Bitcoin का इस्तेमाल क्या है?

अल सल्वाडोर में बिटकॉइन की खरीद के लिए बुकेले के खिलाफ तीन कानूनी कार्रवाइयां दायर की गई हैं
रुथ एलोनोरा लोपेज़, एल सल्वाडोर के क्रिस्टोसल मानवतावादी फाउंडेशन के भ्रष्टाचार-विरोधी निदेशक, ने बिटकॉइन (बीटीसी) खरीदने के लिए सार्वजनिक धन के उपयोग में नायब बुकेले सरकार की पारदर्शिता की कमी की निंदा की।
लोपेज़ ने कहा कि इस कारण से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में तीन कानूनी कार्रवाइयाँ की गई हैं “लोक प्रशासन की अस्पष्टता” की निरंतरता को रोकें क्रिप्टोक्यूरेंसी और मध्य अमेरिकी देश में इसे अपनाने से संबंधित क्या है।
मानवाधिकार संगठन के प्रतिनिधि के अनुसार, एल सल्वाडोर (बंदेसल) के विकास बैंक के कानून में सुधार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस (CSJ) के संवैधानिक चैंबर के समक्ष एक मुकदमा दायर किया गया था।
प्रस्तुत दस्तावेज़ में जो समझाया गया था, उसके अनुसार सुधार सल्वाडोरन संविधान के अनुच्छेद 6 और 144 का उल्लंघन करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह अनुमति देता है बिटकॉइन ट्रस्टों के संचालन से संबंधित सभी जानकारी आरक्षित है कि बैंक प्रबंधन करता है, जैसा कि Fidebitcoin (150 मिलियन डॉलर के साथ गठित) और Firempresa (600 मिलियन डॉलर के साथ) का मामला है।
इस अर्थ में, क्रिस्टोसल सवाल करता है बंडेसाल ने बैंक गोपनीयता कानून के तहत बिटकॉइन संचालन को सुरक्षित रखा है जिसका उपयोग सभी केंद्रीय बैंक जनता को जानकारी देने से बचने के लिए करते हैं।
अग्रणी क्रिप्टोक्यूरेंसी के माध्यम से सरकारी एप्लिकेशन चिवो वॉलेट और वित्त कंपनियों के पूरे संचालन की गारंटी देने के लिए राज्य द्वारा बिटकॉइन ट्रस्ट बनाए गए थे।
क्रिस्टोसल के वकील ने कहा, “फिडेबिटकॉइन के मामले में, यह अज्ञात है कि धन देने के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया जाता है, इस ट्रस्ट से कितना दिया गया है और सल्वाडोरन नागरिकों को कितना भुगतान किया गया है।” स्थानीय मीडिया की एक रिपोर्ट।
रूथ एलोनोरा लोपेज़ ने कहा कि उसने रिपब्लिक के अकाउंट्स कोर्ट के लिए एक अनुरोध दायर किया है कि वह चिवो वॉलेट बिटकॉइन प्लेटफॉर्म को स्थापित करने के Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? लिए इस्तेमाल किए गए धन का जवाब दे। स्रोत: ट्विटर/एलपीजी न्यायिक।
क्रिस्टोसल अंतरराष्ट्रीय संगठनों के हस्तक्षेप का अनुरोध करता है
दूसरी ओर, क्रिस्टोसल ने केबिनों के निर्माण के लिए सार्वजनिक संसाधनों के प्रबंधन के बारे में जवाब मांगने के लिए कोर्ट ऑफ अकाउंट्स ऑफ रिपब्लिक (CCR) के समक्ष एक याचिका दायर की, एटीएम का अधिग्रहण और बिटकॉइन प्लेटफॉर्म चिवो वॉलेट की स्थापना.
