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Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Trading से पैसे कैसे कमाते हैं | Trading Se Paise Kaise Kamaye 2022

इस पोस्ट में जानेंगे – ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ), ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi ), Trading से पैसे कैसे कमाए (Trading Se Paise Kaise Kamaye).

Trading के बारे में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह पोस्ट आपके लिए लिखा है। इस लेख में आपको पूरी जानकारी जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं (Trading Se Paise Kaise Kamaye) तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा।

शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है, मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है। अगर आप शेयर मार्किट बारे में विशेष कुछ नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि – नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए (Must read)

ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ).

सामान्य तौर पर ट्रेडिंग का मतलब क्रय और विक्रय से हैं, जब हम किसी चीज को खरीदते हैं और उसे बेच देते हैं इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. हमारे आसपास हम बहुत सी चीजों को देखते हैं जो किसी ना किसी के द्वारा खरीदी बेची जाती है, वह सभी लोग जो इन चीजों के क्रय विक्रय में शामिल होते हैं ट्रेडर कहलाते हैं।

इसी प्रकार स्टॉक मार्केट में जब आप शेयरों की खरीदारी और विक्रय करते हैं तब आप शेयर मार्केट में एक ट्रेडर कहलाते हैं, और आपके द्वारा की गई क्रिया जिसमें आप शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं ट्रेडिंग कहलाती है।

शेयर मार्केट दो तरह से पैसा लगाया जाता है, एक है निवेश तो दूसरा ट्रेडिंग। सेम डे या शार्ट टर्म के लिए किसी शेयर के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi )

Share Market में trading को चार भागों में विभाजित किया गया है।

  1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
  2. स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग (Swing Trading or Short Term Trading )
  3. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
  4. पोज़िशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है, यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को इंट्रा-डे ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते है।

Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है। इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं। यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है।

Swing Trading क्या है?

Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।

Scalping Trading क्या है?

Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।

Positional Trading क्या है?

Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।

Position Trading को Delivery Trading भी बोलते है, क्योंकि Position मतलब अपनी जगा फिक्स करना जैसे कि Intraday Trading हम एक दिन के लिए Trading कर सकते थे, ठीक वैसे ही Position Trading में हम अपने Stock को जो हमे Buy या Sell क्या है उसको हम होल्ड करके रख सकते है, कुछ टाइम के लिए।

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

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ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi

  • Post author: ShareMarketIndia
  • Post published: March 8, 2022
  • Post category: शेयर मार्केट
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ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi

आजकल लोग इंटरनेट से पैसे कमाने के अलग अलग तरीके खोजते रहते है। ट्रेडिंग भी एक ऐसा तरीका है जिससे आप हजारों रुपए कमा सकते है। तो आइये जानते है ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?

शेयर मार्केट में कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है। ट्रेडिंग करके कुछ लोग दिन के हजारों रुपए कमाते है।लेकिन ज्यादातर लोग ट्रेडिंग में पैसे गवांते है या फिर थोडे ही पैसे कमा पाते है। क्युकी वह लोग ट्रेडिंग क्या है(Trading in Hindi),कैसे सीखें?, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, इन सबकी जानकारी लिए बिना ही ट्रेडिंग करना शुरू करते है।

इसलिए आपको सबसे पहले ट्रेडिंग क्या है? ये जानना जरूरी है।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या है? | Trading in Hindi

ट्रेडिंग का अर्थ होता है व्यापार। दो व्यक्ति या संस्था के बीच वस्तु और सेवाओं का आदान प्रदान इसी को ट्रेडिंग यानी व्यापार कहते है। बहुत पुराने समय से दुनिया में ट्रेडिंग यानी व्यापार होता आ रहा है। पुराने समय में लोग एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देते थे। उसके बाद वस्तु के बदले पैसे देने लगे।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का अर्थ होता है शेयर की खरीदी और बिक्री। जैसे कि हम किसी Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? वस्तु की खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है।

ट्रेडिंग करने में बहुत जोखिम होता है ऐसा कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि भविष्य में कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अक्सर ऐसा होता कि अगर शेयर से जुड़ी कोई अच्छी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देती है। और अगर शेयर से जुड़ी कुछ बुरी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? | Online Trading in Hindi

इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के मदत से शेयर को खरीदने और बेचने की सुविधा को ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading in Hindi) कहा जाता है। शेयर के अलावा आप मच्यूल फंड, करेंसी,कमोडिटी और अन्य वित्तीय सिक्योरिटीज को आप ऑनलाइन खरीद सकते है।

किसी भी ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर के साथ घर बैठे अकाउंट खुलवाकर आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते है।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | Types of Trading in Hindi

