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लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के दायरे में आता है. इस हालत में शेयरों की बिक्री करने वाले को इस कमाई पर उसे टैक्स देना पड़ता है. इसमें 10 फीसदी की लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान दर से इनकम टैक्‍स देना पड़ता है. इसका मतलब कि अगर आप एक साल के बाद शेयर बेचते हैं और उस पर इनकम होती है तो 10 फीसदी की दर से लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स देना होगा. अगर आपको लॉन्‍ग टर्म कैपिटल लॉस होता है तो आप नुकसान को अगले 8 साल कैरी फॉर्वर्ड कर सकते हैं.

इंट्रा-डे, लंबी अवधि का ट्रेड क्या है और इनके चार्जेज़ क्या होते हैं? आसान शब्दों में समझिए सारी बात

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स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में शेयरों की ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है. इनमें दो सबसे ज्यादा प्रचलित तरीके इंट्रा-डे ट्रेड और डिलीवरी ट्रेड के हैं. इनके अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं और ये अलग-अलग तरह के लोगों के लिए मुफीद होती हैं. आज हम आपको ट्रेडिंग के इन्ही दोनों तरीकों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

स्‍टॉक एक्‍सचेंज में एक ही दिन में शेयर की खरीद और बिक्री दोनों करने वाले सौदों को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश करना यानी शेयर को अपने पास रखना नहीं, बल्कि उसी दिन शेयर की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना यानी प्रॉफिट बुकिंग करना होता है.

शेयर मार्केट से हुई कमाई पर कैसे बनती है टैक्स की देनदारी, जानिए सभी जरूरी सवालों के जवाब

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taxation on Share Selling : सैलरी, किराये और बिजनेस से होने वाली आय पर इनकम टैक्स लगता है. लेकिन क्या शेयरों की खरीद-बिक्री और इस पर होने वाले मुनाफे पर भी टैक्स लगता है? जी हां, लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान शेयरों की खरीद-बिक्री और इससे होने वाले लाभ पर टैक्स लगता है. शेयरों की बिक्री से होने वाली आय या घाटा ‘कैपिटल गेन्स’ के तहत कवर होता है.

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान Long term Capital gains tax)

अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है. शेयरों की बिक्री करने लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान वाले को इस कमाई पर उसे टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था. इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की यूनिटों की बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी. लेकिन 2018 के बजट में शामिल किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.

सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)

स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने वाले शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT लगता है. जब भी शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है , इस पर यह टैक्स देना पड़ता है. शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. यह टैक्स शेयरों के बिक्री मूल्य पर देना पड़ता है. डिलीवरी बेस्ड शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स की बिक्री पर 0.001 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.

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ITR-2 किसे भरना है?

इनकम टैक्‍स रिटर्न-2 या ITR-2 फार्म उसे भरने की जरूरत पड़ती है, अगर इंडिविजिुअल का इन्‍वेस्‍टमेंट कैश सेगमेंट में के दायरे में आता है.

इनकम टैक्‍स रिटर्न - 3 या ITR-3 फार्म उस टैक्‍सपेयर्स को फाइल करना है, जिसका इन्‍वेस्‍टमेंट डेरिवेटिव सेगमेंट के दायरे में आता है. एग्रेसिव इंट्राडे ट्रेडर्स इस कैटेगरी में आते हैं.

LONG TERM INVESTING का PURPOSE

इस तरह Long Term Trading में ट्रेडर का मकसद होता है,

  1. टैक्स का लाभ लेना, (किसी एक स्टॉक में 1 साल से लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ज्यादा समय तक निवेश टैक्स फ्री हो जाता है)
  2. Dividend का लाभ लेना, (कुछ कंपनी अपने स्टॉक्स पर रेगुलर डिविडेंड देती है )
  3. कंपनी का ग्रोथ अगर तेजी से होता है, तो ऐसे में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर बहुत अच्छा लाभ मिल जाता है,

यहाँ पर एक गौर करने वाली बात है कि , स्टॉक मार्केट के King कहे जाने वाले चाहे वारेन वफे हो या राकेश झुनझुनवाला दोनों भी इसी तरह के लम्बे समय की ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में विस्वास रखते है,

Long term investing के फायदे,

अगर बात की जाये लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदों की तो,

  1. मार्केट में रोज के उतार चढाव से आप को घबराने की जरुरत नहीं होती,
  2. आपको टैक्स फ्री dividend और लाभ मिलता है,
  3. अगर आप का निवेश किसी ऐसी कमपनी है, जिसका फ्यूचर में मार्केट ग्रोथ बहुत अच्छा है, तो आपको अपने निवेश पर बहुत ही शानदार फायदा होता है,
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