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शेयर बाजार में HNI इन्वेस्टर क्या होता है?
संयुक्त राज्य अमेरिका में, औसत HNI के पास $3.5 मिलियन की संपत्ति है और वो अपनी निवेश योग्य संपत्ति का लगभग 5% शेयरों में निवेश करते हैं। हालाँकि भारत में HNI को निर्धारित करने के लिए कोई फिक्स नंबर या सीमा तय नहीं है।
आम तौर पर, कोई भी व्यक्ति जिसके पास ₹ 5 करोड़ या उससे अधिक का निवेश योग्य अधिशेष यानी बचत है, उसे हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल यानी ‘उच्च निवल मूल्य वाला व्यक्ति‘ माना जाता है।
निवेश योग्य अधिशेष (Investible Surplus) में अचल संपत्ति जैसे रियल एस्टेट में किया गया निवेश शामिल नहीं होता है। इसके अलावा इसमें ऐसी भी कोई संपत्ति शामिल नहीं होती है जो रिटर्न प्राप्त ना करने के इरादे से खरीदी गई हो।
जैसे जिस घर में वो व्यक्ति रहता है, उसका फार्म हाउस और उसकी कार – निवेश योग्य अधिशेष (Investible Surplus) के अंतर्गत नहीं गिना जाता है।
IPO में HNI कैटेगरी
कोई भी व्यक्ति जो किसी IPO में ₹ 2 लाख या उससे कम का निवेश करता न्यूनतम लॉट है उसे ‘रिटेल निवेशक’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
कोई भी व्यक्ति जो ₹ 2 लाख या उससे अधिक का निवेश करना चाहता है, उसे HNI (हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल) के तहत वर्गीकृत किया जाता है।
आइए एक उदाहरण से समझते हैं-
अभी कुछ साल पहले SBI कार्ड्स का IPO आया था। इस IPO में भी सभी IPO की तरह रिटेल निवेशकों के लिए अधिकतम और न्यूनतम लॉट तय था। न्यूनतम लॉट 1 था और एक लॉट में 19 शेयर के लिए अप्लाई किया जा सकता था। एक शेयर का प्राइस 755 रुपए था।
इसी तरह रिटेल निवेशकों के लिए अधिकतम लॉट साइज 13 का था यानी रिटेल निवेशकों द्वारा अधिकत 13*19= 247 शेयर खरीदे जा सकते थे। 755 रुपए प्रति शेयर की कीमत के हिसाब से 247 शेयर की कीमत 1 लाख 86 हज़ार के आसपास होती है तो 2 लाख से कम है।
IPO के जरिये मोटी कमाई का मौका मिलेगा अब सभी को, Sebi कर रहा है लॉट की न्यूनतम रकम घटाने पर विचार
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 28, 2021 12:25 IST
Photo:FILE PHOTO
Sebi in talks to cut down minimum application size to help retail investors
नई दिल्ली। छोटे निवेशकों के लिए आईपीओ (IPO) में निवेश करना आने वाले दिनों में आसान हो सकता है, क्योंकि भारत का पूंजी और कमोडिटी बाजार विनियामक सेबी (Sebi) आईपीओ में निवेश के लिए तय लॉट के आकार को कम करने पर विचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी आईपीओ में निवेश की मौजूदा न्यूनतम रकम 15,000 रुपये से घटाकर 7,500 रुपये करने के संबंध में विचार कर रहा है।
इंडिगो पेंट्स को आईपीओ के लिए सेबी की मंजूरी, 1000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
जानकार बताते हैं कि अगर ऐसा होता है तो छोटे निवेशक या जिनकी आय कम है वो भी आईपीओ में निवेश करने के बारे में सोच पाएंगे। वर्तमान में आईपीओ में एक लॉट में निवेश की न्यूनतम रकम 15,000 रुपये तय है। जानकार बताते हैं कि कई रिटेल इन्वेस्टर्स एसोसिएशन ने बाजार विनियामक को आईपीओ के लॉट साइज की रकम में कटौती करने का सुझाव दिया है।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि सेबी न्यूनतम आवेदन आकार को 15,000 रुपये से घटाकर 7500 से 8000 रुपये करने पर विचार कर रहा है। यदि आईपीओ के लिए न्यूनतम लॉट लॉट साइज को कम किया जाता है तो सब्सक्रिप्शन नंबर बढ़ेगा जो रिटेल निवेशकों के लिए मददगार होगा। पिछले साल कुछ सफल आईपीओ में रिटेल निवेशकों के आवेदन की बड़ी संख्या देखने को मिली है।
पिछले साल ऐसे कई IPO कामयाब रहे जिनमें छोटे निवेशकों ने बड़ी संख्या में पैसा लगाया था। Happiest Minds Technologies का IPO पिछले साल सबसे कामयाब इश्यू में शामिल रहा। यह 150 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें रिटेल इनवेस्टर्स का पोर्शन 70.94 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं इस साल बेक्टर्स फूड का IPO 68 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं Mazagon Dock में रिटेल इनवेस्टर्स का सब्सक्रिप्शन 36 गुना और IRCTC में 15 गुना हुआ था। ये सभी IPO प्रीमियम पर खुले थे लेकिन रिटेल निवेशकों को बहुत कम शेयर मिल पाएं।
10 phrases you must know before investing in IPO | आईपीओ में निवेश करने से पहले आपको 10 वाक्यांशों को जानना चाहिए
10 phrases before investing in IPO- किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले हमें उस आईपीओ से जुड़े वित्तीय पहलुओं के बारे में पता होना चाहिए। इस ब्लॉग में हम उन महत्त्वपूर्ण 10 चरणों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्हें आईपीओ में निवेश करने से पहले हम सभी को पता होना चाहिए। किसी भी निवेशक के लिए किसी भी आईपीओ में तीन भाग महत्त्वपूर्ण होते हैं, पहला महत्त्वपूर्ण तिथियाँ, दूसरा कंपनी की वित्तीय स्थिति और तीसरा है आईपीओ विवरण, आइए इन बिंदुओं को समझते हैं।
1-सौदा (Sauda)-मैंने सबसे सरल से शुरुआत की है, हम आशा करते हैं कि हम सभी इस शब्द को समझते हैं यह मतलब व्यापार है जो स्टॉक एक्सचेंज में होता है जो एक सौदा है।
2-बुक बिल्डिंग इश्यू( Book Building Issue) -बुक बिल्डिंग एक तकनीक है जहाँ शेयर जारीकर्ता शेयरों की क़ीमत की खोज के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। यह एक तकनीक है, जिस अवधि के लिए आईपीओ खुला है, निवेशकों से विभिन्न कीमतों पर बोलियाँ एकत्र की जाती हैं, जो हैं फ्लोर प्राइस से ऊपर या उसके बराबर। प्रस्ताव मूल्य बोली समापन तिथि के बाद निर्धारित किया जाता है।
10 phrases before investing in IPO in Hindi
6-QIB-क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल क्रेता-आपने हमेशा सुना है कि QIB ने इस IPO पर अधिक सब्सक्राइब किया है। तो आइए जानें कौन हैं ये QIB. सामान्य शब्दों में निवेशक जो $ 100 मिलियन के न्यूनतम निवेश का प्रबंधन करता है या कोई भी पंजीकृत ब्रोकर जो $ 10 मिलियन का प्रबंधन करता है, वे भारत के वित्तीय संस्थान में क्यूआईबी के रूप में श्रेणियाँ हैं, केवल इतना पैसा है कि वे क्यूआईबी हैं अब वित्तीय संस्थान एक व्यापक शब्द है जिसमें बैंक शामिल हैं, म्यूचुअल फंड हाउस, किसी भी आईपीओ में कोई अन्य वित्तीय निगम क्यूआईबी कोटा सामान्य रूप से 50% है
7-NII-कोई भी निवासी भारतीय व्यक्ति, योग्य NRI, HUF, कंपनियाँ, कॉर्पोरेट निकाय, वैज्ञानिक संस्थान, सोसाइटी और ट्रस्ट जो 2 लाख रुपये से अधिक के IPO शेयरों के लिए आवेदन करते हैं, NII श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। NII को SEBI के साथ पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। प्रस्ताव का 15% एनआईआई श्रेणी के लिए आरक्षित है। उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति (एचएनआई) जो आईपीओ में 2 लाख रुपये से अधिक के लिए आवेदन करते हैं, इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
इन दो IPO में आज से करें निवेश, जानें- कितना लगाना पड़ेगा पैसा!
निवेशकों के पास बुधवार को एक नहीं बल्कि दो-दो IPO में निवेश करने का मौका है. बाजार में Clean Science and Technology और GR Infraprojects Limited के IPO ने दस्तक दी है. जानिए किस आईपीओ में कितना पैसा लगाकर आप निवेश कर सकते हैं.
(All Photos : Getty)
स्पेशियलिटी केमिकल बनाने वाली कंपनी Clean Science and Technology का IPO 1,546.62 करोड़ रुपये का है. इसमें कंपनी के मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी को ऑफर फॉर सेल (OFS) के लिए रख रहे हैं. कोई नया शेयर कंपनी नहीं इश्यू कर रही है.
