बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य

इसे सुनेंरोकेंबाजार विभक्तिकरण किसी बाजार को छोटे-छोटे भागों में बांटने की रीति-नीति है। बाजार विभक्तिकरण विभिन्न आधारों पर किया जाता है, जैसे – ग्राहकों की आयु, आय, शिक्षा, लिंग आदि। बाजार विभक्तिकरण में वर्तमान एवं भावी ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं, रूचियों एवं पसन्द के आधार पर समजातीय समूहों में विभाजित किया जाता है।
बाजार व्यवहार क्या है?
इसे सुनेंरोकेंउपभोक्ता व्यवहार को बाजार के रूप में समझने के लिए, जैसे, ब्रांड की पसंद, कंपनी की वफादारी। सी। फर्म के लिए विपणन रणनीतियों को तैयार करने के लिए, जैसे, नए उत्पाद की स्थिति, सेवाओं में सुधार, पदोन्नति रणनीतियों और नए वितरण के तरीके।
इसे सुनेंरोकेंएक सामान मांग रखने वाले ग्राहकों के समूह को अलग अलग विभाजित करने की प्रक्रिया को बाजार विभाजन कहते है अथवा आसान शब्दों में कहा जाऐ तो ग्राहकों की मांगो की समानता के अनुसार किये गए विभाजन को बाजार विभाजन कहते है।
बाजार विभक्तिकरण का क्या उद्देश्य है?
इसे सुनेंरोकेंबाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य समान प्रकार के ग्राहक जिनकी विशेषताएँ एवं आवश्यकताएँ एक प्रकार की है, समूह बनाना। प्रत्येक समूह के ग्राहक की रूचि, पसन्द एवं आवश्यकता की जानकारी करना। संस्था के लिए सर्वश्रेष्ठ ग्राहक वर्ग की जानकारी करना। संभावित ग्राहकों को वास्तविकता में बदलना।
वितरण वाहिका से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंस्टेन्टन के अनुसार, “वितरण वाहिका ( जिसे व्यापार वाहिका भी कहा जाता है ) एक उत्पाद के वितरण हेतु अपनाया गया वह मार्ग है जिसमें वस्तुओं का स्वामित्व उत्पाद से अन्तिम उपभोक्ता या औद्योगिक उपयोगकर्त्ता तक पहुँचता है ।” रिचर्ड एम. क्वीलेट के अनुसार, “वितरण वाहिका एक पाइप लाइन है जिसके द्वारा उत्पाद उपभोक्ता तक पहुँचता है ।
इसे सुनेंरोकेंविभाजन का समग्र उद्देश्य उच्च उपज वाले खंडों की पहचान करना है – अर्थात, वे खंड जो सबसे अधिक लाभदायक होने की संभावना है या जिनमें विकास की संभावना है – ताकि इन्हें विशेष ध्यान देने के लिए चुना जा सके (अर्थात लक्षित बाजार बनें )। बाजार को खंडित करने के कई अलग-अलग तरीकों की पहचान की गई है।
वितरण वाहिका नीति का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंएक फर्म न्यूनतम लागत पर सही सामान और सही सामान उपलब्ध कराकर उपभोक्ताओं को संतुष्टि प्रदान कर सकती है। शीघ्र और भरोसेमंद वितरण उपभोक्ता की संतुष्टि को बढ़ाता है। उसी समय, उत्पाद की कम कीमत पर बेहतर सेवा प्रदान करके, फर्म अतिरिक्त उपभोक्ताओं को आकर्षित कर सकती है और अधिक लाभ कमा सकती है।
बाजार विभक्तीकरण से आशय (Meaning of market Segmentation)
बाजार विभक्तीकरण के अन्तर्गत किसी वस्तु के सम्पूर्ण बाजार को ग्राहकों की विशेषताओं, प्रकृति अथवा विक्रय क्षेत्रों के आधार पर विभिन्न उप-बाजारों या खण्डों में विभक्त किया जाता है। बाजार विभक्तीकरण समजातीय विशेषताओं के आधार पर किया जाना चाहिए अर्थात् प्रत्येक उप- बाजार या उप-खण्ड की विशेषतायें एक जैसी हों ताकि प्रत्येक उप-बाजार की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए प्रभावपूर्ण विपणन कार्यक्रम तैयार किए जा सके। संक्षेप में, किसी वस्तु या सेवा के बाजार का विभिन्न खण्डों या उप-बाजारों में बाँटना ही बाजार विभक्तीकरण कहलाता है।
हमें व्यावहारिक जीवन में बाजार विभक्तीकरण के अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं, जैसे- सरकार की विद्युत शक्ति की दरें, औद्योगिक, गृह एवं प्रकाश हेतु अलग-अलग उपयोग के लिए भिन्न-भिन्न दरें हैं। रेलवे के द्वारा वातानुकूलित, प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के लिए अलग- अलग किराये की दरें निर्धारित की गई हैं: इसे अतिरिक्त रेलवे द्वारा विद्यार्थियों, दैनिक यात्रियों, पर्यटकों आदि को किराये में रियायत दी जाती है। पुस्तक बाजार को अध्ययन या शिक्षा के आधार पर पाँच भागों में विभाजित किया जा सकता है – प्राइमरी, माध्यमिक, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं सामान्य पुस्तक बाजार। इस बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य प्रकार बाजार विभक्तीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें बाजार को विभिन्न उप-बाजारों में विभाजित करके प्रत्येक उप-बाजार के लिए उत्पाद विकास, मूल्य निर्धारण, विज्ञापन, विक्रय एवं वितरण सम्बन्धी निर्णय लिये जाते हैं और इनके आधार पर प्रत्येक उपबाजार के लिए प्रभावी विपणन कार्यक्रम बनाये जाते हैं।
