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एफएक्ससीसी

एफएक्ससीसी
बिजली मंत्रालय ने सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के अंतिम उद्देश्य के साथ महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा कार्यक्रमों में तेजी लाने के लिए ग्रीन ओपन एक्सेस नियम, 2022 को अधिसूचित किया है।

स्क्रीन रीडर एक्सेस

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एफ़टीपी एक्सेस को कैसे कॉन्फ़िगर करें CentOS 8

ओपन /etc/vsftpd/vsftpd.conf फ़ाइल.
इन पे की जाँच करेंramयह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके पास सही मान हैं। वर्तमान में हम अनाम लॉगिन को प्रतिबंधित करते हैं और इसे स्थानीय उपयोगकर्ताओं के लिए अनुमति देते हैं। एफ़टीपी रिकॉर्डिंग की भी अनुमति है।

anonymous_enable=NO
local_enable=YES
write_enable=YES

होम डायरेक्टरी को छोड़कर हर चीज तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए इस लाइन को ढूंढें और असंबद्ध करें।

और एफ़टीपी के माध्यम से फ़ाइलों एफएक्ससीसी को बदलने और लिखने की पहुंच प्रदान करने के लिए इस लाइन को फ़ाइल के अंत में जोड़ें।

अब फाइल को सेव और क्लोज करें और ओपन करें /etc/pam.d/vsftpd. इसमें इस लाइन को कमेंट करें:

#auth required pam_shells.so

आप उपयोग करते हैं firewalld इसमें एफ़टीपी सेवा जोड़ें।

firewall-cmd --permanent --add-service=ftp
firewall-cmd --reload

एफ़टीपी सेवा को पुनरारंभ करें।

systemctl restart vsftpd

एफ़टीपी एक्सेस के लिए एक उपयोगकर्ता बनाना

एक नया उपयोगकर्ता बनाएं और उसके लिए पासवर्ड सेट करें।

useradd newftpuser
passwd newftpuser

इसे लॉग इन करने से रोकने के लिए ssh, इसके खोल को बदलें।

usermod --shell /sbin/nologin newftpuser

सुरक्षित FTP के लिए SSL/TLS का उपयोग करना

आप अपने कनेक्शन को एन्क्रिप्ट करने के लिए एसएसएल/टीएलएस का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रयोजन के लिए, आप Let's Encrypt या स्व-हस्ताक्षरित SSL प्रमाणपत्र का उपयोग कर सकते हैं।
में /etc/vsftpd/vsftpd.conf फ़ाइल कुंजियों में पथ जोड़ें और सक्षम करें एसएसएल_सक्षम विकल्प.

rsa_cert_file=/etc/letsencrypt/live/domain_name/fullchain.pem
rsa_private_key_file=/etc/letsencrypt/live/domain_name/privkey.pem
ssl_enable=YES

कई क्रेडिट और डेबिट कार्ड देते हैं एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस की सुविधा, मुफ्त में मिलते हैं कई फायदे

अगर आप एयरपोर्ट पर बहुत जल्दी पहुंच जाते हैं या कनेक्टिंग फ्लाइटों के बीच काफी समय है तो एयरपोर्ट लाउंज में एंट्री बहुत काम आता है.

अगर आप एयरपोर्ट पर बहुत जल्दी पहुंच जाते हैं या कनेक्टिंग फ्लाइटों के बीच काफी समय है तो एयरपोर्ट लाउंज में एंट्री बहुत काम आता है.

आमतौर ट्रैवल क्रेडिट कार्ड और प्रीमियम क्रेडिट कार्डों पर इंटरनेशनल और डोमेस्टिक एयरपोर्ट पर लाउंज एक्सेस की सुविधा मिल जाती है. कार्ड के जरिए एक्सेस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस एयरलाइन से उड़ान भरते हैं या आपके पास कौन सा टिकट है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 04, 2022, 08:00 IST

नई दिल्ली. हवाई यात्रा के दौरान प्रतीक्षा करना सबसे उबाऊ काम होता है. ऐसे में अगर आपको लाउंज एक्सेस करने का मौका मिले और वह भी फ्री में तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है. क्या आप जानते हैं कि आपके वॉलेट में मौजूद क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) के जरिए आप इंटरनेशनल और डोमेस्टिक एयरपोर्ट के लाउंज में मुफ्त एफएक्ससीसी प्रवेश कर सकते हैं और अन्य कई फायदे भी उठा सकते हैं.

