टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं

Sensex 1,200 अंकों तक टूटा, क्या म्यूचुअल फंड इनवेस्टर्स को करनी चाहिए फेड की चिंता?
mutual fund investors : यदि आप अपने रिस्क प्रोफाइल के आधार पर अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश कर रहे हैं तो अपना निवेश जारी रखिए
mutual fund investors : यूएस फेड (US Fed) के कल मार्च से ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के बयान के बाद भारतीय स्टॉक मार्केट में घबराहट का माहौल है। अमेरिका का सेंट्रल बैंक महंगाई को लेकर ज्यादा चिंतित है और ऐसा लगता है कि मजबूत ग्रोथ और इम्प्लॉयमेंट डाटा से उन्हें ब्याज दरों में बढ़ोतरी के लिए पर्याप्त गुंजाइश मिलेगी। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या भारतीय म्यूचुअल फंड इनवेस्टर्स (mutual fund investors) को फेड के कदम को लेकर चिंतित होना चाहिए?
कंपनियों को फंड के लिए करना होगा ज्यादा भुगतान
जैसे कि आप देख सकते हैं, भारतीय बाजार की भी भविष्य में रेट हाइक और इकोनॉमी में इंटरेस्ट रेट के फ्यूचर को लेकर यूएस फेड से मिलने वाले संकेतों पर नजर रखते हैं। अब यह लगभग तय हो गया है कि इजी मनी की पॉलिसी (easy money policy) अब जल्द ही बीते दिनों की बात बन जाएग। इसका मतलब है कि लिक्विडिटी घट जाएगी। इसका यह भी मतलब है कि कंपनियों को फंड्स के लिए ज्यादा भुगतान करना होगा।
LIC Jeevan Labh Policy: रोजाना 17 रुपए के निवेश से बन जाएंगे लखपति
नई दिल्ली। अपने आपको भविष्य के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए मौजूदा समय में कई तरीके हैं। मॉर्डन डे इंवेस्टमेंट के तौर पर लोग एसआईपी ( SIP Investment ) और म्यूचुअल फंड्स ( Mutual Fund ) की ओर जा रहे हैं। यह दोनों ही बाजार ( Share Market ) के मूड के पर डिपेंड करते हैं। अगर मार्केट अच्छा टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं रन कर रहा है, तो मुनाफा होगा वर्ना नुकसान। अगर आपको निवेश करना हैं और आप चाहते हैं कि आपको नुकसान ना हो और मुनाफा और सुरक्षा दोनों मिले तो आपको एलआईसी ( LIC Policy ) की ऐसी पॉलिसी की ओर जाना चाहिए जो शेयर बाजार से लिंक्ड ना हो यानी एलआईसी के नॉन लिंक्ड प्लान ( LIC Non Linked Plan ) । आज हम आपको ऐसी ही नॉन लिंक्ड प्लान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको रोजाना 17 रुपए के निवेश पर जल्द से लखपति बना सकती है। इस पॉलिसी का नाम है एलआईसी जीवन लाभ पॉलिसी ( LIC Jeevan Labh Policy )।
कुछ ऐसी हैं पॉलिसी की खास बातें
- इस पॉलिसी को 8 से 59 साल के उम्र के बीच के लोग ही ले सकते हैं।
- इस पॉलिसी की मैच्योरिटी की उम्र 75 साल है। 16 से 25 साल तक का पॉलिसी टर्म लिया जा सकता है।
- कम से कम दो लाख रुपए सम एश्योर्ड लेना होगा। अधिकतम की कोई सीमा नहीं है।
- इस पॉलिसी में एक्सिडेंटल डेथ और दिव्यांगता पर मिलने वाला मुआवजा शामिल किया गया है।
- अगर 25 साल तक 1,55,328 रुपए का प्रीमियम यानी हर महीने 518 यानी रोजापा 17 रुपए खर्च करते हैं तो मैच्योरिटी पर आपको बोनस के साथ करीब 4.04 लाख रुपए मिलेंगे।
पॉलिसी के फायदों के बारे में जानिए
- सीमित प्रीमियम भुगतान भी होता है जिसका मतलब है , प्रीमियम भुगतान की अवधि का पॉलिसी अवधि या मैच्योरिटी अवधि से कम होना।
- एक ही समय पर सुरक्षा और निश्चित रिटर्न की सुविधा भी मौजूद।
- तीन वर्ष तक प्रीमियम भरने के बाद लोन की सुविधा उपलब्ध।
- दुर्घटना मृत्यु तथा दिव्यांगता टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं लाभ राइडर के रूप में एड-ऑन राइडर्स की सुविधा।
- प्रीमियम पर आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट।
- इनकम टैक्स की धारा 10 (10डी) के तहत मैच्योरिटी राशि पर टैक्स में छूट।
इस तरह से होता है भुगतान
अगर पॉलिसी धारक की मौत हो जाती है और उसने मौत होने तक बिना किसी रुकावट के सभी प्रीमियम का भुगतान किया है तो नॉमिनी को बीमित रकम, सिंपल रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडीशन बोनस को जोड़कर पूरा भुगतान किया जाता है। खास बात ये है कि यहां पर मिलने वाला मृत्यु लाभ पालिसी धारक की मृत्यु तक भरे हुए कुल प्रीमियम के 105 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए। वहीं पॉलिसी धारक पूरी अवधि तक जीवित रहता है और मैच्योरिटी तक सभी प्रीमियम का भुगतान किया है, तो उसे बीमित रकम के साथ सिंपल रिवेर्सनरी बोनस और फाइनल एडीशन बोनस का भुगतान किया जाता है।
पाबंदी के बावजूद दोगुने से ज्यादा हुआ देश से गेहूं का निर्यात, अप्रैल-सितंबर के दौरान 148 करोड़ डॉलर रहा एक्सपोर्ट
मई 2022 में पाबंदी लगने के बावजूद एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल, अप्रैल-सितंबर 2021 में देश से 63 करोड़ डॉलर का गेहूं एक्सपोर्ट किया गया था.
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश से गेहूं के निर्यात में जबरदस्त उछाल आया है. अप्रैल से सितंबर 2022 के दौरान देश से कुल 148 करोड़ डॉलर का गेहूं एक्सपोर्ट किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही के मुकाबले दो गुने से भी ज्यादा है.
Indian Wheat export more than doubles to USD 1.48 billion dollars in April-September 2022: टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स क्या हैं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान देश के गेहूं निर्यात में जबरदस्त उछाल आया है. अप्रैल से सितंबर 2022 के दौरान देश से कुल 148 करोड़ डॉलर का गेहूं एक्सपोर्ट किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही के मुकाबले दो गुने से भी ज्यादा है. अप्रैल से सितंबर 2021 के दौरान देश से कुल 63 करोड़ रुपये के गेहूं का निर्यात किया गया था. यह जानकारी बुधवार को वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से दी गई है.
पाबंदी के बावजूद तेजी से बढ़ा गेहूं का निर्यात
खास बात यह है कि मई 2022 में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर कई पाबंदियां लगा दी थीं. इसके लिए बावजूद अप्रैल से सितंबर 2022 के दौरान गेहूं के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि भारत ने पाबंदी के बावजूद फूड सिक्योरिटी के लिए अनाज की मदद मांगने वाले कई देशों को गेहूं निर्यात किए जाने की छूट दे दी थी. रूस और यूक्रेन के बीच जंग होने की वजह से दुनिया भर में गेहूं की सप्लाई पर काफी बुरा असर पड़ा है. रूस और यूक्रेन दोनों ही बड़े पैमाने पर गेहूं का उत्पादन और निर्यात करने वाले प्रमुख देश हैं.
Gold and Silver Price Today: सोना हुआ महंगा, लेकिन चांदी 502 रुपये कमजोर, खरीदारी से पहले चेक करें लेटेस्ट रेट
Gold and Silver Price Today: सोना हुआ महंगा, चांदी 1,022 रुपये मजबूत, खरीदारी से पहले चेक करें लेटेस्ट रेट
Cotton Price: खत्म होगा कॉटन में तेजी का दौर! 2022 के अंत तक 30 हजार रु के नीचे लुढ़क सकता है भाव, ये हैं वजह
Gold and Silver Price Today: सोना सस्ता, चांदी में 1,276 रुपये की बड़ी गिरावट, खरीदारी से पहले चेक करें लेटेस्ट रेट
एग्रीकल्चरल और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स के निर्यात में भारी इजाफा
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी में यह भी बताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान एग्रीकल्चरल और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स के निर्यात में भी भारी इजाफा हुआ है. एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डेलवपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के तहत आने वाले सभी प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट अप्रैल से सितंबर 2022 के दौरान बढ़कर 13.77 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा 11.05 अरब डॉलर का था. APEDA ने 2022-23 के लिए 23.56 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट का टार्गेट रखा है. यानी ताजा आंकड़ों के मुताबिक आधा से ज्यादा लक्ष्य हासिल किया जा चुका है.
दालों के निर्यात में ढाई से गुने से ज्यादा बढ़ोतरी
इसी अवधि के दौरान देश से दालों के निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल से सितंबर 2021 के दौरान देश से 13.5 करोड़ डॉलर की दालों का एक्सपोर्ट हुआ था, जो मौजूदा कारोबारी साल की पहली छमाही में ढाई गुने से ज्यादा बढ़कर 33 करोड़ डॉलर पर जा पहुंचा. इसी दौरान बासमती चावल का निर्यात भी 166 करोड़ डॉलर से बढ़कर 228 करोड़ डॉलर हो गया. इस अवधि के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में 8 फीसदी, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में 83 फीसदी और डेयरी प्रोडक्ट्स के निर्यात में 58 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.
500 रुपए से निवेश का मौका: बिरला म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया निफ्टी SDL प्लस PSU इंडेक्स फंड, अच्छी कंपनियों में यह फंड करेगा निवेश
आदित्य बिरला सनलाइफ म्यूचुअल फंड ने निफ्टी SDL प्लस PSU बॉन्ड इंडेक्स फंड लॉन्च किया है। यह फंड सितंबर 2026 में मैच्योर होगा। इस फंड में रकम में से 60% रकम SDL में निवेश होगी जबकि 40% PSU बॉन्ड में निवेश होगी। इसमें कम से कम 500 रुपए का निवेश किया जा सकता है।
23 सितंबर को बंद होगा फंड
यह नया फंड 15 सितंबर को खुला है और 23 सितंबर को बंद होगा। यह एक ओपन एंडेड स्कीम है जो निफ्टी SDL प्लस PSU बॉन्ड सितंबर 2026 इंडेक्स को ट्रैक करेगी। यह फंड मैच्योरिटी डेट के साथ टार्गेट मैच्योरिटी को परिभाषित करेगा। यह पूरी तरह से विविधीकृत पोर्टफोलियो वाली स्कीम है। चूंकि यह इंडेक्स फंड है, इसलिए इसमें निफ्टी SDL प्लस PSU बॉन्ड का प्रदर्शन दिखेगा।
60% हिस्सा SDL में निवेश होगा
इस पोर्टफोलियो का 60% हिस्सा स्टेट डेवलपमेंट लोन (SDL) के टॉप 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निवेश किया जाएगा। बाकी 40% पैसा टॉप रेटिंग यानी AAA रेटिंग वाले 10 PSU बॉन्ड में निवेश किया जाएगा। यह निवेश क्रेडिट क्वालिटी और लिक्विडिटी स्कोर के आधार पर किया जाएगा।
ब्याज दरें कम होने का फायदा
जानकारों का कहना है कि इस समय ब्याज दरें कम हैं ऐसे में इस तरह के ओपन एंडेड डेट इंडेक्स फंड निवेशकों को टार्गेट मैच्योरिटी के साथ स्थिर रिटर्न का भी अवसर देते हैं। इसलिए असेट अलोकेशन के रूप में इस तरह के फंड को देखा जा सकता है। इसमें निवेश को मैच्योरिटी तारीख तक रोक कर एक स्थिर रिटर्न देने का उद्देश्य है। इस तरह से इसका तिमाही आधार पर रीबैलेंस और रिव्यू किया जाएगा।
आदित्य बिरला सनलाइफ म्यूचुअल फंड के MD एवं CEO ए. बालासुब्रमणियन ने कहा कि रिटर्न के अनुमानों के साथ पैसिव डेट प्रोडक्ट परंपरागत सेविंग संसाधनों का एक मिला-जुला रूप होता है। इसमें अच्छी लिक्विडिटी होती है और टैक्स का फायदा मिलता है।
ब्याज दरें आकर्षक हैं
उन्होंने कहा कि ब्याज दरें ज्यादा आकर्षक हैं और महंगाई के आंकड़ों में भी कमी आ रही है। इससे निवेशकों को मिलने वाला रियल रिटर्न बढ़ रहा है। निवेशक को ऐसे माहौल में डेट फंड की सुरक्षा और लिक्विडटी के साथ कम दरों का फायदा मिल रहा है। कम और मध्यम अवधि के निवेश के नजरिए से 5 साल का समय एक आकर्षक समय है। सरकारी प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) की तुलना में SDL काफी आकर्षक है। SDL और AAA PSU बॉन्डस उचित रूप से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
ऑफरिंग को बढ़ाने की योजना
उन्होंने कहा कि बिरला म्यूचुअल फंड इस सेगमेंट में अपनी ऑफरिंग को बढ़ाना चाहता है जो फंड हाउस के वर्तमान एक्टिव फंड की मजबूती के साथ एक अच्छा कांबिनेशन है। हमारा लक्ष्य एक डाइवर्स प्रोडक्ट ऑफरिंग को डेवलप करने का है।