वायदा व्यापार

सप्ताहांत पर व्यापार क्यों

सप्ताहांत पर व्यापार क्यों
Solution : According to question

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`implies130" unit" to (105)/(91)xx130`
`=Rs.150`

जीएसटी के नए प्रावधान से व्यापारी क्यों परेशान हैं?

जीएसटी के नए प्रावधान से व्यापारी क्यों परेशान हैं

पिछले सप्ताह जारी की गई जीएसटी (गुड्स एंड रिपेयर टैक्स), एक अधिसूचना (GST Notification) सरकार की ओर से । व्यवसायी प्रावधान से नाराज हैं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र के दौरान अखिल भारतीय व्यापर मंडल के फेडरेशन ने पिछले सप्ताह से जारी जीएसटी (माल और मरम्मत कर), एक अधिसूचना (जीएसटी अधिसूचना) की, उनको सरकार की तरफ से वापस वापस लेने का अनुरोध किया है। व्यवसायी प्रावधान से नाराज हैं । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र के दौरान अखिल भारतीय व्यापर मंडल के महासंघ ने उन प्रावधानों को वापस लेने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इससे पहले से ही नकदी का सामना कर रहे व्यापारियों का संकट बढ़ सकता है।

इन प्रावधानों में क्या है
इन प्रावधानों के तहत, एक महीने के दौरान 50 लाख रुपये की बिक्री करने वाले व्यापारी को उपलब्ध 99% इनपुट कमी (आईटीसी) की सीमा तय की गई है। अब GSTR 2B में उपलब्ध क्रेडिट क्लेम सप्लायर से चालान न जमा करने पर 10% से घटाकर पाँच कर दिया गया है। इसके साथ ही, सीजीएसटी नियमों के तहत ई-वे बिल की वैधता अवधि कम कर दी गई है। पहले दिन के भीतर, यह 100 किलोमीटर के लिए वैध था, जिसे अब 200 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है। इससे ई-वे बिल की वैधता अवधि कम हो गई है। इससे पहले, अगर उत्पादों को 600 किलोमीटर दूर भेजा जाना था, तो जीएसटी ई-वे बिल 6 दिनों के लिए वैध था। अब यह केवल 3 दिनों के लिए वैध है। ऐसी स्थिति में, अगर कोई प्रदर्शन होता है, तो रास्ता डायवर्ट या जाम हो जाता है, तो व्यापार का ई-वे बिल समाप्त हो जाएगा।

जीएसटी के नए प्रावधान से व्यापारी क्यों परेशान हैं?

  • पिछले हफ्ते जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के प्रावधानों से व्यापारी परेशान हैं।
  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में, अखिल भारतीय व्यापार मंडलों के संघ ने इन प्रावधानों को वापस लेने का अनुरोध किया है।
  • उनका कहना है कि इससे पहले से ही नकदी का सामना कर रहे व्यापारियों के लिए और संकट बढ़ सकता है।

आज खुलेंगे, मुश्किलें बढ़ेंगी
महासंघ के महासचिव वी.के. बंसल का कहना है कि इन प्रावधानों से नकदी की कमी का सामना कर रहे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी। उनका कहना है कि दुनिया भर में महामारी के इस युग के दौरान, छोटे और मध्यम व्यापारियों को पहले से ही बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और कई व्यापारियों के लिए व्यवसाय में बने रहना मुश्किल है। इसके बावजूद, जीएसटी परिषद सिद्धांतों को और अधिक कठोर बनाकर ईमानदार व्यापारियों के लिए चीजों को बदतर बना रही है।

व्यापारियों के लिए कोई राहत की घोषणा नहीं की गई थी
बंसल ने कहा कि कोरोना को पीटने के लिए तालाबंदी के बाद, सरकार ने कई क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी। हालांकि, खुदरा विक्रेताओं और व्यापारियों को राहत देने के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए व्यापारियों द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की, लेकिन सरकार के प्रोत्साहन के रूप में कुछ भी नहीं मिला।

सर्व-क्षमा स्कीम
महासंघ ने इस साल अप्रैल से दिसंबर तक फॉर्म 3 बी जमा करने में देरी के लिए सरकार से ‘विवाद से विश्वास’ जैसी माफी योजना की मांग की है। महासंघ ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही 22 दिसंबर को जारी अधिसूचना के तहत किए गए प्रावधानों को वापस लेकर व्यापारियों को राहत देगी। ऐसा करने की कोशिश करने में विफलता व्यापारियों और उनसे संबंधित लाखों लोगों के लिए एक रोजगार संकट पैदा कर सकती है। इस पत्र की एक प्रतिकृति प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों और जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी भेजी गई है। उनका कहना है कि इससे पहले से ही नकदी का सामना कर रहे व्यापारियों का संकट बढ़ सकता है।

Scorpio Weekly Horoscope 7-13 November 2022: वृश्चिक राशि के जातकों का प्रेम संबंध होगा बेहतर, व्यापार में होगा मुनाफा

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल 7-13 नवंबर 2022: वृश्चिक राशि के जातकों को इस सप्ताह धन लाभ के योग हैं. सेहत पर ध्यान रखें. इसके साथ ही लव पार्टनर के साथ यात्रा के योग बन रहे हैं. परिवार में आय वृद्धि हो सकती है. प्रेम संबंध और भी अच्छे होंगे. व्यापार में मुनाफा होने के योग हैं.

Vrishchik saptahik rashifal

Vrishchik saptahik rashifal

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2022,
  • (Updated 05 नवंबर 2022, 12:08 PM IST)

जीवन साथी आपका साथ देगा

माता-पिता की सलाह पर सप्ताहांत पर व्यापार क्यों नया वाहन खरीद सकते हैं

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह बेहतर होने होने के योग बन रहे है. सेहत का ध्यान रखना होगा. इसके साथ ही धन की स्थिति अच्छी रह सकती है. इस सप्ताह विदेश से लाभ होने के योग है. परिवार में आय की वृद्धि हो सकती है. व्यापार में मुनाफा होने के योग है. छात्रों को विदेश जाने की संभावना है.

आर्थिक स्थिति: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए आर्थिक स्थिति मिला-जुला रहने वाला है. वृश्चिक राशि के जातकों को इस सप्ताह धन लाभ के योग है. इसके साथ ही विदेश से भी लाभ हो सकता है. इतना ही आकस्मिक धन के लाभ होने के योग बन रहे है. लेकिन इस सप्ताह आपको धन की हानि भी हो सकती है. इसके साथ ही धन अप्रत्याशित रूप से चोरी हो सकता है. इसलिए आपको इस सप्ताह पैसों को सावधानी पूर्वक सुरक्षित स्थान पर रखें और घर के सदस्यों के अलावा किसी और को न बताएं.

स्वास्थ्य स्थिति: वृश्चिक राशि के जातकों की सेहत इस सप्ताह सेहत के प्रति लापरवाही ना करें. सेहत के प्रति लापरवाही करने पर आपके बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. वहीं इस सप्ताह आपको घरेलू मुद्दों के कारण अत्यधिक शारीरिक परेशानी हो सकती है. इस सप्ताह छोटी बीमारियां होने पर दवा पर निर्भर हो सकते है. माता-पिता के सेहत का ध्यान रखें.

पारिवारिक स्थिति: पारिवारिक दृष्टि से वृश्चिक राशि के जातकों की स्थिति अच्छी रहने वाली है. इस सप्ताह आप अपने माता-पिता की सलाह पर नया वाहन खरीद सकते हैं. इसके साथ ही इस सप्ताह परिवार के आय में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं. दांपत्य जीवन सुखमय रहने वाला है. घर के किसी मामले में आपका जीवन साथी आपका साथ देगा. इसके साथ ही आपके जीवनसाथी से आपको इस सप्ताह कोई सरप्राइज मिल सकता है. वहीं वृश्चिक राशि के जातकों का प्रेम संबंध भी बेहतर रहने के योग बन रहे है. इस सप्ताह प्रेम संबंध और भी अच्छे होंगे. लव पार्टनर के साथ यात्रा के योग बन रहे हैं.

करियर स्थिति: जो वृश्चिक राशि के जातक व्यापार करते हैं उन्हें मुनाफा के योग बन रहे हैं. इसके साथ ही जो जातक तकनीकी और सामाजिक नेटवर्किंग व्यापार से जुड़े हुए हैं उन्हें व्यवसाय में वृद्धि और प्रसार के योग बन रहे हैं. छात्र शिक्षा के लिए विदेश जा सकते हैं. नौकरीपेशा वाले जातकों को करियर में लाभ के योग बन रहे हैं. साथ ही उनके आय में वृद्धि हो सकती है.

जीएसटी के नए प्रावधान से व्यापारी क्यों परेशान हैं?

जीएसटी के नए प्रावधान से व्यापारी क्यों परेशान हैं

पिछले सप्ताह जारी की गई जीएसटी (गुड्स एंड रिपेयर टैक्स), एक अधिसूचना (GST Notification) सरकार की ओर से । व्यवसायी प्रावधान से नाराज हैं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र के दौरान अखिल भारतीय व्यापर मंडल के फेडरेशन ने पिछले सप्ताह से जारी जीएसटी (माल और मरम्मत कर), एक अधिसूचना (जीएसटी अधिसूचना) की, उनको सरकार की तरफ से वापस वापस लेने का अनुरोध किया है। व्यवसायी प्रावधान से नाराज हैं । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र के दौरान अखिल भारतीय व्यापर मंडल के महासंघ ने उन प्रावधानों को वापस लेने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इससे पहले से ही नकदी का सामना कर रहे व्यापारियों का संकट बढ़ सकता है।