क्या है एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस की सुविधा
एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस की सुविधा एयरपोर्ट पर दी गई ऐसी सुविधा है जहां आप जाकर अपना समय बिता सकते हैं. यहां आप फ्री मैगजीन पढ़ सकते हैं. खानपान के अलावा फ्री वाईफाई का इस्तेमाल कर सकते हैं. लाउंज में दाखिल होने पर आपको पसरने का और एयरपोर्ट एफएक्ससीसी पर तनावमुक्त रहने का मौका मिल जाता है. अगर आप एयरपोर्ट पर बहुत जल्दी पहुंच जाते हैं या कनेक्टिंग फ्लाइटों के बीच काफी समय है तो एयरपोर्ट लाउंज में एंट्री बहुत काम आता है.

क्रेडिट और डेबिट कार्ड से लाउंज एक्सेस
अगर आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो हो सकता है कि आपको कार्ड के जरिए एयरपोर्ट लाउंज में प्रवेश मिल जाए. कई कार्ड कंपनियां ग्राहकों को फ्री लाउंज एक्सेस की सुविधा देते हैं. आमतौर ट्रैवल क्रेडिट कार्ड और प्रीमियम क्रेडिट कार्डों पर इंटरनेशनल और डोमेस्टिक एयरपोर्ट पर लाउंज एक्सेस की सुविधा मिल जाती है. कार्ड के जरिए एक्सेस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस एयरलाइन से उड़ान भरते हैं या आपके पास कौन सा टिकट है.

ये कार्ड्स देते हैं एयरपोर्ट पर फ्री लाउंज की सुविधा

Cashback SBI Card- यह क्रेडिट कार्ड 999 रुपये के रिन्यूअल चार्ज के साथ आता है और आपको भारत में सालाना 4 एयरपोर्ट लाउंज (तिमाही में एक बार) में कॉम्प्लिमेंट्री एक्सेस प्रदान करता है.

Flipkart Axis Bank Credit Card- कार्ड होल्डर को साल भर में 4 डोमेस्टिक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस फ्री मिलता है. इस कार्ड का एनुअल चार्ज 500 रुपये है.

ACE Credit Card- यह 999 रुपये के एनुअल फीस के साथ आता है. कार्ड होल्डर को सालाना 4 डोमेस्टिक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस फ्री मिलता है.

HDFC Bank Millennia Debit Card- एचडीएफसी बैंक मिलेनिया डेबिट कार्ड की एनुअल फी 500 रुपये है. इस कार्ड के जरिए आप साल में 4 बार डोमेस्टिक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस कर सकते हैं.

HDFC Bank Millennia Credit Card- यह 1000 रुपये के रिन्यूअल चार्ज के साथ आता है. इस कार्ड के जरिए आप साल में 8 बार डोमेस्टिक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस कर सकते हैं. एक तिमाही में अधिकतम 2 बार डोमेस्टिक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस कर सकते हैं.

ICICI Coral RuPay Credit Card– यह 500 रुपये के एनुअल फीस के साथ आता है. कार्ड होल्डर एक तिमाही में एक बार डोमेस्टिक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस कर सकते हैं.

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विद्युत मंत्रालय ने ग्रीन ओपन एक्सेस नियम 2022 को अधिसूचित किया; मेरकॉम इंडिया सोलर ओपन एक्सेस मार्केट रिपोर्ट Q1 2022

Government-notifies-Green-Open-Access-Rules-2022

बिजली मंत्रालय ने सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और एफएक्ससीसी हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के अंतिम उद्देश्य के साथ महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा कार्यक्रमों में तेजी लाने के लिए ग्रीन ओपन एक्सेस नियम, 2022 को अधिसूचित किया है।

  • इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य अपशिष्ट से ऊर्जा ऊर्जा संयंत्रों सहित हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और खपत को प्रोत्साहित करना है।

i. अधिसूचित नियम हरित ऊर्जा की खुली पहुंच के लिए अधिक सरलीकृत प्रक्रिया की अनुमति देते हैं।

ii. यह ग्रीन ओपन एक्सेस (OA), यूनिफ़ॉर्म बैंकिंग, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा अक्षय ऊर्जा (RE) की स्वैच्छिक खरीद, और OA शुल्क की प्रयोज्यता आदि के अनुमोदन को गति देगा।

iii. हरित ऊर्जा वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा स्वैच्छिक आधार पर खरीदी जा सकती है।

  • ग्रीन OA के तहत, कैप्टिव उपभोक्ताओं के पास बिजली लेने की कोई सीमा नहीं है।
  • ग्राहक अपनी वितरण कंपनी (डिस्कॉम) से हरित ऊर्जा आपूर्ति का अनुरोध कर सकते हैं।

