डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है

सरकार गिरते रुपये को उठाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि करती है. क्योंकि रुपये की गिरावट को रोकने का वही एक तरीका होता है. इससे लोन लेना महंगा हो सकता है.
रुपया एक बार फिर डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है लुढ़का, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.22 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आया
यूएस का सितंबर का नॉन-फार्म पेरोल डेटा शुक्रवार को रिलीज होना है. इकोनॉमिस्ट सितंबर महीने में 2,50,000 नई नौकरियों का अनुमान लगा रहे हैं जबकि अगस्त में यह डेटा 3,15,000 का था.
डॉलर इंडेक्स नई ऊंचाई पर
इकोनॉमी में अनिश्चितता के बीच डॉलर में मजबूती बनी हुई है. लगातार दो दिन की तेजी के बाद डॉलर इंडेक्स 112 के स्तर पर पहुंच गया.
ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स में थोड़ा उछाल देखने को मिला है और 95 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है. ओपेक+ द्वारा ग्लोबल सप्लाई को कम करने के लिए सहमत होने के बाद तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला है.
अमेरिकी नोबेल पुरस्कार विजेता ने बताया ऐसा फॉर्मूला कि रुपया निकाल देगा डॉलर की हवा
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 27, 2022 19:42 IST
Photo:INDIA TV अमेरिकी नोबेल पुरस्कार विजेता ने बताया ऐसा फॉर्मूला
Rupees vs Dollar: भारतीय करेंसी लगातार गिरती जा रही है। रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत होता जा रहा है। रुपये को स्थिर बनाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) के तरफ से कई जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं। कई एक्सपर्ट इसको लेकर अपनी राय भी दे रहे हैं। इसी बीच आर्थिक विज्ञान में इस साल के नोबेल पुरस्कार के विजेता डगलस डब्ल्यू डायमंड ने कहा है कि विनिमय दर का अनुमान लगाना कठिन है हालांकि जब अमेरिका में दरों में वृद्धि की गति कम होगी तब रुपये में भी स्थिरता आएगी।
और इतने समय तक करना होगा इंतजार
अमेरिकी अर्थशास्त्री ने बताया कि जब अमेरिका विनिमय दरों को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाता है तब डॉलर मजबूत होता है तथा जब अमेरिका और भारत में ब्याज दर लगभग एक समान स्तर पर आ जाएंगी, तो चीजें सामान्य होने लगेंगी। तब तक रुपये की वैल्यू में बदलाव होता रहेगा।
शिकॉगो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर डगलस डब्ल्यू डायमंड को अमेरिका के डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के पूर्व चेयरमैन बेन बेर्नान्के और अमेरिका के अर्थशास्त्री फिलिप एच डिबविग के साथ नोबेल पुरस्कार मिला है। उनके अध्ययन का विषय था,‘‘बैंकों को बर्बाद होने से बचाना क्यों आवश्यक है?’’
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में निरंतर गिरावट आने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में डायमंड ने कहा, ‘‘विनिमय दरों का अनुमान लगाना कठिन है। जब अमेरिका दरों में अप्रत्याशित तरीके से वृद्धि करता है, तो डॉलर में मजबूती आती है। जब अमेरिका में दरों में कमी आएगी, तब रुपये में स्थिरता आएगी।’’ शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे चढ़कर 81.54 प्रति डॉलर पर था।
डॉलर के मुकाबले रुपये में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट, रुपया गिरने का मतलब क्या है, आम आदमी को इससे कितना नफा-नुकसान
भारतीय मुद्रा
अपूर्वा राय
- नई दिल्ली,
- 30 जून 2022,
- (Updated 30 जून 2022, 3:06 PM IST)
एक अमेरिकी डॉलर 79.04 रुपये का हो गया है,
भारतीय रुपये (Indian Rupee) में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है. अमेरिकी डॉलर (Dollar) की तुलना में रुपया अपने रिकॉड निचले स्तर पर है. मतलब एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 79.04 रुपये पहुंच गया है. यह स्तर अब तक का सर्वाधिक निचला स्तर है. देश की आजादी के बाद से ही रुपये की वैल्यू लगातार कमजोर ही हो रही है. भले ही रुपये में आने वाली ये गिरावट आपको समझ में न आती हो या आप इसे गंभीरता से ना लेते हों, लेकिन हमारे डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है और आपके जीवन पर इनका बड़ा असर पड़ता है.
आपके और हमारे लिए रुपया गिरने का क्या अर्थ है? रुपये की गिरती कीमत हम पर किस तरह से असर डालती है. आइए जानते हैं.
क्या होता है एक्सचेंज रेट
दो करेंसी के बीच में जो कनवर्जन रेट होता है उसे एक्सचेंज रेट या विनिमय दर कहते हैं. यानी एक देश की करेंसी की दूसरे देश की करेंसी की तुलना में वैल्यू ही विनिमय दर कहलाती है. एक्सचेंज रेट तीन तरह के होते हैं. फिक्स एक्सचेंज रेट में सरकार तय करती डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है है कि करेंसी का कनवर्जन रेट क्या होगा. मार्केट में सप्लाई और डिमांड के आधार पर करेंसी की विनिमय दर बदलती रहती है. अधिकांश एक्सचेंज रेट फ्री-फ्लोटिंग होती हैं. ज्यादातर देशों में पहले फिक्स एक्सचेंज रेट था.
Rupee at Record Low: रिकॉर्ड निचले स्तर पर लुढ़का रुपया, एक डॉलर की कीमत डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है बढ़कर हुई 82.64 रुपये
Rupee at Record Low: आज रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर लुढ़क गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 32 पैसे कमजोर खुला। रुपया 82.32 के मुकाबले 82.64 प्रति डॉलर पर खुला। रुपया ने रिकॉर्ड 82.डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है 68 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छुआ।
नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले में रुपये (Rupee vs Dollar) में गिरावट का दौर बदस्तूर जारी है। रुपया लगातार गिरावट का अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड बना रहा है। आज एकबार फिर रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया एकबार फिर अबतक के अपने सबसे निचले स्तर (Rupee at Record Low) पर पहुंचा गया है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों बढ़ोतरी का नाकारात्मक असर
आर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक रुपये पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने का नाकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। इन बाजारों से डॉलर की खरीद बढ़ने के चलते देश की करेंसी रुपया लाल निशान में फिसलता जा रहा है। इनके साथ ही अन्य एशियाई करेंसी की गिरावट से एशियाई बाजारों का रुझान पता चल रहा है जो इनके साथ भारतीय करेंसी रुपये के लिए भी गिरावट का डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है कारण बन रही है।
रुपये के कमजोर होने से देश में आयात महंगा हो जाएगा। इससे कारण विदेशों से आने वाली वस्तुओं जैसे- कच्चा तेल, मोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स आदि महंगे हो जाएंगे। अगर रुपया कमजोर होता हैं तो विदेशों में पढ़ना, इलाज कराना और घूमना भी महंगा हो जाएगा।
डॉलर की मांग और डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है आपूर्ति से तय होती है रुपये की कीमत
गौरतलब है कि रुपये की कीमत इसकी डॉलर के तुलना में मांग और आपूर्ति से तय होती है। इसके साथ ही देश के आयात और निर्यात पर भी इसका असर पड़ता है। हर देश अपने विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है। इससे वह देश के आयात होने वाले सामानों का भुगतान करता है। हर हफ्ते रिजर्व बैंक इससे जुड़े आंकड़े जारी करता है। विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति क्या है, और उस दौरान देश में डॉलर की मांग क्या है, इससे भी रुपये की मजबूती या कमजोरी तय होती है।
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शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे चढ़कर 81.08 पर
मुंबई। विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 18 पैसे चढ़कर 81.08 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी और विदेशी पूंजी की निकासी से स्थानीय मुद्रा प्रभावित हुई और उसमें बढ़त सीमित रही.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 81.11 पर खुला, फिर और बढ़त के साथ 81.08 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 18 पैसे की बढ़त दर्शाता है. बृहस्पतिवार को रुपया डॉलर के मुकाबले चार पैसे चढ़कर 81.26 पर बंद हुआ था. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 104.71 पर आ गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.22 फीसदी की बढ़त के साथ 87.07 डॉलर प्रति बैरल पर था.