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अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें

अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें
3. वित्त मंत्रायल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और जापान के बीच हुए करेंसी स्वैप समझौते से भारत के कैपिटल मार्केट और विदेशी विनिमय को स्थिरता मिलेगी. इस समझौते के बाद से भारत जरूरत पड़ने पर 75 अरब डॉलर की अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें पूंजी का इस्तेमाल कर सकता है.

रुपया 37 पैसे टूटकर 81.90 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बुधवार को 37 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ अपने अबतक के सबसे निचले स्तर 81.90 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर आ गया। विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और निवेशकों के जोखिम वाले बाजारों में निवेश करने से बचने से घरेलू मुद्रा में गिरावट आई। घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के रुख और विदेशी निवेशकों की निकासी के बीच कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 82 प्रति डॉलर से नीचे आ गया था।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.90 प्रति डॉलर पर खुला और अंत में 37 पैसे की गिरावट लेकर इसी स्तर पर बंद हुआ। वहीं, मंगलवार को रुपये अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें की विनियम दर 14 पैसे चढ़कर 81.53 प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड की जिंस एवं मुद्रा अनुसंधान उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा ने कहा कि बाजारों में जोखिम से बचने के भाव के बीच रुपया सिकुड़ते अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें हुए नए निचले स्तर पर पहुंच गया है।

करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होंगे?

करेंसी स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है मुद्रा की अदला बदली. जब दो देश/ कम्पनियाँ या दो व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा करने के लिए आपस में अपने देशों की मुद्रा की अदला बदली करने का समझौता करते हैं तो कहा जाता है कि इन देशों में आपस में करेंसी स्वैप का समझौता किया है.

Currency Swap

विनिमय दर की किसी भी अनिश्चित स्थिति से बचने के लिए दो व्यापारी या देश एक दूसरे के साथ करेंसी स्वैप का समझौता करते हैं.

विनिमय दर का अर्थ: विनिमय दर का अर्थ दो अलग अलग मुद्राओं की सापेक्ष कीमत है, अर्थात “ एक मुद्रा के सापेक्ष दूसरी मुद्रा का मूल्य”. वह बाजार जिसमें विभिन्न देशों की मुद्राओं का विनिमय होता है उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है.

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी देखी जा रही है। पिछले 8 दिनों के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 8 अरब डॉलर की कमी अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें आई है और यह अगस्त 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर है। वहीं पिछले 1 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 अरब डॉलर की कमी आई है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह के लिए कुल अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह आंकड़े आरबीआई ने जारी किए हैं। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी आई है।

डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ रुपया अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें तो क्या करेगा आरबीआई? जानिए, कैसे संभलेगी घरेलू मुद्रा

डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट

नई दिल्ली : सोमवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 36 पैसे टूट गया. शुरुआती कारोबार में अपने सबसे निचले स्तर 78 रुपये 29 अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें पैसे पर आ गया. हालांकि, शुक्रवार को भी इसमें गिरावट दर्ज की गई थी और 19 पैसे की टूटकर यह 77 रुपये 93 पैसे के स्तर पर बंद हुआ था. हालांकि, 2013 में भी रुपये में भारी गिरावट अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें आई थी. इस बीच सवाल यह पैदा होता है कि रुपये में जब गिरावट दर्ज होती है, तो फिर भारतीय रिजर्व बैंक क्या करता है? आइए, जानते हैं.अपने विदेशी मुद्रा बाजार को जानें

कितना गिरा रुपया

विदेश में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और जोखिम से बचने के ट्रेंड से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 36 पैसे टूटकर अपने सबसे निचले स्तर 78.29 पर आ गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों की मानें तो कमजोर एशियाई मुद्राएं, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी से भी निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हुईं. सोमवार की सुबह अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.20 पर खुला और फिर अपनी जमीन खोते हुए 78.29 तक गिर गया. रुपये का यह स्तर शुक्रवार के बंद भाव के मुकाबले 36 पैसे की गिरावट है. इससे पहले, शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे टूटकर 77.93 पर बंद हुआ था.

बाजार से जुड़े कुछ विशेषज्ञों की मानें तो आरबीआई बीच-बीच में रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूत करने की कोशिश करता रहता है. केंद्रीय बैंक आमतौर पर करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए स्पॉट मार्केट (हाजिर बाजार) में हस्तक्षेप करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही गिरावट को रोका नहीं जा सकता. उनका कहना है कि 2013 में रुपये में भारी गिरावट आई थी, तब आरबीआई ने बड़ी तेजी के साथ हाजिर बाजार में हस्तक्षेप किया था.

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी देखी जा रही है। पिछले 8 दिनों के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 8 अरब डॉलर की कमी आई है और यह अगस्त 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर है। वहीं पिछले 1 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 अरब डॉलर की कमी आई है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह के लिए कुल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह आंकड़े आरबीआई ने जारी किए हैं। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी आई है।

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