ग्रीन ओपन एक्सेस नियम 2022 की मुख्य विशेषताएं:

i. किसी भी उपभोक्ता के पास खुली पहुंच तक पहुंच है, और छोटे उपभोक्ताओं को खुली पहुंच के माध्यम से अक्षय ऊर्जा खरीदने की अनुमति देने के लिए हरित ऊर्जा के लिए खुली पहुंच लेनदेन सीमा को 1 मेगावाट से घटाकर 100 किलोवाट (KW) कर दिया गया है।

ii. यह ओपन एक्सेस चार्ज पर ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा, जिसमें ट्रांसमिशन, व्हीलिंग, क्रॉस-सब्सिडी सरचार्ज और स्टैंडबाय चार्ज शामिल हैं।

iii. यह ओपन एक्सेस एप्लिकेशन की अनुमोदन प्रक्रिया में पारदर्शिता प्रदान करता है, जो एक राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सुलभ होगा।

iv. उपयुक्त आयोग हरित ऊर्जा के लिए अलग से शुल्क निर्धारित करेगा।

v. नियम त्वरित अनुमोदन सहित ओपन एक्सेस प्रदान करने के लिए पूर्ण अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करके RE कंपनियों के लिए अपने नकदी प्रवाह का अनुमान लगाना आसान बना देंगे।

vi. यह वितरण लाइसेंसधारी के साथ अधिशेष हरित ऊर्जा के बैंकिंग को अनिवार्य करता है।

vii. वितरण लाइसेंसधारी के क्षेत्र में सभी बाध्य संस्थाएं एक समान नवीकरणीय खरीद दायित्व (RPO) के अधीन हैं। अपने RPO को पूरा करने के लिए इसमें ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया को भी शामिल किया है।

viii. यदि उपभोक्ता हरित ऊर्जा का उपयोग करते हैं, तो उन्हें हरित प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।

xi. हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया बनाने के लिए हरित ऊर्जा का उपयोग करने पर क्रॉस-सब्सिडी अधिभार और अतिरिक्त अधिभार लागू नहीं होते हैं।

जनवरी-मार्च में सोलर ओपन एक्सेस एडिशन 22% बढ़ा; संचयी क्षमता 5.7-GW मार्क पर पहुंची: मेरकॉम इंडिया रिपोर्ट

मेरकॉम इंडिया रिसर्च की नई जारी रिपोर्ट “ मेरकॉम इंडिया सोलर ओपन एक्सेस मार्केट रिपोर्ट Q1 2022 ” के अनुसार, भारत ने कैलेंडर वर्ष (CY) 2022की पहली तिमाही (Q1) (जनवरी-मार्च) में 513 मेगावाट (MW) नई ओपन एक्सेस सौर क्षमता जोड़ी है।

  • Q4 2021 में स्थापित 324 MW की तुलना में, इसमें 58% तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) की वृद्धि हुई है। साल-दर-साल (YoY) इंस्टॉलेशन 2021 की पहली तिमाही में 422 मेगावाट से 22% बढ़ा।
  • मार्च 2022 के अंत तक ओपन एक्सेस मार्केट में संचयी स्थापित सौर क्षमता लगभग 5.7 GW थी।

ओपन एक्सेस इंस्टॉलेशन के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में देश के सभी ओपन एक्सेस इंस्टॉलेशन का 73% हिस्सा है। उन्होंने तिमाही के कुल प्रतिष्ठानों का 86% हिस्सा लिया।

Q1 2022 के अंत में, भारत के पास 2 GW (GW) ओपन एक्सेस सौर परियोजनाओं की विकास पाइपलाइन है।

  • Q1 में, कर्नाटक सबसे बड़ा बाजार था, जो सभी ओपन एक्सेस इंस्टॉलेशन के 30% के लिए जिम्मेदार था। राज्य कुल प्रतिष्ठानों के 37% के लिए जिम्मेदार था।
  • Q1 2022 में, महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा बाजार था, जिसमें Q4 2021 में सौर ओपन एक्सेस इंस्टॉलेशन में 131% QoQ की अभूतपूर्व वृद्धि हुई थी। इसने इस स्थान के लिए तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश को पछाड़ दिया है।
  • गुजरात का बाजार का 12.7 प्रतिशत हिस्सा है, जो इसे तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनाता है।

विद्युत मंत्रालय के बारे में:

केंद्रीय मंत्री – राज कुमार सिंह (आरा निर्वाचन क्षेत्र, बिहार)
राज्य मंत्री (MoS) – कृष्ण पाल (फरीदाबाद निर्वाचन क्षेत्र, हरियाणा)

साइबर ठगों का नया हथियार बना रिमोट एक्सेस ऐप, ऐसे बचें

उत्तराखंड में साइबर अपराध तेजी से फैल रहा है. ठग अब नए हथियार 'रिमोट एक्सेस ऐप' के जरिए लोगों को चूना लगा रहे हैं.

