मिल जाता है.
4) Demat account आपके शेयर को खरीदने और बेचने में लगने वाले फिजूल के समय को भी बचाता है.
5) Demat account की मदद से आप ये आसानी से ट्रैक कर सकते हैं डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है कि आपने कौन सा शेयर खरीदा था? आज उसका दाम क्या है? किसी ने आपके शेयर के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की है.
शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में मन बना रहे हैं तो सबसे पहले Demat account open करवाएं. इसके बिना शेयर बाजार की दुनिया में कदम भी न रखें. क्योंकि एक यही वो account है जिसमें आप अपने शेयर को रख पाएंगे और उन्हें ट्रैक कर पाएंगे.
स्टॉक मार्केट में एक्स-डेट और रिकॉर्ड-डेट क्या मतलब होता है?
News18 हिंदी 20 घंटे पहले News18 Hindi
नई दिल्ली. शेयर मार्केट में पैसा केवल शेयरों की बढ़ती या घटती कीमत से ही नहीं कमाया जाता है. बोनस शेयर और डिविडेंड भी कमाई का एक बहुत बड़ा स्रोत होते हैं. हालांकि, ये लाभ हर शेयरधारक को नहीं मिल जाता है. अगर आप बाजार में नई एंट्री कर रहे हैं तो आपको बता दें कि बोनस या डिविडेंड की घोषणा कई दिन बाद ही ये आपके डीमैट अकाउंट में नजर आता है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने शेयर कब खरीदे हैं. यहीं 2 नई टर्म्स आपके सामने आती हैं, एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट.
अगर आपने शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू ही किया है या करने की योजना बना रहे हैं तो इन 2 टर्म्स से आपका आमना-सामना होना तय. अक्सर आप लोग सुनते होंगे कि किसी कंपनी ने डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट तय कर दी है या बोनस के लिए रिकॉर्ड डेट फिक्स कर दी गई है. अगर आप भी इन शब्दों को पढ़कर सोच में पड़ जाते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है. आज हम बताएंगे कि ये क्या होते हैं और निवेशकों के लिए क्यों जरूरी है.
एक्स-डेट
बात सबसे पहले एक्स-डेट की, क्योंकि ये रिकॉर्ड डेट से पहले आती है. डिविडेंड के लिए एक्स-डिविडेंड और बोनस के लिए एक्स-बोनस डेट कहा जाता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन तक कंपनी के शेयर खरीदने वाले को डिविडेंड या बोनस का लाभ दिया जाता है. यानी अगर इस तारीख के बाद आप शेयरों की खरीदारी करते हैं तो आप लाभ के हकदार नहीं होंगे. इसे कंपनी द्वारा ही फिक्स किया जाता है.
रिकॉर्ड डेट
ये आमतौर पर एक्स-डिविडेंड के एक दिन बाद वाली तिथि होती है. बशर्ते एक्स-डेट के अगले दिन कोई हॉलीडे न हो. रिकॉर्ड डेट को कंपनी अपने शेयरधारकों की सूची तैयार करती है डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है जिन्हें डिविडेंड या बोनस दिया जाना है. इस सूची में एक्स-डेट तय शेयर खरीदने वाले निवेशकों को शामिल कर लिया जाता है. अक्सर लोग रिकॉर्ड डेट को डिविडेंड का लाभ लेने के लिए शेयर खरीदने की कटऑफ डेट मानकर चलते हैं और डिविडेंड या बोनस का फायदा उठाने से चूक जाते हैं.
निवेशकों के लिए है इसलिए जरूरी
जाहिर तौर पर अब तक आप लोग समझ ही गए होंगे कि एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट क्यों निवेशकों के लिए जरूरी है. अगर उन्हें शेयरों के उतार-चढ़ाव के अलावा बाजार में अन्य तरीकों से भी पैसा कमाना है तो इन दोनों टर्म्स को समझना बेहद जरूरी है. कई दफा निवेशक अपने घाटे की कुछ हद तक भरपाई डिविडेंड के माध्यम से ही कर लेते हैं.
Demat account KYC : डीमैट खाता धारकों के लिए जरूरी खबर, 1 जुलाई से पहले करा लें KYC नहीं तो फंस जाएगी इंवेस्टमेंट
Demat account KYC : स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट की केवाईसी (KYC) 30 जून तक कराना अनिवार्य है। अगर आप 30 जून तक अपने डीमैट खाते की KYC नहीं कराते हैं तो आपका डीमैट अकाउंट एक जुलाई से डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा और इस आपका इंवेस्टमेंट भी फंस सकता है।
Demat account KYC : मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की तरफ से नए ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के नियमों में कुछ परिवर्तन किए हैं। अगर आप भी डीमैट खाते के माध्यम से इंवेस्टमेंट करते हैं तो यह खबर आपके लिए हैं। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है लिए अब डीमैट अकाउंट की केवाईसी (KYC) कराना जरूरी है। इसके लिए अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है। अगर आप 30 जून तक अपने डीमैट खाते की KYC नहीं कराते हैं तो आपका डीमैट अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा और इस आपका इंवेस्टमेंट भी फंस सकता है।
बैंक खातों की तरह ही अब सेबी ने भी नया ट्रेडिंग और डीमैट खाता खोलने के नियमों में कुछ बदलाव किया है। नए नियमों के तहत डीमैट अकाउंट की 30 जून तक KYC करानी अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने से आपका डीमैट खाता डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा और आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकेंगे। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता भी है तो वह शेयर्स अकाउंट में ट्रांसफर नहीं कर सकेगा। KYC प्रोसेस पूरी होने के बाद ही वेरीफाई होने पर आगे ट्रांजेक्शन की जा सकेगी।
6 जानकारियों के साथ करें केवाईसी
बता दें कि डीमैट खाते की केवाईसी के लिए 6 जानकारियां देना आवश्यक होता है। जबकि सभी डीमैट अकाउंट को इन मानदंडों के साथ अपडेट नहीं किया गया है। इन 6 जानकारियों में नाम, पता, मोबाइल नंबर, आयु, पैन नंबर और ईमेल आईडी शामिल हैं। इन सभी जानकारियों के साथ केवाईसी करना जरूरी है।
इस तरह कराएं ऑनलाइन केवाईसी
अगर आपने अभी तक डीमैट खाते की केवाईसी नहीं कराई है तो आपके पास केवल एक सप्ताह का समय है। स्टॉक ब्रोकर अपने डीमैट ट्रेडिंग खाता धारकों को KYC कराने की सलाह दे रहे हैं। करीबन सभी ब्रोकरेज हाउसेस की तरफ से ऑनलाइन केवाईसी की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही आप ब्रोकरेज हाउस के कार्यालय पर संपर्क करते हुए भी केवाईसी करवा सकते हैं।