इक्विटी फंड्स क्या हैं?

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
-
और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
-
और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के इक्विटी फंड्स क्या हैं? लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
Types of Equity Funds in Hindi इक्विटी फंड्स के प्रकार
Types of Equity Funds in Hindi इक्विटी फंड्स इक्विटी फंड्स क्या हैं? के प्रकार और अलग अलग इक्विटी फंड्स किस तरह से निवेश करते हैं यह आज हम जानेंगे. Types of Equity Funds in Hindi. साथ ही यह जानेंगे कि इक्विटी फंड्स के प्रकार के अनुसार उनमें कितना रिस्क हो सकता है आलग अलग इक्विटी फंड्स में रिटर्न की संभवना कैसी होती है. किस तरह के निवेशकों को किस तरह के इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए. साथ ही समझेंगे कि लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और सेक्टर फ़ंड में क्या इक्विटी फंड्स क्या हैं? फ़र्क़ होता है। Types of Equity Funds in Hindi.
इक्विटी फंड्स के प्रकार Types of Equity Funds in Hindi
Types of Equity Funds in Hindi
हमने आपको अलग अलग तरह के म्यूच्युअल फंड्स के प्रकार बताये थे. अलग अलग म्यूचुअल फंड में इक्विटी फण्ड सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. Types of Equity Funds in Hindi में आज हम विस्तार से Equity Funds के बारे में चर्चा करेंगे. यह फण्ड इसीलिए इतने लोकप्रिय हैं क्योंकि यह फण्ड Share Bazar में निवेश करते हैं और उसी प्रकार रिटर्न भी दे सकते हैं. अधिकतर Equity Funds कंपनियों के मार्किट कैपिटलाइजेशन के अनुसार निवेश करते हैं और उसी प्रकार उनका वर्गीकरण किया जाता है. इEquity Funds मुख्य रूप से लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप में बंटे होते हैं. इसके आलावा डाइवर्सिफाईड फण्ड और ELSS और सेक्टर फण्ड होते भी हैं. यहाँ इन सब के बारे में विस्तार से बात करते हैं. साथ ही पढ़ें ELSS में निवेश से पहले जानने योग्य बातें हमारी साइट पर।
Types of Equity Funds in Hindi इक्विटी फंड्स के प्रकार हैं
- लार्ज कैप इक्विटी फंड Large Cap Equity Fund
- मिड कैप इक्विटी फंड Mid Cap Equity Fund
- स्माल कैप इक्विटी फंड Small Cap Equity Fund
- डाइवर्सिफाईड इक्विटी फण्ड Diversified Equity Fund
- ELSS यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम
- सेक्टर फण्ड Sector Fund
Types of Equity Funds in Hindi in Detail
यहां आपको विस्तार से हिंदी में इन सब इक्विटी फड़ों के बारे में बता रहे हैं
लार्ज कैप इक्विटी फंड Large Cap Equity Fund
लार्ज कैप फंड्स ज्यादातर बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं. फंड इन कंपनियों को उनके बाजार पूंजीकरण के आकार के अनुसार निवेश करते हैं. इन कंपनियों को निवेश के लिए सुरक्षित माना जाता है क्योंकि वे अपने उद्योग क्षेत्र में अच्छी तरह से स्थापित कम्पनियां होतीं हैं और एक तरह से टॉप की कंपनियों की ही लार्ज कैप में होने की संभावना होती है। यही वजह है कि लार्ज कैप फंड्स को ऐसे इक्विटी निवेशकों के लिए उपयुक्त माना जाता है जो अधिक रिस्क लेना पसंद नहीं करते. ये फंड अपेक्षाकृत कम जोखिम लेते हुए साधारण रिटर्न देने की संभावना रखते हैं.
मिड कैप इक्विटी फंड Mid Cap Equity Fund
मिडकैप फंड ज्यादातर मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं. इन कंपनियों में निवेश से कुछ रिस्क भी हो सकता हैं क्योंकि हो सकता है कि वे अपनी पूर्ण क्षमता के अनुसार विकास कर पायें या नहीं. हालाँकि यदि यह कम्पनियां यदि विकसित हो कर बड़ी कम्पनियां बन जातीं हैं तो निवेशकों के लिए बेहद लाभप्रद हो सकतीं हैं. अधिक जोखिम बर्दाश्त कर सकने वाले निवेशक ही इनमें निवेश करें.
स्माल कैप इक्विटी फंड Small Cap Equity Fund
स्मॉल कैप फंड छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं. इन कंपनियों के शयेरों में निवेश बहुत जोखिम भरा हो सकती हैं, क्योंकि उनके बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध होगी। हालांकि ये कम्पनियाँ असाधारण रिटर्न भी दे सकतीं हैं। ये फण्ड केवल उच्च जोखिम उठा सकने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं.
डाइवर्सिफाईड इक्विटी फण्ड Diversified Equity Fund
फंड मैनेजर के मार्केट व्यू के आधार पर डाइवर्सिफाईड इक्विटी फण्ड अलग अलग आकार की बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। चूंकि पोर्टफोलियो विभिन्न बाजार पूंजीकरणों में फैला होता है, इसलिए वे मिड कैप और स्माल कैप फंडों की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं, लेकिन लार्ज कैप फंडों की तुलना में इनमें थोड़ा जोखिम अधिक हो सकता है। ये फण्ड सामान्य जोखिम बर्दाश्त कर सकने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं.
ELSS यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम या टैक्स प्लानिंग म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत करों को बचाने के लिए उपयुक्त हैं। इन फंडों में निवेश 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती के लिए योग्य हैं। वे तीन साल के अनिवार्य लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं। इसका मतलब है कि निवश करने के बाद तीन वर्ष तक इन फंड्स को भुना नहीं सकते.
सेक्टर फण्ड Sector Fund
सेक्टर फण्ड ज्यादातर किसी विशेष क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। चूंकि निवेश एक क्षेत्र पर केंद्रित होता है इसलिए सेक्टर फंड को बेहद जोखिम भरा माना जाता है। उदहारण के लिए रियल एस्टेट सेक्टर फण्ड केवल रियल एस्टेट कंपनियों में ही निवेश करेगा. अर्थव्यवस्था में विभिन्न चक्रों में बदलने से क्षेत्रों की किस्मत भी बदलती रहती है। निवेशकों को अपने निवेश में से केवल एक छोटा सा भाग ही सेक्टर फण्ड में निवेश करना चाहिए.
आपके फायदे की बात: कम रिस्क के साथ चाहिए FD से ज्यादा रिटर्न तो लार्ज कैप फंड्स में करें निवेश, बीते 1 साल में दिया 60% तक का रिटर्न
कई लोग म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना तो चाहते हैं लेकिन रिस्क के कारण इसमें निवेश से बचते हैं। ऐसे लोग लार्ज-कैप फंड के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। इसमें म्यूचुअल फंड की अन्य कैटेगिरी की तुलना में रिस्क कम रहती है। लार्ज-कैप फंड ने बीते 1 साल में 60% तक का रिटर्न दिया है, जो FD से कई गुना ज्यादा है। यहां 2 एक्सपर्ट आपको बता रहें हैं कि लार्ज-कैप फंड में किसे और कैसे निवेश करना चाहिए।
सबसे पहले समझें लार्ज-कैप फंड क्या हैं?
लार्ज कैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई राशि का कम से कम 80% टॉप 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी होता है। माना जाता कि इनके शेयरों में उतार चढ़ाव कम होता है, इसलिए इनमें पैसा लगाने पर नुकसान की संभवना, खासतौर पर लंबे समय में कम ही इक्विटी फंड्स क्या हैं? रहती है।
इसमें उन निवेशकों को पैसा लगाने की सलाह दी जाती है, जो कम जोखिम के साथ शेयर बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड में लार्ज-कैप में निवेश ज्यादा सुरक्षित समझा जाता है।
लॉर्ज कैप फंड स्थिरता प्रदान करते हैं
निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि लॉर्ज कैप फंड स्थिरता प्रदान करते हैं और इनमें कम उतार-चढ़ाव रहता है। जबकि इन फंड्स का रिटर्न एक औसत हो सकता है लेकिन ये लगातार रिटर्न देते रहते हैं। लंबी अवधि के नजरिए से अलग-अलग मार्केट साइकल में ये फंड कंपाउंडिंग के आधार पर बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं।
इसमें किसे करना चाहिए निवेश?
