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डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?

डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया

USD INR (अमरीकी डॉलर बनाम भारतीय रुपया) के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है। आपको ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, कनवर्टर, तकनीकी विश्लेषण, समाचार आदि सहित इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक पर जाकर अधिक जानकारी मिल जाएगी।

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USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया समाचार

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार की सोमवार को नरम शुरुआत हुई। बेंचमार्क सूचकांकों निफ्टी50 में 0.3% और सेंसेक्स में 0.29% या.

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - घरेलू बाजार ने मंगलवार को मिले-जुले बाजार संकेतों के बीच नरम शुरुआत की, क्योंकि निवेशक चीन द्वारा कोविड-19 महामारी के सबसे गंभीर परीक्षण को.

अंबर वारिक द्वारा Investing.com-- अधिकांश एशियाई मुद्राएं मंगलवार को थोड़ी बढ़ीं क्योंकि वे हाल के सत्रों में तेज गिरावट से उबर गईं, हालांकि फेडरल रिजर्व के कुछ अधिकारियों की.

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया विश्लेषण

# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 81.57-82.05 है।# रुपए में गिरावट डॉलर इंडेक्स के उछाल और चीनी युआन की कमजोरी से प्रभावित हुई।# गोल्डमैन सैश (एनवाईएसई:जीएस) अगले साल भारत की विकास.

भारत का बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स निफ्टी सोमवार को शुरुआती कारोबार में 18209.80 के आसपास फिसल गया, जो उच्च फेड टर्मिनल दर की चिंता के बीच नकारात्मक वैश्विक संकेतों पर लगभग -140 अंक.

# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 81.41-81.97 है।# रुपए में संघर्ष हुआ, क्योंकि फेड अधिकारियों की टिप्पणियां मोटे तौर पर इस संदेश में सुसंगत थीं कि अमेरिकी दरों को और बढ़ने की.

तकनीकी सारांश

कैंडलस्टिक पैटर्न

Morning Star1D Three Outside Up1W Engulfing Bullish1W Three Black Crows1D Abandoned Baby Bullish5H

आर्थिक कैलेंडर

केंद्रीय बैंक

करेंसी एक्स्प्लोरर

USD/INR आलोचनाए

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Rupee की दहाड़, डॉलर के मुकाबले 49 पैसे की लगाई छलांग, शेयर बाजार में भी बहार

Rupee Vs Dollar: रुपया में बीते कुछ समय जारी जोरदार गिरावट न केवल देशवासियों के मुसीबत का सबब बनती जा रही थी, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी इसे लेकर घमासान मचा हुआ था. हालांकि, इसके टूटने के सिलसिले पर अब ब्रेक लगता नजर आ रहा है.

डॉलर के मुकाबले रुपया में आई जोरदार तेजी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 09 नवंबर 2022, 10:21 AM IST)

लंबे समय से जारी भारतीय करेंसी रुपया (Rupee) में गिरावट पर ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है. बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले 49 पैसे की लंबी छलांग लगाकर 81.43 के स्तर पर आ गया. इससे पहले रुपया लगातार टूटने का नया रिकॉर्ड बनाता जा रहा था और बीते अक्टूबर महीने में यह टूटकर पहली बार पहुंचा 83 के पार पहुंच गया था.

टूटने का नया रिकॉर्ड बना रहा था रुपया
अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले रुपया (Rupee) में गिरावट महीने-दर-महीने तेजी होती जा रही थी. सितंबर 2022 में इसने गिरते हुए 82 के स्तर को पार किया था, तो अगले ही महीने यानी अक्टूबर 2022 में यह टूटकर 83.01 रुपये प्रति डॉलर परा बंद हुआ. ये पहली बार था जब रुपया ने 83 के आंकड़े को पार किया था. हालांकि, इसके बाद रुपये में गिरावट में कुछ कमी आती गई और उतार-चढ़ाव जारी रहा. हालांकि, बुधवार को आई 49 पैसे की जोरदार बढ़त राहत देने वाली खबर है.

रुपये में गिरावट के रहे ये कारण
भारतीय मुद्रा Rupee में गिरावट की सबसे बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War), सप्लाई चेन में रुकावट और अमेरिकी फेड रिजर्व (US Fed) की ओर से लगातार की जा रही ब्याज दरों में बढ़ोतरी रही. डॉलर के मजबूत होने से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली चरम पर पहुंच गई और रुपया धड़ाम हो गया. विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जब उथल-पुथल मचती है तो निवेशक डॉलर की ओर अपना रुख करते हैं. डॉलर की मांग बढ़ती है तो फिर अन्य करेंसियों पर दबाव बढ़ जाता है. यहा कारण है कि न सिर्फ रुपया, बल्कि दुनिया की अन्य करेंसियां भी अमेरिकी डॉलर के आगे धराशाई हो रही हैं. हालांकि, अब रुपया ने अपनी ताकत दिखाना शुरू कर दिया है.

