प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट

इस प्रकार, ॲक्मे इन्फिनिटी के इन्फिनिटी इआरपी के जरिए, ज्वेलरी व्यवसाय के जटिल लेनदेन की प्रॉफिटॅबिलिटी, फायदा या नुकसान, बडी आसानी से समझ में आता है। जिसमें अकाउंटिंग, इन्वेंट्री और ब्रंचेस पर भी अच्छा सोच विचार किया गया है।
Growth mantras
ज्वेलरी व्यवसाय में होनेवाले छोटे छोटे जटिल लेनदेन के कारण, इस धंदे में होने वाला मुनाफा निर्धारित करना मुश्किल तो है! लेकिन कुछ रिपोर्ट्स या स्टेटमेंट्स की ओर ध्यान दें और उनके अनुसार अभ्यासपूर्वक व्यावहारिक रूप से उसे अमल में लाएँ तो व्यवसाय की लाभप्रदता केवल समझ में नहीं आती बल्कि वह बढने में, निश्चित रूप से मदद भी मिलती है, इसलिये आपको लगातार अलग-अलग रिपोर्ट की जांच करनी चाहिए।
- समय समय पर ट्रेडिंग अकॉउंटसे ग्रॉस प्रॉफिटकी जाँच करते रहना।
- ज्वेलरी व्यवसाय की जटिलता के कारण, बनाने में पेचीदा ट्रेडिंग अकाउंट
व्यवस्थित रूप से; ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाएँ। - ग्रॉस प्रॉफिट के प्रतिशत के अनुसार अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट्स बनाएँ।
- उपरोक्त छोटे कदम उठाने से ज्वेलरी व्यवसाय की की लाभप्रदता अधिक बेहतर और आसान तरीके से समझ में आती है।
- ज्वेलरी में इन्व्हेंटरी बहुत महंगी होने की वजह से कॅश फ्लो पर भी ध्यान रखना।
- हर एक बिल में होने वाला ग्रॉस प्रॉफिट ध्यान में आने की व्यवस्था करना।
- गहना आने के बाद, वह बेचा जाने तक सभी काम एक सुसूत्र श्रृंखला से जोडे
रखें। - इन्वेंट्री में किन वस्तुओं में कितनी लाभप्रदता है यह ढूँढ लें, जैसे की ऑर्नामेंट कितने रुपये में आया, कितने रुपये में बेचा गया आदि।
- प्रॉफिटॅबिलीटी का हिसाब लगाते प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट समय इन्वेंट्री कॅरिंग डेज भी ध्यान में लेना।
- मायक्रो लेव्हल पर किसी भी इन्वेंट्री की इन्व्हेंटरी कॅरिंग कॉस्ट याने संबंधित गहना दुकान में कितने दिनों तक था इसकी भी जाँच करें।
- व्यवसाय में इन्वेंट्री कितनी बार रोटेट होती है या ज्वेलरी का इन्वेंट्री टर्न ओव्हर रेशो क्या है इस पर भी ध्यान रखें। इस वजह से कितना इन्वेंट्री लॉस या ऑपॉर्च्युनिटी लॉस हुआ यह भी पता चलता है।
कुल मिलाकर, ज्वेलरी व्यवसाय के प्रॉफिटॅबिलिटी की जाँच करनी हो, तो जटिल व्यवहारों के सटीक रिकॉर्ड रखना, पारंपरिक बुक्स ऑफ अकाउंट्स में से ग्रॉस प्रॉफिट देखना, प्रॉफिटॅबिलिटी के लिए ॲडव्हान्स अकाउंटिंग में कॅश फ्लो, जैसे स्टेटमेंट्स पर ध्यान रखना, इसके अलावा इन्वेंट्री कॅरिंग कॉस्ट के साथ हर एक ऑर्नामेंटमें कितना ग्रॉस प्रॉफिट हुआ और इन्वेंट्री के कितने टर्न होते हैं, ऐसे रिपोर्ट्स भी देखना अनिवार्य है।
यह सब ठीक से संभालने के लिए, ॲक्मे इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में ज्वेलरी व्यवसाय के छोटे छोटे तथा जटिल लेनदेन का ब्यौरेवार रिकॉर्ड रखने की सुविधा दी गयी है, जिसका वह सही सही अकाउंटिंग भी करता है, और सबसे महत्वपूर्ण बात , इन सभी रिकॉर्डस की पोस्टिंग या रूपांतरण; प्रॉफिटॅबिलिटी आसानी से समझ में आए ऐसे रिपोर्टस करता है, जो इस प्रकार है।
