ब्रोकर क्या है?

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ब्रोकर क्या है?
एक दलाल एक व्यक्ति या फर्म है जो एक के बीच लेन-देन की व्यवस्था करता है खरीदार और एक विक्रेता एक के लिए आयोग जब सौदा मार डाला जाता है। एक दलाल जो विक्रेता या खरीदार के रूप में भी कार्य करता है, सौदे के लिए एक प्रमुख पक्ष बन जाता है । किसी भी भूमिका को एजेंट की भूमिका के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए—वह जो किसी सौदे में प्रमुख पक्ष की ओर से कार्य करता है। [1]
एक दलाल एक स्वतंत्र पार्टी है जिसकी सेवाओं का कुछ उद्योगों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। एक दलाल की मुख्य जिम्मेदारी विक्रेताओं और खरीदारों को एक साथ लाना है और इस प्रकार एक दलाल खरीदार और विक्रेता के बीच तीसरे व्यक्ति का सूत्रधार होता है। एक उदाहरण एक रियल एस्टेट या स्टॉक ब्रोकर होगा जो किसी संपत्ति की बिक्री की सुविधा प्रदान करता है। [1]
ब्रोकर बाजार अनुसंधान और बाजार डेटा प्रस्तुत कर सकते हैं । दलाल विक्रेता या खरीदार का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं लेकिन आम तौर पर दोनों एक ही समय में नहीं। खरीदारों और विक्रेताओं के सबसे बड़े संभावित आधार तक पहुंचने के लिए दलालों के पास उपकरण और संसाधन होने की उम्मीद है। फिर वे इन संभावित खरीदारों या विक्रेताओं को सही मिलान के लिए स्क्रीन करते हैं। दूसरी ओर, एक व्यक्तिगत निर्माता, विशेष रूप से बाजार में एक नया, शायद ब्रोकर के रूप में ग्राहकों तक पहुंच नहीं पाएगा। ब्रोकर का उपयोग करने का एक अन्य लाभ लागत है - वे छोटे बाजारों में, छोटे खातों के साथ, या उत्पादों की सीमित लाइन के साथ सस्ते हो सकते ब्रोकर क्या है? हैं। [1]
ट्रैक रिकॉर्ड देखना
जब भी कभी आप स्टॉक ब्रोकर का चयन करना चाहते है तो सबसे पहले आप उसके पीछे के ट्रैक रिकॉर्ड को देखे अर्थार्त आपको देखना चाहिए कि उस ब्रोकर या ब्रोकर फर्म ने पिछले सालो में ब्रोकर क्या है? अपने clints को कितना रिटर्न दिया है ! आपको उस ब्रोकर के ट्रैक रिकॉर्ड को अच्छे से विश्लेषण करना आना चाहिए ताकि आप अच्छा दलाल चुन सके !
एक अच्छे और सही ब्रोकर की पहचान होती है कि वह आपको अच्छी तथा हर प्रकार की सेवा प्रदान करे ! इसलिए शेयर ब्रोकर का चयन करते समय यह जरुर ध्यान रखे कि वह हमें कोन – कोनसी सुविधाए प्रदान कर रहा है और उसके द्वारा प्रदान की गई सेवा की गुणवता का प्रतिशत कितना है !
रिसर्च की सुविधा
बहुत सी ऐसी ब्रोकिंग फर्म होती है जिनके पास रिसर्च करने की सुविधा होती है , जो अन्य ब्रोकर के पास नहीं होती है ! यदि आप शेयर बाजार का अच्छा ज्ञान हासिल करना चाहते है तो आपको मिलने वाली रिसर्च की सुविधा काफी मददगार साबित हो सकती है ! इसलिए एक अच्छे ब्रोकर का चयन करते समय यह जरुर ध्यान रखे की उसके पास रिसर्च की सुविधा है या नहीं !
एक अच्छे ब्रोकर का चुनाव करते समय आपको उस ब्रोकरेज फर्म की सेवा शुल्क अर्थार्त ब्रोकरेज शुल्क कितना है इस बात का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक है ! यदि किसी ब्रोकर की फ़ीस बहुत अधिक है तो उसकी अधिक फ़ीस को देखकर आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि यह ब्रोकर फर्म तो अच्छी होगी ! तथा बहुत कम शुल्क को देखकर भी किसी ब्रोकर का चयन ना करे ! अतः आपको शुल्क के अलावा अन्य fectors को भी ध्यान में रखना चाहिए !
ब्रोकर का व्यवहार
एक अच्छे ब्रोकर का व्यवहार ही होता है कि वह आपको हमेशा सही और सटीक जानकारी दे ! तथा आपके हर सवालों का जवाब दे ! इसलिए ब्रोकर का चुनाव करते समय हमेशा उसके व्यवहार को भी ध्यान में रखे !
एक अच्छा ब्रोकर हमेशा आपको Customer Care Services की सुविधा भी प्रदान करता है !
यदि आपका ब्रोकर आपकी जरुरत , वित्तीय स्थिति व् व्यक्तिगत इच्छाओ को जाने बिना आपके लिए ट्रेड करता है तो आपको जोखिम व् हानी उठानी पड़ सकती है ! एक अच्छे ब्रोकर को यह पता होता है कि उसका ग्राहक किस तरह का निवेशक है ! यदि निवेशक को ब्रोकर से शिकायत हो तो शेयर बाजार के सर्विस विभाग के अतिरिक्त सेबी से भी संपर्क किया जा सकता है !
BSE व् NSE की वेबसाइट पर ब्रोकरों की सूची उपलब्ध है ! इसके अलावा अलावा ब्रोकर भी अपनी जानकारियां अन्य माध्यमो द्वारा प्रकाशित करवाते है ! लेकिन ब्रोकर का चयन करते समय उसका ट्रैक रिकॉर्ड अवश्य देखे ! आपके घर या ऑफिस के पास स्थित ब्रोकर आपके लिए सुविधाजनक होता है ! आजकल अनेक बैंक भी ब्रोकिंग का कारोबार कर रहे है ! इसलिए आप जिस बैंक में अपना डी – मेट अकाउंट खुलवा रहे है , यदि वह बैंक ब्रोकिंग कारोबार में भी है तो वही अपना ब्रोकिंग अकाउंट खुलवाना ठीक रहता है !
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Top Institute in India to Become Stock Broker
इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज़ ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली
इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट, नई दिल्ली
दी ओरियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, नई दिल्ली
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मुंबई
इंस्टीट्यूट ऑफ़ फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, मुंबई
दी यूटीआई इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, मुंबई
इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ़ इंडिया, हैदराबाद
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद/ कलकत्ता, बैंगलोर/ लखनऊ
Salary and perks of Stock Broker
अन्य पेशे की तरह स्टॉक ब्रोकर में सैलरी पैकेज उसकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, परफॉरमेंस और वर्क एक्सपीरियंस पर निर्भर करती है। शुरू में ये पेशेवर एवरेज 2 -3 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं लेकिन कुछ सालों के अनुभव के बाद स्टॉक ब्रोकर एवरेज 5 -7 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं।
स्टॉक ब्रोकर को उसकी परफॉरमेंस के मुताबिक अक्सर इंसेंटिव भी दिया जाता है। बता दें कि किसी इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर स्टॉक ब्रोकर शुरू में एवरेज 12 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं। वहीं कुछ साल के अनुभव के बाद ये इन्वेस्टमेंट बैंकर्स एवरेज 30 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं।
क्यों लेना पड़ा फैसला
दरअसल, जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने जाते हैं तो प्रॉपर्टी की कीमत, रजिस्ट्री चार्ज के अलावा ब्रोकर का कमीशन (broker commission) भी देना होता है. इस कमीशन के चलते प्रॉपर्टी काफी महंगी हो जाती है. कई बार तो इस कमीशन के चक्कर में प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग तक बिगड़ जाती है. ब्रोकर्स जितना कमीशन घर खरीदने वाले से लेते हैं उतना ही घर बेचने वाले से भी वसूलते हैं. हरियाणा में प्रॉपर्टी डीलर-ब्रोकर संपत्ति की खरीद-फरोख्त में विक्रेता और खरीदार, दोनों से मनमाना कमीशन वसूल रहे हैं. इस कमीशन को लेकर कई बार विवाद भी हुए हैं. मनमाने कमीशन को लेकर हरियाणा रेरा (HARERA) को लगातार शिकायतें भी मिल रही हैं.
क्या है हरियाणा RERA का फैसला
प्रॉपर्टी डीलरों के कमिशन के बारे में हरियाणा की Real Estate Regulatory Agency (H-RERA) ने कई मानक तय कर दिए हैं और इन मानकों का सख्ती से पालन कराया जाएगा. अब बिल्डर हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक अधिनियम, 2008 के तहत बनाए गए हरियाणा प्रॉपर्टी ब्रोकर क्या है? डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक नियम, 2009 में निर्धारित राशि से अधिक कमीशन नहीं ले सकेंगे. जिसके तहत ब्रोकर्स 1 परसेंट से ज्यादा कमीशन नहीं ले सकते, इसमें आधा परसेंट प्रॉपर्टी बेचने वाला देगा और आधा परसेंट प्रॉपर्टी खरीदने वाला देगा.