बाजार और बाजार

भारत का मार्केट कैप पार हो गया है:
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नई दिल्ली. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई एक बार फिर भारतीय शेयर बाजारों में लौटने लगे हैं. नवंबर में अब तक उन्होंने शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये डाले हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगस्त और सितंबर में शुद्ध बिकवाल रहने के बाद अब आगे चलकर एफपीआई द्वारा बड़ी बिकवाली की संभावना नहीं है.
ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि का चक्र समाप्त होने की संभावना, मुद्रास्फीति में नरमी, बाजार और बाजार अमेरिका के उम्मीद से बेहतर मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों और भारतीय इकोनॉमी की जुझारू क्षमता की वजह से एफपीआई भारतीय शेयरों बाजार और बाजार में पैसा लगा रहे हैं.
लगातार 9 माह तक बिकवाल बने रहे थे एफपीआई
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एक से 25 नवंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने 8 करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये की निकासी की थी. अगस्त में एफपीआई 51,200 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे थे. वहीं जुलाई में उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. इससे पहले अक्टूबर, 2021 से एफपीआई लगातार नौ माह तक बिकवाल रहे थे.बाजार और बाजार
बाजार अनुसंधान
मार्केट रिसर्च एंड इंटेलिजेंस एक महत्वपूर्ण मार्केटिंग टूल है जो लक्षित बाजार के बारे में गहराई से जानकारी प्रदान कर सकता है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से संभावित बाजारों में प्रवेश करने और मौजूदा बाजारों में स्थिति को मजबूत करने के लिए किया जाता है। उपभोक्ता वरीयताओं बाजार और बाजार और बाजार आसूचना के पैटर्न का अध्ययन करके संभावित बाजारों का बेहतर दोहन किया जा सकता है। बाजार अनुसंधान बाजार और बाजार मूल्यवान विश्लेषण प्रदान करेगा जो मूल्य निर्धारण, पैकेजिंग और यहां तक कि उत्पाद विकास जैसे निर्णय लेने में सहायता करेगा ।
मौजूदा बाजार को मजबूत करने के लिए, अप-टू-डेट बाजार में बदलाव या उत्पाद की मांग में बदलाव के बारे में जागरूकता का सहज महत्व है। यह स्थापित भारतीय निर्यातकों को उपभोक्ता वरीयताओं या अल्पकालिक मांगों के आधार पर उत्पाद लाइनों को बदलने पर त्वरित निर्णय लेने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
बाजार पूंजीकरण के मामले में भारत ने दुनिया के शीर्ष पांच क्लबों में प्रवेश किया
बाजार पूंजीकरण पर ब्लूमबर्ग के हालिया आंकड़ों के अनुसार, पहली बार, भारत के इक्विटी बाजार ने बाजार पूंजीकरण के मामले में दुनिया के शीर्ष 5 में प्रवेश किया है। 3.21 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल बाजार पूंजीकरण के साथ भारत 5वें स्थान पर है। कुल विश्व बाजार पूंजीकरण बाजार और बाजार 109.22 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। 47.32 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल मार्केट कैप के साथ अमेरिका रैंकिंग में सबसे ऊपर है, इसके बाद चीन (यूएसडी 11.52 बाजार और बाजार ट्रिलियन), जापान (6 ट्रिलियन अमरीकी डालर) और हांगकांग (5.55 ट्रिलियन अमरीकी डालर) का स्थान है।
भारत का बाजार पूंजीकरण (market capitalization) विश्व में पांचवें स्थान पर पहुंचा
वर्तमान में भारत अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के बाद 5वें स्थान बाजार और बाजार पर है। 2022 की शुरुआत में भारत 7 वें स्थान पर था। बाद में, भारत अपने बाजार पूंजीकरण में 7.4% की गिरावट के बावजूद दो स्थान उपर चढ़ गया। अब, भारत का कुल बाजार पूंजीकरण 3.21 ट्रिलियन डॉलर है।
यूरोपीय देशों की रैंकिंग
2022 की शुरुआत में, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस पांचवें और छठे स्थान पर थे। हालांकि, उनकी रैंक गिर गई है और वर्तमान में वे क्रमशः छठे और नौवें स्थान पर हैं। जर्मनी कभी शीर्ष पांच बाजारों में से एक था, लेकिन अब इसकी रैंक दसवें स्थान पर आ गई है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से यूरोपीय देशों के बाजार पूंजीकरण में अधिकतम गिरावट आई है, जो उनके रैंकों में गिरावट का कारण है।
सऊदी अरब, जो पहले 10वें स्थान पर था, तीन स्थान चढ़ गया है और अब 7वें स्थान पर है। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी, अरामको को तेल की कीमतों में उछाल से फायदा हुआ है। अरामको का मूल्य लगभग 2.4 ट्रिलियन डॉलर है।
Share Market Outlook: हफ्ते में इन अहम इवेंट्स पर रहेगी बाजार की नजर, ट्रेडिंग से पहले जान लें डीटेल्स - काम आएगा
Zee Business हिंदी 8 घंटे पहले ज़ीबिज़ वेब टीम
Share Market Key Triggers: शेयर बाजार के लिए यह हफ्ता काफी अहम होगा. क्योंकि इस हफ्ते कई अहम घरेलू आंकड़ें आएंगे जिन पर बाजार रहेगी. बीते हफ्ते विदेशी निवेशकों की खरीदारी और कच्चे तेल की कीमतों में आई नरमी से बाजार में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिली. ऐसे में सवाल है कि क्या आगे भी बाजार में पॉजिटिव ट्रेंड देखने को मिलेगी?
इस हफ्ते बाजार की नजर इन इवेंट्स पर
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस हफ्ते आने वाले ऑटो बिक्री, घरेलू आर्थिक आंकड़ों और ग्लोबल मार्केट ट्रेंड पर बाजार की चाल तय होगी. नए हफ्ते में दूसरी तिमाही के GDP आंकड़े आने वाले हैं. साथ ही नवंबर के ऑटो सेल्स का डेटा भी जारी होगा. इसके अलावा बाजार के लिए FIIs का ट्रेंड भी अहम होगा. बता दें कि बीते हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी नए शिखर को छुआ. पहली बार सेंसेक्स 62,293.64 और निफ्टी 18,512.75 के रिकॉर्ड हाई पर बंद हुए.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि इस हफ्ते सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की दूसरी तिमाही के आंकड़े आने हैं. इसके अलावा ऑटो बिक्री के आंकड़े भी आएंगे. वैश्विक मोर्चे पर बाजार अमेरिका के आंकड़ों, डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड के उतार-चढ़ाव पर नजर रखेगा. साथ ही चीन से आने वाली खबरें भी बाजार के उतार-चढ़ाव की वजह बन सकती हैं.
बाजार बाजार और बाजार के लिए अहम है यह हफ्ता
रेलिगेयर ब्रोकिंग के टेक्निकल रिसर्च VC अजित मिश्रा ने कहा कि इस हफ्ते बाजार भागीदारों की निगाह इंडिकेटर्स के लिए GDP और मैन्युफैक्चरिंग PMI के आंकड़ों पर रहेगी. साथ ही एक दिसंबर को बाजार और बाजार ऑटो बिक्री के मासिक आंकड़े भी आएंगे. बता दें कि बाजार और बाजार बाजार और बाजार दूसरी तिमाही के GDP आंकड़े बुधवार को आएंगे. वहीं मैन्युफैक्चरिंग के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) का आंकड़ा बृहस्पतिवार को जारी किया जाएगा.
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