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विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना

विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना
2 विश्व खाद्य मास्को, रूस 16-19 सितंबर 2 विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना 013

अंतर्राष्ट्रीय मेले

विभिन्न विदेशी बाजारों में भारतीय समुद्री खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए, अति महत्वाकांक्षी विपणन रणनीतियों को प्रभावी ढंग से और समय पर अपनाना सबसे आवश्यक हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री खाद्य मेलों में भाग लेने से विदेशों में भारतीय समुद्री उत्पादों को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी, जिससे साल दर साल देश के लिए बेहतर विदेशी मुद्रा राजस्व अर्जित होगा।

अंतरराष्ट्रीय मेलों में भागीदारी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना समुद्री खाद्य उत्पादों की श्रृंखला और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और उपभोक्ताओं के सामने मूल्यवर्धन की संभावना को पेश करने का एक प्रभावी और सार्थक तरीका है। अंतर्राष्ट्रीय मेलों में भाग लेने से, भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों को अपने उत्पादों विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना का प्रदर्शन करने, खरीदारों के साथ बातचीत करने और अपने उत्पादों के लिए कन्फर्म ऑर्डर प्राप्त करने का अवसर मिलता है। कृपया ध्यान दें कि एमपीईडीए द्वारा प्रस्तावित मेलों का चयन कृपया ध्यान दें कि एमपीईडीए द्वारा प्रस्तावित मेलों का चयन (क ) बाजारों में उत्पाद की मांग (ख) बाजार अवसरों की पेशकश (ग) भारत के बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए प्रत्याशित गुंजाइश (घ) विकस योग्य बाजार के (ङ) व्यापार संबंधों को विकसित करने और बनाए रखने के लिए आवश्यक बातचीत (च) आधार पर किया गया था। आवश्यकताओं पर फीड बैक एकत्र विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना करने के लिए और (छ) व्यापार के मुद्दों को हल करने के लिए एक कदम आदि को ध्यान में रखते हुए और उसके आधार पर किया गया था।

कम लागत भंडारण संरचना और बेहतर भंडारण विधि से बढ़ता लहसुन विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना का अचल जीवन

लहसुन, सिंचित तरीके से उगाई जाने वाली प्याज के बाद दूसरी सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिगत कंद फसल है, विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना जिसका उपयोग पूरे देश और दुनिया में मसाले के रूप में किया जाता है। यह फसल देश के लिए एक महत्त्वपूर्ण विदेशी मुद्रा अर्जक है।

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राजस्थान में यह फसल विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना बड़े पैमाने पर बारां, झालावाड़, कोटा, बूंदी (हरोली क्षेत्र), चित्तौड़गढ़, जोधपुर और प्रतापगढ़ जिलों में विशेष रूप से सिंचित प्रणाली के साथ उगाई जाती है। हारोटी क्षेत्र को राजस्थान का लहसुन का कटोरा माना जाता है, जो 90% फसल का उत्पादन करता है। वर्ष 2018-19 के दौरान, राजस्थान में लहसुन की खेती 1.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है और औसत उत्पादकता 5.4 विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से 7.18 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। दो दशकों से यह सोयाबीन-लहसुन आधारित फसल प्रणाली में उगाया जाता है। इन क्षेत्रों में किए गए उत्पादन के खुशबू की पहचान कई खाड़ी देशों में भी है। मसालेदार भोजन खासकर मांसाहारी व्यंजन में विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना लहसुन का इस्तेमाल मुख्य तत्त्व के रूप में किया जाता है। आजकल बाजार में पेस्ट, पाउडर, फ्लेक्स, लहसुन कैप्सूल लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं। .

जी-4 ने अफ्रीकी देशों को भी प्रतिनिधित्व देने का समर्थन किया

जी-4 ने अफ्रीकी देशों को भी प्रतिनिधित्व देने का समर्थन किया |_40.1

जी-4 देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए नए सिरे से प्रयास करने और इसे अधिक कुशल और आज की दुनिया का प्रतिनिधि बनाने का आह्वान किया। इन देशों ने अंतर-सरकारी वार्ता में सार्थक प्रगति में आने वाली निरंतर कमी पर चिंता व्यक्त की। जी-4 मंत्रियों ने दोहराया कि सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थाई और गैर-स्थाई दोनो श्रेणियों में विस्तार निकाय को अधिक प्रतिनिधि,वैध और प्रभावी बनाना अत्यंत आवश्यक है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने भी जापान के विदेश मंत्री योशिमाशा, जर्मनी की एनालिना बाएरबॉख, ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रांका से मुलाकात के बाद ट्वीट विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना किया, हमने साझा बयान में बहुस्तरीय सुधारों के लिए वार्ताओं को गति देने का इरादा जताया। इस उद्देश्य को हासिल करने तक हम कोशिशें जारी रखेंगे। भारत सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और उसका कार्यकाल इस साल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। जी-4 ने अफ्रीकी देशों को भी प्रतिनिधित्व देने का समर्थन किया। जी4 ने कहा, यूएन की निर्णय लेने वाली संस्थाओं में तत्काल सुधार की जरूरत है। वैश्विक मुद्दे जटिल होते जा रहे हैं और एक-दूसरे से जुड़े हैं। इनसे निपटने के लिए यूएनएससी की अक्षमता से सुधार की तत्काल जरूरत दिखती है।

विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना

नई दिल्ली, Wednesday 23-11-2022 06:01:15am

नई दिल्‍ली: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, बीते साल भर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है। इससे पहले, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था। बता दें, विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी सप्ताह में वृद्धि दर्ज की गई थी। देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई समय से लगातार कम हो रहा है।

दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है।

फॉरेक्‍स रिजर्व ने दोबारा पार किया 400 अरब डॉलर का आंकड़ा, वैश्विक जोखिम से निपटने के लिए पर्याप्‍त है विदेशी मुद्रा भंडार

फॉरेक्‍स रिजर्व एक बार फि‍र 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने में सफल रहा है। 20 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 1.5 अरब डॉलर बढ़कर यह 400.29 अरब डॉलर हो गया।

सरकारी और निजी बैंकों से भी खरीद सकेंगे NSC, RD और MIP, सरकार ने दी दायरा बढ़ाने की अनुमति

सरकार ने 3 प्राइवेट बैंकों सहित सभी सरकारी बैंकों को एनएससी, रिक्रूरिंग डिपॉजिट और मासिक बचत योजना जैसी विभिन्‍न लघु बचत योजनाएं बेचने की अनुमति दी।

दिल्‍ली में 5.5 रुपए प्रति यूनिट देना होगा इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने का शुल्‍क, 42 रुपए में 100 किमी चलेगी कार

दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग के लिए 5.5 रुपए प्रति यूनिट का शुल्क भी तय कर दिया है।

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