ईसाई धर्म पर आधारित संगठन की तीसरी कानूनी कार्रवाई, मानवाधिकारों पर अंतर-अमेरिकी आयोग (आईएसीएचआर) के लिए एक याचिका है 228 से अधिक उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा करने में विफल रहने के लिए अल सल्वाडोर के खिलाफ हस्तक्षेप करें जो चिवो वॉलेट में पहचान की चोरी के शिकार थे।
कुछ दिनों बाद क्रिस्टोसल की शिकायतें आती हैं राष्ट्रपति नायब बुकेले की खरीद की घोषणा करेंगे प्रति दिन एक बिटकॉइन. यह क्रिप्टोक्यूरेंसी के संचय की एक नई रणनीति के रूप में है जिसे पिछले साल सितंबर में कानूनी निविदा के रूप में अपनाया गया था।
तब तक, मध्य अमेरिकी राष्ट्र ने लगभग 2,381 बिटकॉइन जमा किए, लेकिन दैनिक खरीद के साथ, अब एल साल्वाडोर में 2,388 बीटीसी हैnayibtracker.com साइट से ट्रैकिंग के अनुसार।
बिटकॉइन खरीदने के लिए सार्वजनिक धन के उपयोग के संबंध में पारदर्शिता की कमी को अल साल्वाडोर के भ्रष्टाचार विरोधी कानूनी सलाह केंद्र द्वारा पिछले सितंबर में भी निंदा की गई थी। इस निकाय ने इंस्टीट्यूट फॉर एक्सेस टू पब्लिक इंफॉर्मेशन (IAIP) से बंडेसाल डेटा तक पहुंच को समझने के लिए कहा कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के साथ क्या हो रहा है।
Cryptocurrency पर लगाम की तैयारी, निवेशकों पर क्या होगा असर, जानिए हर एक बात
क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लेकर आ रही है। आगामी संसद सत्र में पेश किए जाने वाले अन्य बिलों के साथ सूचीबद्ध "द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड.
क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लेकर आ रही है। आगामी संसद सत्र में पेश किए जाने वाले अन्य बिलों के साथ सूचीबद्ध "द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021" का सारांश कुछ भ्रम पैदा करता है। यह सभी "प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी" को प्रतिबंधित करने की बात करता है। अब सवाल है कि आखिर प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। सरकार किस इरादे से सख्ती दिखा रही है। आइए इसको समझ लेते हैं।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी: ये एक तरह की डिजिटल करेंसी है। इसे आप नोट या सिक्कों की तरह छू नहीं सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को आप बैंक अकाउंट में भी नहीं रख सकते हैं और ना ही किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इस करेंसी को कोई रेग्युलेट भी नहीं करता है। मसलन, भारतीय रुपए पर किसी भी तरह का फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से लिया जाता है। इसी तरह दूसरे देशों में भी सेंट्रल बैंक ही करेंसी से जुड़े फैसले लेती हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है। इसकी निगरानी या लगाम लगाने वाली कोई संस्था नहीं है।
किन चीजों में हो रहा इस्तेमाल: डिजिटल दुनिया में कई ऐसी कंपनियां या प्लेटफॉर्म हैं जो क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भुगतान स्वीकार कर रही हैं। वहीं, कई ऐसे भी प्लेटफॉर्म बन गए हैं जिसके जरिए आप क्रिप्टो क्वाइन खरीदते हैं। ये खरीदारी असली पैसों से की जाती है।
कैसे काम करती है करेंसी: क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है। एक ब्लॉकचेन मूल रूप से क्रिप्टो सिक्कों का उपयोग करके लेनदेन का एक विकेन्द्रीकृत खाता बही (दूसरे शब्दों में, एक रजिस्टर या फ़ाइल) है। यह कंप्यूटर के नेटवर्क में फैला हुआ है, जिसे पीयर-टू-पीयर नेटवर्क के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रणाली का उपयोग क्रिप्टो सिक्कों का उपयोग करके किए गए किसी भी लेनदेन को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है।
कितने क्रिप्टोकरेंसी हैं: रिसर्च फर्म CoinMarketCap.com के आंकड़ों के मुताबिक, अलग-अलग 14,500 क्रिप्टोकरेंसी हैं। इन्हें आप खरीद और बेच सकते हैं। इसमें स्थिर सिक्के भी शामिल हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी के सबसेट हैं।
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है: सरकार की ओर से प्रस्तावित विधेयक में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र है। इसकी कोई ठोस परिभाषा नहीं है। सही मायने में, दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, बिनेंस कॉइन, टीथर और कार्डानो) सभी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध लेज़रों का उपयोग कर रहे हैं।
अगर आपने निवेश किया है तो क्या करें: इस सवाल का जवाब आसान नहीं है। ये बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि "प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी" को कैसे परिभाषित किया जाता है। संसद में पेश किए जाने वाले विधेयक का सारांश आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक ढांचे के निर्माण के भी संकेत देता है। कुछ हफ्ते पहले क्रिप्टो क्वाइन से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स के दायरे में लाने की बात चल रही थी, बदलाव की घोषणा अगले साल Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? के बजट में हो सकती है। क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वज़ीरएक्स के संस्थापक और सीईओ निश्चल शेट्टी के मुताबिक सरकार के भीतर अधिक लोग जानते हैं कि क्रिप्टो कैसे काम करता है। ये एक अच्छी बात है। निश्चल शेट्टी इसको लेकर निश्चिंत नजर आ रहे हैं।
दुनिया के दूसरे देशों में क्या हाल: आपको बता दें कि चीन ने इस साल सितंबर महीने में देश में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। वहीं, कनाडा इस साल फरवरी में बिटकॉइन-ट्रेडेड फंड को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया। यूके नागरिकों द्वारा रखी गई क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति मानता है और निवेशक क्रिप्टो मुनाफे पर प्रॉफिट टैक्स का भुगतान करते हैं। क्रिप्टो स्वामित्व के लिए सिंगापुर की एक समान परिभाषा है। जापान में इसको भुगतान सेवा अधिनियम (पीएसए) के तहत मान्यता प्राप्त है। अधिकांश यूरोपीय संघ (ईयू) देशों में क्रिप्टोकरेंसी भी कानूनी है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: क्रिप्टो निवेश और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, मुड्रेक्स के सह-संस्थापक एडुल पटेल ने सरकार के इस फैसले को एक अच्छा कदम करार दिया है। हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, “घोटालों और फर्जी योजनाओं को नियंत्रित करने में मदद के लिए यह एक अच्छा कदम है। अमेरिका भी ऐसा ही रुख अपना रहा है। हालांकि, यह देखना अच्छा होगा कि 'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' की परिभाषा क्या है और यह कैसे विकसित होता है। ”
रिजर्व बैंक चिंतित: दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्रीय रिजर्व बैंक और सरकार की कई चिंताएं हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे इकोनॉमी की स्थिरता के लिए खतरा बताया था। वहीं, टेटर फंडिंग समेत अलग-अलग तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि, सरकार शीतकालिन सत्र में रिजर्व बैंक के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के फॉर्मेट का भी जिक्र कर सकती है।
Cryptocurrency bill 2021: Crypto Bill को लेकर चर्चा, अगर लगा बैन तो आम जनता पर क्या होगा असर?
Cryptocurrency bill 2021: इन दिनों क्रिप्टो करेंसी की खूब चर्चा हो रही है. लोगों में इसको लेकर खासा क्रेज भी है लेकिन इसी बीच खबर यह है कि संसद के शीतकालीन सत्र में भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) को प्रतिबंधित करने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है. सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर क्रिप्टो करेंसी है क्या और इसे बैन क्यों करने की बात की जा रही है.
क्या है क्रिप्टो करेंसी | What is cryptocurrency?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है लेकिन इसे न तो देखा जा सकता न छूआ जा सकता है. यह सिर्फ डिजिटल रूप में होता है जिससे ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है. जिस तरह से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, उस तरह की यह बिल्कुल भी मुद्रा नहीं है. डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए इन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं. इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चि करती है. यह सब इनक्रिप्टेड होती है. शुरुआत में इसके वैल्यू को लेकर काफी आशंकाएं थीं. एक समय ऐसा था जब 10 हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जे खरीदे जा सके थे. आज यह सबसे महंगा मनी है. कई कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने की घोषणा की है.
बैन करने की चर्चा क्यों
दरअसल क्रिप्टो करेंसी में बेचने और खरीदने वाले के नाम का खुलासा नहीं होता इसलिए भी यह खतरनाक साबित हो सकता है. क्रिप्टो करेंसी का प्रयोग क्रिमिनल एक्टिविटी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गतिविधियों के लिए किया जा सकता है. क्रिप्टो करेंसी की खरीद-बिक्री पर भारतीय रिजर्व बैंक का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा, इसलिए इसकी मांग और आपूर्ति से जुड़ी समस्या पैदा हो सकती है. इसके साथ ही ऊर्जा के उपयोग पर क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से काफी असर पड़ सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी इतना लोकप्रिय क्यों हो रहा है
इसके कई कारण है लेकिन सबसे बड़ा कारण यह है कि इसमें रिटर्न अनुमान से कहीं ज्यादा मिलने लगा है. जिस 10 हजार बिटकॉइन से कभी दो पिज्जा खरीदे जाते थे, अब उस एक बिटकॉइन की कीमत 17 लाख रुपये के आस-पास है. अच्छे रिटर्न की आस में कई लोग बिटकॉइन को खरीदने में वास्तविक मुद्रा लगा रहे हैं. टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी भविष्य की मुद्रा साबित हो सकती है.
क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार कैसे होता है
कॉइन मार्केट कैप वेबसाइट के मुताबिक पूरी दुनिया में 11 हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार सार्वजनिक रूप से एक्सचेंज यानी विनिमय संस्था के माध्यम से हो रहा है. वेबसाइट के मुताबिक वर्तमान में 1.5 ट्रिलियन डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी बाजार में चल रही है. सबसे ज्यादा एक्सचेंज के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन हो रहा है. क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं जिनमें वज़ीरएक्स का नाम पिछले दिनों सुर्ख़ियों में था.
बैन हुआ तो क्या होगा
क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) का इस्तेमाल भारत (India) में करोड़ों लोग करते हैं. क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. माना जाता है कि भारत में करीब 10 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) में निवेश किया है. जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत ने ट्विटर पर एक ट्वीट कर कहा, अगर सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है तो क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा? ऐसा माना जा रहा है कि यह बिल बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो में निवेश करने वालों के लिए नई परेशानी खड़ी कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है, तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. आप कोई क्रिप्टो खरीदने के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही आप उन्हें भुना भी नहीं पाएंगे.
इन देशों ने लगाया बैन
बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) पर कई देशों ने बैन लगाया हुआ है. रूस में बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन लगा है. वियतनाम में भी बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन है. वहीं, चीन ने भी इस पर बैन लगया हुआ है. इसके अलावा एक्वाडोर, बोलिविया, कोलंबिया जैसे देशों ने भी बैन लगाया हुआ है.
कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के नाम
बिटकॉइन, इथरनम, टीथर, बिनेंसे कॉइन, कार्डानो, इनमें से बिटकॉइन सबसे पुराना है. 2008 में भारी आर्थिक मंदी के बाद 2009 में इसकी शुरुआत हुई थी. एक छद्म नाम सतोषी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने इसे बनाया था.
Cryptocurrency किस तकनीक पर करती है काम, क्यों हो रहा उसका ज्यादा नाम-जानिए यहां
Blockchain technology news Cryptocurrency को लेकर काफी खबरें आ रही हैं। RBI समेत कई नियामक इस पर पाबंदी की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ क्रिप्टोकरंसी से संबंधित तकनीक यानि ब्लॉकचेन की तारीफ भी कर रहे हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Cryptocurrency को लेकर काफी खबरें आ रही हैं। RBI समेत कई नियामक इस पर पाबंदी की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ क्रिप्टोकरंसी से संबंधित तकनीक यानि ब्लॉकचेन की तारीफ भी कर रहे हैं। आखिर इस तकनीक में ऐसी क्या खास बात है, जो इसके इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात हो रही है। बता दें कि भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल के Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है।
क्या है Blockchain technology
जानकारों की मानें तो ब्लाकचेन टेक्नोलाजी के जरिए कागजातों को डिजिटल रूप से सुरक्षित किया जा सकता है। Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? इससे Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? कोई अन्य व्यक्ति इसमें किसी भी तरह से छेड़छाड़ या बदलाव नहीं कर सकता है। CA मनीष कुमार गुप्ता के मुताबिक ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। यह एक तरह का डिजिटल लेजर है।
क्या है Bitcoin, Ether
Bitcoin, Ether एक प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी है, जिस पर किसी नियामक का बस नहीं है। इन करंसी को एक डिजिटल मीडियम कहा जा सकता है। ऐसा माध्यम जिसके जरिए खरीद-फरोख्त हो सकती है। मनीष गुप्ता के मुताबिक इसे करंसी नाम देना सही नहीं है क्योंकि इसकी कोई स्थायी वैल्यू नहीं है।
Blockchain का फायदा
RBI का मानना है कि Blockchain तकनीक का इस्तेमाल बैंकिंग सेक्टर नेटवर्क को और सुरक्षित बनाने में हो सकता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से सर्वर हैकिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट जैसे खतरों से बचा जा सकता है। यह तकनीक क्लाउड स्टोरेज में भी मदद कर सकती है। भारत में इस तकनीक के इस्तेमाल से सरकारी फाइलों का डिजिटाइजेशन भी किया जा रहा है।
Paytm ने की वकालत
इस बीच, Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने Cryptocurrency पर आपत्ति के बावजूद इसके बने रखने की बात कही है। उनके मुताबिक यह वर्चुअल मुद्रा बनी रहने वाली है। शर्मा ने उद्योग मंडल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के एक कार्यक्रम को Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी असल में सुरक्षित संचार तकनीकों के अध्ययन वाली विधा क्रिप्टोग्राफी पर आधारित मुद्रा है।
What is cryptocurrency | advantage and disadvantage of cryptocurrency | क्रिप्टो करेंसी क्या है | क्रिप्टो करेंसी के फायदे और नुकसान क्या है
दुनिया के किसी भी व्यक्ति, संस्था या देश को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति और आपसी लेन देन के लिए एक मुद्रा यानी कि एक currency की आवश्यकता होती है। जैसे कि भारत में रूपया है, अमेरिका में डॉलर है, इंग्लैंड में पाउंड्स है वैसे ही वर्तमान में एक नई करेंसी प्रचलन में है और वो है cryptocurrency तो आइए जानते हैं कि ये crytocurreny क्या है?
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Cryptocurrency |
What is cryptocurrency | क्रिप्टो करेंसी क्या है
Cryptocurrency एक ऐसी मुद्रा है जो computer Algorithm पर बनी होती हैं। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह curreny किसी भी authority के काबू में नहीं होती है अमूमन डॉलर, रुपया, यूरो या अन्य मुद्रा के तरह ही इस मुद्रा का चलन किसी राज्य, देश, संस्था, या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक digital currency होती है जिसके लिए cryptography का प्रयोग किया जाता है।
आमतौर पर इसका उपयोग किसी समान की खरीदारी या कोई service खरीदने के लिए किया जाता है। इसे न तो कोई देख सकता है न ही कोई छू सकता है। क्योंकि भौतिक रूप से cyptocurrency का मुद्रण होता ही नहीं है। इस लिए इसे आभासी (virtual) मुद्रा (currency) भी कहा जाता है।
पिछले कुछ सालों में ऐसे currency काफी प्रचलित हुई। नॉलेज के लिए हम सबको पता होना चाहिए की सर्वप्रथम cryptocurrency का इस्तेमाल 2009 में हुई थी जो की bitcoin थी। Bitcoin के अलावा अन्य cryptocurrency बाजार में उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग आजकल हो रहा है जैसे कि redcoin, ripple, litecoin, ethereum इत्यादि।
What are the advantages of crypto currency| क्रिप्टो करेंसी के फायदे क्या है
आइए जानते हैं कृपया करेंसी के लाभ क्या क्या है? हमें पता है किसी भी वस्तु का फायदे और नुकसान दोनों होता है। इसलिए सबसे पहले क्रिप्टोकरंसी के लाभ के बारे में बात करते हैं। आम पर कह सकते हैं कि कृपया करण से क्या लाभ ज्यादा है और नुकसान कम है।
2. अधिक पैसा होने पर cryptocurrency में निवेश करना अधिक फायदेमंद है। क्योंकि इसके कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। निहाजा निवेश के लिए एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है।
3. अधिकतर cryptocurrency के wallet उपलब्ध है, जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन देन सरल हो चुका है।
4. cryptocurrency को कोई भी Authority कंट्रोल नहीं करती जिसके चलते नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरा किसी के सामने नहीं आता।
5. कई बार ऐसे हैं जहां कैपिटल कंट्रोल नहीं है मतलब कि यह बात तय ही नहीं है कि देश के बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना पैसा मंगवाया जा सकता है।लिहाजा cryptocurrency खरीद कर उसे बाहर आसानी से भेजे जा सकते हैं। उसे पैसे में कन्वर्ट कर लिया जाता है।
6. cryptocurrency का फायदा उन लोगों को होता है जो अपना धन छुपा कर रखना चाहते हैं। इसलिए cryptocurrency पैसे छुपा कर रखने के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म उभर कर आया है।
7. cryptocurrency पूरी तरह से सुरक्षित है बस आपको उसके लिए ऑथेंटिकेशन रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि ऐसे currency, blockchain पर आधारित है। लिहाजा किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन करने के लिए पूरे blockchain को माइंड करना पड़ता है।
अभी तक हमने cryptocurreny के लाभ के बारे में बताया आपको तो पता ही होगा की जहा फायदा होता है वही नुकसान भी अपना पाव पसारता है। तो फिर चलिए जानते हैं cryptocurrency के नुकसान के बारे में।
What are the disadvantage of cryptocurrency | क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं
1. Cryptocurrency का सबसे बड़ा नुकसान तो ये है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है क्योंकि इसका मुद्रान नही किया जाता। मतलब कि न ही इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही इस करेंसी के बैंक या पासबुक जारी किए जा सकते हैं।
2. इसको control करने के लिए कोई देश, सरकार, या संस्था नही है। जिससे की इसकी कीमत में बहुत उछाल या फिर बहुत अधिक गिरावट देखने को मिलता हैं। जिसके वजह से cryprocurrency में निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा है।
3. Cryptocurency का इस्तेमाल गलत कामों को बढ़ावा देता है जैसे कि इसका इस्तेमाल हथियार बनाना, खरीद फरोख्त, ड्रक्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में इसे किया जा सकता है। जो कि इसका इस्तेमाल दो लोगो के बीच में ही किया जा सकता है। ज्यादा यह काफी खतरनाक हो सकता है।
4. Cryptocurreny को हैक करने का भी खतरा बना रहता है। यह बात बीगर है कि Blockchain को हैक करना उतना आसान नहीं है। क्योंकि इसमें security का पूरा इंतजाम होते हैं। बावजूद इसके इस currecy के मालिक न होने के कारण hacking होने से मना भी नहीं किया जा सकता।
5. यदि cryptocurrecy का transaction आपसे गलती से किसी और के पास हो गया तो इसे वापस नहीं मंगा सकते। जिससे आपको घाटा होता है।
यह सब जानने के बाद आपके दिमाग में क्वेश्चन आ रहा होगा कि क्या कानूनी रूप से इसे उपयोग करना वैध है या नहीं। दर्शन इसका उत्तर आपके इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन से देश में रह रहे हैं। वहां कौन सा करेंसी प्रचलन में है। कौन सा देश में इसे वैध माना गया है या नहीं। क्योंकि कुछ देश में क्रिप्टोकरंसी को ग्रे जोन में रखा गया है। पता उस देश में न तो औपचारिक तौर पर इसे यूज करने के लिए कहा गया और ना ही इसे कानूनी रूप से वैध करने के लिए कहां गया हो।
आतम कह सकते हैं कि भारत में क्रिप्टो करेंसी के कीमतों में उछाल होने के कारण लोगों में इस का रुझान देखने को मिल रहा है। आने वाले समय में हो सकता है कि भारत में भी इसे चलाने का औपचारिक रूप से इसे वैध करने के तरफ बढ़े।
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