ट्रेडिंग के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।

इंट्राडे ट्रेडिंग, पोजिशनल,स्विंग ट्रेडिंग। आइए सबसे पहले जानते है इंत्राडे ट्रेडिंग क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading in Hindi

बहुत से लोग शेयर मार्केट में कम समय में मुनाफा कमाना चाहते है। उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

एक ही दिन के अंदर शेयर खरीदकर बेचना इसी को इंट्राडे ट्रेडिंग कहता है।शेयर मार्केट सुबह 9:15 को खुलता है और 3:30 को बंद होता है। उसी समय के बीच में अगर आप शेयर खरीद कर बीच देते है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर आप अच्छे से इंट्राडे ट्रेडिंग सीख गए तो आप दिन के हजारों रुपए कमा सकत है। लेकिन इसमें नुकसान होने Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? की भी पूरी संभावना होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में रहने वाली जोखिमों से अज्ञात होते हुए कई बार ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुक्सान कर बैठते है।

मेरी राय ये है कि अगर आप नए है तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा पैसे नहीं लगाने चाहिए।

पोजिशनल ट्रेडिंग | Positional Trading in Hindi

यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, लेकिन हर दिन के उतार-चढ़ाव पर नजर नहीं रख Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? सकते हैं, और लंबे समय के लिए भी निवेश नहीं करना चाहते हैं, तो फिर पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए अच्छा मार्ग हो सकता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग में ट्रेडर अपने शेयर इंट्राडे से ज्यादा समय के लिए होल्ड कर सकते।यह समय एक दिन,एक हफ्ता या एक महीना भी हो सकता है।

जबकि पोजीशन ट्रेडिंग सुनने में आसान लग रही होगी लेकिन, इसके लिए अच्छे फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च की आवश्यकता होती है। साथ ही शेयर मार्केट के बारे में अच्छी और ठोस जानकारी भी जरूरी होती है।

स्विंग ट्रेडिंग | Swing Trading in Hindi

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है पर जहां ट्रेडर शेयर थोड़े समय के लिए शेयर खरीदते हैताकि उससे मुनाफा कमा सकें। यह समय आमतौर पर कुछ दिनों और कई हफ्तों के बीच होता है।

स्विंग ट्रेडर शेयर की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव और गति के रुझानों को जानने के लिए और शेयर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग गतिविधि में एक पैटर्न का विश्लेषण करता है। स्विंग ट्रेडिंग आम तौर पर लार्ज कैप शेयर पे कि जाती है।

स्विंग ट्रेडर्स आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनने के लिए तकनीकी विश्लेषण(टेक्निकल एनालिसिस) का उपयोग करते हैं। अगर आपको स्विंग ट्रेडिंग सीखनी है तो आपको टेक्निकल एनालिसिस आना ही चाहिए । स्विंग ट्रेडिंग में भी रिस्क होती है इसलिए बिना समझे पैसे नहीं लगाना चाहिए।

ट्रेडिंग कैसे सीखे | How to Learn Trading in Hindi

आपने ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ये बाते तो जान ली आइए अब जानते जानते है कि ट्रेडिंग कैसे सीखे(How to Learn Trading in Hindi)

यूटयूब एक ऐसा जरिया है जहां से आप ट्रेडिंग सीख सकते है।आपको यूट्यूब के ऊपर बहुत सारे चैनल मिलेंगे जहां से आप फ्री में ट्रेडिंग सीख सकते है। गूगल पर भी ऐसी बहुत वेबसाइट उपलब्ध है जहां से आप ट्रेडिंग के बारे में जानकारी ले सकते है।

ट्रेडिंग सीखनी के लिए आप किसी अच्छी किताब Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? को Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? पढ़ सकते है।दोस्तों अगर आपको किताबे पढ़ना पसंद है तो आप किताब से भी ट्रेडिंग सीख सकते हो।आप ऐसे लोगों की किताब पढ़े जिन्होंने ट्रेडिंग में सफल होकर अच्छा पैसा कमाया है।आपको इंटरनेट पर ट्रेडिंग के ऊपर बहुत सारे ई-बुक भी मिल जाएंगे जिन्हें आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते है।

दोस्तों आपको शेयर मार्केट के बारे ऑनलाइन और ऑफलाइन बहुत सारे फ्री और पेड कोर्सेस मिल जाएंगे।इन कोर्सेस कि मदद से आप ट्रेडिंग सीख सकते हो।

Stock Market

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जाता है?

ट्रेडिंग अकाउंट का आशय एक ऐसे अकाउंट से है, जिसके माध्यम से निवेशक शेयर मार्केट में शेयर खरीदनें और बेचने के ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज पर भेजनें में सक्षम होते है | जब निवेशक दारा शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की जाती है, तो उस दौरान धन जमा करनें और निकालने का कार्य बैंक अकाउंट के माध्यम … Read more

डीमैट अकाउंट (Demat Account) क्या होता है ? Demat Account कैसे खोले ?

हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग है, जो बहुत ही कम समय में अधिक से अधिक धन अर्जित करना चाहते है | इसके लिए वह शेयर मार्केट में निवेश करते है, हालाँकि शेयर मार्केट में रिस्क काफी अधिक होता है | इसके बावजूद शेयर मार्किट में निवेश करनें वाले लोगो की संख्या में दिन-प्रतिदिन … Read more

शेयर मार्किट या शेयर बाज़ार क्या है ? Stock OR Share Market Explained in Hindi

शेयर मार्केट के लेकर आम लोगो में यह धारणा होती है, Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? कि यहाँ पर जितनें भी लोग पैसा इन्वेस्ट करते है, उनमें से ज्यादातर लोगो का पैसा डूब जाता है | जबकि ऐसा बिल्कुल भी नही है, यदि आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी है और आप इसमें अपना पैसा सोच समझकर पूरी … Read more

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इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर को समझें

वारेन बफेट - वह वह व्यक्ति है जिसके बारे में बात करने पर अधिकांश लोग प्रेरित हो जाते हैंनिवेश. ज़रूर, आपने उसके बारे में सुना होगा, है ना? जब आप उनके निवेश पोर्टफोलियो को देखेंगे, तो आपको लंबी अवधि के शेयरों की एक श्रृंखला मिलेगी। और, यहीं से अपेक्षाकृत नए निवेशक भ्रमित होने लगते हैं। आखिरकार, लंबी अवधि के व्यापार के लिए एक पोर्टफोलियो बनाना हर किसी के बस की बात नहीं हो सकती है। यहीं से इंट्राडे और डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के बीच चयन करने की दुविधा सामने आती है।

जबकि इन ट्रेडिंग प्रकारों के लिए रणनीतियाँ अलग हैं, वहीं अन्य महत्वपूर्ण पहलू भी हैं जिन्हें इंट्राडे और डिलीवरी के बीच के अंतर के बारे में बात करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। आइए इन दोनों विकल्पों को एक साथ रखें और इस पोस्ट में उनके अंतरों का पता लगाएं।

Intraday Vs Delivery Trading

इंट्राडे ट्रेडों को परिभाषित करना

इस ट्रेडिंग सिस्टम में ट्रेडिंग सत्र के भीतर स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल है, जो उसी दिन होता है। यदि तुमविफल दिन के अंत तक आपकी स्थिति को स्क्वायर करने के लिए, विशिष्ट ब्रोकरेज योजनाओं के तहत आपका स्टॉक स्वचालित रूप से समापन मूल्य पर बेचा जाता है।

अधिकांश व्यापारी शेयरों की कीमत निर्धारित करके इस व्यापार की शुरुआत करते हैं और यदि वे लक्ष्य से कम व्यापार कर रहे हैं तो उन्हें खरीद लेते हैं। और फिर, लक्ष्य तक पहुंचने पर वे स्टॉक को बेच देते हैं। और, अगर स्टॉक के लक्ष्य तक नहीं पहुंचने की भविष्यवाणी है, तो व्यापारी इसे उस कीमत पर बेच सकते हैं जो सबसे अच्छी लगती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • आपको पूरी राशि का केवल एक निश्चित भाग का भुगतान करके शेयर खरीदने को मिलता है; इस प्रकार, आपको कम निवेश करने और अधिक लाभ प्राप्त करने को मिलता है
  • यदि आपको लगता है कि किसी निश्चित कीमत की कीमत दिन में कहीं गिर सकती है, तो आप शेयर को बिना खरीदे ही बेच सकते हैं; इस तरह, आप कीमत के आधार पर बाद में स्टॉक खरीद सकते हैं और पर्याप्त लाभ कमा सकते हैं
  • डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग की तुलना में, इंट्राडे में ब्रोकरेज कम होता है

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

  • आप समय नहीं दे सकतेमंडी, और इस प्रकार के व्यापार में कोई भविष्यवाणी काम नहीं करती है; इस प्रकार, आपके पास कितना भी अच्छा पैसा क्यों न हो, आपके पास 24 घंटे से अधिक के लिए स्टॉक नहीं हो सकता है
  • इस ट्रेडिंग में, आपको स्टॉक को पर रखने की सुविधा नहीं हैरिकॉर्ड करने की तारीख राइट्स इश्यू, बोनस, लाभांश, और बहुत कुछ
  • आपको बेहद सतर्क रहना होगा और हर मिनट बाजार पर नज़र रखनी होगी

डिलीवरी-आधारित ट्रेडों को परिभाषित करना

जहां तक डिलीवरी ट्रेडों का संबंध है, खरीदे गए स्टॉक को इसमें जोड़ा जाता हैडीमैट खाता. जब तक आप बेचने का फैसला नहीं करते तब तक वे कब्जे में रहते हैं। भिन्नइंट्राडे ट्रेडिंग, इसकी कोई सीमित समयावधि नहीं Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है। आप अपने स्टॉक को दिनों, हफ्तों, महीनों या वर्षों में भी बेच सकते हैं।

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के लाभ

  • अगर आपको लगता है कि कंपनी काफी अच्छा कर रही है तो आपको किसी स्टॉक में लंबे समय तक निवेश करने का फायदा मिलता है
  • जोखिम इंट्राडे से कम है

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के नुकसान

  • स्टॉक खरीदने के लिए आपको पूरी राशि का भुगतान करना होगा; इस तरह, जब तक आप अपने शेयर बेचने का निर्णय नहीं लेते, तब तक आपके फंड ब्लॉक हो जाते हैं

डिलीवरी और इंट्राडे दृष्टिकोण के बीच अंतर

अब जब आप इंट्राडे और डिलीवरी के अंतर को समझ गए हैं, तो यहां बताया गया है कि उनका व्यापार करने का तरीका भी अलग है:

वॉल्यूम ट्रेड

इसे एक दिन के भीतर किसी कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाने की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित और बड़े संगठनों के लिए उनकी विश्वसनीयता के कारण मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार, यदि आप इंट्राडे चुन रहे हैं, तो विशेषज्ञ आपको इन ट्रेडों से चिपके रहने की सलाह देंगे।

लंबी अवधि के लिए कारोबार करने वालों के संदर्भ में, वे अस्थिरता के पहलू पर कम निर्भर करते हैं क्योंकि स्टॉक बेचने को तब तक के लिए टाल दिया जा सकता है जब तक कि यह आपके द्वारा निर्धारित लक्ष्य मूल्य तक नहीं पहुंच जाता।

कीमत के स्तर

दोनों ट्रेडों के लिए, मूल्य लक्ष्य निर्धारित करना एक आदर्श तरीका है। हालांकि, यह इंट्राडे ट्रेडों में बेहतर काम करता है क्योंकि ये अधिक समय के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस पद्धति से, आप अधिक लाभदायक अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

लंबी अवधि के ट्रेडों के लिए, आप निवेश की अवधि बढ़ा सकते हैं, भले ही आप लक्ष्य मूल्य से चूक गए हों। कई व्यापारी लक्ष्य को ऊपर की ओर संशोधित कर सकते हैं और लाभ प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक स्टॉक रख सकते हैं।

निवेश का विश्लेषण

आमतौर पर, इंट्राडे ट्रेड तकनीकी संकेतकों पर आधारित होते हैं। ये स्टॉक के अल्पकालिक मूल्य आंदोलन को दर्शाते हैंआधार ऐतिहासिक मूल्य चार्ट के। इतना ही नहीं, बल्कि यह ट्रेडिंग इवेंट-संचालित भी हो सकती है। हालांकि, इनमें से कोई भी दृष्टिकोण दीर्घकालिक सफलता की गारंटी नहीं दे सकता है।

डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के संबंध में, विशेषज्ञ सलाह देते हैंमौलिक विश्लेषण. इसका मतलब उन कंपनियों में निवेश करना है जिनके पास लंबी अवधि की भविष्यवाणी है। इसके लिए कंपनी के कारोबारी माहौल और आंतरिक संचालन के गहन विश्लेषण की जरूरत है। लेकिन ध्यान रखें कि किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए आपको असंख्य संख्याओं और आंकड़ों से गुजरना होगा।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर: आपको कौन सा चुनना चाहिए?

ज़रूर, इंट्राडे ट्रेडिंग लुभाने लगती है, लेकिन यह सभी के लिए नहीं है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है, आपको सफलता हासिल करने के लिए हर मिनट बाजार पर नजर रखनी होगी। साथ ही, इस प्रकार को चुनना आपको तकनीकी पहलुओं, जैसे कि एल्गोरिदम और चार्ट पर निर्भर रहने के लिए मजबूर करेगा। इस प्रकार, यदि आप इस दृष्टिकोण से सहज नहीं हैं, तो आपको इस ट्रेडिंग प्रकार से दूर रहना चाहिए।

दूसरी ओर, यदि आप कुछ घंटों का निवेश करके जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, तो डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग आपके लिए एक बढ़िया विकल्प नहीं है क्योंकि इस प्रकार के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इसमें फंडामेंटल अप्रोच की मदद से पैसा लगाने की भी जरूरत होती है।

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