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स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे

स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे
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Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।

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हाइलाइट्स

  • स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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जानिए कौन सी हैं वो 5 आदतें जो आपको अमीर बनने से रोक रही हैं

हमारी ज्यादातर इच्छाएं पैसे के अभाव में पूरी नहीं हो पाती है. पर क्या आप जानते हैं हमारी ही कुछ आदतें हमारे अमीर बनने की राह का रोड़ा होती हैं.

इन आदतों को बदलकर आप बन सकते हैं अमीर

स्वाति गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2016,
  • (अपडेटेड 19 फरवरी 2016, 2:01 PM IST)

दूसरे पर आरोप लगाना जितना आसान है, उतना ही मुश्क‍िल है अपनी गलती स्वीकार करना. बिजनेस में कोई डील न हो पाए तो हम धोखेबाजी का आरोप लगा देते हैं, शेयर मार्केट में पैसे डूब जाएं तो भाग्य को. पर क्या वाकई सच्चाई भी यही होती है?

विशेषज्ञों की मानें तो हर बार भाग्य को दोष देने या दूसरों पर आरोप लगाने से कहीं बेहतर होगा कि हम अपनी उन आदतों को बदलने पर ध्यान दें जिनके चलते ये नुकसान हो रहे हैं. क्या आप जानते हैं हमारी ही स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे कुछ आदतें हमें उस शि‍खर पर पहुंचने से रोक देती हैं जहां हम पहुंचना चाहते हैं.

1) सुनियोजित तरीके से काम करें
सबसे पहले अपने निष्क्रिय अकाउंट बंद करें. म्यूचुअल फंड एक अच्छा ऑप्शन है इसीलिए पैसे की बचत कर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में इन्वेस्ट करें. इन्हीं फैसलों को लेने में लोग काफी लंबा समय लगा देते हैं. ऐसे में काफी वक्त गुजर जाता है और फिर वे सालों बाद सोचते हैं कि अगर उस समय स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे यह निवेश शुरू कर दिया होता तो आज अच्छा रिटर्न मिल रहा होता.

2) चीजों को नजरअंदाज करना
क्या आपको पता है कुछ मामलों में हमारा ये रवैया दूसरों के लिए बोनस का काम करता है. यानी जिन चीजों को हम नजरअंदाज कर देते हैं दूसरे उसी काम को करके फायदा उठा लेते हैं. इसीलिए काम बड़ा, लंबा या कठिन हो तो भी उसे करने की कोशि‍श जरूर करें.

3) हमेशा डरे रहना
कई बार लोग बिल्कुल भी जोखि‍म नहीं लेना चाहते हैं और अपने बचत किए गए पैसों को फिक्स डिपॉजिट में लगाते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि वे अपने रिटायरमेंट प्लान को भी बहुत मजबूती नहीं दे पाते हैं. हालांकि शेयर में निवेश न करना गलत फैसला नहीं है लेकिन कुछ ऐसे रिस्क होते हैं जो आप कम उम्र में ले सकते हैं. 45 की उम्र में भले ही आपको रिस्क लेने से पहले दो बार सोचना पड़े लेकिन 22 साल की उम्र में आप ये फैसले लेकर एक बार परिणाम देख सकते हैं.

4) अपनी क्षमतानुसार खर्च करें
कई बार हम देखते है कि बच्चों के लिए एजुकेशन फंड से ज्यादा वैल्यू लोग टैबलेट फोन खरीदने को देते हैं. हमारी इनकम और बचत का फैसला हमारे ऑफिस के साथी, रिश्तेदार और पड़ोसियों के फेसबुक पोस्ट पर निर्भर करने लगता है. किसने क्या खरीदा, क्या बेचा, कहां घूमने गए और न जाने क्या-क्या. कम शब्दों में कहें को अपनी चादर देखकर ही पांव पसारना चाहिए.