अगर आपकी उम्र ज्यादा है और इक्विटी फंड्स क्या हैं? डेब्ट फंड्स से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं लेकिन ज्यादा इन्वेस्टमेंट रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो आप लार्ज-कैप फंड्स में पैसा लगा सकते हैं। ये अस्थिर मार्केट इक्विटी फंड्स क्या हैं? में स्थिर रिटर्न दे सकते हैं। इनमें कम रिस्क होती है जिससे ये मिड और स्मॉल-कैप इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर वाले फंड्स की तुलना में मध्यम रिटर्न देते हैं। यदि आप रिटायरमेंट के करीब हैं या आप ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते हैं तो टॉप-रेटेड लार्ज-कैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं।
इनमें लम्बे समय इक्विटी फंड्स क्या हैं? के लिए निवेश करना सही
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व CEO पंकज मठपाल कहते हैं कि इन स्कीमों में कम से कम 5 साल के टाइम पीरियड को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए। ध्यान रहे कि छोटे समय में शेयर बाजार में उतार चढ़ाव का असर आपके निवेश पर ज्यादा पड़ सकता है जबकि लंबे समय मे यह खतरा कम हो जाता है।
SIP के जरिए निवेश करना रहेगा सही
रूंगटा सिक्योरिटीज के CFP और पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट हर्षवर्धन रूंगटा कहते हैं कि म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने की बजाए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP द्वारा निवेश करना चाहिए। SIP के इक्विटी फंड्स क्या हैं? जरिए आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट इसमें लगाते हैं। इससे रिस्क और कम हो जाता है क्योंकि इस पर बाजार के उतार चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता।
इक्विटी फंड्स में निवेश की बना रहे योजना, इन स्कीम में हुई निवेशकों की बड़ी कमाई
ऐसे निवेशक जो जोखिम उठा सकते हैं और लंबी अवधि में ऊंचा रिटर्न पाने की उम्मीद रखते हैं उनके लिये इक्विटी फंड्स निवेश का अच्छा विकल्प होते हैं. ये फंड्स स्टॉक्स में निवेश करते हैं और निवेशकों को बाजार की ग्रोथ का ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाने की कोशिश करते हैं
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Apr 16, 2022 | 6:42 PM
बाजार में निवेश (Investment) की योजना बना रहे आम निवेशकों को म्युचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश की सलाह दी जाती है. ये फंड्स कई तरह के होते हैं जिसमें निवेश पर जोखिम के अलग अलग स्तर होते हैं और इसी के आधार पर कम या ज्यादा रिटर्न (Return) मिलता है. बाजार में निवेश करने वाले निवेशक हमेशा ऐसी स्कीम की तलाश करते हैं जो उन्हें ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दें. म्युचुअल फंड्स में ये खासियत इक्विटी फंड्स के पास होती है. इक्विटी फंड्स में अन्य स्कीम के मुकाबले रिटर्न ज्यादा होता है लेकिन इसमे जोखिम भी ज्यादा होता है .आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे दो फंड्स जिनका रिटर्न काफी अच्छा रहा है. ये फंड्स मनी कंट्रोल के द्वारा चुने गए हैं. इन फंड्स की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इनकी क्रिसिल रेटिंग 4 स्टार से ऊपर है. इनका प्रदर्शन एक साल के रिटर्न के आधार पर दिया गया है. ध्यान रखें यहां स्कीम का प्रदर्शन दिया गया है ये निवेश सलाह नहीं है. अगर आप निवेश करना चाहते तो पहले स्कीम्स के आगे के प्रदर्शन को लेकर किसी जानकार से राय ले सकते हैं.
क्या होते हैं इक्विटी फंड्स
इक्विटी फंड्स म्युचुअल फंड्स की वो स्कीम होती हैं जिसमें फंड्स का अधिकांश हिस्सा कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इन्हें इक्विटी फंड्स क्या हैं? ग्रोथ फंड भी कहते हैं. ये फंड उन निवेशकों के लिये सही होते हैं तो जोखिम उठा कर लंबी अवधि में ऊंचे रिटर्न की उम्मीद करते हैं. शेयरों का चुनाव अलग अलग तरह से किया जाता है . स्कीम लार्ज कैप, स्मॉल कैप या मिड कैप या फिर मल्टी कैप के आधार पर स्टॉक्स का चुनाव करती है. इसके साथ ही अलग अलग सेक्टर या थीम के आधार पर भी स्टॉक्स का चुनाव किया जा सकता है.पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक्स के आधार पर ही स्कीम का रिटर्न और जोखिम तय होता है. आम तौर पर लार्ज कैप फंड्स में जोखिम दूसरे इक्विटी फंड्स से कम रहता है. अगर आप भी थोड़ा जोखिम उठा कर लंबी अवधि में ऊंचा रिटर्न पाना चाहते हैं तो देखिये बीते एक साल में ऊंची रेटिंग वाले किन लार्ज कैप फंड्स ने निवेशकों को ऊंचा रिटर्न दिया है.
Tata Large Cap Fund – Direct Plan – Growth
टाटा म्युचुअल फंड के इस लार्ज कैप फंड स्कीम ने बीते एक साल में निवेशकों को 24.40 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. वहीं बेंचमार्क निफ्टी 100 टीआरआई का रिटर्न 23 प्रतिशत रहा है. वहीं इस कैटेगरी का औसत रिटर्न करीब 23 प्रतिशत है. स्कीम का फंड साइज 1176 करोड़ रुपये है. वहीं एक्सपेंस रेश्यो 1.66 प्रतिशत है. स्कीम में अगर किसी शख्स ने एक साल पहले 10000 रुपये का निवेश किया होगा तो उसके निवेश का मूल्य फिलहाल 12441 रुपये हो गया होगा. वहीं 5 साल में 10000 रुपये बढ़कर 18914 रुपये हो चुके होंगे. वहीं स्कीम में एक हजार रुपये की एसआईपी के जरिये एक साल में 12000 रुपये का निवेश 12728 रुपये हो चुका है. वहीं पांच साल में एसआईपी के जरिये 60 हजार रुपये बढ़कर 90 हजार रुपये से ज्यादा बन चुके हैं. स्कीम के पोर्टफोलियो में 50 स्टॉक हैं इसमें से 77 प्रतिशत निवेश लार्ज कैप स्टॉक्स में है. पोर्टफोलियो में शामिल अहम स्टॉक्स में आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक आदि शामिल हैं.
ये भी पढ़ें
अगले सप्ताह फ्यूचर ग्रुप की अहम बैठक, फ्यूचर रिटेल ने एमेजॉन के विरोध को नकारा, कहा- NCLT के आदेश पर बैठक का आयोजन
ICICI Bank ने FD पर ब्याज दरें बढ़ाईं, जमा पैसे पर इतनी बढ़ेगी इनकम, नई दरें 14 अप्रैल से लागू
जानिए क्या होता है कॉर्पोरेट बॉन्ड जिसके जरिए जुटाए गए फंड में आई 24 फीसदी की भारी गिरावट
इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने की बना रहे हैं योजना, SBI के इस खास ऑफर का उठाएं फायदा
BNP Paribas Large Cap Fund – Direct Plan – Growth
इस स्कीम में एक साल का रिटर्न 21 प्रतिशत से ज्यादा रहा है. बीएनपी पारिबा एमएफ के इस लार्ज कैप फंड का फंड साइज 1305 करोड़ रुपये है. वहीं एक्सपेंस रेश्यो 1 प्रतिशत है, जबकि इस कैटेगरी में औसत एक्सपेंस रेश्यो 1.11 प्रतिशत है. स्कीम में एक साल पहले निवेश किये गये 10 हजार रुपये बढ़कर अब 12112 के स्तर पर पहुंच गये हैं, वहीं 5 साल में 10 हजार रुपये बढ़त के साथ 19662 रुपये के स्तर पर हो गये हैं. वहीं एक हजार रुपये की एसआईपी एक साल में 12 हजार रुपये के कुल निवेश को बढ़ाकर 12633 रुपये तक पहुंचा चुकी है. 5 साल में एसआईपी के जरिये निवेश किये गये 60 हजार रुपये फिलहाल 90 हजार रुपये से ऊपर पहुंच चुके हैं. स्कीम में 37 स्टॉक्स में निवेश किया गया है और निवेश का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा लार्ज कैप में है. स्कीम के पोर्टफोलियो में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी और आरआईएल जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं.