मुद्रा बोर्ड

An approval letter claims to grant a loan of ₹10,00,000 under the 𝐏𝐌 𝐌𝐮𝐝𝐫𝐚 𝐘𝐨𝐣𝐚𝐧𝐚 on the payment of ₹4,500 मुद्रा बोर्ड as verification & processing fees.
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का आदेश, क्रिप्टोकरेंसी के आदान-प्रदान में खरीदार करें टीडीएस कटौती
Updated: June 29, 2022 9:13 AM IST
Income Tax Department: आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल परिसंपत्ति (VDA) या क्रिप्टोकरेंसी के आदान-प्रदान में खरीदार एवं विक्रेता दोनों को ही अपने स्तर पर टीडीएस काटना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 194एस के मुताबिक खरीदार को वीडीए के लेनदेन में कर कटौती करनी होगी.
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आयकर विभाग की नियंत्रक संस्था सीबीडीटी ने कहा, “इस तरह, एक्सचेंज से इतर किए जाने मुद्रा बोर्ड वाले डिजिटल परिसंपत्ति लेनदेन में खरीदार को आयकर अधिनियम की धारा 194एस के तहत कर कटौती करने की जरूरत है.”
सीबीडीटी ने कहा कि ऐसी देनदारी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि कटौती किए गए कर का भुगतान किया जा चुका हो.
सीबीडीटी ने इसे एक उदाहरण के जरिये समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि अगर ‘ए’ वीडीए को ‘बी’ वीडीए के बदले दिया जा रहा हो तो इस स्थिति में दोनों ही पक्ष खरीदार होने के साथ विक्रेता भी हैं.
सीबीडीटी ने कहा, “इस संदर्भ में दोनों ही पक्षों को वीडीए अंतरण के संदर्भ में कर देना होगा. दूसरे पक्ष को इसका साक्ष्य देना होगा ताकि दोनों वीडीए की अदला-बदली हो सके. फिर दोनों ही पक्षों को टीडीएस विवरण में चालान नंबर के साथ इसका उल्लेख करना होगा.”
नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि सीबीडीटी ने खरीदार को यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है कि विक्रेता ने प्रतिफल जारी करने से पहले उचित करों का भुगतान कर दिया है.
मुद्रा योजना का लाभ लेने के लिए देना होगा 4500 रुपये! सामने आया ये सच
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. केंद्र सरकार योजना चला रही है. इस स्कीम को लेकर ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार शुरू करने या उसके विस्तार को लेकर 10 लाख रुपये तक का लोन (Mudra Yojana Loan) दिया जा रहा है. 10 लाख रुपये तक का लोन आसानी से और सस्ती ब्याज दरों (Interest Rate) पर मिलता है. इस योजना के तहत अगर आप समय से लोन मुद्रा बोर्ड चुका देते हैं, तो कर्ज की ब्याज दर भी माफ हो जाती है. इस बीच योजना का लाभ लेने वालों को एक अनुमोदन पत्र सत्यापन और प्रसंस्करण शुल्क देने का दावा किया जा रहा है.
इसमें शुल्क के रूप में 4500 रुपये का भुगतान करना होगा. इसके तहत 10 लाख रुपये का ऋण देने का दावा किया जाता है. पीआईबी ने जब मुद्रा बोर्ड इस संदेश को जांचा तो पाया कि यह पूरी तरह से फर्जी है. ऐसे कोई आदेश सरकार की ओर से जारी नहीं हुआ है.
आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में डिजिटल मुद्रा पर चर्चा
मुंबई, 17 दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था केंद्रीय बोर्ड ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) और निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े तमाम पहलुओं पर शुक्रवार को चर्चा की।
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए कानून लाने की तैयारी में है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक 2021 को पेश करने की योजना है।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस विधेयक के अब इस अधिवेशन में पेश होने की संभावना कम ही दिख रही है।
मुद्रा और सिक्का डिवीजन
करेंसी और सिक्का निर्माण प्रभाग मुख्य रूप से करेंसी नोटों और सिक्कों के संबंध में नीति निर्माण का कार्य करता है तथा करेंसी और सिक्कों के उत्पादन, योजना और छपाई/ढलाई की देखरेख करता हैं। यह भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम इंडिया लिमिटेड के सामान्य पर्यवेक्षण के लिए उत्तरदायी है।
- एसपीएमसी अनुभाग
- सिक्का अनुभाग
- करेंसी I अनुभाग
- करेंसी II अनुभाग
प्रभाग प्रमुख का नाम और पता
श्री सौरभ गर्ग
संयुक्त सचिव (करेंसी और निवेश)
आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय
कमरा नं 39 बी, नॉर्थ ब्लॉक,
नई दिल्ली.