5) हमेशा फ्री में चीजें हासिल करने की चाहत रखना
फ्री का सामान किसे पसंद नहीं आता. पर बात जब वित्तीय फायदे की हो तो इस तरह की सोच रखना गलत बात है. क्रेडिट कार्ड या इन्वेस्टमेंट प्लान के साथ फ्री में मिलने वाली इंश्योरेंस पॉलिसी हमेशा काम नहीं आएगी. एक स्टॉक ब्रोकर आपको ऐसे शेयर खरीदने का सुझाव दे सकता है जो उसने पहले कम कीमत पर खरीदे हों. लेकिन किसी बेहतर ब्रोकर या एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही इन्वेस्ट करें.

जानिए कौन सी हैं वो 5 आदतें जो आपको अमीर बनने से रोक रही हैं

हमारी ज्यादातर इच्छाएं पैसे के अभाव में पूरी नहीं हो पाती है. पर क्या आप जानते हैं हमारी ही कुछ आदतें हमारे अमीर बनने की राह का रोड़ा होती हैं.

इन आदतों को बदलकर आप बन सकते हैं अमीर

स्वाति गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2016,
  • (अपडेटेड 19 फरवरी 2016, 2:01 PM IST)

दूसरे पर आरोप लगाना जितना आसान है, उतना ही मुश्क‍िल है अपनी गलती स्वीकार करना. बिजनेस में कोई डील न हो पाए तो हम धोखेबाजी का आरोप लगा देते हैं, शेयर मार्केट में पैसे डूब जाएं तो भाग्य को. पर क्या वाकई सच्चाई भी यही होती है?

विशेषज्ञों की मानें तो हर बार भाग्य को दोष देने या दूसरों पर आरोप लगाने से कहीं बेहतर होगा कि हम अपनी उन आदतों को बदलने पर ध्यान दें जिनके चलते ये नुकसान हो रहे हैं. क्या आप जानते हैं हमारी ही कुछ आदतें हमें उस शि‍खर पर पहुंचने से रोक देती हैं जहां हम पहुंचना चाहते हैं.

1) सुनियोजित तरीके से काम करें
सबसे पहले अपने निष्क्रिय अकाउंट बंद करें. म्यूचुअल फंड एक अच्छा ऑप्शन है इसीलिए पैसे की बचत कर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में इन्वेस्ट करें. इन्हीं फैसलों को लेने में लोग काफी लंबा समय लगा देते हैं. ऐसे में काफी वक्त गुजर जाता है और फिर वे सालों बाद सोचते हैं कि अगर उस समय यह निवेश शुरू कर दिया होता तो आज अच्छा रिटर्न मिल रहा होता.

2) चीजों को नजरअंदाज करना
क्या आपको पता है कुछ मामलों में हमारा ये रवैया दूसरों के लिए बोनस का काम करता है. यानी जिन चीजों को हम नजरअंदाज कर देते हैं दूसरे उसी काम को करके फायदा उठा लेते हैं. इसीलिए काम बड़ा, लंबा या कठिन हो तो भी उसे करने की कोशि‍श जरूर करें.

3) हमेशा डरे रहना
कई बार लोग बिल्कुल भी जोखि‍म नहीं लेना चाहते हैं और अपने बचत किए गए पैसों को फिक्स डिपॉजिट में लगाते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि वे अपने रिटायरमेंट प्लान को भी बहुत मजबूती नहीं दे पाते हैं. हालांकि शेयर में निवेश न करना गलत फैसला नहीं स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे है लेकिन कुछ ऐसे रिस्क होते हैं जो आप कम उम्र में ले सकते हैं. 45 की उम्र में भले ही आपको रिस्क लेने से पहले दो बार सोचना पड़े लेकिन 22 साल की उम्र में आप ये फैसले लेकर एक बार परिणाम देख सकते हैं.

4) अपनी क्षमतानुसार खर्च करें
कई बार हम देखते है कि बच्चों के लिए एजुकेशन फंड से ज्यादा वैल्यू लोग टैबलेट फोन खरीदने को देते हैं. हमारी इनकम और बचत का फैसला हमारे ऑफिस के साथी, रिश्तेदार और पड़ोसियों के फेसबुक पोस्ट पर निर्भर करने लगता है. किसने क्या खरीदा, क्या बेचा, कहां घूमने गए और न जाने क्या-क्या. कम शब्दों में कहें को अपनी चादर देखकर ही पांव पसारना चाहिए.

5) हमेशा फ्री में चीजें हासिल करने की चाहत रखना
फ्री का सामान किसे पसंद नहीं आता. पर बात जब वित्तीय फायदे की हो तो इस तरह की सोच रखना गलत बात है. क्रेडिट कार्ड या इन्वेस्टमेंट प्लान स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे के साथ फ्री में मिलने वाली इंश्योरेंस पॉलिसी हमेशा काम नहीं आएगी. एक स्टॉक ब्रोकर आपको ऐसे शेयर खरीदने का सुझाव दे सकता है जो उसने पहले कम कीमत पर खरीदे हों. लेकिन किसी बेहतर ब्रोकर या एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही इन्वेस्ट करें.

निवेश की बात: गोल्ड ETF की ओर आकर्षित स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे हो रहे हैं निवेशक, जानिए क्या है ये और इसके फायदे

कोरोना वायरस महामारी के चलते निवेशक जोखिम भरे साधनों में निवेश करने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण अगस्त में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (ETF) में निवेशकों की रुचि बढ़ी है।

सोना (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कोरोना काल में लोगों को निवेश और बचत का महत्व समझ आया है। अगस्त में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (गोल्ड ETF) में सुधार आया है। पिछले महीने इसमें 24 करोड़ रुपये का निवेश स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे आकर्षित किया गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल प्रवाह 3,070 करोड़ रुपये रहा। इतना ही नहीं, पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या 21.46 लाख तक पहुंच गई।

हालांकि, अगस्त 2019 से इसमें धीमी गति से सुधार हो रहा है। गोल्ड ईटीएफ में नवंबर 2020 में 141 करोड़, फरवरी 2021 में 195 करोड़ और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी। वैश्विक स्तर पर बने सकारात्कमक रुख से पीली धातु को लेकर धारणा में सुधार आया है। जुलाई 2021 में निकासी के बाद अगस्त में सोने में निवेश सकरात्मक रहा।

क्या है ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) खरीदना है। चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है।

यह निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।

कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के क्या फायदे हैं?

  • गोल्ड ईटीएफ को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी आसान है।
  • सोने की कीमतें स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक होती हैं जिससे निवेशकों के बीच पारदर्शिता बनी रहती है।
  • गोल्ड ईटीएफ पर कोई वेल्थ टैक्स नहीं लगता है।
  • कोई स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे निवेशक एक यूनिट यानी एक ग्राम खरीद कर निवेश शुरू कर सकता है।

विस्तार

कोरोना काल में लोगों को निवेश और बचत का महत्व समझ आया है। अगस्त स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (गोल्ड ETF) में सुधार आया है। पिछले महीने इसमें 24 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल प्रवाह 3,070 करोड़ रुपये रहा। इतना ही नहीं, पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या 21.46 लाख तक पहुंच गई।

हालांकि, अगस्त 2019 से इसमें धीमी गति से सुधार हो रहा है। गोल्ड ईटीएफ में नवंबर 2020 में 141 करोड़, फरवरी 2021 में 195 करोड़ और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी। वैश्विक स्तर पर बने सकारात्कमक रुख से पीली धातु को लेकर धारणा में सुधार आया है। जुलाई 2021 में निकासी के बाद अगस्त में सोने में निवेश सकरात्मक रहा।

क्या है ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) खरीदना है। चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है।

यह निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।

कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।

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