देहरादून : साइबर अपराधी लगातार देवभूमि के लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. साइबर ठगों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड की साइबर क्राइम की टीम लगातार कार्रवाई भी कर रही है. अभी तक साइबर ठग सोशल मीडिया और फोन के जरिए लोगों को प्रलोभन देकर ठगी करते आए हैं, लेकिन मौजूदा दौर में ठगों को एक नया हथियार रिमोट एक्सेस ऐप के रूप में मिल गया है.

क्या है रिमोट एक्सेस ऐप

रिमोट एक्सेस तकनीक के जरिए कोई यूजर किसी दूसरे शख्स का कंप्यूटर या फोन कंट्रोल कर सकता है. इसके लिए इंटरनेट के साथ-साथ एक विशेष सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन की आवश्यकता होती है. वर्तमान समय में रिमोट एक्सेस टेक्नोलॉजी काफी ज्यादा प्रचलित हो गई है. जिसके जरिए न सिर्फ फोन बल्कि कंप्यूटर सहित दूसरे स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को किसी दूसरी जगह से एक्सेस किया जा सकता है.

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रिमोट एक्सेस के जरिए ठगी

रिमोट एक्सेस के जरिए ठगी को अंजाम देना आसान नहीं है. बावजूद इसके साइबर अपराधी रिमोट एक्सेस के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. मुख्य रूप से देखें तो स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले अधिकांश लोग ऑनलाइन पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही तमाम अपनी गोपनीय जानकारियां भी अपने फोन में रखते हैं.

इसी का फायदा शातिर ठग रिमोट एक्सेस के जरिए उठाते हैं. ये शातिर ठग तमाम तरह के बहाने लेकर अनजान व्यक्ति को पहले तो फोन करते हैं और फिर ब्रेनवाश कर उन्हें रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन डाउनलोड कराते हैं. जिसके बाद ठग लोगों का फोन या फिर कंप्यूटर एक्सेस कर लेते हैं. ऐसे में उन्हें बड़े आसानी से बैंक खातों की जानकारी हासिल हो जाती है.

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रिमोट एक्सेस से गंवाए करीब 17 लाख रुपए

रिमोट एक्सेस से ठगी का एक ऐसा ही मामला राजधानी देहरादून में सामने आया है. देहरादून निवासी अंशुल नेगी (बदला हुआ नाम) ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके पास एक अज्ञात व्यक्ति ने स्वयं को निजी कंपनी का कर्मचारी बताते हुए सस्ते एफएक्ससीसी दरों पर लोन देने की बात कही. फिर कर्मचारी ने ऑनलाइन फॉर्म भरने के नाम रिमोट एक्सेस के लिए एप्लिकेशन डाउनलोड करने की बात कही है. जैसे ही रिमोट एक्सेस ऐप डाउनलोड हुआ, ठग ने ऑनलाइन बैंकिंग की जानकारी मांगते हुए खाते से 16 एफएक्ससीसी लाख 76 हजार 266 रुपए उड़ा लिए.

कोरोना काल के दौरान बढ़ा रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल

रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल यूं तो पहले एफएक्ससीसी से ही किया जाता रहा है. मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने ऑफिस में लगाए गए तमाम कंप्यूटर को कंट्रोल करने के करती आई हैं. यही नहीं, इसका प्रचलन कोरोना काल के दौरान काफी बढ़ गया.

कोरोना काल में जब लोगों के एफएक्ससीसी कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर संबंधित दिक्कतें आई, उस दौरान रिमोट एक्सेस के माध्यम से ही घर बैठे कंप्यूटर ठीक कर दिया गया है. इसके साथ ही तमाम तरह की कंप्यूटर संबंधित ट्रेनिंग भी रिमोट एक्सेस के माध्यम से लोगों को दी गई हैं. वहीं, अब साइबर ठग रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं.

साइबर ठग हो गए हैं पहले से अधिक हाईटेक

साइबर क्राइम के सीओ अंकुश मिश्रा का कहना है कि रिमोट एक्सेस को रिमोट एक्सेस टूल्स या फिर रेट अटैक कहा जाता है. इस तरह की तमाम वेबसाइट भी मौजूद हैं, जिसके माध्यम से लोगों के फोन का एक्सेस प्राप्त किया जा एफएक्ससीसी सकता है. यही नहीं, तमाम एप्लीकेशन भी उपलब्ध हैं, जिनके इस्तेमाल से किसी भी फोन या फिर लैपटॉप को कहीं दूर बैठकर इस्तेमाल किया जा सकता है. रिमोट एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से ट्रेनिंग के लिए किया जाता है. लेकिन अब साइबर ठग काफी हाईटेक हो गए हैं, जो अब रिमोट एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

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