क्रिप्टो करेंसी से पैसा कैसे कमाए?

बिटकॉइन ट्रेडर

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क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड, ब्राजील में Bitcoin के बड़े ट्रेडर की 30 करोड़ डॉलर हड़पने के मामले में गिरफ्तार

जांच में पता चला है कि बिटकॉइन बैंको ग्रुप रोक लगने के बावजूद अवैध स्कीम के जरिए कस्टमर्स को फंसा रहा था

ब्राजील में बिटकॉइन बैंको ग्रुप के प्रेसिडेंट Cláudio Oliveira को पुलिस ने एक क्रिप्टोकरेंसी स्कीम के जरिए लगभग 30 करोड़ डॉलर को घोटाला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। खुद को बिटकॉइन का किंग कहने वाले Oliveira ने बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स से कथित तौर पर रकम हड़पी है।

बिटकॉइन बैंको ग्रुप ने दो वर्ष पहले 7,000 बिटकॉइन के गायब होने की रिपोर्ट दी थी और इसकी अपने क्रेडिटर्स का भुगतान करने और बैंकरप्सी से बचने की कोशिश में न्यायिक रिकवरी के लिए आवेदन किया था।

ब्राजील के कानून के तहत यह किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति को दोबारा व्यवस्थित करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया है।

हालांकि, इसके बाद पता चला था कि ग्रुप ने कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया था और वह अपने कारोबार को जारी रखने और नए कस्टमर्स हासिल करने के लिए मार्केट रेगुलेटर के बिना रजिस्ट्रेशन वाले इनवेस्टमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स की पेशकश कर रहा था।

इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने एक टास्क फोर्स बनाई थी। बिटकॉइन ट्रेडर यह जांच बैंकरप्सी से जुड़े अपराधों, घोटाले, मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक षडयंत्र के आरोपों में की गई थी।

जांच में पाया गया कि आरोपी ने अमेरिका और यूरोपियन देशों में भी इसी तरह के अपराध किए हैं।

बिटकॉइन के लिए पुलिस कॉन्स्टेबल ने किया अपहरण, 8 लोग गिरफ्तार, ऐसे हुआ खुलासा

नई दिल्ली. महाराष्ट्र के पिम्परी-चिंचवाड़ में हुए एक बिटकॉइन के लिए पुलिस कॉन्स्टेबल ने किया अपहरण ट्रेडर के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस मामले में पुलिस ने एक पुलिस कांस्टेबल सहित कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में सबसे ज्यादा चौकाने बात यह है कि इस पूरी किडनैपिंग का मुख्य मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि पिम्परी-चिंचवाड़ पुलिस का ही एक पुलिसकर्मी था, जिसने 300 करोड़ की बिटकॉइन को पाने के लिए अपने साथियों के साथ मिलकर यह साज़िश रची थी.

पिम्परी-चिंचवाड़ पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किया गया आरोपी पुलिस कांस्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे विशेष साइबर क्राइम सेल में कार्यरत था. खंडारे को यह जानकारी मिली कि बिटकॉइन ट्रेडर विनय नाइक के पास 300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी है. करोड़ों की क्रिप्टोकरेंसी को देखकर उसके मन मे लालच आ गया और उसने अपने हिस्ट्रीशीटर दोस्तों के साथ मिलकर विनय नाइक का किडनैप करने साज़िश की रच डाली. साज़िश के तहत 14 जनवरी को विनय नाइक को किडनैप करके एक होटल में ले जाकर रखा गया और फिर उसके परिवार से फिरौती मांगी गई. पीड़ित नाइक के दोस्त ने इसकी जानकारी वाकड पुलिस स्टेशन को दी.

इस जानकारी के मिलते ही फौरन पुलिस हरकत में आई और दो टीमें पूरे मामले की जांच में लगाई गई. इलाके के कई सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की छानबीन शुरू की गई. पुलिस की मुस्तैदी देखकर मुख्य साजिशकर्ता कांस्टेबल दिलीप खंडारे को यह हिंट मिल गया और आरोपियों की गिरफ्तारी होने के डर के चलते पीड़ित विनय नाइक को छोड़ दिया.

