क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द

बैंक ऑफ इंग्लैंड की चेतावनी- डूब सकता है क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों का पैसा
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बिटकॉइन और ईथेरियम के प्रति बढ़ रहे निवेशकों की दीवानगी के बीच बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बैली ने क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को आगाह करते हुए चेतावनी दी है कि क्रिप्टो करेंसी का कोई आंतरिक मूल्य नहीं है और इसमें निवेश करने वालों का सारा पैसा डूब सकता है।
दरअसल बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बैली से एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान क्रिप्टो करेंसी में चल रही तेजी को लेकर सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी की कोई आंतरिक कीमत नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग इसकी कीमत नहीं समझते। क्योंकि उन्हें इसकी बाहरी कीमत मिलती है, लेकिन इसके आंतरिक कीमत नहीं है।
सारा पैसा डुबाने के लिए मानसिक तौर पर तैयार?
बैली ने कहा कि मैं एक बार फिर दो टूक शब्दों में कह रहा हूं कि यदि लोग अपना सारा पैसा डुबाने के लिए मानसिक तौर पर तैयार हैं तो वही इसे खरीद सकते हैं। इससे पहले यूके फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी ने भी जनवरी में इसी तरह की चेतावनी देते हुए कहा था कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना अथवा इससे जुड़े हुए लिंक को उधारी देना निवेशकों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। यदि निवेशक इसमें निवेश करते हैं तो उन्हें खुद को मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार रखना पड़ेगा कि इसमें पैसा डूब सकता है।
बैली इससे पहले फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव रहे हैं और क्रिप्टो करेंसी को लेकर उनका यह संदेह नया नहीं है। अपने पद पर रहते हुए 2017 में भी उन्होंने निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर चेतावनी दी थी और कहा था कि इसमें निवेश करने वालों को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि निवेशकों का सारा पैसा इसमें डूब सकता है।
क्रिप्टो करेंसी में टेस्ला की होल्डिंग बढ़कर ढाई अरब डॉलर
बिटकॉइन ईथिरीमय और डोजीकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी ने इस साल निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए हैं। टेस्ला जैसे बड़े और संस्थागत निवेशकों द्वारा बिटकॉइन में रुचि दिखाए जाने के बाद इस साल इसकी कीमतें दोगुनी हो चुकी क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द है। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने करीब डेढ़ अरब डॉलर के बिटकॉइन खरीदे हैं। टेस्ला कि इसमें होल्डिंग अब बढ़कर ढाई अरब डॉलर हो गई है।
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या होगा. ये संसद में आने वाले बिल के बाद तय होगा. क्योंकि बहुत जल्द सरकार संसद में क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन बिल पेश करने वाली है. ऐसे में निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग गया तो उनके पैसे का क्या होगा. तो हम आपको पूरी रिसर्च के बात बताते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर आगे की राह क्या होगी. ऐसे में अगर बैन लग गया तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए रुपये को डॉलर या दूसरी करेंसी में कन्वर्ट नहीं कर पाएंगे. साथ ही दूसरी करेंसी में खरीदे गए क्रिप्टो कॉ़इन को बेचकर रुपये में ट्रांजेक्शन नहीं होगा.
भारत में कितना बड़ा है क्रिप्टो मार्केट?
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में 10 करोड़ ऐसे निवेशक हैं. जिनका पैसा क्रिप्टोमार्केट में लगा है. दावा है कि करीब 6 लाख करोड़ रुपया इस वक्त भारतीयों का क्रिप्टो मार्केट में लगा है. इसमें औसतन हर निवेशख का 9 हजार रुपये का इनवेस्टमेंट है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की चिंता इसलिए है, क्योंकि 60 फीसदी निवेशक ऐसे हैं, जो छोटे शहरों से आते हैं। इसके अलावा निवेशकों की औसत उम्र 24 साल है. मतलब ज्यादातर युवा इस नए तरह के इनवेस्टमेंट मार्केट से जुड़े हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या फर्क?
क्रिप्टोकरेंसी आम करेंसी से अलग है. इसे न तो छू सकते हैं, न ही इससे कुछ खरीद सकते हैं, बल्कि इसे सिर्फ ऑनलाइन रख सकते हैं. चिंता की वजह ये है कि इस करेंसी को लेकर कोई रेग्युलेटर नहीं है. दुनिया की किसी सरकार का इस पर कंट्रोल नहीं है. इस वक्त दुनिया में 1,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में है और 308 से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज हैं. इस मार्केट की शुरुआत 2009 में हुई थी. इस करेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा होता है. कोरोना काल में तो भारत में क्रिप्टो मार्केट काफी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जबकि डिजिटिल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होती है. इसे केंद्रीय बैंक ही जारी करता है, इसीलिए इसकी कीमतों पर केंद्रीय बैंक का कंट्रोल रहता है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कब क्या हुआ?