न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए
यदि आप भी यह समझते हैं कि शेयर बाजार केवल पैसे वालों के लिए है और ना जाने कितने पैसों से इसमें शुरुआत करनी होगी तो आप को बता दें कि आप बहुत ही कम राशि से इसमें निवेश कर सकते हैं। शेयर बाजार में कम से कम कितना निवेश कर सकते हैं निवेश किए जाने वाले शेयर पर निर्भर करेगी। वास्तव में यदि आप किसी ऐसे शेयर को खरीदते हैं जिसकी कीमत बीस रूपए है और उसका ट्रेडिंग लॉट 1 है तो आप बीस रुपए (ब्रोकरेज और चार्जेज़ अलग) से ही शुरुआत कर सकते हैं। आपकी निवेश की न्यूनतम राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि जिस कम्पनी का शेयर खरीदना चाहते हैं उसकी चालू बाजार में कीमत कितनी है और उस शेयर का ट्रेडिंग लॉट कितने शेयरों का है। तो आपकी न्यूनतम निवेश राशि होगी चुने गए शेयर की कीमत उसके लॉट के अनुसार।
अब यदि आप रिलायंस का शेयर खरीदना चाहते हैं और न्यूनतम लॉट उसकी कीमत बाजार में एक हजार रुपए है और ट्रेडिंग लॉट एक है तो आपकी रिलायंस में निवेश की न्यूनतम राशि होगी एक हजार रुपए। इसी प्रकार यदि आप एक ट्रेडिंग लॉट वाले आयशर मोटेर्स जिसका दाम 22000 रुपए है में निवेश करना चाहते हैं तो आपकी निवेश की न्यूनतम राशि होगी 22000 रुपए। क्योंकि शेयरों की खरीद बिक्री उनके ट्रेडिंग लॉट के अनुसार होती है।
शेयर का ट्रेडिंग लॉट
ट्रेडिंग लॉट किसी भी शेयर कि निर्धारित न्यूनतम संख्या होती है जिस पर उन शेयरों की खरीद बिक्री हो सकती है। हर कम्पनी के शेयरों का ट्रेडिंग लॉट पहले से निर्धारित होता है। उस शेयर की ट्रेडिंग उसी लॉट या उसके गुनकों में की जा सकती है। डीमैट होने से पहले जब शेयरों की डिलीवरी शेयर सर्टिफिकेट के जरिए होती थी तब अधिकतर शेयरों का लॉट 100 शेयर निर्धारित रहता था। आजकल अधिकतर लॉट एक शेयर के ही न्यूनतम लॉट होते हैं।
यदि आप यह सोच कर निवेश करते हैं कि आप केवल कम कीमत वाले शेयर ही खरीदेंगे जिससे आपको कम निवेश करना पड़े तो केवल कीमत के आधार पर किसी शेयर में निवेश ना करें। किसी भी शेयर की कीमत उसकी वर्तमान और भविष्य की ग्रोथ की सम्भावनाओं पर आधारित होती है। कम कीमत किसी भी शेयर में निवेश करने का आधार नहीं हो सकती, उसके लिए आप उस कम्पनी के भविष्य की सम्भावनाओं को जांच कर ही उसमें निवेश करें।
अधिक क़ीमत वाले शेयर
इसी प्रकार इस बात की भी सम्भावना है कि जिस शेयर को हम महंगा समझ रहे हैं उस में ग्रोथ की सम्भावना अधिक हो। इसी लिए हम केवल इसी कारण से किसी शेयर को इग्नोर नहीं कर सकते क्योंकि वह पहले से अधिक कीमत पर ट्रेड कर रहा है।
कम कीमत देख कर कभी कोई शेयर ना खरीदें। यदि आप शेयर बाजार में नए हैं तो पैनी शेयर कभी ना खरीदें। पैनी शेयरों की कीमत सबसे कम होती है मगर इनमें रिस्क सबसे अधिक होता है। शुरुआत में निवेश जानी मानी कम्पनी से ही करें। किस मित्र, साथी या ब्रोकर के कहने पर अनजानी कंपनी का शेयर कभी ना खरीदें। वास्तव में जब तक खुद को अच्छे से समझ ना आए, शेयर बाजार में सीधे निवेश करने से बचें और म्यूचूअल फंड में निवेश करें।
शेयर की मजबूती देखें
कीमत के बजाए शेयर के भविष्य की सम्भावनाएं देखें। उसके EPS, PE रेश्यो को समझें। भविष्य की परियोजनाओं को समझें। पिछले सालों का रिकार्ड देखें। किसी कंपनी का शेयर क्या देख कर खरीदना चाहिये यह जानने के लिये पढ़ें किस कंपनी का शेयर खरीदें हमारी साइट पर।
इस प्रकार यह ना सोचें कि शेयर बाजार में कम से कम कितना निवेश कर सकते हैं। अपने लिए अच्छे भविष्य वाली कम्पनी को निवेश के लिए चुनें और जितना आप निवेश करने की क्षमता रखते हैं उतने शेयर खरीद लें। निवेश करने से पहले इससे जुड़े जोखिम को भी भली भाँति समझ लें। Minimum amount to invest in Share Market in Hindi.