जाने क्या होता है Options Trading

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
हेजिंग क्या है | Hedging Meaning In Stock Market In Hindi
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे की हेजिंग क्या है (Hedging Meaning In Stock Market In Hindi) और हेजिंग कैसे करे ,हेजिंग करने के क्या फायदे है और निवेशक हेजिंग का सहारा क्यों लेते है इन सभी सवालो के जवाब इस आर्टिकल में है अगर आपको समझना है की हेजिंग क्या है तो इस आर्टिकल को पूरा पड़े |
Table of Contents
हेजिंग क्या है (what is Hedging in Hindi) :
हेजिंग एक अंग्रेजी सब्द है जिसका अर्थ मेढ होता है मेढ़ खेती से जुड़ा हुआ एक शब्द है जब हम खेती करते है तब हमें मेढ़ की आवश्यकता होती है जिसका हमें निर्माण करना होता है ताकि फसलो को प्रयाप्त रूप में पानी मिल सके सीधे भाषा में कहे तो पानी के रुकावट के लिए मेढ़ का उपयोग किया जाता है हलाकि खेती और शेयर बाज़ार में काफी अंतर होता है लेकिन हम जानते है शेयर बाज़ार में नुकशान सबसे बड़ा कारण होता है तो उसी नुकशान से बचने के लिए हेजिंग तकनिकी अपनाई जाती है हेजिंग किसी कमोडिटी की कीमतों में होने वाले उतार चड़ाव के नुकशान से बचने का तरीका है जिसे हम हेजिंग कहते है
उधारण : हम इसे उधारण से समझते है मानलो वर्तमान समय में L&T का प्राइस 1500 के आसपास चल रहा है अगर आप L&T का फ्यूचर खरीदना चाहते है यानी आपको लगता है की L&T का स्टॉक इस महीने ऊपर जायेगा अगर L&T बड गया तो आपको मुनाफा हो जायेगा अगर निचे आया तो आपको थोडा या भारी नुकशान उठाना पड़ सकता है अगर L&T के फ्यूचर के साथ 1200 या 1500 का put खरीद लेते है तो आपकी पोजीशन अगर हेज L&T बड गया तो आपको प्रॉफिट होगा और put में आपका थोडा नुकशान होगा लेकिन ओवरआल देखा जाये तो आप प्रॉफिट में ही रहोगे |
Hedging Meaning In Stock Market In Hindi :
Hedging को स्पष्ट तरीके से समझने के लिए हम आपको एक उधाहरण देते है मानलो कोई कंपनी कपडे का व्यापर करती है यदि कपड़ो की कीमतों में वृधि होती है टी कंपनी को अपने मुनाफे को खोने की अधिक चिंता रहती है कपड़ो की कीमतों की अनिश्चितता से खुद को बचाने के लिए यह एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट है जो इसे फ्यूचर में एक पूर्व निर्धारित मूल्य एवं तारीख पर कपडे खरीदने में सक्षम रहेगा इस तरह कंपनी कमोडिटी की कीमतों में उतार चड़ाव से खुद को बचाएगी, आपके इन्वेस्टमेंट को बाज़ार के तेजी मंदी से होने वाले नुकशान से बचना है तो आपको हेजिंग करना बहुत जरुरी है |
दोस्तों कमोडिटी हो या शेयर बाज़ार सिक्योरिटी या कमोडिटी से return की गारंटी नहीं होती है इसकी वजह यह है की किसी को पता नहीं होता की भविष्य में किसी सिक्योरिटी या कमोडिटी की कीमत बढेगी या घटेगी इससे उन लोगो का जोखिम बड जाता है जो किसी कमोडिटी का इस्तेमाल करते है उधाहरण के लिए चिप्स बनाने के लिए आलू का इस्तेमाल करने वाला उधमी, इसलिए निवेशक या कारोबारी जोखिम कम करने के लिए हेजिंग का सहारा लेते है जिससे हेजिंग से नुकशान की सम्भावनाये कम हो जाती है |
क्या हैं ऑप्शंस सेलिंग के फायदे!
हमारे साथ दिग्जज ऑप्शंस ट्रेडर पी आर सुंदर हैं। पी आर सुंदर ऑप्शंस राइटर के तौर पर जाने जाते हैं। सुंदर से आज के लिए बैंक निफ्टी की स्ट्रैटेजी तो समझेंगे ही, साथ ही ये भी पूछेंगे कि ऑप्शस सेलिंग के फायदे क्या हैं और इसमें कितना रिस्क है।
ऑप्शन बेचने की रणनीति पर पी आर सुंदर का कहना है कि टाइम वैल्यु यानी थीटा हमेशा सेलर के पक्ष में रहते हैं। वोलिटिलिटी यानी वेगा हमेशा सेलर के पक्ष में रहते हैं। लिहाजा एक्सपायरी के करीब ऑप्शन बेचने पर ज्यादा फायदा संभव है। यही नहीं बाजार दायरे में रहा तो पूरा प्रीमियम रखने का मौका मिलता है।
हालांकि पी आर सुंदर का कहना है कि बाजार में एकतरफा तेज चाल आई तो ऑप्शंस बेचने से घाटा संभव है। साथ ही ऑप्शंस बेचने में अनलिमिटेड लॉस संभव है। वहीं ऑप्शंस बेचने पर जो प्रीमियम मिला, वही अधिकतम मुनाफा होगा।
पी आर सुंदर के मुताबिक ऑप्शंस खरीदने पर जोखिम कम होता है जबकि मुनाफा अनलिमिटेड होता है। वहीं जो प्रीमियम दिया, वही अधिकतम घाटा होगा। ऑप्शंस खरीदने पर एक दिन में ही कई गुना मुनाफा संभव है। 10 रुपये का ऑप्शन कुछ घंटे में 500 रुपये भी हो सकता है, 31 मई को बैंक निफ्टी में ऐसा ही हुआ।
आइए जानते हैं फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
दुनिया भर के शेयर बाजारों में वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव की जाने क्या होता है Options Trading वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। चाहे वह कोई स्टॉक हो, कृषि से संबंधित उत्पाद हो, पेट्रोल की कीमतों में उछाल आना और गिरावट होना आदि ये सब एक आम बात मानी जाती है। कीमत अस्थिरता के वजह से मांग और आपूर्ति में असंतुलन की स्थिति, जंग, राजनीतिक घटनाक्रम जैसी चीजें शामिल होती है। कीमतों में अस्थिरता के कारण सबसे बड़ी समस्या निवेशकों के सामने होती है। जाने क्या होता है Options Trading ऐसे में फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के माध्यम से बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम किया जा जाने क्या होता है Options Trading सकता है।
फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? (What is Future Trading in Hindi?) –
फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading) एक पहले से निर्धारित समय पर एक निश्चित मूल्य पर किसी भी परिसंपत्ति (Assets ) को खरीदने या बेचने के लिए अनुबंध करना होता है। यदि कोई फ्यूचर कांट्रैक्ट खरीदता है तो इसका मतलब है कि वह किसी निश्चित समय पर उस वस्तु की कीमत पर भुगतान करने का वादा कर रहा है। यदि आप फ्यूचर कांट्रैक्ट को बेचते हैं तो खरीदार को किसी विशेष समय पर एक निश्चित कीमत पर परिसंपत्ति का हस्तांतरण करने का वादा करते हैं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आप X कंपनी के 100 शेयर को ₹100 प्रति शेयर की कीमत से फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (future contract) के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित करते हैं। कुछ समय बाद आपको पता चलता है कि फ्यूचर कांट्रैक्ट खत्म होने से पहले कंपनी X के शेयर जाने क्या होता है Options Trading के भाव ₹110 तक बढ़ गए हैं। लेकिन आपके लिए शेयर का भाव अब भी ₹100 प्रति शेयर रहेगा। फलस्वरुप आपको शेयर पर कुल ₹1000 का मुनाफा होगा। हालांकि शेयर के भाव गिर भी सकते हैं। यदि शेयर के भाव गिरकर ₹90 प्रति शेयर हो जाते हैं तो आपको 100 शेयर पर ₹1000 का नुकसान झेलना पड़ेगा। अतः हम कह सकते हैं कि फ्यूचर कांट्रैक्ट से एक क्रेता तभी मुनाफा कमा पाता है जब उसे इस बात की संभावना नजर आएगी शेयर के भाव बढ़ने वाले हैं। शेयर की जाने क्या होता है Options Trading जाने क्या होता है Options Trading कीमत नीचे जाने पर विक्रेता को फायदा होता है।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन जाने क्या होता है Options Trading ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? (What is Future Trading in Hindi?) –
फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading) एक पहले से निर्धारित समय पर एक निश्चित मूल्य पर किसी भी परिसंपत्ति (Assets ) को खरीदने या बेचने के लिए अनुबंध करना होता है। यदि कोई फ्यूचर कांट्रैक्ट खरीदता है तो इसका मतलब है कि वह किसी निश्चित समय पर उस वस्तु की कीमत पर भुगतान करने का वादा कर रहा है। यदि आप फ्यूचर कांट्रैक्ट को बेचते हैं तो खरीदार को किसी विशेष समय पर एक निश्चित कीमत पर परिसंपत्ति का हस्तांतरण करने का वादा करते हैं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आप X कंपनी के 100 शेयर को ₹100 प्रति शेयर की कीमत से फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (future जाने क्या होता है Options Trading contract) के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित करते हैं। कुछ समय बाद आपको पता चलता है कि फ्यूचर कांट्रैक्ट खत्म होने से पहले कंपनी X के शेयर के भाव ₹110 तक बढ़ गए हैं। लेकिन आपके लिए शेयर का भाव अब भी ₹100 प्रति शेयर रहेगा। फलस्वरुप आपको शेयर पर कुल ₹1000 का मुनाफा होगा। हालांकि शेयर के भाव गिर भी सकते हैं। यदि शेयर के भाव गिरकर ₹90 प्रति शेयर हो जाते हैं तो आपको 100 शेयर पर ₹1000 का नुकसान झेलना पड़ेगा। अतः हम कह सकते हैं कि फ्यूचर कांट्रैक्ट से एक क्रेता तभी मुनाफा कमा पाता है जब उसे इस बात की संभावना नजर आएगी शेयर के भाव बढ़ने वाले हैं। शेयर की कीमत नीचे जाने पर विक्रेता को फायदा होता है।