महंगाई से बचाव

बहरहाल, सोशल मीडिया को छोड़कर, बाकी तमाम मीडिया पर लगभग मुकम्मल कार्पोरेट नियंत्रण, नवउदारवादी नीतियों के अपनाए जाने के जिस फिनामिना का नतीजा है, वही फिनामिना एक सिरे पर मौजूदा सत्ता-प्रतिष्ठान और कार्पोरेटों के हितों को एक-दूसरे से जोड़ता है और दूसरे सिरे पर आम जनता के हितों के हरेक तकाजे को बाजार के यानी कारोबारी मुनाफे के नियमों के भरोसे छोड़े जाने का तकाजा करता है। यह कोई संयोग नहीं है जिन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दस महीने से ज्यादा से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं, उनमें एक कानून आवश्यक वस्तु अधिनियम को निष्प्रभावी बनाकर, निजी कारोबारियों को आवश्यक वस्तुओं के भंडार जमा करने की खुली छूट देने के लिए ही है।
महंगाई डायन से सुरसा हुई, सरकार कुंभकर्ण!
सोशल मीडिया में इधर एक व्यंग्यात्मक प्रश्न बार-बार सुनने को मिल रहा है। महंगाई डायन तो पहले हुआ करती थी, अब क्या सुरसा नहीं हो गयी है! सुरसा में दुहरा व्यंग्य है। एक तो सुरसा की पहचान, अपना मुंह अनंत तक फैलाकर, कुछ भी निगल सकने वाली राक्षसी की है। दूसरे, इस रूपक में मिथक की प्राचीनता तथा धार्मिकता का छोंक भी है।
डायन से सुरसा होने का यह रूपक, इस समय जनता को पीस रही महंगाई के दोनों पहलुओं पर रौशनी डालता है। पहला तो यही कि खाने-पकाने के तेल, साग-सब्जी, दाल, दूध, अंडा, आटा, दाल, साबुन, दवा आदि, आदि हर चीज के और सबसे बढ़कर ईंधन के तेल व परिवहन के दाम, हर रोज और बेहिसाब बढ़ रहे हैं।
दूसरा यह कि आम आदमी को पीस रही इस बेहिसाब महंगाई पर काबू पाने के लिए महंगाई से बचाव सरकार कोई प्रयत्न करती तो खैर नजर नहीं ही आ रही है, इस तरह उनकी थाली में से निवाले छिनने को ही एक मामूली बात या गैर-प्रश्न बनाने की कोशिश की जा रही है।
Watch: पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई से लोगों का बुरा हाल, पाक महिला ने कुछ ऐसे रो-रो कर बयां महंगाई से बचाव किया अपना दर्द, देखें वायरल वीडियो
Highlights पाकिस्तान के लोग इन दिनों महंगाई से बचाव आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई से बहुत परेशान है। ऐसे में महंगाई को लेकर एक पाकिस्तानी महिला का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में महिला पाक पीएम शहबाज शरीफ और पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज की खिंचाई कर रही है।
महंगाई से बचाव
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बढ़ती महंगाई पर रिजर्व बैंक की एमपीसी की विशेष बैठक शुरू
नई दिल्ली/मंबई, 03 नवंबर (हि.स)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की विशेष बैठक शुरू हो गई है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां हो रही इस बैठक में देश में बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट को अंतिम महंगाई से बचाव रूप देने के लिए चर्चा होगी।
सूत्रों के मुताबिक एमपीसी की इस विशेष बैठक में तैयार रिपोर्ट सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत सौंपी जाएगी। इस बैठक में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के अलावा आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा और आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन भी शामिल हैं।
भाजपा की केंद्र सरकार ने बढ़ाई महंगाई, लोग परेशान : सागर
बिलासपुर । देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर लोरमी नगर के बाजारपारा में कांग्रेसियों ने महंगाई चौपाल लगाकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने महंगाई के बारे में बताया।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सागर सिंह बैस ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने से पहले सन 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपए प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर पेट्रोल पर 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसी तरह सब्जियों की कीमतों में 35 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। नमक 41प्रतिशत महंगा हुआ है। कोई भी ऐसी चीज नहीं है जिसकी कीमत इस सरकार में बढ़ी नहीं हो। मोदी सरकार महंगाई को तो नियंत्रित नहीं कर पा रही उल्टा पहले से ही परेशान जनता पर टैक्स का बोझ डालकर अपना खजाना भरने में लगी है।
खाने पीने का सामान हुआ सस्ता, मई खुदरा महंगाई 7.79 फीसदी से घटकर 7.04% पर आई
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 7.04 प्रतिशत पर आ गईहैं। जो इस साल अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत थी..
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 7.04 प्रतिशत पर आ गईहैं। जो इस साल अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति की दर में कमी मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में नरमी के कारण थी, जब आरबीआई ने दो बार उधार दर में बढ़ोतरी की और सरकार ने बढ़ती कीमतों की जांच के लिए कैलिब्रेटेड प्रयासों का सहारा लिया।
पिछला उच्च स्तर मई 2014 में 8.33 प्रतिशत दर्ज किया गया था
हालांकि, यह लगातार पांचवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6% के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से ऊपर रहा। एक साल पहले इसी महीने में देश की खुदरा महंगाई दर 6.3 फीसदी थी। consumer price index (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में पिछला उच्च स्तर मई 2014 में 8.33 प्रतिशत दर्ज किया गया था।आसमान छूती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए, आरबीआई ने 36 दिनों की अवधि में प्रमुख उधार दरों में दो बार वृद्धि की है। जहां इसने 4 मई को एक ऑफ-साइकिल नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर को 40 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया, वहीं केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह फिर से उधार दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर दिया।
समीक्षा बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 प्रतिशत
रिजर्व बैंक, जो अपनी मौद्रिक नीति में सीपीआई का कारक है, ने हाल ही में आयोजित नीति समीक्षा बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 प्रतिशत के अपने पिछले अनुमान से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई के अनुमानों के अनुसार, महंगाई से बचाव चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 7.5 प्रतिशत और अगले तीन महीनों में 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। तीसरी और चौथी तिमाही में इसके क्रमशः 6.2 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद है।