Rupee Against Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे टूटकर 79.06 पर आया, RBI के कदम से गिरावट सीमित

Rupee Against Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे टूटकर 79.06 पर पहुंच गया. लेकिन RBI के कदम से गिरावट सीमित रही. रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.94 पर बंद हुआ था.

Published: July 7, 2022 1:18 PM IST

Dollar Vs Rupee (Symbolic Image)

Rupee Against Dollar: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इस महीने दरों में एक और बढ़ोतरी के संकेतों के बीच बृहस्पतिवार को रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे टूटकर 79.06 पर आ गया.

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विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जो कदम उठाए उससे रुपये में गिरावट सीमित रही.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को विदेशी मुद्रा प्रवाह से संबंधित मानकों को उदार बनाने के साथ ईसीबी (विदेशों से वाणिज्यिक उधारी) मार्ग के तहत बाह्य उधारी सीमा दोगुनी कर दी.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.05 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 79.06 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 12 पैसे की गिरावट दर्शाता है.

रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.94 पर बंद हुआ था.

इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.21 फीसदी की बढ़त के साथ 106.87 पर था.

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.78 प्रतिशत बढ़कर 101.48 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 330.13 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

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डॉलर के मुकाबले क्यों गिरता जा रहा है रुपया, भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा इसका असर? | Explained

Dollar Vs Rupee : डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. भारत का केंद्रीय बैंक जो रुपया का संरक्षक है. रुपये की कमजोरी को रोकने की उसकी कोशिशें कामयाब नही हो पा रही है. इससे इस बात की संभावना बढ़ती जा रही है कि आने वाले दिनों में महंगाई और परेशान कर सकती है.

Published: September 28, 2022 डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? 12:37 PM IST

Dollar Vs Rupee (Symbolic Image)

Dollar Vs Rupee : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया जुलाई 2022 से 79-80 के बीच उतार-चढ़ाव कर रहा है. डॉलर इंडेक्स 104.30 के स्तर से बढ़ रहा है. यूएस फेड ने अपनी पिछली बैठक में ब्याज दरों में 75 बीपीएस की बढ़ोतरी की और नवंबर में इसे 75 बीपीएस और दिसंबर में 50 बीपीएस बढ़ाने का संकेत दिया है.

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डॉलर इंडेक्स जो उस समय 107 पर था, बढ़कर 111.60 पर पहुंच गया है. यूरो नीचे गिरकर 0.98 और GBP अपने 20 साल के निचले स्तर 1.12 पर आ गया. डॉलर इंडेक्स अभी भी 112 के स्तर की ओर तेजी से जाता हुआ देखा जा रहा है.

21 सितंबर को यूएस फेड की घोषणा के बाद, इक्विटी में गिरावट आई, एशियाई मुद्राओं में गिरावट आई और बाजारों में जोखिम-रहित भावना बनी रही.

यूएस डॉलर 2-वर्ष की यील्ड 4.10% को पार कर गई, जबकि 10-वर्ष 3.50% पर थी. परिणामस्वरूप विपरीत यील्ड वक्र बना, जिससे अमेरिका में मंदी का संकेत मिल रहा है.

रूस-यूक्रेन युद्ध, गैस आपूर्ति के मुद्दों और लगभग दो अंकों की मुद्रास्फीति के कारण यूरोप पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है.

आरबीआई जो रुपये का संरक्षक है, उसकी कोशिश थी कि यह 80 के स्तर को न पार करे. लेकिन आरबीआई अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो पाया और 22 सितंबर को रुपया 80.98 के अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गया और 23 सितंबर 2022 को 81.25 का एक नया इंट्रा-डे लो बना दिया और आज यानी बुधवार को यह अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. आज एक डॉलर की कीमत 81.93 रुपये हो गई है.

प्रति माह 30 अरब डॉलर के व्यापार घाटे और 2013 के बाद से जीडीपी के 3.5% के सीएडी की वजह से रुपये में कमजोरी दिखाई दे रही है. कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल कम्फर्ट लेवल पर हैं. अमेरिका में मंदी की चिंताओं से यह फिलहाल 100 डॉलर से नीचे है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जो सितंबर के दौरान इक्विटी के खरीदार और रुपये के विक्रेता थे, फिर से विक्रेता बन सकते हैं जो रुपये पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं.

फेड ब्याज दर के मोर्चे पर लगातार बना हुआ है. डॉलर और रुपये के बीच ब्याज दर का अंतर 2022 में 4.5% के उच्च स्तर से वर्तमान में 2.9% तक धीरे-धीरे कम हो रहा है. यह अंतर रुपया पर दबाव डाल रहा है.

एशियाई मुद्राएं भी कमजोर बनी हुई हैं, और अधिकांश में 10-15% की गिरावट आई है. 21 सितंबर तक रुपये में केवल 7.5% की गिरावट आई थी, जबकि आज तक मूल्यह्रास 8.5% हो गया है.

वैश्विक स्तर पर बढ़ती ब्याज दरें रुपये के गिरते प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण हैं. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने गुरुवार को बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दर में एक और आधा प्रतिशत की वृद्धि का विकल्प चुना, यह चेतावनी देते हुए कि अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी में थी. इसने अपनी ब्याज दर 1.75 फीसदी से बढ़ाकर 2.25 फीसदी कर दी.

बीते हफ्ते बुधवार को, यूएस फेड ने 0.75 प्रतिशत अंक की अपनी तीसरी सीधी वृद्धि की घोषणा 3 से 3.25 प्रतिशत की सीमा में की. पूर्वानुमान के अनुसार, 2022 के अंत तक दरों के 4.4 प्रतिशत और 2023 तक 4.6 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है. नवंबर की बैठक से दर में चौथी-सीधी 75 आधार-बिंदु वृद्धि की उम्मीद है.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?

रुपये के कमजोर होने का सबसे बड़ा असर मुद्रास्फीति पर पड़ता है, क्योंकि भारत अपने कच्चे तेल का 80% से अधिक आयात करता है, जो भारत का सबसे बड़ा आयात है.

तेल दो महीने से अधिक समय से 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास मंडरा रहा है और कमजोर रुपये से मुद्रास्फीति के दबाव में इजाफा होगा. भारत उर्वरकों और खाद्य तेलों के लिए भी अन्य देशों पर बहुत अधिक निर्भर है. क्रिसिल के अनुसार, देश का उर्वरक सब्सिडी बिल इस वित्त वर्ष में 1.9 ट्रिलियन रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के लिए तैयार है.

कमजोर रुपया जहां आयात को महंगा बनाता है, वहीं इसके कुछ फायदे भी हैं. यह हमारे निर्यातकों को सैद्धांतिक रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है.

भारत के प्रमुख निर्यात आइटम जैसे रत्न और आभूषण, पेट्रोलियम उत्पाद, जैविक रसायन और ऑटोमोबाइल, और मशीनरी आइटम में आयात की मात्रा काफी अधिक है. आपूर्ति की कमी के कारण कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, निर्यातकों के लिए उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी, जिससे उनके मार्जिन पर असर पड़ेगा.

इसलिए, निर्यात क्षेत्र जहां इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे आयात की तीव्रता अधिक है, में लाभ नहीं देखा जा सकता है. सेवा क्षेत्र जैसे आईटी और श्रम प्रधान निर्यात क्षेत्र जैसे कपड़ा वास्तव में लाभान्वित होंगे.

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Rupees Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू में आया उछाल, जानें कहां पहुंच गई भारतीय करेंसी

रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की तेजी के साथ 79.72 (अस्थायी) पर बंद हुआ है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 79.72 पर खुली है.

Rupees Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू में आया उछाल, जानें कहां पहुंच गई भारतीय करेंसी

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Sep 08, 2022 | 5:25 PM

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती के बीच रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की तेजी के साथ 79.72 (अस्थायी) पर बंद हुआ है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 79.72 पर खुली है. दिन में कारोबार के दौरान इसने 79.65 का ऊपरी और 79.83 का निचला स्तर देखा है. कारोबार के आखिर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 79.72 पर बंद हुआ है, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 23 पैसे की बढ़त है.

इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दिखाने वाला डॉलर सूचकांक डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? 0.डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? 11 फीसदी गिरकर 109.72 पर आ गया है. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.60 फीसदी गिरकर 87.47 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर मौजूद था.

घरेलू शेयर बाजारों की बात करें, तो बीएसई सेंसेक्स 659.31 अंक या 1.12 फीसदी बढ़कर 59,688.22 पर बंद हुआ है. जबकि, व्यापक एनएसई निफ्टी 174.35 अंक या 0.99 फीसदी चढ़कर 17,798.75 अंक पर बंद हुआ है.

शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 758.37 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.

आप-हम पर क्या होता है रुपये का असर?

रुपये की गिरावट का असर आम जन जीवन पर देखा जा सकता है. हाल के दिनों में महंगाई दर के रूप में यह देखा भी जा रहा है. रुपये में कमजोरी से अंतररराष्ट्रीय बाजार से आयात की गई कमोडिटी में किसी भी कमी का असर घट जाती है. ऐसे में कच्चे तेल में गिरावट का फायदा पाने में और समय लगेगा क्योंकि कीमतों में गिरावट के बीच रुपये में कमजोरी से आयात बिल बढ़ जाएगा और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बना रहेगा. अभी विदेशी बाजारों में कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन रुपया कमजोर होने के चलते इसका फायदा आम लोगों को नहीं डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? मिल पा रहा है.

आम जन को फायदा तब मिलता है, जब विश्व बाजारों में कमॉडिटी के भाव गिरेंगे और रुपया, डॉलर के मुकाबले मजबूत स्थिति में आता है. आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत तभी मिलती है, जब वैश्विक बाजार में कमॉडिटी के भाव गिरे और रुपया मजबूत हो. हालांकि हाल की गिरावटों को देखकर इतना जल्द रुपये में मजबूती की संभावना नहीं दिखती. रुपया लगातार कई दिनों से डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर चल रहा है.

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