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कमीशन और फैलता है

कमीशन और फैलता है
'डेल्‍टा को हल्‍के में लेकर भुगत चुके, ओमीक्रोन पर गलती नहीं कर सकते', WHO और एक्‍सपर्ट्स की बात के मायने समझ‍िए
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि एक दिसंबर तक देश में कोविड-19 टीकों की कुल 124.11 करोड़ खुराक दी गई थी। कुल 78.9 करोड़ लोगों को कम से कम एक खुराक मिली है और 45.2 करोड़ ने टीकों की दोनों खुराक ली है। पूरी तरह से टीकाकरण कराने वाले लोगों में लगभग 7.94 करोड़ लोग 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के हैं वहीं 12.1 करोड़ लोग 45 से 59 वर्ष की आयु के और 22.56 करोड़ लोग 18 से 44 वर्ष की आयु के हैं।

कमीशन और फैलता है

खुदरा निवेशकों को बाजार की ओर मुखातिब करने के मकसद से कारोबार करने वाले ब्रोकर अब खुद ही बाजार से रुखसत हो रहे हैं। बाजार में उम्मीद के मुताबिक कारोबार न बढऩा और अनुपालन लागत में बढ़ोतरी बाजार से उनके मोहभंग की खास वजह मानी जा रही है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2015 में नकद श्रेणी में ब्रोकरों की संख्या उसके पिछले महीने के 6,147 के आंकड़े से घटकर 3,195 रह गई। ब्रोकरों की बाजार से इस विदाई ने ब्रोकर बिरादरी को भी हैरान कर दिया है, जहां नकद श्रेणी और खुदरा निवेशकों को सेवाएं देने वाले ब्रोकरों की संख्या घटती जा रही है।

ऐंजल ब्रोकिंग में मुख्य कार्याधिकारी विनय अग्रवाल ने बताया, 'सामान्य तौर पर जब बाजार फैलता है तो उसमें कुछ सिकुडऩ भी आती है और यह गिरावट उसी चक्र का हिस्सा है। मगर यह आंकड़ा हैरान करने वाला है।' अधिकांश ब्रोकर ऐसे दौर में बाजार से बाहर जा रहे हैं, जब अल्पावधि में कुछ अनिश्चितताओं के बावजूद अगले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार के बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं। पिछले एक वर्ष में बाजार 15 फीसदी ऊपर चढ़ा है। मगर इस साल बाजार में कारोबार लगभग स्थिर रहा है।

नियामक की लगातार बढ़ती नजर और बाजार पर ज्यादा निगरानी रखने के चलते ब्रोकरों के लिए अनुपालन और तकनीकी लागत बढ़ गई है। जहां लागत लगातार बढऩे पर है, वहीं ब्रोकरेज कमीशन डिस्काउंट ब्रोकिंग जैसे राजस्व मॉडल के चलते कम होता जा रहा है, जहां प्रत्येक लेनदेन के लिए एक तयशुदा शुल्क लिया जाता है। उद्योग जगत के अनुमान के अनुसार इस समय एक्सचेंज को सूचना देने और तकनीकी लागतों का हिस्सा कुल लागत का करीब तकरीबन 20 फीसदी बैठ रहा है। पहले मौजूद व्यवस्था में यह खर्च कुल लागत का लगभग 10 फीसदी होता था। इस लिहाज से यह लागत लगभग दोगुनी बढ़ गई। दूसरी ओर ब्रोकरेज कमीशन इस समय निवेश के 0.05 से 0.25 के बीच में है, जबकि पहले कमीशन 0.5 से लेकर 1 फीसदी तक हुआ करता था। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि बढ़ी लागत के चलते तमाम छोटे ब्रोकर अपने लाइसेंस लौटा रहे हैं। यह लागत इसी साल अप्रैल में नए नियमों के चलते बढ़ी है।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक चोक्कालिंगम जी ने बताया, 'तमाम छोटे ब्रोकर बढ़ी हुई अनुपालन लागत का बोझ उठाने की स्थित में नहीं हैं। साथ ही ब्रोकिंग कमीशन के पैमाने पर भी उन्हें नुकसान हो रहा है क्योंकि निवेशक अब खुद ही ऑनलाइन निवेश करने को तरजीह दे रहे हैं। खुदरा निवेशक, विशेषकर नए निवेशक अब ऑनलाइन निवेश करने में ज्यादा फायदा देख रहे हैं।' पिछले तीन वर्षों में ब्रोकरों की संख्या लगातार घटने पर है। मगर वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान इसमें सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। मार्च, 2014 की शुरुआत में नकद श्रेणी में कारोबार में लगे ब्रोकरों की संख्या 9,411 थी। मार्च 2014 से मार्च 2015 के बीच करीब 3,000 ब्रोकर बाजार से बाहर हो गए, जिससे बाजार में इन ब्रोकरों की संख्या 6,147 रह गई।

Omicron And Vaccine Update: ओमीक्रोन के खिलाफ बेअसर हो सकती है हमारी वैक्सीन, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के बयान ने बढ़ाई टेंशन

Omicron Variant News विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने पिछले सप्‍ताह कहा था, 'यह दक्षिण अफ्रीका में डेल्‍टा वेरिएंट से ज्‍यादा तेजी से फैल रहा है जहां अभी तक डेल्‍टा का प्रसार कम है। यही नहीं दुनिया के उन देशों में भी ओमीक्रोन वेरिएंट तेजी से फैल रहा है जहां डेल्‍टा वेरिएंट बहुत ज्‍यादा फैला हुआ है।

ब्रिटेन में ओमीक्रोन से पहली मौत
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने पिछले सप्‍ताह कहा था, 'यह दक्षिण अफ्रीका में डेल्‍टा वेरिएंट से ज्‍यादा तेजी से फैल रहा है जहां अभी तक डेल्‍टा का प्रसार कम है। यही नहीं दुनिया के उन देशों में भी ओमीक्रोन वेरिएंट तेजी से फैल रहा है जहां डेल्‍टा वेरिएंट बहुत ज्‍यादा फैला हुआ है। इसमें ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं।' डब्‍ल्‍यूएचओ ने कहा कि उपलब्‍ध आंकड़े को देखें तो इस बात की पूरी संभावना है कि जहां पर सामुदायिक संक्रमण शुरू हो गया है।

Omicron And Vaccine Update: ओमीक्रोन के खिलाफ बेअसर हो सकती है हमारी वैक्सीन, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के बयान ने बढ़ाई टेंशन
देश में वैक्सीनेशन
सरकार ने मंगलवार को कहा कि आठ दिसंबर 2021 की स्थिति के अनुसार कोविड टीकों की 48.70 प्रतिशत खुराक महिलाओं को लगायी गयी हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘आठ दिसंबर 2021 की स्थिति के अनुसार, कोविड टीकों की कुल खुराकों में से 48.70 प्रतिशत खुराकें महिलाओं को लगायी गयी हैं, देश की जनसंख्या में महिलाओं का अनुमानित अनुपात 48 प्रतिशत ही है।’

दुनिया में जंगल की आग की तरह से फैल रहा है कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट, बढ़ा रहा टेंशन
टीकाकरण पर जोर
पवार ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत में, गर्भावस्था और स्तनपान को टीकाकरण के लिए विपरीत संकेत माना गया था। उपलब्घ वैज्ञानिक साक्ष्यों व इस क्षेत्र के विशेषज्ञों की सिफारिशों की समीक्षा के आधार पर तथा हितधारकों के परामर्श से मंत्रालय ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं के टीकाकरण को 19 मई, 2021 को एवं गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण को दो जुलाई, 2021 को मंजूरी दी थी।

'डेल्‍टा को हल्‍के में लेकर भुगत चुके, ओमीक्रोन पर गलती नहीं कर सकते', WHO और एक्‍सपर्ट्स की बात के मायने समझ‍िए
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि एक दिसंबर तक देश में कोविड-19 टीकों की कुल 124.11 करोड़ खुराक दी गई थी। कुल 78.9 करोड़ लोगों को कम से कम एक खुराक मिली है और 45.2 करोड़ ने टीकों की दोनों खुराक ली है। पूरी तरह से टीकाकरण कराने वाले लोगों में लगभग 7.94 करोड़ लोग 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के हैं वहीं 12.1 करोड़ लोग 45 से 59 वर्ष की आयु के और 22.56 करोड़ लोग 18 से 44 वर्ष की आयु के हैं।

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सामुदायक स्वास्थ्य केन्द्र देवगढ जिला राजसमन्द पर टिकाकरण के लिऐ वरिष्ट नागरिको को अनावश्यक चक्कर लगवा रहे है

