क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है

जब आपको अपने कार्यस्थल पर एक सीट आवंटित की जाती है तो सुनिश्चित करें कि यह बीम के नीचे नहीं है और आपकी पीठ मुख्य प्रवेश द्वार की ओर नहीं है। यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकता है।
पदोन्नति में एससी और एसटी को आरक्षण देने के फैसले पर दोबारा सुनवाई नहीं : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह पदोन्नति में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को आरक्षण की अनुमति देने वाले क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है अपने फैसले पर दोबारा सुनवाई नहीं करेगा क्योंकि राज्यों को यह निर्णय करना है कि वे कैसे इसे लागू करेंगे। विभिन्न राज्यों में पदोन्नति में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण देने में कथित तौर पर आ रही दिक्कतों से क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने राज्य सरकारों के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को निर्देश दिया क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है कि वे उन मुद्दे की पहचान करें जो उनके लिए क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है अनूठे हैं और दो सप्ताह के भीतर उन्हें दाखिल करें।
पीठ ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम नागराज या जरनैल सिंह (मामले) दोबारा खोलने नहीं जा रहे हैं क्योंकि इन मामलों पर न्यायालय द्वारा प्रतिपादित व्यवस्था के अनुसार ही निर्णय करने का विचार था। शीर्ष अदालत ने अपने पूर्व के आदेश को रेखांकित किया जिसमें राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया था कि वे उन मामलों को तय करे जो उनके लिए अनूठे हैं ताकि न्यायालय इनमें आगे बढ़ सके। न्यायालय ने कहा कि अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा तैयार क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है किये गए मुद्दे और दूसरों द्वारा उपलब्ध कराये गए मुद्दे मामले का दायरा बढ़ा रहे हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम ऐसा करने के इच्छुक नहीं है। ऐसे कई मुद्दे हैं जिनका फैसला नागराज प्रकरण में हो चुका है और उन्हें भी हम लेने नहीं जा रहे हैं। हम बुहत स्पष्ट क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है हैं कि हम मामले को दोबारा खोलने के किसी तर्क या इस तर्क को मंजूरी नहीं देंगे कि इंदिरा साहनी मामले में प्रतिपादित व्यवस्था गलत हैं क्योंकि इन मामलों का दायरा इस अदालत द्वारा तय कानून को लागू करना है।’’
एससी-एसटी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने पर रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
शीर्ष अदालत क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है ने कहा कि मौजूदा क़ानून के हिसाब से यह व्यवस्था इस मामले में संवैधानिक पीठ का अंतिम फैसला आने तक लागू रह सकती है. The post एससी-एसटी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने पर रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट appeared first on The Wire - Hindi.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मौजूदा क़ानून के हिसाब से यह व्यवस्था इस मामले में संवैधानिक पीठ का अंतिम फैसला आने तक लागू रह सकती है.
नई दिल्ली: केंद्र को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के कर्मचारियों को ‘कानून के अनुसार’ पदोन्नति में आरक्षण देने की मंगलवार को अनुमति दे दी.
शीर्ष अदालत ने केंद्र की दलीलों पर गौर किया जिसमें कहा गया था कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों और शीर्ष अदालत द्वारा 2015 में इसी तरह के एक मामले में ‘यथास्थिति बरकरार’ रखने का आदेश दिए जाने से की वजह से पदोन्नति की समूची प्रक्रिया रुक गई है.
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि केंद्र के कानून के अनुसार पदोन्नति देने पर ‘रोक’ नहीं है. पीठ ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि मामले पर आगे विचार किया जाना लंबित क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है रहने तक भारत सरकार पर कानून के अनुसार पदोन्नति देने पर रोक नहीं है और यह आगे के आदेश पर निर्भर करेगा.’
वास्तु आपके प्रमोशन के अवसरों को कैसे बढ़ा सकता है?
वेतनभोगी कर्मचारी हमेशा 3 चीजों के लिए प्रयास करते हैं- जिस दिन उनका वेतन उनके खातों में जमा हो जाता है, उनके मूल्यांकन से वेतन वृद्धि और पदोन्नति होती है। इनमें से पदोन्नति एक ऐसी चीज है जिसकी तलाश कर्मचारी करते हैं। यह कंपनियों की ओर से कर्मचारियों को उनकी कड़ी मेहनत का इनाम है।
पदोन्नति की संभावना बढ़ाने के लिए एक कर्मचारी कई चीजें कर सकता है और उनमें से अधिकांश पूरे ब्रह्मांड में स्वीकार किए जाते हैं। लेकिन अधिकांश कर्मचारी उन प्रभावी तरीकों की उपेक्षा करते हैं जो उन्हें उस अति-आवश्यक पदोन्नति को प्राप्त करने में मदद करेंगे।
अपने सहयोगियों और काम के साथ कार्यस्थल में सकारात्मक माहौल बनाने से भी आपको अपने कार्यालय में सफलता प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
लक्ष्य निर्धारित करें और अपना काम अच्छे से करें कड़ी मेहनत और समर्पण के बिना, पदोन्नति के समय निश्चित रूप से आपकी अनदेखी की जाएगी। यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने का प्रयास करें। इसके बारे में स्पष्ट मानसिकता रखते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने योग्य बनाएं।
SC/ST Quota In Promotion: सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की शर्तों को कम करने क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है से किया इनकार, बिना आंकड़े प्रमोशन में आरक्षण नहीं…
सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण मामले पर अहम फैसला क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है लेते हुए कहा, बिना आंकड़े प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की शर्तों को कम करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्य सरकारों को आंकड़ों से साबित करना होगा कि SC- ST का प्रतिनिधित्व कम है। समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित होनी चाहिए।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 26 अक्टूबर 2021 को फैसला सुरक्षित रखा था। इस मामले पर सुनवाई क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है क्या जमा के बिना पदोन्नति हो सकती है करते हुए दलील दी गई थी कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी एससी-एसटी समुदाय के लोगों को अगड़े वर्गों के समान मेधा के स्तर पर नहीं लाया गया है।
प्रमोशन के बदले प्रभार देकर वापस भी लिया जा सकता है
शर्मा के मुताबिक इन नियमों में पदोन्नत किए गए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को रिवर्ट करने का विकल्प भी रखा जाएगा। इसकी वजह यह है कि पदोन्नति में आरक्षण संबंधी मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सर्वोच्च न्यायालय से जो आदेश होंगे उसके बाद सरकार को उस पर अमल करना पड़ेगा।
सन 2016 में विधानसभा चुनाव 2018 की तैयारी के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अजाक्स के कार्यक्रम में 'माई का लाल' वाला बयान देकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन पर रोक लगा दी थी। तब से लेकर अब तक मामला टलता चला रहा है और 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले पर फैसला होने की उम्मीद भी नहीं है।