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फाइनेंस का महत्त्व?

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मानव कल्याण में सूक्ष्म जीव

मानव हित में सूक्ष्मजीवों का म .

Updated On: 27-06-2022

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Question Details till 29/11/2022

हेलो फ्रेंड प्रश्न है मानव हित में सूक्ष्म जीवों का महत्व समझाइए तो आइए इस प्रश्न का उत्तर देख लेते हैं ठीक है तो क्या होता है कि मानव को जैसे कि जो सूक्ष्म जीव रहते हैं उनको मानव का शत्रु तथा मित्र दोनों कहते हैं ठीक है तो जैसे कि जो सूक्ष्मजीव होते हैं क्या होते हैं जो सुख में जीव होते हैं उन्हें सूक्ष्म जीवों का जो उपयोग रहता है वह अनेक प्रकार के जो औद्योगिक उत्पाद रहते हैं क्या होते हैं अनेक प्रकार के जो औद्योगिक उत्पाद रहते हैं जैसे कि कार्बनिक अम्ल से की कार्बनिक अम्ल तथा एंड जॉइन करने का मन एंजाइम तथा बायतु सब्सटेंस या फिर कह सकते हैं कि जेब सक्रिय सक्रिय अनु तथा जो ऊर्जा के स्त्रोत जो ऊर्जा के स्रोत तथा ईंधन

इथेनॉल पी के शराब इथेनॉल शराब जो बेकरी के प्रोडक्ट के तथा डेयरी प्रोडक्ट यह सब क्या होते हैं यह सभी तथा इसके अलावा क्या होता है जो सूक्ष्म जीव रहते हैं वह औषधि निर्माण में भी औषधि निर्माण में भी योगदान देते हैं ठीक है जैसी कि जो सिट्रिक अम्ल है क्या है जो सिट्रिक अम्ल है उस चित्रित अम्ल का जो उत्पादन है वह किससे होता है वह एक तरफ से होता है इस पर जिला रायगढ़ नामक युवक से होता है तथा जो एसिटिक अम्ल है उस एसिटिक अम्ल का जो उत्पादन होता है वह किस से होता है वह होता है ऐसी टो एसीटोबेक्टर एसीटोबेक्टर सिटी नामक जीवाणु से होता है ठीक है जो लैक्टिक अम्ल का उत्पादन लैक्टोबैसिलस

ब्यूटी कमरे का उत्पादन क्लॉस्ट्रीडियम ब्यूटी कैसे होता है ठीक है यानी कि हमारे लिए जो जीवाणु होते हैं वह क्या होते हैं उपयोगी होते हैं तथा जो बाजार से लाए गए जो फलों का जो रस होता है उसमें क्या होता है उसमें फैक्ट्री नहीं तथा प्रोटीन नामक जो पदार्थ रहते हैं उनका प्रयोग होता है जिसके कारण क्या होता है कि जो बोतल वाला रस होता है वह घर में तैयार किए गए इससे ज्यादा क्या होता है स्वच्छता था स्वादिष्ट होता है तथा क्या होता है कि जो step2 करने देता है भाभी अनुवांशिक इंजीनियरिंग के द्वारा जो स्विफ्ट को किस जीवाणु रहते हैं उसके द्वारा उत्पन्न होता है ठीक है यह जो शब्दों का ही नहीं रहता है क्या रहता है जो वह तो कई नेता है इसका जो प्रयोग रहता है वह कहां किया जाता है तो इस चैप्टर साइंस का प्रयोग किया जाता है जो रुधिर चैप्टर फाइनेंस का प्रयोग किया जाता

जो लोग ही होते हैं उन रोगियों में जो रुधिर रहता है उस रुधिर वाहिका में जो रुधिर का थक्का हटाने के लिए किया जाता है जो रुधिर रहता है उस रुधिर का थक्का हटाने अर्थात थक्का स्पोर्टन के लिए किया जाता है अनु यानी कि साइक्लोसपोरिन इसका उपयोग अन्य प्रतिरूपण के समय जो प्रतिरक्षा निरोधक रहता है उसके कारक में प्रयोग आता है यह चैनल का उत्पादन जो सैकड़ों माहिती चेहरे ऋषि की सहायता से किया जाता है विटामिन का उत्पादन होता है वह एसबीआई ऑफिस नामक कब से किया जाता है क्या होते हैं यह सभी यूज़फुल होते हैं ठीक है और साथ ही साथ ही सूक्ष्म जीव रहते हैं उनका जरूरत में भी फाइनेंस का महत्त्व? प्रयोग किया जाता है तो हमारा तो उत्तर है वह यहीं समाप्त होता है वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद

क्या है पलवार या मल्च और खेती में इसका महत्व

क्या है पलवार या मल्च और खेती में इसका महत्व

किसान भाइयों पलवार या मल्च एक पतली प्लास्टिक की फिल्म होती है। इसका प्रयोग खेती में खरपतवारों (Weeds) से फसलों (Crops) को होने वाली हानी से बचाने के लिए किया जाता है। अगर आप अपनी फसलों को खरपतवार मुक्त रख कर फसलों से अधिक उपज प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इसके लिए अपने खेत में मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल जरूर करें।

आप सभी जानते हैं कि खरपतवार से फसलों को बचाने के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहना जरूरी होता है जिस पर खर्च भी बहुत अधिक होता है। खरपतवार (weed) वे अवांछित पौधे हैं जो किसी स्थान पर बिना बोए उगते हैं और जिनकी उपस्थित से किसान को लाभ की तुलना में हानि अधिक होती है। मल्चिंग तकनीक से खेती करना बहुत ही लाभदायक होता है साथ ही खरपतवार नियंत्रण और पौधों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में यह फिल्म बेहद कारगर है।

इस विधि में बेड को प्लास्टिक की फिल्म से पूरी तरह कवर कर दिया जाता है, जिससे खेत में खरपतवार नहीं उग पाते हैं। इस विधि में खेत में लगे पौधों की जमीन को चारों तरफ से प्लास्टिक कवर द्वारा सही तरीके से ढक दिया जाता है। बेड पर बिछाई जाने वाली कवर को पलवार या मल्च (mulch) कहते हैं।

मल्चिंग के प्रकार (types of mulching)

  1. जैविक मल्चिंग (Organic mulching) - जैविक मल्चिंग का अर्थ है इसमे पौधों को ढकने के लिए फसलों की पराली, पेड़ों की पत्तियां, घास की कतरन, पीट मोस, वूड चिप्स, बार्क चिप्स, स्ट्रा मल्च, पाइन स्ट्रा इत्यादि का उपयोग किया जाता है। इसे प्राकृतिक मल्चिंग भी कहा जाता है। यह बहुत ही सस्ती होती है। इस विधि द्वारा आप बहुत कम खर्च में अपनी फसलों को खरपतवार मुक्त रख सकते हैं।
  2. प्लॉस्टिक मल्चिंग (Plastic mulching) प्लॉस्टिक मल्चिंग का अर्थ है यह पॉलिथीन से बनाई जाती है और इसको आप आसपास के बाजार से खरीद सकते है। यह आपको अलग - अलग रंग जैसे - रंगीन, दूधिया या सिल्वर मल्चिंग, पारदर्शी मल्चिंग आदि में मिलती है।


प्लास्टिक मल्चिंग विधि से खेती करने के लाभ (Benefits of farming by plastic फाइनेंस का महत्त्व? mulching method)

  • मल्चिंग से मिट्टी में नमी बनी रहती है।
  • मिट्टी से पानी का वाष्पोत्सर्जन नहीं होने पाता है।
  • पौधों की अच्छी वृद्धि व विकास के लिए अनुकूल वातावरण।
  • मिट्टी के कटाव से सुरक्षा।
  • खरपतवार का विकास नहीं हो पाता।
  • पौधे लम्बे समय तक सुरक्षित रहते हैं।
  • मल्चिंग भूमि को कठोर होने से बचाती है।
  • पौधों की जड़ों का विकास अच्छी तरह होता है।
  • लंबे समय तक बारिश न होने की दशा मे mulch आपके गार्डेन या landscape को होने वाली से बचाता है।
  • यह मिट्टी के ऊपर सुरक्षा कवच की तरह काम करता है जो ज्यादा गर्मी मे मिट्टी को ठंडा रखता है और यह पौधों की जड़ों के लिए बहुत आरामदायक स्थिति प्रदान करता है।

मल्चिंग शीट का प्रयोग कर सब्जी वर्गीय फसलें उगाना काफी लाभदायक हो सकता है। कृषि वैज्ञानिकों का यह मानना है की इस विधि से खेती करने पर 65 फीसदी तक जल की बचत होती है। साथ ही खरपतवार नियंत्रण में रहता है। इस विधि में किसानों को किसी तरह का खरपतवार नाशक दवाई डालने की जरूरत नहीं पड़ती है और होने वाले अनावश्यक खर्च से लाभ मिलता है साथ ही खेत में सफाई रहती है, जिससे हानिकारक कीड़े के प्रकोप से फसलों को होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलती है।

मल्चिंग का प्रयोग/बिछाने की विधि (Method of laying mulching)

किसान भाइयों, अगर आपको मल्चिंग विधि से खेत में सब्जी लगानी है, तो सबसे पहले खेत की अच्छी तरह ट्रैक्टर से जुताई कर लें। इसके बाद गोबर की खाद को मिट्टी में अच्छे से मिला दें। अब खेत में उठी हुई मेड़ यानी बेड बना लें।