इन प्रावधानों में क्या है
इन प्रावधानों के तहत, एक महीने के दौरान 50 लाख रुपये की बिक्री करने वाले व्यापारी को उपलब्ध 99% इनपुट कमी (आईटीसी) की सीमा तय की गई है। अब GSTR 2B में उपलब्ध क्रेडिट क्लेम सप्लायर से चालान न जमा करने पर 10% से घटाकर पाँच कर दिया गया है। इसके साथ ही, सीजीएसटी नियमों के तहत ई-वे बिल की वैधता अवधि कम कर दी गई है। पहले दिन के भीतर, यह 100 किलोमीटर के लिए वैध था, जिसे अब 200 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है। इससे ई-वे सप्ताहांत पर व्यापार क्यों बिल की वैधता अवधि कम हो गई है। इससे पहले, अगर उत्पादों को 600 किलोमीटर दूर भेजा जाना था, तो जीएसटी ई-वे बिल 6 दिनों के लिए वैध था। अब यह केवल 3 दिनों के लिए वैध है। ऐसी स्थिति में, अगर कोई प्रदर्शन होता है, तो रास्ता डायवर्ट या जाम हो जाता है, तो व्यापार का ई-वे बिल समाप्त हो जाएगा।

जीएसटी के नए प्रावधान से व्यापारी क्यों परेशान हैं?

  • पिछले हफ्ते जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के प्रावधानों से व्यापारी परेशान हैं।
  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में, अखिल भारतीय व्यापार मंडलों के संघ ने इन प्रावधानों को वापस लेने का अनुरोध किया है।
  • उनका कहना है कि इससे पहले से ही नकदी का सामना कर रहे व्यापारियों के लिए और संकट बढ़ सकता है।

आज खुलेंगे, मुश्किलें बढ़ेंगी
महासंघ के महासचिव वी.के. बंसल का कहना है कि इन प्रावधानों से नकदी की कमी का सामना कर रहे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी। उनका कहना है कि दुनिया भर में महामारी के इस युग के दौरान, छोटे और मध्यम व्यापारियों को पहले से ही बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और कई व्यापारियों के लिए व्यवसाय में बने रहना मुश्किल है। इसके बावजूद, जीएसटी परिषद सिद्धांतों को और अधिक कठोर बनाकर ईमानदार व्यापारियों के लिए चीजों को बदतर बना रही है।

व्यापारियों के लिए कोई राहत की घोषणा नहीं की गई थी
बंसल ने कहा कि कोरोना को पीटने के लिए तालाबंदी के बाद, सरकार ने कई क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी। हालांकि, खुदरा विक्रेताओं और व्यापारियों को राहत देने के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए व्यापारियों द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की, लेकिन सरकार के प्रोत्साहन के रूप में कुछ भी नहीं मिला।

सर्व-क्षमा स्कीम
महासंघ ने इस साल अप्रैल से दिसंबर तक फॉर्म 3 बी जमा करने में देरी के लिए सरकार से ‘विवाद से विश्वास’ जैसी माफी योजना की मांग की है। महासंघ ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही 22 दिसंबर को जारी अधिसूचना के तहत किए गए प्रावधानों को वापस लेकर व्यापारियों को राहत देगी। ऐसा करने की कोशिश करने में विफलता व्यापारियों और उनसे संबंधित लाखों लोगों के लिए एक रोजगार संकट पैदा कर सकती है। इस पत्र की एक प्रतिकृति प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों और जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी भेजी गई है। उनका कहना है कि इससे पहले से ही नकदी का सामना कर रहे व्यापारियों का संकट बढ़ सकता है।

सप्ताहांत पर व्यापार क्यों

एक व्यापारी एक वस्तु को यदि 10 .

एक व्यापारी एक वस्तु को यदि 105 रूपये में बेचता है, तो उसे 9% की हानि होती है। 30% लाभ कमाने के लिये उसे वस्तु को किस कीमत पर बेचना चाहिये ?

Updated On: 27-06-2022

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`Rs. 126` `Rs. 144` `Rs. 150` `Rs. 139`

Solution : According to question

`implies1" unit"to(105)/(91)`
`implies130" unit" to (105)/(91)xx130`
`=Rs.150`

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Aap ko kya acha nahi laga

क्वेश्चन सुनहरा की एक व्यापारी एक वस्तु को यदि ₹105 में विस्तार से 9% की हानि होती है 30% लाभ कमाने के लिए उसे उस वस्तु को किस कीमत पर बेचना होगा ठीक है तुम तो देखो कि चलो देखते हैं कि अगर मैं ₹100 की कोई चीज है ठीक है उसको 9 तन्हाई से खरीद लूंगा मैं भेजूंगा तो 1 दिन में भेजूंगा पर तुमने क्यों 105 में बेच रहा है ठीक है तो एक ही कई बार और कितना हो गया यह कैमरा और एक छोटे ठीक है वह बेचारा तो 130 में भेजेगा उसे हटा 130 से गुणा कर देंगे ठीक है उसका अकबर 130 में भेजना है उसे 30 में से लाभ कमाना है तो ₹130 का टिकट 60 सेकंड बराबर क्या हो जाएगा कि तू जहां तुम्हारा क्या हो जाता है कि आज अगर ठीक है तो फिर से भेजना होगा

जानिए क्यों है ये चिंता का कारण? भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा

भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार आठ जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 8.062 अरब डॉलर घटकर 15 महीनों के सबसे निचले स्तर 580.252 अरब डॉलर पर आ गया है। आरबीआई की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि फॉरेन करेंसी असेट्स (एफसीए) में गिरावट के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए, स्वर्ण भंडार और पूरे विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा है।

बीते हफ्ते में एफसीए 6.656 अरब डॉलर घटकर 518.09 अरब डॉलर रह गया है। एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर अमेरिकी करेंसी का बढ़ना या गिराना दोनों का असर शामिल है। वहीं इस दौरान सोने का भंडार 1.236 अरब डॉलर गिरकर 39.186 अरब डॉलर पर आ गया है। वहीं बीते हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR) 122 मिलियन डॉलर घटकर 18.012 बिलियन डॉलर रह गया है।

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक आठ जुलाई को समाप्त हफ्ते के दौरान देश की आईएमएफ की रिजर्व पोजिशन 49 मिलियन डॉलर घटकर 4.966 बिलियन डॉलर रह गई है। एक जुलाई को समाप्त हफ्ते के दौरान यह भंडार 5.008 अरब डॉलर कम होकर 588.314 अरब डॉलर हो गया था। विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट ऐसे समय में दर्ज की गई है जब भारतीय रुपया कमजोर होकर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रुपया फिलहाल फिसलते हुए डॉलर के मुकाबले लगभग 80 रुपये प्रति डॉलर के पास पहुंच गया है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की खबरों के बाद यह जान लेना अहम हो जाता है कि आखिर यह विदेशी मुद्रा भंडार है क्या? अगर विदेशी मुद्रा भंडार में कमी हो रही तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ने वाला है? दरअसल, भारत की बात करें तो हमारे देश का विदेशी मुद्रा भंडार केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास रखी गई धनराशि और परिसंपत्तियां हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिजर्व ट्रेंच शामिल होती हैं। अगर देश को जरूरत होती है तो वह विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर अपने विदेशी ऋण का भुगतान कर सकता है।

देश में विदेशी मुद्रा भंडार के कम होने का असर सबसे पहला असर रुपये की मजबूती पर पड़ता है, जैसे-जैसे विदेशी मुद्रा भंडार घटने लगता है रुपये की कीमत कम होती जाती है। हमने हाल के दिनों में देखा है कि रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है। शुक्रवार को भारतीय रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले गिरकर 79.72 रुपये प्रति डॉलर रह गई है।

आपको बता दें कि देश में जैसे-जैसे रुपये की कीमत कम होती सप्ताहांत पर व्यापार क्यों जाती है देश का आयात मूल्य बढ़ने लगता है और निर्यात मूल्य घटने लगता है। ऐसी स्थिति में देश का व्यापार घाटा बढ़ने लगता है। हमारा देश बीते कुछ महीनों से इस स्थिति का सामना कर रहा है। बीते जून महीने में व्यापार घाटा बढ़कर अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर 25.6 अरब डॉलर हो गया है।

व्यापार घाटा को कम करने की कवायद के तहत ही रिजर्व बैंक ने बीते सोमवार (11 जुलाई) को विदेश व्यापार रुपये में करने की भी सुविधा दे दी है। इसका इस्तेमाल कर वर्तमान परिस्थितियों में रूस और श्रीलंका जैसे देशों के साथ व्यापार किया जा सकता है, जिससे रुपये को थोड़ी राहत मिल सकती है। आपको बता दें कि भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है और रूस तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। अगर दोनों देशों के बीच रुपये में कारोबार शुरू होता है तो इससे रुपये को मजबूत बनाने में काफी मदद मिलेगी।

देश में जैसे-जैसे विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ता है रुपया मजबूत होता जाता है। इससे देश आर्थिक रूप से समृद्ध होता जाता और रुपये की कीमत में स्थिरता बनी रहती है। विदेशी रुपया भंडार बढ़ने से रुपये में आई मजबूती का फायदा विदेशों में निवेश करने वाले कारोबारियों पर भी पड़ता है। ऐसा होने से उन्हें अपनी मुद्रा का कम से कम निवेश करना पड़ता है।

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