- समय समय पर ट्रेडिंग अकॉउंटसे ग्रॉस प्रॉफिट की जाँच करने के लिए।
- ज्वेलरी व्यवसाय का पेचीदा ट्रेडिंग अकाउंट, ॲक्मे इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर
- बडी आसानी से, व्यवस्थित रूप से और ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाता है।
- कारीगर या मॅन्युफॅक्चरिंग प्रोसेस के संदर्भ में, इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर के ट्रेडिंग अकाउंट में, २४ कॅरेट इश्यू गोल्ड, गोल्डस्मिथ इश्यू रिसिट, वर्क इन प्रोग्रेस, इसके अलावा कारीगर के पास या सब काँट्रॅक्टर के पास दिया हुआ अन्य मटेरियल ऐसी सभी चीजें कवर की गई हैं।
- ट्रेडिंग अकाउंट में मॅन्युफॅक्चरिंग प्रोसेस में होने वाला फायदा-नुकसान और घाटा – वेस्टेज का हिसाब का भी ध्यान रखा जाता है ।
- ट्रेडिंग अकाउंट में, रूपांतरण (conversion) के रिकॉर्ड भी ठीक से परिलक्षित होते हैं।
- जैसे ओल्ड गोल्ड में से कुछ वस्तुएँ न्यू गोल्ड में लेना या न्यू गोल्ड में से कुछ वस्तुएँ प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट ओल्ड गोल्ड में रूपांतरित करना आदि।
- ट्रेडिंग अकाउंट केवल अमाऊंट में ही नही बल्कि वेट में भी उपलब्ध है। वैल्यूएशन (मूल्यांकन) के लिए ट्रेडिंग अकाउंट के दो तरीके उपलब्ध हैं। १) वेटेड ॲव्हरेज मेथड
और २) करंट रेट से वैल्यूएशन (मूल्यांकन) - कंपनी के ट्रेडिंग अकाउंट के साथ, हर शाखा के अनुसार भी अलग अलग लेकिन परिपूर्ण ट्रेडिंग अकाउंट तैयार होते हैं। यह सुविधा शाखा के अकाउंटिंग की दृष्टि से उपयुक्त होती है।
- ट्रेडिंग अकाउंट में बुक्स ऑफ अकाउंट का स्टॉक और दुकान में मौजूद प्रत्यक्ष स्टॉक, इनका रिकॅन्सिलिएशन स्टेटमेंट भी इन्फिनिटी में उपलब्ध है। जो ज्वेलरी व्यवसाय की दृष्टि से अनभिज्ञ किसी भी व्यक्ति के लिए समझना आसान है। जैसे.. बँक अधिकारी आदि।
- नेट प्रॉफिट जानने के लिए इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में प्रॉफिट अँड लॉस स्टेटमेंट भी उपलब्ध कराया गया है।
- ट्रेडिंग अकाउंट और प्रॉफिट अँड लॉस, ये दोनो स्टेटमेंटस, सॉफ्टवेअर में हमेशा अपडेट स्वरूप में उपलब्ध होते हैं
कुल मिलाकर, ॲक्मे इनफिनिटी में सबसे व्यापक और सर्वसमावेशक ट्रेडिंग अकाउंट उपलब्ध है, जो ज्वेलरी व्यवसाय की प्रॉफिटॅबिलिटी सटीकता से सामने लाता है।
- प्रॉफिटॅबिलिटी के लिए कॅश फ्लो पर ध्यान रखने के लिए
- स्वतंत्र कॅश फ़्लो स्टेटमेंट इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में उपलब्ध है।
- इस में रोकड का ऑपरेशनल (परिचालन) उपयोग, निवेश के लिए किया गया उपयोग, आर्थिक लेनदेन के लिए किया गया उपयोग, अलग अलग तरीकों से दर्शाया जाता है।
- इसी कारण ऍडव्हान्स अकाउंटिंग के युजर को बिजनेस की प्रॉफिटॅबिलिटी, ग्रॉस प्रॉफिट
और नेट प्रॉफिट के आगे जाकर कॅश फ्लो के जरिये देखना संभव होता है।
- हर एक बिल में होनेवाला ग्रॉस प्रॉफिट समझने के लिए
- गहना खरीदते समय या गोल्डस्मिथ रसीट करते समय, लेबर चार्जेस, मेकिंग चार्जेस और अन्य पर्चेस कॉस्ट व्यवस्थित भरने की सुविधा इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में दी गई है। इससे बारकोडिंग करते समय सभी पर्चेस कॉस्ट ऑटो कॅरी फॉरवोर्ड होकर सिक्युअर्ड पद्धति से स्टोअर्ड रहती है। इस प्रकार कोई भी गहना बेचने के बाद, उस गहने की पर्चेस कॉस्ट क्या थी, उसमें कितना ग्रॉस प्रॉफिट हुआ यह एक साधारण रिपोर्ट के जरिए समझ में आता है।
- गहनों के संदर्भ में, ग्रॉस प्रॉफिट का रिपोर्ट, आयटम कॅटेगरी के अनुसार भी मिलता है।
- प्रॉफिटॅबिलीटी का हिसाब लगाते समय इन्वेंट्री कॅरिंग डेज का कन्सिडरेशन होने के लिए
- गहनोंके ग्रॉस प्रॉफिट के रिपोर्ट्स में, इन्वेंट्री कॅरिंग डेज के दौरान, इन्वेंट्री पर लगनेवाले इंटरेस्ट का भी हिसाब किया जाता है, जिससे, हर एक ऑर्नामेंट का ग्रॉस प्रॉफिट बिल्कुल अचूक समझ में आता है।
- गहनों के मुव्हमेंट का प्रॉफिटॅबिलीटी पर होनेवाला असर देखने के लिए क्लोजिंग स्टॉक व्हर्सेस सेल्स रिपोर्ट, आयटम कॅटेगरी या दिन के हिसाब से भी इन्फीनिटी सॉफ्टवेअर में उपलब्ध है। जिसके जरिए इन्वेंट्री कितनी बार रोटेट हुई या इन्वेंट्री टर्न ओव्हर रेशो, आसानी से सामने आता है।
- ये सारी ब्यौरेवार चीजें, इन्वेंट्री के अच्छे तथा योग्य व्यवस्थापन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होती हैं।
इस प्रकार, ॲक्मे इन्फिनिटी के इन्फिनिटी इआरपी के जरिए, ज्वेलरी व्यवसाय के जटिल लेनदेन की प्रॉफिटॅबिलिटी, फायदा या नुकसान, बडी आसानी से समझ में आता है। जिसमें अकाउंटिंग, इन्वेंट्री और ब्रंचेस पर भी अच्छा सोच विचार किया गया है।
किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए एनुअल रिपोर्ट कैसे पढ़े
हर कंपनी साल में एक बार वार्षिक रिपोर्ट छापती है और उसे अपने शेयरधारकों और दूसरे लोगों को भेजती है । वार्षिक रिपोर्ट एक वित्तीय वर्ष के अंत में छापी जाती है और उसमें दिया गया हर डेटा 31 मार्च के दिन तक का होता है । वार्षिक रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट पर इन्वेस्टर सेक्शन में एक पीडीएफ डॉक्यूमेंट ( PDF Document ) के तौर पर मौजूद होती है और उसे डाउनलोड किया जा सकता है ।
वार्षिक रिपोर्ट की किताब पाने के लिए आप कंपनी से संपर्क कर सकते हैं । चूँकि वार्षिक रिपोर्ट में दी गई है जानकारी कंपनी की तरफ से दी गई होती है इसलिए इसे आधिकारिक जानकारी माना जा सकता है और इसलिए अगर उसमें कोई गलती पाई जाए तो उसके लिए कंपनी को जिम्मेदार माना जाता है ।
वार्षिक रिपोर्ट में क्या देखना चाहिए ?
वार्षिक रिपोर्ट के अलग - अलग हिस्सों में ऐसी बहुत सारी जानकारी होती है जिससे कंपनी के बारे में पता चलता है । इसको बहुत ही ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि कई बार कंपनी ऐसी जानकारी देती है जो मार्केटिंग के लिए रखी जाती है जबकि आपको तथ्यों पर नजर रखनी चाहिए ।
याद रखें कि इस पोस्ट का मुख्य उद्देश्य आपको ये बताना है कि वार्षिक रिपोर्ट को कैसे पढ़ा जाता है । इसलिए यहां पर वार्षिक रिपोर्ट के हर पन्ने को पढ़ना जरूरी नहीं है और ना ही यह सही तरीका होगा , लेकिन हम आपको यहां यह बताने की कोशिश जरूर करेंगे कि इस रिपोर्ट को कैसे पढ़े ? कौन सी जानकारी का उपयोग करें और कौन सी जानकारी को छोड़ दें ?
किसी भी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में इन बिंदुओं को ध्यान से पढ़ना चाहिए
1 - वित्तीय आंकड़ों का सारांश
2 - मैनेजमेंट का वक्तव्य
3 - मैनेजमेंट की चर्चा और समीक्षा
4 - 10 साल की वित्तीय हाईलाइट
5 - कंपनी के बारे में जानकारी
6 - डायरेक्टर की रिपोर्ट
7 - कॉरपोरेट गवर्नेस पर रिपोर्ट
यहां पर आप ध्यान रखें कि कोई भी दो रिपोर्ट एक तरीके की नहीं होती । हर रिपोर्ट में कंपनी की जरूरतों के हिसाब से थोड़ा फेरबदल किया जाता है और कभी - कभी इंडस्ट्री के हिसाब से भी । लेकिन वार्षिक रिपोर्ट में कुछ हिस्से आमतौर पर एक जैसे होते हैं ।
वित्तीय हाईलाइट वार्षिक रिपोर्ट में सबसे पहला हिस्सा है- वित्तीय हाईलाइट का वित्तीय हाईलाइट में कंपनी अपने पिछले साल के कामकाज का संक्षिप्त लेखा - जोखा देती है । यह हिस्सा आमतौर पर ग्राफ़ या टेबल के जरिए दिखाया जाता है । इस हिस्से में कंपनी के कामकाज के पिछले कई सालों की तुलना भी होती है ।
वार्षिक रिपोर्ट का अंतिम हिस्सा कंपनी के वित्तीय स्टेटमेंट होता है । आप शायद समझते ही होंगे कि वित्तीय स्टेटमेंट ही वार्षिक रिपोर्ट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है । वित्तीय स्टेटमेंट के तीन भाग होते हैं ।
1 - प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट ( The profit and loss statement )
2 - बैलेंस शीट ( The Balance Sheet )
3 - कैश फ्लो स्टेटमेंट ( The Cash flow statement )
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क्या पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने के लिए loan मिलता है?
पोल्ट्री व्यवसाय में शुरुआती निवेश बहुत ज्यादा होता है इसलिए हर कोई इस बिजनेस को चालू करणे के लिए बैंक से आर्थिक मदद (POULTRY LOAN) लेना चाहता है लेकिन कई बार बैंक इस बिजनेस के लिए लोन देने से मना कर देते हैं, ऐसा क्यु ?आइए जानते प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट हैं विस्तार से.
शुरुआती दिनों में जब मुर्गी पालन व्यावसायिक रूप से उन्नत नहीं था, इस व्यवसाय के लिए बड़ी संख्या में Loan दिये गए थे। इस पर भारी सब्सिडी भी दी गई।
तो उस समय कई लोगों ने कर्ज और सब्सिडी ली और कुछ ही दिनों में कारोबार बंद कर दिया।
नतीजतन, कुछ बैंकों ने मुर्गी पालन के लिए Loan देना बंद कर दिया था. लेकिन अब ऐसा नहीं है। हर एक बैंक मुर्गी पालन के लिए Loan देने को तैयार है।
बैंकों के मौजूदा हालात को देखते हुए Loan देने से पहले बैंक हर पहलू से सोचते हैं। प्रारंभ में आपके सिबिल स्कोर की जांच की जाती है और यदि यह स्कोर सही है तो ही बैंक आपको सूचित करेगा कि आप Loan के लिए पात्र हैं।
अब लोन लेने के लिए आपको सबसे पहले आवश्यक दस्तावेजों की एक फाइल बनानी होगी जिसमें
यह दस्तावेज़ होने चाहिए.
आपको इसे सीए से प्राप्त करना होगा।ताकि इसमें वो सभी चीजें शामिल हों जो बैंक चाहता है। जैसे प्रॉफिट लॉस स्टेटमेंट, डेप्रिसिएशन स्टेटमेंट, रिफंड स्टेटमेंट आदि।
जिसे हम नाहरकत प्रमाणपत्र भी कहते है. इसे आप ग्राम पंचायत में प्राप्त कर सकते हैं जहाँ आप मुर्गी पालन शुरू करना चाहते हैं।
अगर आपके खेत में बिजली का कनेक्शन है तो बिजली देने वाली कंपनी से आपको लाइट बिल मिलेगा।
यदि खेत में पानी के लिए कुआं या बोरवेल है तो वह आपके सतबारा में दर्ज होता है. अगर नही है तो आपको तलाठी को बताकर नोंद कर लेनी है।
ज़मीन का सातबारा तलाठी या ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है .
दस्तावेज़ जो आपके बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
- Voter ID Card
- Passport
- Driving License
- NREGA Job Card & Others
- Letter issued by National Population Register containing details of name, address
- UID (Aadhaar)
- पोल्ट्री का ट्रेनिंग सर्टिफिकेट
प्रमाणपत्र जो आपको पोल्ट्री व्यवसाय के बारे में जानकारी देता है। यह प्रमाण पत्र किसी सरकारी संस्था या किसी संस्था से मुर्गी पालन का कोर्स पूरा करने के बाद प्राप्त किया जाता है। और यह दर्शाता है कि आपके पास पर्याप्त ज्ञान है कि आप इस व्यवसाय को जारी रख सकते हैं।
शुरुआत में आपको ऐसे दस्तावेजों की फाइल लेकर बैंक जाना होता है और अगर फाइल का पूरा अध्ययन किया जाता है और सब कुछ ठीक है तो बैंक आपको बताएगा कि आगे की प्रक्रिया क्या है।
नोट: लोन अमाऊंट आपके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति के मूल्य पर निर्भर करती है। लगभग सभी बैंक इस मूल्यांकन का 75% – 80% लोन अमाऊंट के रूप में दे सकते हैं।
क्या पोल्ट्री मे कोई सब्सिडी मिलती है ? कितनी मिलती है ? और उसके लिए क्या करना चाहिए ? इसके बारे में सारी जानकारी हम अगले ब्लॉग में देखेंगे.
इस प्रकार की मुर्गी पालन से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए बेझिझक हमारी साइट पर जाएँ और सभी ब्लॉग पढ़ें साथ ही 5 Points For Profitable Poultry इस ब्लॉग को जरूर पढे.।
अगर आप पोल्ट्री एंड ब्रायलर फार्मिंग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको डॉक्टर J.S.चौहान की लिखी हुई बुक कमर्शियल पोल्ट्री एंड ब्रायलर फार्मिंग को पढ़ना चाहिए. जिसमें उन्होंने हर एक टॉपिक को अच्छी तरह से कवर किया है यह किताब पढ़ने के बाद आपको पोल्ट्री फार्मिंग एक्चुअल में कैसे काम करता है, इसके बारे में नॉलेज आ जाएगा ।
नवरात्रि वेल्थ स्पेशल: महागौरी प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट के रूप में छिपा है शेयर बाजार में "बिग बुल" बनने का फॉर्मूला
अच्छी कंपनी में पैसा लगाएंगे तो बाजार का बुल (Bull) आपके हक में दौड़ता रहेगा.
देवी पार्वती के महागौरी स्वरूप का वर्ण श्वेत है. सफेद रंग (महागौरी का वर्ण, वस्त्र और बैल के रंग) से मतलब फंडामेंटली मजबूत कंपनी से है, जिसकी बैलेंस शीट में कोई गड़बड़ी या नकारात्मकता न हो. अच्छी कंपनी में पैसा लगाएंगे तो बाजार का बुल (Bull) आपके हक में दौड़ता रहेगा.
- News18Hindi
- Last Updated :प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट October 03, 2022, 12:44 IST
हाइलाइट्स
किसी भी कंपनी में पैसा लगाने से पहले आपको कंपनी को अच्छे से समझना चाहिए.
कंपनी को समझने के बाद आपको इसकी वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए.
कर्ज का मूल्यांकन करना सबसे जरूरी है. यह कंपनी के प्रदर्शन को गिरा सकता है.
नई दिल्ली. आज दुर्गा अष्टमी के दिन आदिशक्ति के महागौरी स्वरूप को पूजा जाता है. देवी की कृपा अथवा अपार धन-संपदा और मन की शांति के लिए बहुत से लोग नवरातों के प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट 9 दिनों में मां की आराधना करते हैं. कहा जाता है कि देवी की कृपा पाना आसान नहीं है, लेकिन यदि आप नव-दुर्गा के स्वरूपों से फाइनेंशियल प्लानिंग के सभी पाठ सीख लें तो यह मुश्किल भी नहीं है.
न्यूज़18 की नवरात्रि वेल्थ स्पेशल सीरीज आज 8वें दिन में आ चुकी है. आज शक्ति के मां महागौरी स्वरूप के माध्यम से हम आपके साथ शेयर बाजार में निवेश के ऐसे सबक शेयर करने जा रहे हैं, जो आपको समृद्धि की तरफ ले जाएंगे. बता दें कि इससे पहले के 7 दिनों पर निवेश के अलग-अलग तरीके और टिप्स शेयर किए जा चुके हैं. यदि आपने उन्हें नहीं पढ़ा है तो इस नवरात्रि आपने बहुत कुछ मिस किया है. आप चाहें तो उन्हें प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट पढ़ सकते हैं. सभी सातों आर्टिकल्स के लिंक इस लेख के अंत में दिए गए हैं.
मां महागौरी के स्वरूप के बारे में अहम जानकारी
जब देवी पार्वती की आयु कम थी, उनके तब के स्वरूप को महागौरी कहा गया है. महागौरी इसलिए, क्योंकि उनका वर्ण श्वेत है. वे समस्त वस्त्र भी सफेद रंग के ही धारण करती हैं. वाहन वृषभ अर्थात बैल है, जिसका रंग भी पूरी तरह सफेद है.
नव-दुर्गा की विभिन्न कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने शैलपुत्री के प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट रूप में भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था. हजारों वर्षों के कठिन तप के बाद उनकी कामना पूरी हुई थी. नवरात्रों का पहला दिन मां शैलपुत्री का है. हमने अपनी इस वेल्थ स्पेशल सीरीज में पहले ही दिन उनके इसी स्वरूप के माध्यम से निवेश का जरूरी पाठ (Lesson) शेयर किया था, जो व्यक्ति को निवेश करने और उसमें बने रहने को प्रेरित करता है.
क्या सिखाता है महागौरी स्वरूप?
दुनिया जानती है कि बेहतर रिटर्न के लिए निवेश की सबसे अच्छी जगह शेयर बाजार है. वारेन बफे का नाम दुनिया से सबसे बड़े अरबपतियों में शुमार है. वे शेयर बाजार से ही अरबपति बने हैं. भारत में बिग बुल राकेश झुनझुनवाला (जो अब इस दुनिया में नहीं है) भी शेयर बाजार में निवेश करके अमीर बने. इसी तरह और भी बहुत-से निवेशकों ने शेयर बाजार के माध्यम से करोड़ों-अरबों की संपति बनाई है. तो इसमें कोई शक नहीं कि स्टॉक मार्केट में अथाह धन है, लेकिन उसे पाने का तरीका आना चाहिए. मां महागौरी का स्वरूप स्पष्ट रूप से हमें वह तरीका बताता है.
निवेश करने से पहले याद रखें “सफेद रंग”
पिछले 7 दिनों में निवेश से संबंधित लभगभ सभी जरूरी चीजें कवर की जा चुकी हैं. आज हम बात कर रहे हैं सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाने के बारे में. यहां सफेद रंग (महागौरी का वर्ण, वस्त्र और बैल के रंग) से मतलब फंडामेंटली मजबूत कंपनी से है, जिसकी बैलेंस शीट में कोई गड़बड़ी या नकारात्मकता न हो. इसे पहचानने के लिए आपको निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए. बैल यह संकेत देता है कि आप अच्छी बैलेंस शीट वाली कंपनी में पैसा लगाएंगे तो बाजार का बुल (Bull) आपको लगातार फायदा देता रहेगा.
जब कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस की बात आती है तो इसमें कंपनी के रेवन्यू, अर्निंग, भविष्य में ग्रोथ, रिटर्न ऑन इक्विटी, और प्रोफिट मार्जिन्स जैसी टर्म्स को शामिल किया जाता है. इन सबके विश्लेषण से आप बड़ी आसानी से ऐसी कंपनी खोज सकते हैं, जो आपको आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाएगी. राकेश झुनझुनवाला हमेशा फंडामेंटल्स के आधार पर कंपनियों को परखते थे और पैसा बनाते थे. वे टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन के बहुत बड़े फैन थे, क्योंकि वार्षिक आधार पर टाइटन का रेवेन्यू बढ़ रहा था और भविष्य में ग्रोथ करने की अपार संभावनाएं थीं.
1. कंपनी को समझें: जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं, उसके बारे में आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है. यह आपको अंदर की जानकारी देगा कि कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है, क्या कंपनी अपने भविष्य के लक्ष्य के लिए सही निर्णय ले रही है, और क्या आपको स्टॉक रखना चाहिए या नहीं. कंपनी, उसके मैनेजमेंट, उसके प्रमोटरों और उसके उत्पादों के बारे में जानकारी पाने का एक अच्छा तरीका है कि आप कंपनी पर बेवसाइट खंगालें.
2. कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट देखें: कंपनी को समझने के बाद आपको इसकी वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए. इसमें बैलेंस शीट, प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, ऑपरेटिंग कॉस्ट, रेवेन्यू, और खर्च इत्यादी शामिल होते हैं. आप इसकी कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR), और सेल्स के आधा पर मूल्यांकन कर सकते हैं कि क्या पिछले 5 वर्षों से शुद्ध लाभ बढ़ रहा है या नहीं. यदि कंपनी 5 साल से लगातार अच्छा कर रही है तो इसे एक अच्छा संकेत माना जाता है. आप कह सकते हैं कि कंपनी का भविष्य उजला (सफेद वर्ण) है.
3. कर्ज का पता लगाना न भूलें: कर्ज का मूल्यांकन करना सबसे जरूरी है. यह प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेप्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट ंट कंपनी के प्रदर्शन को गिरा सकता है. कोई भी कंपनी आपको तब तक कमाकर नहीं दे सकती, जब तक कि उस पर भारी कर्ज है. पहले वह अपना कर्ज उतारेगी और उसके बाद कुछ कमाएगी तो आपको कुछ लाभांश दे सकती है. तो एक्सपर्ट मानते हैं कि जिन कंपनियों पर बड़ा कर्ज हो, वहां निवेश करने से बचना चाहिए. यदि कंपनी पूरी तरह कर्जमुक्त है तो इस आधार पर कहा जा सकता है कि कंपनी ग्रोथ करेगी और उसका भविष्य मां महागौरी के वर्ण-सा श्वेत हो सकता है. निवेश करने के लिए हमेशा एक ऐसी कंपनी खोजने की कोशिश करें, जिसमें कर्ज इक्विटी अनुपात (debt:equity ratio) 1 से कम हो. यह एक पैरामीटर है.
4. कंपनी के कंपीटीटर्स को जानें: जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं, वह अपने पीयर्स या समकालीन कंपनियों में से सबसे अच्छी कंपनियों में से एक होनी चाहिए. ऐसी कंपनी खोजने की कोशिश करें जो अन्य कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही हो. कंपनी के पास भविष्य की बेहतर योजनाएं होनी चाहिए. ये आप कंपनी की बैलेंस शीट से देख सकते हैं.
5. भविष्य को ध्यान में रखें: यदि आपको लम्बे समय के लिए किसी शेयर में निवेश करना है तो फंडामेंटल एनालिसिस बेहद जरूरी है. एक आम समझ से आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि कंपनी जो प्रोडक्ट बनाती है या जो सेवाएं देती है, क्या वो अगले 10-15 वर्षों तक कारगर रहेंगे या नहीं. उदाहरण के लिए, हिन्दुस्तान यूनिलीवर ऐसे उत्पाद बनाती है, जो रोजमर्रा की जिंदगी में काम आते हैं, जैसे कि शैंपू, टूथपेस्ट, साबुन इत्यादी. इन उत्पादों की मांग कभी खत्म नहीं हो सकती.
6. समय-समय पर चेक करते रहें: ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप एक बार देख-परख कर निवेश करें और फिर 20 साल के लिए भूल जाएं. हर कंपनी अपनी सालाना रिपोर्ट पेश करती है. आपको हर साल उस कंपनी की रिपोर्ट पर नजर डालनी चाहिए. यदि उसमें भविष्य में बढ़ने की संभावनाएं हैं तो उसमें निवेश को जारी रखें, नहीं तो आप दूसरी कंपनी की तलाश में लग जाएं.
Note – कल नवरात्रि का 9वां दिन है और इस दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना होती है. कल हम आपके लिए मां सिद्धिदात्री की कथा के माध्यम से निवेश के कुछ मंत्र शेयर करेंगे.
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क्या पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने के लिए loan मिलता है?
पोल्ट्री व्यवसाय में शुरुआती निवेश बहुत ज्यादा होता है इसलिए हर कोई इस बिजनेस को चालू करणे के लिए बैंक से आर्थिक मदद (POULTRY LOAN) लेना चाहता है लेकिन कई बार बैंक इस बिजनेस के लिए लोन देने से मना कर देते हैं, ऐसा क्यु ?आइए जानते हैं विस्तार से.
शुरुआती दिनों में जब मुर्गी पालन व्यावसायिक रूप से उन्नत नहीं था, इस व्यवसाय के लिए बड़ी संख्या में Loan दिये गए थे। इस पर भारी सब्सिडी भी दी गई।
तो उस समय कई लोगों ने कर्ज और सब्सिडी ली और कुछ ही दिनों में कारोबार बंद कर दिया।
नतीजतन, कुछ बैंकों ने मुर्गी पालन के लिए Loan देना बंद कर दिया था. लेकिन अब ऐसा नहीं है। हर एक बैंक मुर्गी पालन के लिए Loan देने को तैयार है।
बैंकों के मौजूदा हालात को देखते हुए Loan देने से पहले बैंक हर पहलू से सोचते हैं। प्रारंभ में आपके सिबिल स्कोर की जांच की जाती है और यदि यह स्कोर सही है तो ही बैंक आपको सूचित करेगा कि आप Loan के लिए पात्र हैं।
अब लोन लेने के लिए आपको सबसे पहले आवश्यक दस्तावेजों की एक फाइल बनानी होगी जिसमें
यह दस्तावेज़ होने चाहिए.
आपको इसे सीए से प्राप्त करना होगा।ताकि इसमें वो सभी चीजें शामिल हों जो बैंक चाहता है। जैसे प्रॉफिट लॉस स्टेटमेंट, डेप्रिसिएशन स्टेटमेंट, रिफंड स्टेटमेंट आदि।
जिसे हम नाहरकत प्रमाणपत्र भी कहते है. इसे आप ग्राम पंचायत में प्राप्त कर सकते हैं जहाँ आप मुर्गी पालन शुरू करना चाहते हैं।
अगर आपके खेत में बिजली का कनेक्शन प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट है तो बिजली देने वाली कंपनी से आपको लाइट बिल मिलेगा।
यदि खेत में पानी के लिए कुआं या बोरवेल है तो वह आपके सतबारा में दर्ज होता है. अगर नही है तो आपको तलाठी को बताकर नोंद कर लेनी है।
ज़मीन का सातबारा तलाठी या ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है .
दस्तावेज़ जो आपके बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
- Voter ID Card
- Passport
- Driving License
- NREGA Job Card & Others
- Letter issued by National Population Register containing details of name, address
- UID (Aadhaar)
- पोल्ट्री का ट्रेनिंग सर्टिफिकेट
प्रमाणपत्र जो आपको पोल्ट्री व्यवसाय के बारे में जानकारी देता है। यह प्रमाण पत्र किसी सरकारी संस्था या किसी संस्था से मुर्गी पालन का कोर्स पूरा करने के बाद प्राप्त किया जाता है। और यह दर्शाता है कि आपके पास पर्याप्त ज्ञान है कि आप इस व्यवसाय को जारी रख सकते हैं।
शुरुआत में आपको ऐसे दस्तावेजों की फाइल लेकर बैंक जाना होता है और अगर फाइल का पूरा अध्ययन किया जाता है और सब कुछ ठीक है तो बैंक आपको बताएगा कि आगे की प्रक्रिया क्या है।
नोट: लोन अमाऊंट आपके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति के मूल्य पर निर्भर करती है। लगभग सभी बैंक इस मूल्यांकन का 75% – 80% लोन अमाऊंट के रूप में दे सकते हैं।
क्या पोल्ट्री मे कोई सब्सिडी मिलती है ? कितनी मिलती है ? और उसके लिए क्या करना चाहिए ? इसके बारे में सारी जानकारी हम अगले ब्लॉग में देखेंगे.
इस प्रकार की मुर्गी पालन से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए बेझिझक हमारी साइट पर जाएँ और सभी ब्लॉग पढ़ें साथ ही 5 Points For Profitable Poultry इस ब्लॉग को जरूर पढे.।
अगर आप पोल्ट्री एंड ब्रायलर फार्मिंग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको डॉक्टर J.S.चौहान की लिखी हुई बुक कमर्शियल पोल्ट्री एंड ब्रायलर फार्मिंग को पढ़ना चाहिए. जिसमें उन्होंने हर एक टॉपिक को अच्छी तरह से कवर किया है यह किताब पढ़ने के बाद आपको पोल्ट्री फार्मिंग एक्चुअल में कैसे काम करता है, इसके बारे में नॉलेज आ जाएगा ।