Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है

एएमसी ऐसी कंपनियां होती हैं जो अलग-अलग निवेशकों से लेकर जमा किए गए फंड को इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड आदि जगहों पर निवेश करती हैं और उससे मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के हिसाब से बांटती हैं. एक तरह से इनका बेसिक काम मैनेजमेंट का होता है. एक अच्छा फंड मैनेजर वह होता है जो फंड को सही जगह पर और सही तरीके से निवेश करता है और निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाता है.
म्यूचुअल फंड है मोटा फंड बनाने का बेहतर विकल्प, जानें कैसे करें निवेश की शुरूआत, कितना मिलेगा रिटर्न?
म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.
म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 24, 2022, 08:30 IST
MF कई निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर एक साथ किसी कंपनी में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना बिलकुल जरूरी नहीं है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से भी कर सकते हैं.
नई दिल्ली. मौजूदा समय में हमारे पास निवेश के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग कहीं भी निवेश करने का फैसला नहीं कर पाते हैं. निवेश के लिए इच्छुक लोग भी मेहनत के पैसे डूबने के डर की वजह से ऐसा करने से बचते हैं. म्यूचुअल फंड एक ऐसा ही विकल्प है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करेंगे. यहाँ हम म्यूचुअल फंड से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आए हैं.
Mutual Fund investment tips: क्या होता है फोकस्ड फंड? इसमें SIP करने पर होगी मोटी कमाई
Focused mutual funds: फोकस्ड म्यूचु्अल फंड की मदद से आपका पैसा सलेक्टेड स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इसमें मिलने वाला रिटर्न ज्यादा होता है, लेकिन रिस्क भी रहता है. एक्सपर्ट नए निवेशकों को इससे बचने की सलाह देते हैं.
Mutual Fund investment tips: अगर आप लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं या फिर किसी बड़े फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड इसका आसान तरीका है. म्यूचुअल फंड में डिसिप्लिन के साथ Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है एसआईपी (SIP in Mutual funds) करें और लंबी अवधि के लिए इंतजार करें. लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग का फायदा मिलेगा और आपको मल्टी टाइम्स रिटर्न मिलेगा. यह कई प्रकार का होता है, जिसमें एक का नाम है फोकस्ड फंड.
अधिकतम 30 स्टॉक में निवेश किया जा सकता है
SEBI गाइडलाइन के मुताबिक, फोकस्ड फंड का पैसा लिमिटेड स्टॉक में निवेश किया जाता है. इस फंड का पैसा अधिकतम 30 स्टॉक में निवेश किया जा सकता है. वहीं, ज्यादातर इक्विटी फंड में आपका पैसा 50 से 100 स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. मल्टीकैप फंड्स की तरह फंड मैनेजर आपका पैसा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप में, कहीं भी निवेश कर सकता है.
फोकस्ड फंड लक्षित निवेश होता है जिसमें आप निवेश के लिए सलेक्टेड स्टॉक चुनते हैं. निवेशकों को यहां ज्यादा रिटर्न मिलता है, लेकिन रिस्क भी ज्यादा होता है. मुख्य रूप से यह दो तरह का होता है. फोकस्ड इक्विटी फंड में कम से कम 65 फीसदी स्टॉक में निवेश किया जाता है. फोकस्ड डेट फंड में कम से कम 65 फीसदी डेट मार्केट में निवेश किया जाता है.
किसी भी सेक्टर के स्टॉक में निवेश किया जा सकता है
फोकस्ड फंड का फंड Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है मैनेजर आपका पैसा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में कहीं भी अपनी स्ट्रैटिजी के हिसाब से निवेश कर सकता है. मार्केट कैप को लेकर इसमें कोई रेस्ट्रिक्शन नहीं है. इसके अलावा फंड मैनेजर किसी भी सेक्टर का स्टॉक चुन सकता है. अधिकतम स्टॉक की लिमिट 30 है. ऐसे में वह फार्मा, एफएमसीजी, केमिकल्स, आईटी, मेटल्स समेत किसी भी सेक्टर का स्टॉक चुनने के लिए स्वतंत्र है.
