ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है

अगर आप बाजार में गंभीरता के साथ काम करते हैं और आपको अपनी रणनीतियों पर भरोसा है तो ये खास सुविधा आपके लिए ही है। 5paisa की मदद से बाजार में गंभीरता से ट्रेड करने वालों के लिए इस automatic रूट का इस्तेमाल अब काफी आसान हो गया है। जो न केवल ये सुनिश्चित करता है कि आपका कमाई का कोई भी मौका न छूटे..साथ ही ऑटोमैटिक ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है तरीके से सौदे निपटा कर ये आपको उसी वक्त अगले ट्रेड के लिए रणनीतियां बनाने और रिसर्च करने का समय भी देता है।
Options Trading in Hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में बहुत ही लोकप्रिय है जिससे बहुत से लोग लाखो रूपये कमा रहे है तो आज हम Options Trading in Hindi लेख में Options Trading Meaning in Hindi, ऑप्शन कितने तरह के होते है और ऑप्शन में ट्रेड क्यों करना चाहिए आदि पहलुओं को समझेंगे।
चलिए Options Trading in Hindi लेख को शुरू करते है :
Options Trading Meaning in Hindi
ऑप्शन एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसे खरीदने पर हमें किसी चीज को future में किसी fixed date पर एक price पर Buy or Sell करने का right मिलता है। लेकिन ये हम पर निर्भर करता है कि हम उस fixed date पर अपने right का इस्तेमाल करना चाहते है या नही और हम अपने Right का use तभी करना चाहेंगे जब हमें Profit होगा।
Example –
माना कि Mr. राहुल एक Businessman है और वो Mr. सूनील से एक एकड जमीन Buy करना चाहते है जिसकी Market Price अभी 20 लाख रुपयें है और जमीन के वारे में ऐसी खबर है कि Government जल्द ही उस से थोडी दूरी पर एक Metro project शुरु करेंगी। Mr. राहुल जानते है कि जैसे ही Government ये Decision लेगी उस जमीन की Price काफी बढ जायेगी।
इसी को देखते हुये Mr. राहुल चाहते है कि वो जमीन को अभी के Market Price यानी 20 लाख रुपये में खरीद ले और जैसे ही इसकी Price बढे तो इसको बेच कर मुनाफा कमायें। लेकिन Mr. राहुल के मन में एक doubt आता है कि अगर बहां पर Metro project शुरु नही हुआ तो मुझे भारी नुकसान हो जायेगा।
ऑप्शन कितने तरह के होते है?
1) Call ऑप्शन
2) Put ऑप्शन
कॉल ऑप्शन क्या है?
किसी भी Index या Stock के Call ऑप्शन हम जब खरीदते है जब हमें लगता कि उस Index या Stock की Price बढने बाली है। और जैसे – जैसे Index या Stock की Price बढती है वैसे ही Call ऑप्शन की Price भी बढती है।
पुट ऑप्शन क्या है?
किसी भी Index या Stock के Put ऑप्शन हम जब खरीदते है जब हमें लगता कि उस Index या Stock की Price गिरने बाली है। और जैसे – जैसे Index या Stock की Price गिरेगी है वैसे – वैसे Put ऑप्शन की Price भी बढेगी।
अभी तक ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है आप Options Trading in Hindi लेख में ऑप्शन क्या होते है समझ गए होंगे अभी हम ऑप्शन ट्रेडिंग क्यों करे, ये समझते है –
ऑप्शन ट्रेडिंग क्यों करे?
ट्रेडर्स, ऑप्शन ट्रेडिंग mainly दो reason की बजह से करते है।
Margin: – ऑप्शन ट्रेडिंग आपको इंडेक्स या शेयर की पूरी कीमत दिए बिना ही किसी भी स्टॉक या इंडेक्स में Trade करने की अनुमति देता है।
Hedging:- मानलो यदि आपके होल्डिंग में कुछ Stocks हैं जो आपने long term के लिए खरीद कर रखे है और कुछ समय के बाद किसी कारण वस अचानक उस शेयर की कीमत बहुत गिरने लगती है, तो आप अपने होल्डिंग शेयरों का ऑप्शन Contract खरीद सकते हैं जिससे आपका भारी नुकसान होने से बच जायेगा और इस प्रक्रिया को Hedging कहा जाता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? What is Option Trading?
डियर पाठक, अगर आपको हम ऑप्शन ट्रेडिंग सरल भाषा में बताए तो ऑप्शन ट्रेडिंग इंडेक्स के अंदर ट्रेड होती है जैसे कि निफ़्टी इसके अंदर आपको मार्केट के सेंटीमेंट को गहराई से रिसर्च करके यह पता लगाना होता है की मार्केट आने वाले सप्ताह यह महीने के अंदर कहां तक जाने वाला है कहने का मतलब कितना बढ़ने वाला है या कितना घटने वाला है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के ऑप्शन की एक ऐज होती है, जिसमें वह शून्य हो जाता है और जब यह जीरो होता है तो उसको हम एक्सपायरी कहते हैं।
एक्सपायरी डेट किस कहते हैं? एक्सपायरी डेट पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बिल्कुल शून्य हो जाता है कहने का मतलब समाप्त हो जाता है उसे हम एक्सपायरी डेट कहते हैं।
एक्सपायरी डेट दो प्रकार की होती है
ऑप्शन ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं? types of options trading?
ऑप्शन ट्रेडिंग में आप किसी भी सिक्योरिटी, इंडेक्स या स्टॉक में ट्रेड कर सकते है। यहाँ पर आप स्टॉक को लेकर बुलिश है या बेयरिश उसके आधार पर आप ऑप्शन में ट्रेड कर सिक्योरिटी को स्ट्राइक प्राइस पर खरीदने या बेचने का अधिकार रखते है।
अब यहाँ पर यह आपके ऊपर निर्भर करता है की ऑप्शन को किस मानसिकता या ट्रेंड के आधार पर ट्रेड कर रहे है उसके अनुसार दो प्रकाश के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होते है जिसके आधार पर ऑप्शन में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
कॉल ऑप्शन (CE)
अगर कॉल ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करें तो, अगर आपका मार्केट व्यु या आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस ऊपर जाने को है तब आप उसका कॉल ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।
पुट ऑप्शन (PE)
अगर पुट ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करें तो, अगर आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस नीचे जाने वाली है तब आप उसका पुट ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।
कॉल और पुट दोनों को एक साथ समझाने का प्रयास करे तो अगर आप मार्केट में किसी भी शेर इंडेक्स जैसे की निफ़्टी आज की तारीख में शेयर की कीमत 17000 रुपए हैं लेकिन आप इसे ऑप्शन ट्रेडिंग में ₹5 से लेकर ₹1000 तक खरीद सकते हैं इसलिए कम पैसों में ऑप्शन ट्रेडिंग में ज्यादा शेयर खरीदे जा सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं? How to do Option Trading in hindi?
आप्शन ट्रेडिंग आप एक ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (ब्रोकरेज खाते) के माध्यम से कर सकते हैं जो स्व – निर्देशित ट्रेडिंग करने की अनुमति देता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट खोलना होगा। डीमेट अकाउंट खोलने के पश्चात आप स्टॉकब्रोकर द्वारा प्रोवाइड किए गए ट्रेडिंग एप का इस्तेमाल कर आसानी से ऑप्शन में ट्रेड कर सकते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले आपको कुछ बातें जरूर जानी चाहिए जिससे कि आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करने में आसानी हो।
- सिंबल – स्टॉक सिंबल का मतलब है कि एक ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट से जुड़ी किसी स्टॉक या इंडेक्स की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे – Nifty 17500 CE, Bank Nifty 38000 CE
- स्ट्राइक प्राइस – स्ट्राइक प्राइस जिस पर आप ऑप्शन का प्रयोग करने में सक्षम होते हैं,
- प्रीमियम – ऑप्शन को खरीदने की लागत को प्रीमियम कहते है।
- एक्सपायरी डेट – एक्सपायरी डेट पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बिल्कुल शून्य हो जाता है कहने का मतलब समाप्त हो जाता है उसे हम एक्सपायरी डेट कहते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग में अब मुनाफा होगा ऑटोमैटिक, जानिए क्या हैं ट्रेडिंग एपीआई के फायदे
Trading API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। कैसा हो कि आपके सामने ऐसा जरूरी काम आ जाए जिसकी वजह से आप चाहकर भी बाजार पर लगातार नजर नहीं रख पाएं, लेकिन वहीं आपको पूरी उम्मीद भी हो कि इसी समय में बाजार में कमाई का ऐसा मौका भी मिलेगा जिसका इंतजार आपको कई दिनों से था। ऐसे में आप क्या करेंगे. अपना जरूरी काम छोड़ेंगे. या फिर कमाई का मौका, या फिर किसी दूसरे से अपनी रणनीति साझाकर टेंशन में रहेंगे कि वो सही समय पर कदम उठा पाता है या नहीं।
क्या होते हैं ट्रेडिंग एपीआई
Trading API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है और अपनी manual trading को पूरी तरह से ऑटोमैटिक ट्रेडिंग में बदल सकते हैं। यानी आपको अपनी रणनीति के आधार पर सौदों की शर्तें तय करनी होती है।
API इन शर्तों के आधार पर एंट्री या एग्जिट के लिए मौके का इंतजार करते हैं और ऐसा मौका मिलते ही वो खुद ही सौदे पूरे कर देते हैं, भले ही आप सिस्टम पर बैठे हों या न बैठे हों। इसके साथ ही आपको बाजार के रियल टाइम या फिर पिछले आंकड़े लगातार मिलते हैं। आप इसके साथ अपने सौदों पर नजर रख सकते हैं और उनकी जानकारी पा सकते हैं। अगर आप ट्रेडिंग एपीआई के बारे में और जानकारी पाना चाहते हैं और इसका फायदा उठाना चाहते तो आप 5paisa एप डाउनलोड कर सकते हैं, वहां इससे जुड़ी सभी जानकारियां पा सकते हैं।
क्यों है 5paisa का ट्रेडिंग एपीआई खास?
5paisa का ट्रेडिंग एपीआई आपको कई सुविधाएं देता है और आपको तकनीक की मदद से ऑटोमेटेड ट्रेडिंग की दुनिया का हिस्सा बनाता है, लेकिन इसके लिए आपसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता। 5paisa अल्गो ट्रेडिंग के लिए डेवलपर एपीआई का इस्तेमाल मुफ्त है। वहीं 5paisa डेवलपर एपीआई की मदद से बेहद आसानी के साथ आप अपने ऑर्डर बाजार में भेज सकते हैं, बाजार के आंकड़े और रिपोर्ट्स को रियल-टाइम देख सकते हैं।
डेवलपर्स एपीआई अल्गो ट्रे़डिंग सेटअप के लिए आने वाली अधिकांश चुनौतियों को हल करता है। 5paisa के साथ आप अपने ट्रेड को ऑटोमैटिक तरीके से पूरा कर सकते हो जिसमें आप खुद ही exit और entry की शर्ते तय कर सकते हैं। इसकी मदद से आपको पुराने आंकड़े, बाजार की जानकारियां और real-time data मिलता है।
Options Trading: क्या होती है ऑप्शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्या हो आपकी रणनीति
By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)
ऑप्शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है मुख्य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
Option trading in Stock market
शेयर मार्किट में वैसे को बहुत सारे तरीके हैं पैसे कमाने के उन्ही में से एक तरीका ऑप्शन ट्रेडिंग भीं है। शेयर मार्किट एक्सपर्ट अक्सर रिटेल ट्रेडर को ऑप्शन मार्केट से दूर रहने की सलाह देते रहते हैं। लेकिन रिटेल ट्रेडर भी ऑप्शन मार्केट को अच्छे से समझकर और सीखकर इससे थोड़े समय में ही अच्छा पैसा कमा सकते हैं। Price Action क्या है?
ऑप्शन एक डेरिवेटिव प्रोडक्ट है, जिसमे आपको केवल प्रीमियम देना होता है। जिसकी वैल्यू उसके Underlying asset में निहित होती है। डेरीवेटिव दो प्रकार के होते हैं- फ्यूचर एंड ऑप्शन। एक फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट आपको भविष्य की एक निश्चित तारीख (Expiry Date) को एक निश्चित मूल्य पर शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार देता है लेकिन ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में ऐसा नहीं है, ऑप्शन कंट्रेक्ट में आप निश्चित तारीख (Expiry date) पर आप सौदा पूरा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
उदाहरण के द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग को समझें
Option trading in Stock market को एक उदाहरण के द्वारा इस तरह समझा जा सकता है- माना रमेश और आकाश दो दोस्त हैं। रमेश के पास दो बीघा जमीन है और वह उस जमीन को बेचना चाहता है। आकाश उस जमीन को खरीदना चाहता है, उस जमीन की कीमत मार्केट रेट के हिसाब से दस लाख रूपये है। आकाश दस लाख रूपये मैं उस जमीन को खरीदने के लिए तैयार हो जाता है लेकिन आकाश के पास अभी पूरे पैसे नहीं है। एल्गो ट्रेडिंग क्या है?
इस वजह से दोनों के बीच एक महीने का कॉन्ट्रैक्ट साइन होता है, कॉन्ट्रैक्ट एक सितंबर से तीस सितंबर तक का होता है। रमेश आकाश से एक लाख रूपये टोकन अमाउंट ले कर एक रिसीप्ट बनाता है। जिसमे उन दोनों के बीच यह समझौता होता है कि आकाश बाकी के पैसे कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पूरी होने तक रमेश को दे देगा।
रमेश यह जमीन कॉन्ट्रैक्ट का समय पूरा होने तक किसी और को नहीं बेचेगा यह कॉन्टेक्ट दोनों को मंजूर होती है। इस बीच जमीन के भाव में परिवर्तन हो सकता है, कांटेक्ट का समय पूरा होने तक जमीन के भाव मार्केट रेट से कम या ज्यादा भी हो सकते हैं।
Call option और Putt option क्या हैं ?
Call option उसके होल्डर को शेयर खरीदने का अधिकार देता है, ऐसे ही Putt option उसके होल्डर को शेयर बेचने का अधिकार देता है। इसके लिए आपको शेयर की पूरी कीमत नहीं चुकानी पड़ती, उसका केवल प्रीमियम चूकाना होता है। Option trader कॉल और पुट ऑप्शन को बेच भी सकता है। यदि आप भविष्य में अपने कॉल ऑप्शन के खरीदने के अधिकार का उपयोग करना चाहते हैं तो आपको उसकी सम्पूर्ण धनराशि का भुगतान भी करना पड़ेगा, आपको यह बात भी ध्यान रखना चाहिए।
Option Trading में जोखिम भी शामिल होता है इसका भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण समझने वाली बात यह कि ऑप्शन पुट और कॉल खरीदने में नुकसान लिमिटेड होता है। आपने जितने का पुट या कॉल खरीदा है ज्यादा से ज्यादा उतने का ही नुकसान हो सकता है। किन्तु अगर आपने पुट या कॉल को बेच दिया तो आपको अनलिमिटेड नुकसान हो सकता है। इसलिए पुट या कॉल ऑप्शन बेचने से पहले सौ बार सोचें।