टेली : 2309 2420
फैक्स नंबर - 2309 3504 , इंटरकॉम: 5043
ईमेल: s[dot]garg[at]gov[dot]in
कॉयर बोर्ड से विदेशी मुद्रा की बड़ी कमाई
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 25 November 2013 09:43:07 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित कॉयर बोर्ड के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें खुशी है कि नई मशीनरी के उन्नतीकरण और विकास तथा कॉयर उद्योग के पारंपरिक वस्तुओं के निर्माण में विविधता के साथ ही पर्यावरण अनुकूल तकनीकियों और उत्पादकता प्रक्रियाओं को अपनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग में 80 प्रतिशत महिलाएं काम करती हैं, इसलिए इस उद्योग के आधुनिकीकरण तथा संरचना में उन्नतीकरण का अधिक महत्व है। इन कदमों से काम करने वालों का मनोबल बढ़ेगा, उत्पादकता बढ़ेगी और उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होगी।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि कॉयर बोर्ड अपने अस्तित्व का 60वां वर्ष मना रहा है। कॉयर बोर्ड भारत के सबसे पुराने उपभोक्ता वस्तु बोर्डों में से एक है, इसने उत्पादन नियोजन और निर्यात आय सभी मामलों में अच्छा कार्य किया है। आज इसने अन्य नारियल उत्पादन राज्यों में भी विस्तार कर लिया है, इस उद्योग में 14 राज्यों के लगभग सात लाख कामगार लगे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह उद्योग हमारे देश में विदेशी मुद्रा अर्जन में काफी आगे है, इसके उत्पादों का पूरे विश्व में स्थिर बाजार है, इस उद्योग ने गुणवत्ता सुधार प्रौद्योगिकी और उत्पादों में वैज्ञानिक उन्नयन, बेहतर बाजार अनुसंधान और उत्पाद संवर्धन के रूप में महत्वपूर्ण विधियां अपनाई हैं, यह निर्यात से 1100 करोड़ रूपये का अर्जन करने वाला उद्योग बन गया है, इस उद्योग की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका सह-उत्पादन नारियल भूसी, अनेक कृत्रिम मुद्रा बोर्ड सामग्रियों का महत्वपूर्ण विकल्प है, कॉयर से न तो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और न ही पर्यावरण पर।
राष्ट्रपति ने कहा कि सतत विकास मुद्रा बोर्ड के लाभों के प्रति जागरूकता के इन दिनों में कॉयर का फाल्स सीलिंग, वॉल पैनल, थर्मल इंसुलेशन आदि में उपयोग बढ़ रहा है। इसमें नई मशीनरी और परंपरागत वस्तुओं में विविधता का विकास और उन्नयन हो रहा है। इस उद्योग में जहां 80 प्रतिशत कामगार महिलाएं हैं, उसके आधुनिकीकरण मुद्रा बोर्ड और अवसंरचना उन्नयन की महत्ता को पर्याप्त नहीं कहा जा सकता। कॉयर बोर्ड ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं पर ध्यान देते हुए महिला कॉयर योजना स्कीम विकसित की है, जिसमें उन्हें कॉयर या उनकी कताई और अन्य कॉयर निर्माण प्रक्रियाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। बारहवीं योजना अवधि में इस क्षेत्र के विस्तार के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है। इस उद्योग की लगभग तीन करोड़ 60 लाख इकाईयां करीब आठ करोड़ व्यक्तियों की आजीविका का माध्यम बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि मैं यह चाहता हूं कि यह उद्योग कच्चे माल के रूप में, आत्मनिर्भर बने और नियोक्ताओं से यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि उनके उद्योग में लगे कामगारों को सरकार की बीमा और कल्याण योजनाओं के माध्यम से पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराई जाए। राष्ट्रपति ने कहा कि वे कच्चे माल की उपलब्धता के क्षेत्र में कॉयर इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर देखना चाहते हैं, उन्होंने मालिकों से आग्रह किया कि वे सरकार की बीमा और कल्याणकारी योजनाओं के जरिए इस उद्योग में लगे कामगारों की और अधिक मदद करें। इस मौके पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) राज्य मंत्री केएच मुनियप्पा, राज्यसभा के उपसभापति प्रोफेसर पीजे कुरियन और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ शशि थरूर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के सचिव माधव लाल और कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर बालाचंद्रन ने भी संबोधित किया।