2018 में भारत में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया, लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने बैन हटा दिया, लेकिन क्रिप्टोमार्केट को लेकर चिंता जारी रहीं. 11 नवंबर 2021 को आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी पर गंभीर चिंताएं जाहिर की. इसके बाद 13 नवंबर 2021 को पहली बार पीएम मोदी ने क्रिप्टो मार्केट पर बैठक की. इस बैठक के बाद क्रिप्टो करेंसी पर लगातार सवाल उठने लगे. 15 नवंबर 2021 को संसदीय समिति में क्रिप्टो पर चर्चा की गई और संसदीय समिति में बैन की बजाय रेगुलेट करने पर बातचीत हुई. इसके बाद 18 नवंबर 2021 को सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने क्रिप्टो पर एक बार फिर चिंता जाहिर की.
क्रिप्टो पर किस देश का क्या रुख
भारत में क्रिप्टो को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगर टेंडर घोषित कर दिया, जबकि अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी के हिसाब से अपनी नीतियां बना रहा है. दक्षिण कोरिया भी इस करेंसी को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इस करेंसी का लगातार विरोध कर रहा है.
किन-किन क्रिप्टोकरेंसी के प्राइवेट होने का डर
जानकारों के मुताबिक कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध रही है. इसीलिए इन क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात चल रही है. इसमें कुछ नाम इस तरह हैं. Monero(XMR), Dash Coin, Zcash(ZEC), Verge(XVG), Beam, Grin, Horizen(ZEN), Firo(FIRO), Byte Coin(BCN), UCoin और Delta. हालांकि 2019 में सरकार के पेश किए गए विधेयक के नाम में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना का जिक्र था, लेकिन 2021 आते आते विधेयक के नाम में से बैन शब्द हट गया है, जिसके बाद क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को उम्मीद जगी है. अब कुल मिलाकर अब इंतजार संसद में पेश होने वाले मसौदे का है, जिसमें ये तस्वीर साफ हो पाएगी, कि भारत में क्रिप्टो मार्केट चलता रहेगा या फिर निवेशकों की गाड़ी कमाई डूब जाएगी.
Crypto Currency: क्या है क्रिप्टो करेंसी? इसे कहां से और कैसे खरीदे, यहां जानें पूरी जानकारी
हेमा जोशी, नई दिल्ली: Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है (what is cryptocurrency)? इसके बारे में अक्सर मन में सवाल उठता होगा जो कि लाजमी है। तो आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक Digital या वर्चुअल मुद्रा है। इस Digital या वर्चुअल मुद्रा को क्रिप्टोग्राफ़ी के द्वारा सिक्योरिटी प्रदान की जाती है। इस मुद्रा के जरिए सिर्फ ऑनलाइन Transation हो सकता है और इसमें किसी थर्ड पार्टी का कोई रोल नही होता है।
क्रिप्टोकोर्रेंसी दो शब्दों के मेल से बना हुए एक शब्द है। जिसमें Crypto जो कि लैटिन भाषा का शब्द है cryptography से बना है जिसका अर्थ होता है छुपा हुआ। करेंसी शब्द भी लैटिन शब्द currentia से आया है जिसका अर्थ होता है रुपये या पैसा। तो क्रिप्टोकरेंसी का सीधा-सीधा अर्थ हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा या डिजिटल रुपया। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी रखने वाले क्षितिज पुरोहित बताते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में नही है जिसे आप जेब में रख सके बल्कि इसका क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द सिर्फ ऑनलाइन Transation कर सकते हैं।
इस मुद्रा के बारे में इस तरह समझे जैसे हर देश के पास अपनी एक मुद्रा है। अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है। यानि एक money system जो कि देश को अपनी मान्यता प्रदान करता है और उस देश के लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीदते हैं। साधारण तौर पर समझेंं एक ऐसा मनी सिस्टम जिसकी मान्यता हो वह करेंसी (Currency) कहलाती है।
किसने और क्यों बनाई यह डिजिटल मुद्रा
इस बारे में क्षितिज बताते हैं कि बहुत सारे लोग मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी 2009 में सतोशी नाकामोतो ने शुरू किया था। ऐसा बिल्कुल हीं है कि इससे पहले भी कई देशों ने डिजिटल मुद्रा पर कई तरह से काम किया था। जैसे कि यूएस के द्वारा 1996 में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था, ऐसा गोल्ड जो कि अभासी मुद्रा का रुप था, लेकिन इस मुद्रा से दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। हालांकि साल 2008 इस मुद्रा को बैन कर दिया गया था। वैसा ही जैसे साल 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से कनेक्ट किया था।
कितने प्रकार की है Cryptocurrency
मौजूदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे प्रारुप हैं। बिटकॉइन (Bitcoin) को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी माना जाता है। इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने 2009 में बनाया था। यह एक डि-सेंट्रलाइज़ करेंसी है, यानी कि इस पर किसी सरकार या संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है। कीमत में लगातार बढ़ोतरी की वजह से लोगों में इस मुद्रा के प्रति बहुत आकर्षण है।
इथेरियम (Ethereum) भी एक ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है। इसके संस्थापक का नाम Vitalik Buterin है। इसके क्रिप्टोकरेंसी टोकन को ‘Ether’ भी कहा जाता है। बिटकॉइन के बाद ये दूसरी सबसे लोकप्रिय cryptocurrency है। लाइटकॉइन (Litecoin) भी एक डिसेंट्रलाइज तकनीक से उपजी डिजिटल मुद्रा है, जिसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है।
इसके बाद बारी आती है डॉगकॉइन की। इसे बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। इसके संस्थापक का नाम बिली मार्कुस (Billy Markus) है। इस समय इस करेंसी की वैल्यू काफी अच्छी है। टीथर (Tether) एक बड़ी और stable currency है। यह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए अच्छे विकल्प के तौर पर है।
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने से पहले जरूरी बातें