इसके बाद ड्रिप सिंचाई की पाइप लाइन को बिछा दें। प्लास्टिक मल्च को अच्छी तरह बिछाकर दोनों किनारों को मिट्टी की परत से अच्छी तरह दबा दें। मल्चिंग फिल्म में पाइप से पौधों को कितनी दूरी पर लगाना है उसी के अनुसार छिद्र कर दें।

आपको बता दें मल्चिंग के लिए सरकार अनुदान भी देती है। अनुदान लेने के लिए आप जिले के उद्यान अधिकारी या कृषि विज्ञान केंद्र से जरूर संपर्क करें।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों ऐस ट्रैक्टर , फोर्स ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टर , पुराने ट्रैक्टर , कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

एनबीएफसी (NBFC) क्या है और किस प्रकार है Banking से अलग? (Banking Awareness: What are NBFC And Their Functions)

एनबीएफसी (NBFC) क्या है और किस प्रकार है Banking से अलग? (Banking Awareness: What are NBFC And Their Functions) |_40.1

Difference Between Banking and Non-Banking Financial Companies in Hindi | Banking Awareness: What are NBFC And Their Functions

एनबीएफसी( NBFC) का फुल फॉर्म क्या है? बैंकिंग और गैर बैंकिंग संस्थान (NBFC) वर्षों से जमाकर्ताओं(depositors) और उधारकर्ताओं (borrowers) के लिए financial intermediaries के रूप में कार्य कर रहे हैं. इस लेख के माध्यम से हम यह जानेंगे कि यह कार्य कैसे करती हैं और एक दूसरे से अलग कैसे हैं. क्या अंतर है जिसकी वजह से इन्हें अलग अलग माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि Banking and Non-Banking Financial Companies (NBFC) के बीच क्या अंतर है. और जानते हैं कि क्या है एनबीएफसी (NBFC) क्या है,एनबीएफसी का महत्व? NBFC का फुल फॉर्म “Non Banking Financial Company” होता है.

आपको बता दें कि एनबीएफसी का संचालन कम्पनी एक्ट, 1956 के अंतर्गत किया जाता है. इसमें निवेश भी बैंक की तरह नहीं किया जाता है. NBFC कम्पनी किसी जमा योजना के तहत पहले लोगों का पैसा जमा करती और फिर उन्हें कई तरह के ऋण प्रदान करती है. इस तरह की योजना का लाभ उठाने के लिए बहुत सारे लोग इसमें निवेश करते है.

  • Savings accounts
  • Provisions for fixed deposits
  • Commercial accounts
  • Personal and business loans
  • Mortgages
  • Credit and debit cards

NBFC या गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां

अन्य वित्तीय संस्थान या गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां, जिन्हें एनबीएफसी (NBFC) के नाम से जाना जाता है, समान बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं, लेकिन बैंक होने की कानूनी परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते हैं. इन्हें गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के रूप में जाना जाता है. NBFC भी एक बैंक की तरह काम करने वाली फाइनेंसियल कंपनी होती है, जो पैसे का लेन देन का काम करती है लेकिन, इसमें एक ख़ास बात यह कि यह बैंक से बिल्कुल अलग होता है क्योंकि, यह किसी फाइनेंस का महत्त्व? प्रकार की बैंकिंग नहीं है. लेकिन यह बैंक का केवल एक हिस्सा होता है. NBFC, मौद्रिक क्षेत्र में और अर्थव्यवस्था को कुशलता से चलाने के लिए एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं. वे बिना लाइसेंस के भी काम कर सकते हैं. उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं

  • Payday lenders
  • Insurance firms
  • Currency exchanges
  • Check-cashing services
  • Hedge funds
  • Pawnshops


गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास अधिक व्यापक customer range है. कभी-कभी कुछ ग्राहक अपने मानकों के दायरे में नहीं आते हैं. इसलिए इन वित्तीय संस्थानों के पास ऐसे ग्राहकों के लिए समाधान प्रदान करने का एक बेहतर मौका होता है.

Examples के लिए :

  • एक ग्राहक के पास न्यूनतम शेष राशि रखने के लिए पर्याप्त धन नहीं हो सकता है, इसलिए वह traditional bank में खाता नहीं खोल सकता है
  • निम्न-आय वर्ग(low-income category) के लोग, जिन्हें लोन लेने में मुश्किल होती हैं वे आसानी से गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से लोन ले सकते हैं.
  • कम क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को भी बैंकों से क्रेडिट प्राप्त करने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है, इसलिए गैर-बैंकिंग संस्थान एक बढ़िया विकल्प प्रदान करते हैं.
  • Hedge funds निवेश के जोखिम पर संभावित रिटर्न पर जोर देते हैं. गैर-बैंकिंग संस्थान का unregulated तरीका मैनेजरों को एक बैंक की तुलना में उच्च भुगतान प्राप्त करने की संभावना में वृद्धि करने की अनुमति देता है जो किसी भी मामले में ऐसा अवसर प्रदान नहीं करेगा .
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पारम्परिक बैंकिंग -traditional banking-


बैंकों पूरी तरह विनियमित यानी regulated होते हैं, और देश के शीर्ष बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया जाता है, जिसका अर्थ सरकारी नियंत्रण में है. विनियमों ने जोखिमों की गिनती में एक बाधा डाल दी है और साथ ही निवेश या उधार देते समय बैंक कितने प्रकार के जोखिम उठा सकते हैं.

निम्न क्रेडिट वाले व्यक्तियों के लिए किसी भी बैंक को ब्याज की अधिक दर पर पैसा उधार लेना बहुत मुश्किल होता है. बैंकों ने उधार देने और उधार देने की राशि के लिए दरें तय कर दी हैं, और वे पूंजी की आवश्यकताओं के कारण कोई और साधन नही देख पाते हैं.


Functions Of NBFC:

गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान(non-banking financial institutions) क्या प्रदान करते हैं?

  • कम या शून्य क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को उधार देना.
  • लोन के कुछ प्रकारों के लिए उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती.
  • ब्याज और किश्तों की लचीली दरें प्रदान करता है.
  • प्रत्येक लोन के लिए payback की समयावधि भी तय की जा सकती है


गैर-बैंकिंग संस्थानों ने लोन और अन्य बैंकिंग विकल्प प्रदान करने के लिए कई स्तरों पर आरामदायक सुविधा तो दी है पर इसके कुछ किकबैक भी हैं. ये कई बार बहुत अधिक ब्याज की दर वसूलते हैं. जब ग्राहक के पास कोई विकल्प नहीं होता है जब कोई बैंक उधार देने के लिए तैयार नहीं होता है तो ग्राहक इन गैर-बैंकिंग संस्थानों की जाँच कर सकते हैं.

Regulators of Non-Banking Financial Companies

Given below is the complete overview of different types of NBFCs and how they are controlled.

Frequently Asked Questions:

Q. What are NBFCs?

Ans. Any Non-Banking Financial Institution which deals in services of banks but is not banks. For differences see the table given above.

Q. What is the full form of NBFC?

Ans. Non-Banking Financial Company is the full form of NBFC.

Q. Who regulates NBFC?

Ans. Reserve Bank Of India is the regulator of NBFCs.

Q. Can NBFC give a loan?

Ans. Yes! they deal in credit services.

Q. What is the difference between NBFC and bank?

Ans. The major difference between NBFC and Bank is that NBFC cannot issue cheques. For more differences refer to the table given above.

हमारे बारे में

गुणवत्ता वाली प्री-ओन्ड कारों के लिए आपका वन-स्टॉप डेस्टिनेशन।

  • ट्रू वैल्यू का लाभ

इंडिया में प्रि-ओन्ड गाड़ियों की मांग तेज़ गति से बढ़ रही है तथा पर्याप्त रूप से विकसित हो चुकी है। एक ब्रांड जो इस तरक्क़ी के अंतर्गत शुरू से साथ-साथ चल रहा है वह है मारुति सूज़ूकी ट्रू वैल्यू, इंडिया का पसंदीदा प्रि-ओन्ड गाड़ियों का ब्रांड। ट्रू वैल्यू में हमारा एकमात्र तथा अधिभावी उद्देश्य है पुरानी एवं फाइनेंस का महत्त्व? पूर्व-मलिकी गाड़ियों के खरीदारों और विक्रेताओं का सशक्तिकरण करना। अपने उद्योग अनुभव और प्रौद्योगिकीय विकास के एकीकरण द्वारा अपने ग्राहकों के लिए एक ऐसे बाज़ार का निर्माण करना जहाँ वे आसानी से पुरानी गाड़ियां खरीद या बेच सकते है।

ट्रू वैल्यू के बारे में

मारुती सूज़ूकी का एक महत्वपूर्ण भाग, ट्रू वैल्यू ने अपना सफ़र 2001 में शुरू किया था और देखते ही देखते आज इंडिया का श्रेष्ठ प्रि-ओन्ड गाड़ी ब्रांड बन चुका है। ट्रू वैल्यू ने प्रि-ओन्ड गाड़ियों के सेगमेंट में अपनी उच्चता तथा महत्त्व बढ़ाते हुए आज अपनी पहुँच भारत के 276 से भी ज़्यादा शहरों में बढ़ाली है।
ट्रू वैल्यू देश के प्रि-ओन्ड गाड़ियों के सेगमेंट में पहला प्रमुख संगठित ऑटो निर्माता हैं जो आज भारतवासियो का पसंदीदा ब्रांड बन गया है प्रि-ओन्ड गाड़ियां खरीदने और बेचने के लिए।

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ट्रू वैल्यू की शैली

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