CM साहब एक साल पहले रिक्त उचित मूल्य की दुकान के आवेदन लिए थे लेकिन अभी तक चयन प्रक्रिया ही चालू नही की । एक एक राशन डीलर के पास 4-4 दुकान का चार्ज है वो कैसे वितरण कर सकता है नियत दिन तक। ये ही रहा तो एक डीलर जिसके पास 4-5 दुकान का चार्ज है वो दो से 3 दिन देता राशन तो वो भीड़ 15 दिन मे आने वाली 2- 3 दिन मे राशन लेने आयेगी तो कोरोना नही रुकेगा और साकार चाहे कितने उपाय करले हर जिले मे 200 के लगभग नयी सृजित व रिक्त उचित मूल्य की दुकानों पर नियुक्ति होनी है ये समय रहते सब नही होता है तो ग्रामीण एरिया मे हालत बहुत खराब हो सकता है। और जन धन की हानि हो सकती है ये मैंने इसलिए बताया है की आप एक राजस्थान के आम आदमी के दिल मे बसने वाले CM है। अगर रिक्त दुकानो पर नये लिए अवेदनो से चयन करके नियुक्ति देते हो तो हजारो नये युवाओ को रोजगार मिलेगा और अपने परिवार और वृद्ध माता पिता का पेट भर सकेंगें। मुझे पूरी आशा इस पर तत् काल ध्यान देगेँ। धन्यवाद।

कोई इस हरामखोर से पूछो,
अमीरजादे करोङपतियो से इन कुत्तो की
क्या दोस्ती है जो हजार हजार लेबर काम करने वाली फैक्ट्रीयो को वर्क आर्डर जारी किये जा रहे है जबकी छोटी छोटी फैक्ट्रीयो और दुकानो में काम करने वाली लेबर को जोधपुर का DIG और उसके पालतू पुलिसिया कुत्ते कमीशन और फैलता है रोक रोक कर बेजा परेशान कर रहे है। हरामखोर प्रशासन के अनुसार कमीशन देने वाली बङी फैक्ट्रीयों में कोरोना बिल्कुल नहीं फैलता, और दिनभर मे 10-12 ग्राहक आने वाले दुकानदार कोरोना फैला रहे है इसलिए उनपर लोकडाऊन का फंदा डाला जा रहा है. सिर्फ इसलिए क्योंकि बणियो से इन कुत्तो को कमीशन मिलता है और दुकानदारों से नही.
क्या दुकानदार क्या चाईना जाकर कोरोना लेकर आये थे.? भङवा कह रहा है कि उसने धर्म गुरुओ से चर्चा के बाद लोक डाऊन ठोक दिया, तो तुझ भङवे को वोट जनता ने दिया था या धर्म गुरूओ ने.
हास्पिटल्स का सत्यानाश हुआ पङा है तो हास्पिटल्स फैसेलिटी मैंटेन और डवलप करने की जिम्मेदारी पब्लिक की है या इन कुत्तो की.
अगर ये कुत्ते हराम खाने के चक्कर मे अस्पतालों की दुर्दशा कर रहे है तो उसका दोष भी क्या ये भङवे दुकानदारो पर डालेंगे.? अगर दुकानदारों मे यूनिटी नहीं है तो क्या ये कमीशन और फैलता है हरामखोर उन्हे मनचाहे तरीके से बर्बाद करेंगे.
शाम होते ही इसके खुलवाऐ हुए शराब के अड्डो पर हजारो की भीङ टूट पङती है, बिना मास्क, बिना शोसल डिस्टेंसिग, उनका तो कोई हरामखोर पुलिस वाला चालान नहीं बनाता ! और दुकानदार की दुकान पर चार ग्राहक आ जाये तो भङवो की छाती पर सांप लोटने लगते है, मानो वही चाईना जाकर # कोरोना " लेकर आया हो ||
पैट्रोल पंप जैसे लूट के अड्डे खुले पङे है,
शराब के अड्डो को हरामखोर सीएम स्पेशल परमीशन दे देकर खोल रहा है पर दुकानदार बेमौत मरने चाहिये।
दुकानदारों घर कौन चलायेगा.?
उनका किराया कौन देगा.? उनके बच्चो की फीस कौन देगा?
इसका बाप.?

विधानसभा चुनाव स्थगित करने पर हाईकोर्ट में सुनवाई टली, केंद्रीय चुनाव आयोग को जा चुका है नोटिस

हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण विधानसभा चुनाव और रैलियों को स्थगित किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के.

विधानसभा चुनाव स्थगित करने पर हाईकोर्ट में सुनवाई टली, केंद्रीय चुनाव आयोग को जा चुका है नोटिस

हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण विधानसभा चुनाव और कमीशन और फैलता है रैलियों को स्थगित किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। याचिकाकर्ता की ओर से मामले को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के लिए प्रार्थना की गई।

खंडपीठ ने कहा कि इस मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुन रहे हैं और रेगुलर बेंच ही इस मामले में सुनवाई करेगी। पिछली तिथि को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जबाव पेश करने को कहा था।मामले के अनुसार अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाईकोर्ट में पूर्व से विचाराधीन सचिदानन्द डबराल एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया संबंधी जनहित याचिका में कोर्ट के आदेशों के विपरीत विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर एक प्रार्थना पत्र पेश किया था।

इसमें उन्होंने कहा है कि इन रैलियों से कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी आशंका है और रैलियों में कोविड के नियमों का पालन भी नहीं किया जा रहा है। अधिवक्ता शिव भट्ट ने अपने प्रार्थना पत्र में कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कोविड के किसी भी अन्य वैरिएंट की तुलना में 300 फीसदी से अधिक तेजी से फैल रहा है।

इसलिए लोगों की जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं को स्थगित किया जाए। याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें। उन्होंने यह भी कहा है कि विधानसभा चुनाव स्थगित किए जाएं। इस संबंध में चुनाव आयोग भारत सरकार को आवश्यक निर्देश दिए जाएं। सोमवार को मामले में सुनवाई नहीं हो सकी।

MCD उपचुनाव: दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमीशन की कार्रवाई, आचार संहिता उल्लंघन के मामले में DIP डायरेक्टर को ट्रांसफर करने का आदेश किया जारी

दिल्ली में आज नगर निगम की 5 सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर वोट डाले जा रहे हैं. इसी बीच स्टेट इलेक्शन कमिशन ने अचार संहिता का उल्लंघन करने पर दिल्ली के डायरेक्टरेट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी के डायरेक्टर का ट्रांसफर कर दिया है.

By: अंजलि सिंह | Updated at : 28 Feb 2021 02:54 PM (IST)

दिल्ली में आज नगर निगम की 5 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिये मतदान किया जा रहा है. इस दौरान दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमीशन की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमीशन ने चुनाव के दौरान लगाई जाने वाली आचार संहिता के उल्लंघन के तहत दिल्ली के डायरेक्टरेट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी के डायरेक्टर को ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया है.

दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमीशन के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम उपचुनाव के चलते दिल्ली में आचार संहिता लागू है. लेकिन उपचुनाव के लिये मतदान से ठीक एक दिन पहले 27 फरवरी को दिल्ली के कई प्रमुख अखबारों में दिल्ली सरकार के आधे पेज के विज्ञापन दिये गये थे. जिस विज्ञापन पर कार्रवाई की गई है उनमें दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में प्रोपर्टी खरीद के कमीशन और फैलता है लिये सर्किल रेट कम करने का प्रचार किया गया था. जिसके बाद दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमीशन की ओर से एक शो कॉज नोटिस जारी किया गया था.

स्टेट इलेक्शन कमीशन ने पाया दोषी

शो कॉज नोटिस में कहा गया है कि मतदान से एक दिन पहले पब्लिक के पैसे से सत्ता में बैठी पार्टी की उपलब्धियों के प्रचार वाला विज्ञापन प्रकाशित किया गया है जिसे स्टेट इलेक्शन कमीशन ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन कमीशन और फैलता है माना है. नोटिस में 27 फरवरी शाम 4 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा गया था. दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमीशन के अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक DIP डायरेक्टर की ओर से दाखिल जवाब को संतोषजनक नहीं माना गया और इस पर दोबारा विस्तृत जवाब मांगा गया है. हालांकि अंतरिम कार्रवाई करते हुए दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमीशन ने DIP डायरेक्टर को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है.

5 सीटों पर किया जा रहा मतदान

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गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम उपचुनाव के लिये आज मतदान किया जा रहा है. जिन 5 सीटों पर मतदान किया जा रहा है उनमें 2 उत्तरी दिल्ली नगर निगम और 3 पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सीटें हैं.

Published at : 28 Feb 2021 02:54 PM (IST) Tags: Delhi State Election Commission DIP Director Transfer MCD byelection Government of Delhi Municipal Corporation Delhi हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

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