ध्यान रहे कि अगर आप किसी ऐप के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो इस बात को अवश्य जान लें कि जिस ऐप के द्वारा आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। वह सिक्योर है या नहीं। इसमें सिर्फ एक वजह यह है कि हैकर्स मिलते-जुलते नाम के बहुत से स्पैमिंग ऐप बना देते हैं, जिस कारण से आपको और आपके परिवार को भारी नुकसान हो सकता क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द है।
अगर आप अपनी इच्छा से किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर इन्वेस्ट करने से उपरान्त उस डिजिटल करेंसी का इतिहास, वर्तमान कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में जरूर जानकारी कर लें ताकि investment के पहले आप उससे जुड़ी हर प्रकार की परेशानी को अच्छी तरह समझ सकें।
क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार की कोई क्लियर पॉलिसी नहीं रही है, ऐसी स्थिति में financial risk आपको ही लेना होगा इसलिए बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले इसके consequence का Evaluation कर लें और उसी के अनुसार निवेश करें।
क्रिप्टोकरेंसी के रिटर्न पर स्कैम
क्रिप्टोकरेंसी पर ज्यादा रिटर्न मिलने की वजह से स्कैम भी बढ़ गया है, ऐसे में investors को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन कौन कर रहा है, इस बारे में भी जानकारी अवश्य कर लें। सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी हासिल कर लें और इस बात का ध्यान रखें कि अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी सीमित ही रखें। यह भी समझते और सीखते रहें कि किन चीजों का क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर पड़ता है।
cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi
what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?
cryptocurrency क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।
क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।
क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी
cryptocurrency का मतलब क्या है?
Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।
किसने बनाई cryptocurrency?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।
कैसे खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी?
वैसे तो Cryptocurrency को खरीदने के दो प्रमुख तरीके है। लेकिन भारत सहित आज पूरे विश्व में सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना है। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। अगर हम भारत की अगर बात करें तो भारत में लोकल के क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द साथ साथ अनेकों अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं जहाँ से आप आसानी से Cryptocurrency में निवेश कर सकते है।
कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है (what is cryptocurrency in hindi) के बाद अब दिमाग में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि डिजिटल रूप में कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो आपको बता दें कि दुनिआ में कुल 1800 से ज्यादा क्रिप्टो मुद्राएं उपलब्ध हैं। जिनमे से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है।
क्रिप्टो करेंसी में कैसे होता है लेनदेन?
क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल होता है। मतलब जब भी क्रिप्टो करेंसी में कोई लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है और उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है। cryptocurrency इनक्रिप्टेड यानि कोडेड होती हैं और इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में प्रत्येक लेन-देन एक डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापित किया जाता है। इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है।
भारत के टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज!
भारत में क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। भारत में सबसे खास बात यह है कि ये सभी क्रिप्टो एक्सचेंज खरीदारी के लिए चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। शुरुआत में ये क्रिप्टो एक्सचेंज आपको cryptocurrency क्या है? समझने में भी हेल्प भी करते हैं। इनके जरिए क्रिप्टो करेंसी को खरीदना-बेचना काफी आसान है।
- CoinDCX
- Coinswitch
- WazirX
- Kuber
- Coinbase
- Binance
क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार का रुख!
आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इस समय भारत में कोई कानून नहीं है। भारत में न ही cryptocurrency का कोई रेगुलेशन सिस्टम है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी है कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है। इससे यही संकेत मिलता है कि सरकार जल्द ही इसपर कोई टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।
FAQs: cryptocurrency क्या है?
Q: क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। यह एक आभाषी करेंसी होती है जो दिखाई नहीं देती और न ही इसे आप इसे छू सकते हैं। इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं क्योकि इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है।
Q: क्रिप्टोकरेंसी को कौन संचालित करता है?
Ans: क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता है। इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। इसके अनियमित होने का यही एक प्रमुख कारण है।
Q: दुनियां की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी कौन सी है?
Ans: बिटक्वाइन(Bitcoin) वर्तमान में दुनिया की सबसे ज्यादा मूल्यवान और सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है।
Q: दुनियां की टॉप डिजिटल मुद्रा कौन हैं?
Ans: दुनियां की टॉप 5 डिजिटल मुद्रा में बिटक्वाइन, इथेरियम, पोल्काडॉट, टेथर, लाइटक्वाइन, डॉजक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।
Q: क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में टेक्नोलॉजी का स्तेमाल किया जाता है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।