बाजार विभक्तीकरण की प्रमुख मान्यताएँ
(Main Assumptions of Market Segmentation)
बाजार विभक्तीकरण की तीन प्रमुख मान्यताएँ हैं जो निम्नानुसार हैं –
- बाजार में विषम या विजातीय ग्राहकों की विद्यमानता – बाजार विभक्तिकरण की प्रथम मान्यता यह है कि सम्पूर्ण बाजार में अनेक प्रकार के ग्राहकों एवं भावी ग्राहकों के विषम या विजातीय (Heterogenous) समूह है। इनमें एकांकी व्यक्ति, परिवार एवं संगठन सम्मिलित हैं। इन सभी की विशेषताओं (यथा आयु, लिंग, निवास स्थान, भाषा, जाति, जातीय मूल्य, आय, व्यय, पेशा, धन्धा, व्यवसाय आदि) आवश्यकताओं, रूचियों, सोच-विचार, व्यवहार आदि में पर्याप्त अन्तर पाया जाता है।
- विपणन मिश्रणों एवं व्यूह रचनाओं का निर्माण- विपणन विभक्तिकरण में एक मान्यता यह भी है कि सम्पूर्ण बाजार के विभिन्न ग्राहक समूहों में विपणन हेतु पृथक-पृथक विपणन मिश्रणों एवं व्यूहरचनाओं का निर्माण करना सम्भव है। बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य ऐसे करके विपणन कार्यों को अधिक प्रभावी कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया जा सकता है।
विपणन विभक्तिकरण के मुख्य उद्देश्य
(Main Objectives of Market Segmentation)
- बाजार के सही स्वरूप को समझना।
- बाजार में विद्यमान एवं भावी ग्राहकों में से एक समान आवश्यकताओं, विशेषताओं, व्यवहार वाले ग्राहकों के समूह बनाना।
- प्रत्येक समूह के ग्राहकों की रूचियों, आवश्यकताओं, वरीयताओं, पसन्द-नापसन्द की जानकारी करना ।
- उन नये बाजार क्षेत्रों को ज्ञात करना जिनमें संस्था की विपणन क्रियाओं का विस्तार किया जा सके।
- समुचित एवं सर्वोत्तम बाजार क्षेत्रों का चयन एवं विकास करना।
- संस्था के लिए सर्वश्रेष्ठ ग्राहक वर्ग को ज्ञात करना एवं उनके प्राप्ति लक्ष्य ग्राहकों के रूप में मानकर प्रयास करना।
बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य - Objectives of Market Segmentation
उपर्युक्त विवेचना के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि बाजार विभक्तिकरण के निम्न उद्देश्य है।
1. ग्राहकों को उनकी समान प्रकृति, रुचियों, स्वभाव, गुणों आवश्यकताओं के अनुरूप समजातीय वर्गों में बाँटना होगा, ताकि प्रत्येक वर्ग के लिए उपयुक्त विपणन कार्यक्रम तैयार किया जा सके, जैसे पुस्तकों की बिक्री बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य के लिए विज्ञापन अलग-अलग विषयों के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग होगें।
2. ग्राहकों की रुचियों, क्रय आदतों, आवश्यक्ताओं तथा प्राथमिकताओं का पता लगाना बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य ।
3. विपणन की नीतियाँ एवं लक्ष्य निर्धारित करना । 4. फर्म के कार्यों को ग्राहकोन्मुखी बनाना ।
5. उन क्षेत्रों का पता लगाना जिनमें प्रयत्न करने पर ग्राहक बनाए जा सकते हैं।
बाजार विभाजन का अर्थ और महत्व क्या है बाजार विभाजन के विभिन्न आधारों पर चर्चा करें?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार, बाजार विभाजन एक उत्पाद या सेवाओं के लिए कुल बाजार को कई छोटे लेकिन आंतरिक रूप से सजातीय समूहों में विभाजित करने की एक प्रक्रिया है। विभाजन का सार यह है कि प्रत्येक समूह के सदस्य मांग को प्रभावित करने वाले कारकों के संबंध में समान हैं। विपणन की सफलता प्रत्येक खंड को प्रभावी ढंग से संभालने की क्षमता में है।
कैसे आप एक लक्ष्य बाजार की क्षमता का मूल्यांकन करेंगे?
सेवा से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंसेवा को ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में “सेवा, सहायता या लाभ की कार्रवाई” के रूप में वर्णित किया गया है; दूसरे के कल्याण या लाभ के लिए प्रवृत्त होना; एक लोक सेवक की स्थिति या रोजगार; दोस्ताना या पेशेवर सहायता। ”