जानकारों का कहना है कि अगर निवेशक ज्यादा रिस्क के लिए तैयार है तो वह फोकस्ड फंड में निवेश कर सकता है. अगर निवेशक नया है तो उसे इससे बचना चाहिए. अनुभव होने के बाद ही निवेशक को फोकस्ड फंड चुनना चाहिए. चूंकि यह पूरी तरह बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. ऐसे में कम से कम 5 साल के लिए निवेश करने की सलाह दी जाती है. एक लक्ष्य को ध्यान में रखकर सेक्टर और स्टॉक का सलेक्शन किया जाता है. ऐसे में स्टॉक के सही प्रदर्शन में थोड़ा समय लग सकता है.
Equity Mutual Funds में इन्वेस्टमेंट दोगुना से ज्यादा हुआ, निवेश शुरू करने से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान
Mutual Fund Investment: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मदद से वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं तो पांच बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. सबसे महत्वपूर्ण है कि लंबी अवधि के निवेशक बनें. इसके अलावा डिसिप्लिन के साथ SIP जारी रखें.
Mutual Fund Investment: शेयर बाजार में जारी उठापटक के बीच सितंबर के महीने में इक्विटी फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है. AMFI डेटा के मुताबिक, बीते महीने इक्विटी फंड में 14077 करोड़ का इन्फ्लो हुआ जो अगस्त में 5942 करोड़ था. यह 136 फीसदी का उछाल है. ऐसे में अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. सबसे पहले इस बात को समझें के बाजार के जोखिम का इसमें कम या ज्यादा असर जरूर होता है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेशत रहेंगे और डिसिप्लिन के साथ निवेश करते रहेंगे तो वेल्थ क्रिएट करने में मदद मिलेगी. निवेश शुरू करने से पहले इन पांच आदतों को खुद में शामिल करना जरूरी है.
लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टर बनें
अगर म्यूचुअल फंड से मोटा रिटर्न पाना चाहते हैं तो लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टर बनें. यह पेड़ लगाने जैसा है. समय देंगे तो रिटर्न शानदार होगा. आपका पैसा इसमें धीरे-धीरे ग्रो करता है. कम से कम 3-5 सालों के लिए निवेश करें उसके बाद ही रिडीम के बारे में विचार करें.
बाजार में उतार-चढ़ाव एक प्रक्रिया है. ऐसे में डिसिप्लिन बहुत जरूरी है. डिसिप्लिन की बात करें तो SIP सबसे शानदार तरीका है. आप हर महीने 500 का एसआईपी भी शुरू कर सकते हैं. NAV की कीमत बाजार में उतार और चढ़ाव के साथ कम और ज्यादा होता है. लंबी अवधि तक निवेश का लक्ष्य है और बाजार में गिरावट आती है तो उसे मौके के रूप में देख सकते हैं. बाजार से निकलना नहीं है.
पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई रखें
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में डायवर्सिफिकेशन बहुत ज्यादा है. ऐसे में अपने पोर्टफोलियो को भी डायवर्सिफाई करने की जरूरत है. एक ही फंड में सारा निवेश करने से बचना चाहिए. इक्विटी फंड में रिटर्न ज्यादा है और डेट फंड में रिटर्न कम है. इक्विटी फंड में 65 फीसदी इक्विटी में जाता है तो रिस्क भी ज्यादा होता है. डेट फंड में 65 फीसदी से कम इक्विटी में जमा किया जाता है. इसके कारण रिस्क थोड़ा कम रहता है.
म्यूचुअल फंड में आपका पैसा प्रफेशनल मैनेज करते हैं. ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, समय-समय पर आपको अपने पोर्टफोलियो की जांच करनी चाहिए. आपके पास कितना NAV और उसकी वैल्यु कितनी है, इससे टोटल वैल्यु पता चल जाता है. आपने टोटल NAV कितने में खरीदा है और उसकी वैल्यु कितनी हो गई है, इस आधार पर रिटर्न का पता चलेगा.
Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें
नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है काम कैसे करता है। बता दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।
अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल है और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?
चूंकि आप Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।
नॉलेज: 4 तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड, 500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत
अच्छे रिटर्न के लिए म्युचुअल फंड में निवेश करना सही विकल्प हो सकता है। लेकिन अभी भी काफी लोगों को यह नहीं पता है कि म्युचुअल फंड स्कीम क्या हैं? और इनमें निवेश कैसे किया जाता है? म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले म्युचुअल फंड निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं।