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ग्राफ प्रकार

ग्राफ प्रकार
प्र० 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए;

(i) निम्नलिखित आंकड़ों के प्रदर्शन के लिए आप किस प्रकार के ग्राफ का उपयोग करेंगे?
(क) रेखा
(ख) बहुदंड आलेख
(ग) वृत्त आरेख
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(ii) राज्य के अंतर्गत ज़िलों का प्रदर्शन किस प्रकार के स्थानिक आंकड़ों द्वारा होगा?
(क) बिंदु
(ख) रेखाएँ।
(ग) बहुभुज
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(iii) एक वर्कशीट के सेल में दिए गए सूत्र में वह कौन-सा प्रचालक है जिसका पहले परिकलन किया जाता है|
(क) +
(ख) –
(ग) /
(घ) x
(iv) एक्सेल में विजार्ड फंक्शन आपको समर्थ बनाता है|
(क) ग्राफ रचना में
(ख) गणितीय और सांख्यिकीय क्रियाओं को करने में।
(ग) मानचित्र आलेखन में
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

ग्राफ किसे कहते हैं | ग्राफ कैसे बनाते हैं अर्थ का उपयोग क्या हैं ? graph definition in graph theory

graph definition in graph theory in hindi meaning ग्राफ किसे कहते हैं | ग्राफ कैसे बनाते हैं अर्थ का उपयोग क्या हैं ?

ग्राफ तथा उसका प्रयोग (Graph and its use)
प्रयोगशाला में विद्यार्थियों को बहुत से नियमों का सत्यापन करना होता है। ग्राफ हमेशा किन्हीं दो चर राशियों (Variable Quantities) में सम्बन्ध प्रदर्शित करने के लिए खींचा जाता है। इसमें एक राशि स्वतंत्र रूप से परिवर्तित होती है। यह राशि स्वतंत्र चर राशि (Independent Variable) कहलाती है। दूसरी राशि जो स्वतंत्र चर राशि के बदलने से बदलती है आश्रित चर राशि (Dependent Variable) कहलाती है। ग्राफ खींचते समय स्वतंत्र चर राशि को ग्-अक्ष पर तथा आश्रित चर राशि को ल्-अक्ष पर प्रदर्शित करते हैं। उदाहरण के लिए हक के नियम का सत्यापन करने के लिए भार को बदलने से लम्बाई में होने वाली वृद्धि भी बदल जाती है तथा भार को इच्छानुसार बदला जा सकता है इसलिए भार स्वतंत्र चर राशि है तथा लम्बाई में वृद्धि आश्रित चर राशि है। इसलिए भार को X-अक्ष पर तथा लम्बाई में होने वाली वृद्धि को Y-अक्ष पर लेते हैं।


ग्राफ बनाने के नियम – अच्छा ग्राफ बनाने के लिए सावधानी की आवश्यकता है। इसके लिए मूल बिन्दु (Origin) तथा मापदण्ड (Scale) का ठीक-ठीक चुनाव बहुत आवश्यक है। यदि प्रारम्भ में मूल बिन्दु तथा मापदण्ड का चुनाव गलत रहा तो ग्राफ ठीक नहीं आयेगा। ग्राफ बहुत छोटा अथवा बड़ा भी नहीं होना चाहिए। ग्राफ खींचने में निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
1. मूल बिन्द तथा अक्षों का चुनाव- मूल बिन्दु तथा अक्षा का चुनाव इस प्रकार होना चाहिये जिससे ग्राफ के लिए माफ के कागज का अधिक से अधिक उपयोग हो सके। मूल बिन्दु तथा अक्षों के चुनाव में निम्न बात ध्यान में रखना आवश्यक है।
(ं) यदि स्वतंत्र तथा आधित दोनों चर राशियों के भान धनात्मक हो तो इस दशा में (Origin) मूल बिन्दू ग्राफ पेपर पर बाई तरफ वाले नीचे के कोने के पास लेते हैं जिससे पूरा ग्राफ प्रथम पाद में प्राप्त हो। जैसा कि चित्र (ं) में दिखलाया गया है, इस पेपर पर मूल बिन्दु O है।
(इ) यदि किसी ग्राफ में X-अक्ष वाली सभी राशियाँ धनात्मक तथा Y-अक्ष वाली सभी राशियाँ ऋणात्मक हो तो ग्राफ का अधिकतर भाग चतुर्थ पाद में आयेगा। इस अवस्था में व् मूल बिन्दु बाई तरफ ग्राफ के ऊपर के कोने पर लेते हैं जैसा चित्र (इ) में दिखलाया गया है।
(ब) यदि X-अक्ष की कुछ राशियाँ धनात्मक और कुछ ऋणात्मक हो तो O मूल बिन्दु कागज के मध्य में होगा। जैसा चित्र (ब) में दिखलाया गया है।
(क) यदि X-अक्ष की सब राशियाँ ऋणात्मक तथा Y-अक्ष की सब धनात्मक हों तो मूल बिन्दु O कागज के दाई तरफ वाले नीचे के कोने पर लेना पड़ेगा। जैसा चित्र (क) में दिखलाया गया है।
(म) यदि X-अक्ष की सब राशियाँ धनात्मक तथा Y-अक्ष की कुछ राशियाँ धनात्मक एवं कुछ ऋणात्मक हो तो मूल बिन्दु चित्र (e) के अनुसार लेंगे।
()ि यदि X-अक्ष की राशियाँ धनात्मक एवं ऋणात्मक हो साथ ही Y-अक्ष की राशियाँ भी धनात्मक एवं ऋणात्मक हो तो मूल बिन्दु ग्राफ पेपर के मध्य में (चित्र) होना चाहिए।
2. ग्राफ में मापदण्ड (Scale) का चुनाव – मापदण्ड (पैमाने) का चुनाव बहुत ही आवश्यक है। यह आवश्यक नहीं है कि दोनो अक्षा के लिए मूल-बिन्दु के निर्देशांक (coordinates) एक ही से (समान) हों। प्रत्येक अक्ष पर मूल-बिन्दु के निर्देशंाक उस पाठयांक से कुछ कम पाठ के लेना चाहिये जो सबसे कम का पाठयांक है। जैसे यदि X-अक्ष पर सबसे कम पाठयांक है तथा 21.5 है तथा Y-अक्ष पर 10.7 है तब मूल बिन्द के निर्देशांक 20 तथा 10 लेना आवश्यक है।
पैमाने की लम्बाई के लिए X-अक्ष तथा Y-अक्ष दोनों तरफ की चर राशियों का विस्तार देखना चाहिये तथा प्रत्येक अक्ष पर कम से कम तथा अधिक से अधिक मानों को ज्ञात ग्राफ प्रकार करके तथा दोनों अक्षों पर अलग-अलग मापदण्ड (पैमाना) मान लेना चाहिए।
यदि X-अक्ष पर चर राशि का विस्तार 6.8 से 32.5 तक है तो इस अक्ष पर ग्राफ प्रकार मूल-बिन्दु का निर्देशांक 5 मानना चाहिये तथा अक्ष के दूसरे सिरे पर 35 मानना चाहिए। इस प्रकार 5 से लेकर 35 तक के लिए ऐसा पैमाना चुनना चाहिए जो X-अक्ष पर आ सके तथा इन सब राशियों के लिए पूरा-पूरा ग्राफ काम में आ सके। इसी प्रकार यदि Y-अक्ष पर चर राशि का विस्तार 22.2 से 71.5 तक है तो इस अक्ष पर मूल-बिन्दु का निर्देशांक 20 मानना चाहिये तथा अक्ष के दूसरे सिरे पर 75 मानना चाहिए। अब 20 तथा 75 के बीच के लिए Y-अक्ष पर उचित पैमाना चुनना चाहिए जो पूरे ग्राफ पर आ सके।
उदाहरण के लिए यदि X-अक्ष पर 7 बड़े खाने हैं या 7 सेमी. है और 5 से 35 के लिए ग्राफ बनाना है तो पैमाने के लिए एक बड़ा खाना अर्थात एक सेमी. 5 के बराबर होगा। इसी प्रकार यदि Y-अक्ष पर भी 7 बड़े खाने हैं (अर्थात 7 सेमी. है) तो एक बड़ा खाना अर्थात् एक सेमी. 10 के बराबर होगा। ग्राफ के ऊपर दोनों अक्षों के पैमाने दाईं तरफ लिखने चाहिए।
जैसे X-अक्ष पर एक बड़ा खाना या एक सेमी. = 5 (मात्रक)
Y-अक्ष पर एक बड़ा खाना या एक सेमी. = 10 (मात्रक)
ग्राफ बनाना- प्राप्त पाठ्यांकों को ग्राफ पर (पैमानों को उचित चुनाव करके) अंकित करना आरम्भ करते हैं। अभीष्ट बिन्दु को प्रदर्शित करने के लिए X या O चिन्ह का प्रयोग करते हैं। सब बिन्दुओं को ग्राफ पेपर पर अंकित करने के पश्चात् अधिकतर बिन्दुओं से जाने वाला चिकना वक्र अथवा सरल रेखा खींचनी चाहिए।
3. ग्राफ पेपर पर निशान लगाकर उनसे सरल रेखा अथवा चिकना वक्र खींचना
सरल रेखा खींचना- ग्राफ पर सरल रेखा खींचने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि ग्राफ की सरल रेखा ग्राफ पर प्राप्त सभी बिन्दुओं से होकर जाये। ग्राफ की सरल रेखा यदि ग्राफ प्रकार अधिक से अधिक बिन्दुओं से होकर जाये तो अच्छा रहता है। परन्तु यह ध्यान में रखना होता है कि वे बिन्दु जो ग्राफ की सरल रेखा पर नहीं आते, रेखा के एक ही तरफ न रहें। ग्राफ की रेखा से बचे हये बिन्दु रेखा के दोनों तरफ लगभग बराबर दूरी पर रह जाने चाहिए। ग्राफ की रेखा पर चाहे कितने ही कम बिन्दु हो परन्तु रेखा के दोनों तरफ बिन्दु लगभग बराबर दूरी पर होने चाहिए।
सही वक्र खींचना- ग्राफ पर प्राप्त बिन्दुओं से जाने वाले वक्र के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वक्र सभी बिन्दुओं से होकर जाये। यदि कोई बिन्दु वक्र पर नहीं आता है तो उसको छोड़ देना चाहिए। विद्यार्थी अंकित सभी बिन्दुओं को ग्राफ प्रकार मिलाकर टेढा-मेढा वक्र बना देते हैं। उनको ऐसा नहीं करना चाहिए, उनको वक्र सभी बिन्दुओं को मिला कर नहीं बनाना चाहिए। झाडू की सींक से वक्र खींचने चाहिये। इससे बहुत अच्छा वक्र प्राप्त हो जाता है। झाडू की नई (New) सींक का प्रयोग करना चाहिये। नई सींक लेकर उसे ब्लैड से बेलनाकार कर लेना चाहिये और सींक को अंगुलियों ग्राफ प्रकार की. सहायता से बिन्दुओं पर वक्र के आकार में ऐसे सुव्यवस्थित करना चाहिये कि अधिक से अधिक बिन्दु इस सींक पर पड़े। अब नुकीली पैन्सिल से सींक के सहारे निष्कोण वक्र खींच लेना चाहिए।

NCERT Solutions for Class 12 Geography Practical Work in Geography Chapter 4 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Practical Work in Geography Chapter 4 Use of Computer In Data Processing and Mapping (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 12 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Geography Practical Work in Geography Chapter 4 Use of Computer In Data Processing and Mapping.

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Practical Work in Geography Chapter 4 (Hindi Medium) 1

प्र० 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए;

(i) निम्नलिखित आंकड़ों के प्रदर्शन के लिए आप किस प्रकार के ग्राफ का उपयोग करेंगे?
(क) रेखा
(ख) बहुदंड आलेख
(ग) वृत्त आरेख
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(ii) राज्य के अंतर्गत ज़िलों का प्रदर्शन किस प्रकार के स्थानिक आंकड़ों द्वारा होगा?
(क) बिंदु
(ख) रेखाएँ।
(ग) बहुभुज
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(iii) एक वर्कशीट के सेल में दिए गए सूत्र में वह कौन-सा प्रचालक है जिसका पहले परिकलन किया जाता है|
(क) +
(ख) –
(ग) /
(घ) x
(iv) एक्सेल में विजार्ड फंक्शन आपको समर्थ बनाता है|
(क) ग्राफ रचना में
(ख) गणितीय और सांख्यिकीय क्रियाओं को करने में।
(ग) मानचित्र आलेखन में
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

उत्तर:
(i) (ख) बहुदंड आलेख
(ii) (ग) बहुभुज
(iii) (ग) /
(iv) (क) ग्राफ रचना में।

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) एक्सेल में विजार्ड फंक्शन आपको समर्थ बनाता है?
उत्तर: एक्सेल में विजार्ड फंक्शन के द्वारा चार्ट जिसमें दंड आरेख, प्रमुखता से बनाए जाते हैं। इसके अलावा रेखा ग्राफ, आयत चित्रे आदि भी बनाए जा सकते हैं।
(ii) एक कंप्यूटर के विभिन्न भागों की हस्तेन विधियों की तुलना में कंप्यूटर के प्रयोग के क्या लाभ हैं?
उत्तर: विभिन्न प्रकार के आलेख, आरेख, चित्र, ग्राफ व मानचित्रों के निर्माण में आंकड़ों के प्रक्रमण तथा उनकी रचना में कंप्यूटर के प्रयोग ने समय की बचत की है। साथ ही त्रुटि होने संभावना भी कम रहती है जबकि हस्तेन विधि से इसमें काफी अधिक समय लगता है तथा त्रुटि की संभावना बनी रहती है।
(iii) आंकड़ा प्रक्रमण और प्रदर्शन की हस्तेन विधियों की तुलना में कंप्यूटर के प्रयोग के क्या लाभ हैं?
उत्तर: आंकड़ों के प्रक्रमण और प्रदर्शन की हस्तेन विधियों में समय अधिक लगता है ग्राफ प्रकार तथा त्रुटियों की संभावना बनी रहती है जबकि कंप्यूटर की मदद से आंकड़ों के प्रक्रमण व प्रदर्शन में समय कम लगता है तथा उनमें सटीकता का % उच्च रहता है।
(iv) वर्कशीट क्या होती है?
उत्तर: भूगोल में कंप्यूटर के अनुप्रयोग में एम०एस० एक्सेल एक महत्त्पूर्ण सॉफ्टवेयर है। एम०एस० एक्सेल को स्प्रेड शीट प्रोग्राम भी कहा जाता है। स्प्रेडशीट एक आयताकार पेज होता है जिसे कार्यविधि पत्र (वर्कशीट) कहते हैं। इसमें 16,384 पंक्तियाँ तथा 256 स्तंभ होते हैं। स्तंभों को अंग्रेजी के अक्षर A, B, C, D आदि पहचान दी जाती है जबकि पंक्तियों को संख्या 1, 2, 3, 4, इत्यादि पहचान दी जाती है। एक पंक्ति और एक स्तंभ के संयोजन से एक सेल का निर्माण होता है जिसमें प्रविष्टियाँ अंकित की जाती हैं। और इन्हें सुरक्षित करने के लिए उपयुक्त नाम दे दिया जाता है। जरूरत पड़ने पर इसको पुनः खोलकर कार्य संपादन कर सकते हैं।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए।
(i) स्थानिक व गैर-स्थानिक आंकड़ों में क्या अंतर है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए? ग्राफ प्रकार
उत्तर: स्थानिक आंकड़े किसी स्थान के भौगोलिक व सांस्कृतिक लक्षणों को प्रतिनिधित्व करते हैं। इनको मानचित्र पर प्रदर्शित करने के लिए बिंदु, रेखाएँ तथा बहुभुज का प्रयोग करते हैं। विद्यालय, अस्पताल, कुएँ, नलकूप, कस्बे व गाँव जैसे लक्षणों को बिंदुओं के द्वारा; सड़कों, रेलवे लाइनों, नहरों, नदियों, शाक्ति व संचार पंथों को रैखिक प्रदर्शन द्वारा, तथा प्रशासकीय इकाइयों जैसे देश, जिले, राज्य व खंड, भूमि उपयोग प्रकारों, तालाबों, झीलों आदि लक्षणों को बहुभुज विधि से प्रदर्शित करते हैं। जबकि गैर-स्थानिक आंकड़े गुण न्यास को प्रदर्शित करते हैं जैसे-आपके पास अपने विद्यालय की स्थिति दर्शाने वाला मानचित्र है। तब आप विद्यालय का नाम, कक्ष संख्या, कक्षा में विद्यार्थियों की अनुसूची, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, उपकरणों इत्यादि की सुविधाओं और संबंधित सूचनाओं को शामिल कर सकते हैं। इसमें आप महसूस करेंगे कि आप स्थानिक आंकड़ों के विशिष्ट गुणों की व्याख्या कर रहे होते हैं। इस तरह आप स्थानिक आंकड़ों के गुण न्यास की व्याख्या कर रहे होते हैं जिसके के कारण ये गैर-स्थानिक आंकड़े
कहलाते हैं।
(ii) भौगोलिक आंकड़ों के प्रकार कौन-से हैं?
उत्तर: भौगोलिक आंकड़ों को दो वर्गों में रखा जाता है। स्थानिक आँकड़े तथा गैर-स्थानिक आंकड़े। इनका वर्णन पहले ही प्रश्न (i) में किया जा चुका है।

Hope given Practical Work in Geography Class 12 Solutions Chapter 4 are helpful to complete your homework.

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Excel-Difference between Graph and Chart in Hindi

ग्राफ और चार्ट के बीच क्या अंतर है

आमतौर पर एक्सेल में ग्राफ और चार्ट एक दूसरे के समान होते हैं , लेकिन वे अलग-अलग होते हैं , ग्राफ ज्यादातर डेटा का एक संख्यात्मक प्रतिनिधित्व होता है क्योंकि यह संख्याओं में परिवर्तन के संबंध को दर्शाता है कि कैसे एक संख्या दूसरे को प्रभावित या बदल रही है , जबकि चार्ट दृश्य प्रतिनिधित्व है जहां श्रेणियां एक-दूसरे से संबंधित हो सकती हैं या नहीं भी हो सकती हैं , यह भी कि जानकारी कैसे प्रदर्शित होती है , ग्राफ़ और ग्राफ प्रकार चार्ट दोनों में भिन्न होती है।

" सभी ग्राफ़ एक प्रकार के चार्ट होते हैं , लेकिन सभी चार्ट ग्राफ़ नहीं होते हैं।" यह कथन दोनों को बहुत अच्छी तरह से सारांशित करता है और स्पष्ट रूप से परिव्यय करता है कि कौन सा व्यापक है और कौन सा दूसरे का सबसेट है, तो आज की इस पोस्ट में हम ग्राफ और चार्ट के बीच के अंतर को जानेंगे.

Excel-Difference between Graph and Chart in Hindi

ग्राफ क्या है ?

ग्राफ मूल रूप से द्वि-आयामी होता है और नीचे की ओर क्षैतिज रेखा (जिसे X- अक्ष कहा जाता है) और ऊपर की ओर लंबवत रेखा ( Y- अक्ष कहा जाता है) का उपयोग करके एक रेखा , वक्र , आदि के माध्यम से डेटा के बीच संबंध दिखाता है। इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार , " एक ग्राफ एक गणितीय आरेख है जो संख्याओं या मापों के दो या दो से अधिक सेटों के बीच संबंध को दर्शाता है।" एक ग्राफ उपयोगकर्ता को दृश्य प्रतिनिधित्व के माध्यम से डेटा में मूल्यों का आसान प्रतिनिधित्व प्राप्त करने की अनुमति देता है। ग्राफ दो प्रकार के होते हैं - बार ग्राफ और लाइन ग्राफ।

चार्ट क्या है ?

चार्ट डेटा के बड़े सेट का एक प्रकार का प्रतिनिधित्व है , जो उपयोगकर्ता को बेहतर तरीके से समझता है , और इसका उपयोग करके मौजूदा डेटा की भविष्यवाणी और वर्तमान डेटा पैटर्न के आधार पर भविष्य के डेटा की भविष्यवाणी करने में मदद करता है। एक ग्राफ प्रकार ग्राफ प्रकार चार्ट आरेख या चित्र या आलेख का रूप ले सकता है। डेटासेट को चार्ट का उपयोग करके सूचना के सार्थक प्रदर्शन में बदला जा सकता है।

ग्राफ़ और चार्ट के बीच मुख्य अंतर

ग्राफ़ एक प्रकार का चार्ट है जिसका उपयोग डेटा के विभिन्न सेटों के बीच गणितीय संबंध को क्षैतिज ( X- अक्ष) और लंबवत ( Y- अक्ष) पर प्लॉट करके दिखाने के लिए किया जाता है।

एक चार्ट जानकारी का प्रतिनिधित्व करता है जो स्वयं आरेख , तालिका या ग्राफ़ के रूप में हो सकता है , और इसमें बड़ी ग्राफ प्रकार जानकारी प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न विधियां शामिल हैं।

सभी ग्राफ चार्ट हैं। इसका मतलब यह है कि डेटा प्रदर्शित करने के लिए कोई भी ग्राफ़ किस प्रकार का उपयोग करता है , यह हमेशा चार्ट सबसेट का एक प्रकार होगा।

सभी चार्ट , ग्राफ़ नहीं हैं। इसका मतलब है कि अन्य प्रकार के चार्ट भी हो सकते हैं जो ग्राफ़ नहीं हैं।

ग्राफ़ का उपयोग रॉ डेटा के लिए भी किया जा सकता है और समय की अवधि में डेटा में रुझानों और परिवर्तनों का एक दृश्य प्रतिनिधित्व प्रदान करता है।

डेटा के उन रूपों के लिए आदर्श जिन्हें आसानी से संरचित या सरल और आसानी से समझने योग्य आंकड़ों के छोटे सबसेट में वर्गीकृत किया जा सकता है।

ग्राफ़ विश्लेषण में कच्चे डेटा और सटीक संख्याओं दोनों का उपयोग करते हुए उनके उपयोग को अधिक पाते हैं।

चार्ट व्यावसायिक प्रस्तुतियों में और सर्वेक्षण के परिणाम दिखाने में उनका अतिरिक्त उपयोग पाते हैं। उदाहरण पाई चार्ट व्यावसायिक प्रस्तुतियों में उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय चार्ट हैं।

एक ग्राफ़ उन डेटा के लिए एक आदर्श विकल्प है जो ग्राफ़ पर दर्शाए गए चर के बीच किसी प्रकार की प्रवृत्ति या संबंध को दर्शाता है जैसे - लाइन ग्राफ और बार ग्राफ।

लोकप्रिय चार्ट प्रकार पाई चार्ट , हिस्टोग्राम , लंबवत और ऐतिहासिक हैंबार चार्ट

आशा है की पूरी पोस्ट पढने के बाद आपको ग्राफ और चार्ट के बीच में मुख्य अंतर के बारे में जानकारी मिल गई होगी.

ग्राफ प्रकार

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More than One Answer Typeएक से अधिक उत्तर प्रकार के प्रश्नAnalyse the following graphs for a given orbital and select the correct statements.दिए गए कक्षक के लिए निम्नलिखित ग्राफ का विश्लेषण कीजिए तथा सही कथन/कथनों का चयन कीजिए।

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एक से अधिक उत्तर प्रकार के प्रश्न

Analyse the following graphs for a given orbital and select the correct statement(s).

दिए गए कक्षक के लिए निम्नलिखित ग्राफ का विश्लेषण कीजिए तथा सही कथन/कथनों का चयन कीजिए।

ग्राफ प्रकार

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More than One Answer Typeएक से अधिक उत्तर प्रकार के प्रश्नWhich of the following statements is/are incorrect w.r.t. the graph given below?नीचे दिए गए ग्राफ के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे कथन गलत है/हैं?

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एक से अधिक उत्तर प्रकार के प्रश्न

Which of the following statement(s) is/are incorrect w.r.t. the graph given below?

नीचे दिए गए ग्राफ के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे कथन गलत है/हैं?

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