रिहा होने के बाद नाइक ने 300 करोड़ की बिटकॉइन के लिए किडनैप करने की बात पुलिस को बताई. उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने मुम्बई से चार आरोपियों सुनील शिंदे, वसंत चव्हाण, फ्रांसिस डिसूजा और मयूर शिर्के को अपहरण में इस्तेमाल की गई कार के साथ गिरफ्तार कर लिया. इनसे पूछताछ में पता चला कि इसमें चार और लोग शामिल हैं और इस साज़िश का मास्टरमाइंड कांस्टेबल दिलीप खंडारे है. इसके बाद पुलिस ने खंडारे सहित 4 और आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया.

आज बिटकॉइन की कीमत 10% गिरी: बाकी क्रिप्टोकरेंसी भी 7% टूटीं, चीन में सबसे बड़ा माइनिंग सेंटर बंद होने से हुआ असर

क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में भारी गिरावट जारी है। शुक्रवार को 6% तक कीमतें गिरने के बाद आज फिर कीमतें गिरी हैं। आज इनकी कीमतों में 7% तक की गिरावट आई है। इसमें प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन भी है। बिटकॉइन की कीमत आज 10% गिर कर 32,094 डॉलर पर पहुंच गई है। पिछले 12 दिनों में यह सबसे ज्यादा गिरावट है। अप्रैल में यह 65 हजार डॉलर पर थी, तब से अब तक इसकी कीमत आधा गिर चुकी है।

दो दिनों में कीमतों में भारी कमी

जानकारी के मुताबिक, बिटकॉइन, डागकॉइन और पोलकाडाट की कीमतों में 3 से 7% की आज गिरावट आई है। यानी दो दिनों में इन सभी की कीमतें 13% तक गिर गई हैं। दरअसल चीन के रेगुलेटर ने बिटकॉइन माइनिंग को लेकर स्क्रुटनी की बात कही है। यही कारण है कि टॉप 10 डिजिटल मनी की कीमतों में आज जमकर कमी आई है।

बिटकॉइन है लोकप्रिय डिजिटल करेंसी

बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी चीन में बड़ा बिजनेस है। पूरी दुनिया के बिटकॉइन प्रोडक्शन में आधा हिस्सा चीन का है। चीन द्वारा क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर लगाम लगाने की योजना तेजी में है। चीन के दक्षिणी इलाके सिचुआन में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग प्रोजेक्ट को बंद करने का ऑर्डर दे दिया गया है। यह चीन का सबसे बड़ा माइनिंग सेंटर है।

17 अरब डॉलर का निवेश

हालांकि वेंचर कैपिटलिस्ट फंड ने पहले ही इस साल में 17 अरब डॉलर का निवेश इन कंपनियों में किया जो इस सेक्टर में काम कर रही हैं। यह निवेश पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा रहा है। पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि कम समय वाले ट्रेडर इसमें ट्रेड कर रहे हैं और इससे इसका वोल्यूम बढ़ रहा है।

वजीरएक्स बिटकॉइन ट्रेडर से जानकारी मांगी

बता दें कि हाल में मुंबई की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने हाल में वजरीएक्स से इसके प्लेटफॉर्म पर ड्रग डीलर के बारे में जानकारी मांगी है। हालांकि इस प्लेटफॉर्म ने इस तरह के मामले से इनकार किया है और कहा है कि यह मामला उसके प्लेटफॉर्म का नहीं है। NCB ने क्रिप्टो किंग मकरंद अदिविरकर को गिरफ्तार किया है। इस पर आरोप है कि इसने बिटकॉइन का उपयोग कर डार्क वेब पर LSD की खरीदी की थी।

बिटकॉइन में अभी भी तेजी की उम्मीद

हालांकि इस भारी गिरावट के बाद भी ऐसा माना जा रहा है कि अगस्त तक बिटकॉइन का भाव 47 हजार डॉलर पर चला जाएगा। स्टॉक-टू-फ्लो बिटकॉइन प्राइस फोरकास्टिंग मॉडल्स के निर्माता ने कहा है कि, यहां तक कि बिटकॉइन के लिए सबसे खराब स्थिति अगस्त में दिखेगी जब 47,000 डॉलर पर ट्रेड करेगी। सितंबर में मामला थोड़ा उल्टा होगा और यह महीने के लिए 43000 डॉलर ट्रेड कर न्यूनतम लक्ष्य हासिल करेगी और अक्टूबर में 63000 डॉलर पर पहुँचेगी जब यह आल टाइम हाई होगा। इसके बाद इसमें और तेजी आएगी और यह नवंबर में 98000 और साल के अंत तक 1.35 लाख डॉलर पर पहुंच जाएगी।

अमेरिका रेगुलेटर की वजह से गिरावट रही

पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी रेगुलेटर का मामला रहा है। रेगुलेटर ने बिटकॉइन ETF की मंजूरी में देरी कर दी है। इससे क्रिप्टो के निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ गया है। टॉप 10 डिजिटल करेंसी की कीमतों में गिरावट दिखी है। अमेरिकी रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि बिटकॉइन ETF की लिस्टिंग के लिए जनता से कमेंट मंगाया जाएगा और फिर फैसला होगा। हालांकि इससे पहले भी कई बार रेगुलेटर ने इसकी मंजूरी में देरी की है।

यूके में भी रेगुलेटर ने सख्ती की

अमेरिकी रेगुलेटर की तरह ही UK के भी रेगुलेटर फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी ने कहा कि ज्यादा लोग अब क्रिप्टो के मुख्य निवेश के रूप में एक असेट जैसा देख रहे हैं। जबकि यह एक गैंबल है क्योंकि बिटकॉइन और इस तरह की क्रिप्टो करेंसी लेने वालों की संख्या ब्रिटेन में इस साल बढ़कर 23 लाख हो गई है। रेगुलेटर ने अलग से निवेशकों को चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर यह अनरेगुलेटेड यानी रेगुलेट नहीं की जाने वाली क्रिप्टो असेट्स है। यह मई में अपनी कीमतों से अब तक 40-50% टूट चुकी है।

कुल मार्केट कैप 125 लाख करोड़ रुपए

आज के भाव पर देखें तो दुनिया की क्रिप्टो करेंसी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 125 लाख करोड़ रुपए है। इसमें बिटकॉइन का अकेले मार्केट कैप 50.57 लाख करोड़ रुपए है। यानी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप से 3.5 गुना ज्यादा है। रिलायंस का मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपए है। दूसरे नंबर पर इथेरियम है। इसका मार्केट कैप 23.46 लाख करोड़ रुपए है। कारडानो और बिनांस कॉइन का मार्केट कैप 4 लाख करोड रुपए से ज्यादा है।

भारत की बात करें तो यहां पर 12-14 क्रिप्टो के एक्सचेंज हैं जो कारोबार करते हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में रोजाना का टर्नओवर 1,000-1500 करोड़ रुपए का है। हालांकि यह शेयर बाजार में रोजाना के 2 लाख करोड़ रुपए के टर्नओवर की तुलना में 1% से भी कम है। देश में क्रिप्टो करेंसी में 1 से 1.20 करोड़ निवेशक हैं। हालांकि भारतीय बाजार में 7 करोड़ निवेशक हैं।

सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्सचेंज दिवालिया, करोड़ों रूपए डूबने का खतरा

सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्सचेंज दिवालिया, करोड़ों रूपए डूबने का खतरा

मुंबई। दुनिया का सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्सचेंज जापान का माउंट गॉक्स दिवालिया हो गया है। इंटरनेट हैकरों ने एक्सचेंज से 3,000 करोड़ रुपए मूल्य के बिटकॉइन गायब कर दिए हैं। इससे लाखों लोगों का पैसा डूबने का खतरा पैदा हो गया है।

इस घटना से भारत में भी घबराहट है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हरकत में आ गया है। ईडी मुख्यालय ने अपनी मुंबई शाखा से बिटकॉइन पर जल्द-से-जल्द पूरी रिपोर्ट तलब की है।

8.5 लाख बिटकॉइन गायब

इंटरनेट हैकरों ने एक्सचेंज से 8.5 लाख बिटकॉइन गायब किए हैं। इनका बाजार मूल्य करीब 3,000 करोड़ रूपए है। इस वजह से 1.25 लाख लोगों की रकम डूबने का खतरा पैदा हो गया है।

35,000 भारतीय चिंतित

35,000 भारतीय बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं। इस घटना की वजह से भारतीय निवेशकों के 100 करोड़ रुपए डूबने का खतरा है। हालांकि भारतीय ट्रेडरों ने इस भारी नुकसान के बाद भी टैक्स संबंधी जांच से बचने के लिए पहचान बताने से मना कर दिया है।

ज्यादातर ट्रेडर आसानी से पैसे कमाने और टैक्स बचाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे। कम कीमत पर पैसे एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए भी इस वर्चुअल करेंसी का प्रचलन दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा था।

ईडी की अहम बैठक

सूत्रों का कहना है कि ईडी मुख्यालय ने बिटकॉइन पर अहम बैठक बुलाई है। यह बैठक 10 मार्च को हो सकती है। इसमें देश भर के ईडी अधिकारी शामिल होंगे। बैठक से पहले ईडी बिटकॉइन एलायंस प्रमुख निशीत देसाई बिटकॉइन ट्रेडर से बातचीत कर सकता है। बिटकॉइन ट्रेडिंग को नियामक के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

गौरतलब है कि ईडी ने 2 महीने पहले बिटकॉइन पर रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंपी थी। रिपोर्ट में बिटकॉइन को गैरकानूनी बताया गया था। ईडी ने बिटकॉइन ट्रेडरों के ठिकानों पर छापे भी मारे थे।

रघुराम राजन का बिटकॉइन पर ध्रुवीकरण वाला रुख

बिटकॉइन पर रघुराम राजन - स्मार्ट मनी

यह बढ़ रहा है और लोग इस बेशुमार बढ़त के दौर में कुछ फायदा उठाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी की ओर भाग रहे हैं और इस बढ़त का इस बार कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। पिछले साल बिटकॉइन गिरकर 10,000 डॉलर पर आ गया और दिसम्बर 2020 में यह 40,000 डॉलर पर पहुँच गया। इस प्रक्रिया में कई खुदरा निवेशक भी इस ब्लॉकचेन दुनिया में अन्य ऑल्टकॉइन के साथ पैसे बनाने आ गये। हालांकि भारत के मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट की ठीक-ठीक भविष्यवाणी की थी, वह न बिटकॉइन से प्रभावित हैं और न ही बिटकॉइन में इस बढ़त को वृद्धि की रूपरेखा मानते हैं। सो इस शीर्ष अर्थशास्त्री की बिटकॉइन पर क्या राय है?

इससे पहले बिटकॉइन अर्थव्यवस्था और क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में इसकी भूमिका पर एक निगाह डालते हैं। बिटकॉइन या अन्य कोई भी अन्य क्रिप्टोकरेंसी मुख्य रूप से मूल्य के लेन-देन का डिजिटल माध्यम है। दरअसल यदि आपके पास एक बिटकॉइन है तो आपके पास कोई वस्तु नहीं है, या ऐसी चीज़ नहीं है जो वास्तविक दुनिया की किसी चीज़ का प्रतिनिधित्व करती हो। हालांकि, आप अपने बिटकॉइन को किसी और को बेच सकते हैं और इसके बदले में डॉलर या रुपये वसूल सकते हैं। यहीं पर बिटकॉइन के साथ परेशानी खड़ी होती है।

बिटकॉइन अभी आपको कितने डॉलर देगा, और साल भर बाद कितना इसमें काफी बिटकॉइन ट्रेडर फर्क हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अपेक्षाकृत स्थिर वास्तविक दुनिया की मुद्राओं के मुकाबले बिटकॉइन की कीमत बहुत उतार-चढ़ाव होता है। और इससे हमारा मतलब है, बेहद उतार-चढ़ाव। इतना अधिक कि कुछ लोग जिन्होंने 2009 में पांच सौ रुपये में दस बिटकॉइन खरीदे थे और 2017 तक या पिछले साल तक रखा हुआ था, वे अब तक करोड़पति हो गए होंगे। और ऐसे लोग हैं - सबसे उल्लेखनीय है विंकलवॉस ट्विन्स, जिन्हें इंटरनेट पर बिटकॉइन अरबपतियों के रूप में जाना जाता है। तो बिटकॉइन इतना महंगा क्यों हो गया, और रघुराम राजन इससे नाखुश क्यों हैं?

जब बिटकॉइन चलन में आये थे तो वे निश्चित संख्या में ही बनाए गए थे। हमेशा केवल कुछ मिलियन बिटकॉइन ही होंगे, और आखिरी बिटकॉइन 2140 के आसपास बनेगा। हाँ, बिटकॉइन का खनन होता है - सोने की तरह, और यही वजह है कि कुछ अर्थशास्त्रियों ने बिटकॉइन को सोने के बराबर रखा है। दरअसल, कुछ का मानना है कि बिटकॉइन 21 वीं सदी में सोने के बराबर है - फर्क सिर्फ इतना है कि आप इससे कहीं से भी जुड़ सकते हैं और जब चाहे इसकी कीमत भुना सकते हैं। बिटकॉइन खनन समय के साथ और अधिक महंगा होता जा रहा है - क्योंकि कुछ बिटकॉइन के खनन के लिए, आपको बेहद मुश्किल गणितीय समस्याओं को हल करना होगा, जिसमें भारी मात्रा में कंप्यूटिंग शक्ति की ज़रुरत होती है। बिटकॉइन खनन कम्प्यूटेशन और बिजली के लिहाज़ से इतना महंगा होता है, कि बिटकॉइन खनन से दुनिया भर में कार्बन फुटप्रिंट में काफी बढ़ोतरी होती है।

पिछले साल, सिटीबैंक के एक विश्लेषक ने भविष्यवाणी की थी कि 2021 में बिटकॉइन एक लाख डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, और क्रिप्टोकरेंसी में रूचि रखने वाले कई अन्य लोगों ने बहुत बड़ी संख्या का पूर्वानुमान लगाया है। लेकिन रघुराम राजन का मानना है कि बिटकॉइन में मौजूदा उछाल बुलबुले का सटीक उदाहरण है। उनके अनुसार, टेस्ला इंक, जो एस एंड पी 500 पर कारोबार करती है, की कीमत भी उसके वास्तविक मूल्य से बहुत अधिक है, जबकि टोयोटा और फोर्ड जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियाँ टेस्ला के मुकाबले अपने वास्तविक आर्थिक उत्पादन से बहुत नीचे कारोबार कर रही हैं। इसलिए यदि बिटकॉइन में तेज़ी बुलबुला है, तो इसका मूल्य कहां से आता है?

इस साल की शुरुआत में, ईलॉन मस्क की वाहन कंपनी टेस्ला ने घोषणा की कि उसके पास 1.5 बिलियन डॉलर मूल्य के बिटकॉइन हैं - जिसके बाद, बिटकॉइन ने अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया और 47,000 डॉलर पर कारोबार करने लगा। टेस्ला ने अपनी कारों के बदले में क्रिप्टोक्यूरेंसी भुगतान स्वीकार करने के इरादे से बिटकॉइन खरीदे - इसलिए यदि आपके पास बिटकॉइन हों आप आराम से उनसे टेस्ला कार खरीद सकते हैं। यहीं से चीजें दिलचस्प होने लगती हैं। रघुराम राजन के अनुसार, बिटकॉइन तकलीफदेह है क्योंकि इसके ज़रिये भुगतान स्वीकार करना किसी और के द्वारा अदा की जाने वाली वास्तविक धन राशि और दूसरी पार्टी द्वारा प्राप्त की गई राशि के बीच काफी असमानता बिटकॉइन ट्रेडर पैदा कर सकता है। कल्पना कीजिये, अगर आप भारतीय रुपए में मोटरसाइकिल खरीद रहे हैं, और अचानक डीलरशिप ने आपको बताता है कि अब आपके वाहन की कीमत कल बताई गई कीमत से दोगुनी होगी क्योंकि अब, रुपए की खरीद शक्ति कल के मुकाबले आधी रह गई है। अच्छा नहीं लगता।

तो बिटकॉइन की कीमत में बेतहाशा उतार-चढ़ाव बिटकॉइन ट्रेडर होता रहता है - अब क्या? और क्यों कुछ लोग अब भी इसके पीछे पागल हो रहे हैं? मूल रूप से, किसी को ऐसी मुद्रा में भुगतान करना जिसका वह उपयोग नहीं करता है, यह महंगा सौदा हो सकता है। आप इसे पेपाल के ज़रिये आसानी से कर सकते हैं, कंपनियां और देश हर साल सीमा पार भुगतान के लिए लेनदेन शुल्क के तौर पर अरबों डॉलर खर्च करते हैं। बिटकॉइन इन भुगतानों को सरल बनाने का पहला तरीका था। इतना आसान कि जैसे यूपीआई के ज़रिये 10 रुपये की चाय का भुगतान करना। यही कारण है कि कुछ विश्लेषकों को बिटकॉइन में मूल्य दीखता है।

वहीं अन्य विश्लेषक आम तौर पर ब्लॉकचैन के आइडिया पर दांव लगा रहे हैं। मूल रूप से, भुगतान मूल्य विनिमय का जरिया है, और इस मूल्य के विनिमय में स्थिरता बनाए रखने के लिए विश्वास की ज़रुरत होती है। कैसे? इसलिए जब आप अपने चायवाले को दस रुपये का भुगतान करते हैं, तो भारत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि उन दस रुपये का मूल्य कुछ होगा - दूसरे शब्दों में, यह दोनों पक्षों के बीच विश्वास के माध्यम का काम करता है। बिटकॉइन में, और ब्लॉकचैन में, विशवास की यह अवधारणा एक खुले बहीखाता से तैयार की जाती है - जहां लेनदेन उन हजारों लोगों द्वारा सत्यापित किए जाते हैं जो बिटकॉइन का उपयोग कर रहे हैं। नतीजतन, यह खुला स्रोत है, और ब्लॉकचेन के साथ विश्वास कायम करना आसान है।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि बिटकॉइन का वास्तविक मूल्य कहाँ स्थित है, मांग और आपूर्ति का अर्थशास्त्र लगातार इसके मूल्य को दहाई प्रतिशत में ऊपर और नीचे ले जाता है। रघुराम राजन को लगता है कि यह बिटकॉइन के लिए एक और बुलबुला है, और इसलिए इलॉन मस्क जैसे बिटकॉइन, ब्लॉकचेन और प्रोद्योगिकी के दीवानों के बारे में उनकी राय बिल्कुल उलट है। यह लेख जब लिखा जा रहा था तब बिटकॉइन में एक दिन में 57,000 डॉलर के उच्चतम स्तर छूने के बाद 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई। क्या आपको लगता है कि यह एक और बुलबुला जो फूटने की प्रतीक्षा में है?

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