भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार

डिजिटल करेंसी क्या होती है

डिजिटल करेंसी क्या होती है

देश के 4 बड़े बैंक सबसे पहले शुरू करेंगे डिजिटल करेंसी, RBI ने तैयार की लिस्ट!

बिजनेस डेस्कः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने खुदरा बाजार के लिए अपनी डिजिटल मुद्रा (डिजिटल रुपया) लाने के लिए एक पायलट प्रोजैक्ट पर 5 बैंकों को शामिल किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये बैंक हैं– स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, आई.डी.एफ.सी. फर्स्ट बैंक और एच.डी.एफ.सी. बैंक।

रिपोर्ट में इस मामले से परिचित लोगों का हवाला डिजिटल करेंसी क्या होती है डिजिटल करेंसी क्या होती है देते हुए कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक पायलट प्रोजैक्ट के लिए कुछ और बैंकों को जोड़ सकता है। यह प्रोजैक्ट जल्द ही शुरू होने की उम्मीद जताई गई है।

आर.बी.आई. केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सी.बी.डी.सी.) का परीक्षण करने के लिए एक-साथ 2 मोर्चों पर काम कर रहा है: एक थोक बाजार के लिए, जिसके लिए एक पायलट प्रोजैक्ट पहले से ही चल रहा है और दूसरा खुदरा अथवा रिटेल (सी.बी.डी.सी.आर) के लिए है।

कई चीजों पर चल रहा है विचार

केंद्रीय बैंक यह भी जानने की कोशिश कर रहा है कि क्या अपनी डिजिटल करेंसी के लिए एक नया ढांचा तैयार किया जाए या खुदरा सी.बी.डी.सी. को वर्तमान डिजिटल भुगतान प्रणाली के साथ इंटरऑप्रेबल बनाया जाए।

रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति ने बताया, “नैशनल पेमैंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एन.सी.पी.आई.) और आर.बी.आई. की मदद से पायलट प्रोजैक्ट को चलाने के लिए 5 बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। कुछ ग्राहक और व्यापारी खातों को जल्द ही रिटेल में डिजिटल रुपया पायलट प्रोजैक्ट शुरू करने के लिए चुना जाएगा।”

कॉन्सैप्ट नोट में RBI ने दिया था ये सुझाव

पिछले महीने एक कॉन्सैप्ट नोट में आर.बी.आई. ने सुझाव दिया था कि वह 50,000 रुपए से कम मूल्य के सी.बी.डी.सी. खुदरा भुगतान को कोई नाम नहीं देने पर विचार कर रहा था, ठीक उसी तरह जैसे लोग छोटी मात्रा में नकद लेन-देन करते समय करते हैं।

निजी क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन के बीच दुनिया में कई देश अपनी डिजिटल मुद्राएं लॉन्च करने पर विचार कर रहे हैं। यह उसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा, जिस पर क्रिप्टोकरेंसी होती है। सी.बी.डी.सी. का उद्देश्य नकदी पर निर्भरता को कम करना है।

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रिपोर्ट में इस मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक पायलट प्रोजैक्ट के लिए कुछ और बैंकों को जोड़ सकता है। यह प्रोजैक्ट जल्द ही शुरू होने की उम्मीद जताई गई है।

आर.बी.आई. केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सी.बी.डी.सी.) का परीक्षण करने के लिए एक-साथ 2 मोर्चों पर काम कर रहा है: एक थोक बाजार के लिए, जिसके लिए एक पायलट प्रोजैक्ट पहले से ही चल रहा है और दूसरा खुदरा अथवा रिटेल (सी.बी.डी.सी.आर) के लिए है।

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केंद्रीय बैंक यह भी जानने की कोशिश कर रहा है कि क्या अपनी डिजिटल करेंसी के लिए एक नया ढांचा तैयार किया जाए या खुदरा सी.बी.डी.सी. को वर्तमान डिजिटल भुगतान प्रणाली के साथ इंटरऑप्रेबल बनाया जाए।

रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति ने बताया, “नैशनल पेमैंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एन.सी.पी.आई.) और आर.बी.आई. की मदद से डिजिटल करेंसी क्या होती है पायलट प्रोजैक्ट को चलाने के लिए 5 बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। कुछ ग्राहक और व्यापारी खातों को जल्द ही रिटेल में डिजिटल रुपया पायलट प्रोजैक्ट शुरू करने के लिए चुना जाएगा।”

कॉन्सैप्ट नोट में RBI ने दिया था ये सुझाव

पिछले महीने एक कॉन्सैप्ट नोट में आर.बी.आई. ने सुझाव दिया था कि वह 50,000 रुपए से कम मूल्य के सी.बी.डी.सी. खुदरा भुगतान को कोई नाम नहीं देने पर विचार कर रहा था, ठीक उसी तरह जैसे लोग छोटी मात्रा में नकद लेन-देन करते समय करते हैं।

निजी क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन के बीच दुनिया में कई देश अपनी डिजिटल मुद्राएं लॉन्च करने पर विचार कर रहे हैं। यह उसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा, जिस पर क्रिप्टोकरेंसी होती है। सी.बी.डी.सी. का उद्देश्य नकदी पर निर्भरता को कम करना है।

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Crypto Vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल संपत्ति में क्या अंतर, आसान शब्दों में समझिए

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट 2022-23 के भाषण के दौरान डिजिटल संपत्ति, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और अपूरणीय टोकन (NFTs) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की। और, इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री ने भारत की अपनी डिजिटल करेंसी का भी ऐलान कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को वित्त वर्ष 2022-23 किसी समय जारी किया जा सकता है।

डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सीबीडीसी पर भी कर लगेगा। ऐसे इसीलिए हुआ क्योंकि ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को साफ किया क्रिप्टोकरेंसी (उन्होंने सिर्फ क्रिप्टो ही बोला था, इसके आगे डिजिटल करेंसी क्या होती है करेंसी नहीं जोड़ा था) कोई करेंसी नहीं है। करेंसी वो होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है, जिसे वह इस साल जारी करेगा।

डिजिटल करेंसी अनिवार्य रूप से सरकार द्वारा जारी करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति कहलाती हैं जबकि डिजिटल करेंसी कोई डिजिटल संपत्ति नहीं है। लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी, दोनों हो सकते हैं लेकिन यह दोनों वास्तव में एक दूसरे से अदली-बदली नहीं जा सकती हैं।

डिजिटल करेंसी, मौजूदा पेपर मनी (नोट) का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। यह संपर्क रहित लेनदेन में उपयोग की जा सकती है, जैसे- आपके बैंक खाते से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किसी और को भुगतान करना। सभी ऑनलाइन लेनदेन में डिजिटल करेंसी शामिल होती है। हालांकि, जब आप उस पैसे को बैंक या एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वह डिजिटल करेंसी, तरल नकदी में बदल जाती है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोक्यूरेंसी निजी स्वामित्व में हैं और इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। अभी तक अधिकांश देशों में क्रिप्टोक्यूरेंसी को नियमित नहीं किया गया है। हालांकि, डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक द्वारा नियमित होती है।

डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं है लेकिन हैकिंग और चोरी की संभावना को कम करने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं को अपने डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग ऐप को मजबूत पासवर्ड तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है। यही बात डेबिट और क्रेडिट कार्डों पर भी लागू होती है, जिनसे डिजिटल करेंसी में लेनदेन किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी को मजबूत एन्क्रिप्शन द्वारा संरक्षित किया जाता है और क्रिप्टो में व्यापार करने के लिए उपयोगकर्ताओं के पास बैंक अकाउंट होना चाहिए, जिससे वह डिजिटल करेंसी (बैंक खाते में पैसे) से बदले ऑनलाइन तरीके से संबंधित मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी खरीदता है। इसे ऐसे समझिए कि आपके बैंक खाते में 100 रुपये हैं और आपने उन 100 रुपये का टिजिटल तरीके से कोई सामान (जिसकी मौजूदा कीमत 100 रुपये है) खरीदा है।

RBI ने लांच किया 'डिजिटल रुपया', जानिए कैसे कर पाएंगे उपयोग, कितनी बदल जाएगी भुगतान प्रणाली

नईदिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक ने आज से डिजिटल करेंसी की शुरूआत कर दी। इसी के साथ देश को पहली वर्चुअल करेंसी मिल गई। ये करेंसी अभी हॉलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी की गई है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। रिजर्व बैंक के अनुसार इस करेंसी से देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत मिलेगी। साथ ही इससे भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी। डिजिटल रूपी का इस्तेमाल सरकारी सिक्टोरिटीज के सेटलमेंट के लिए होगा।

इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए 9 बैंकों को जोड़ा गया है। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ़ इण्डिया, कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक शामिल है।

क्या होती है डिजिटल करेंसी -

डिजिटल करेंसी बैंक द्वारा जारी वर्चुअल नॉटस होते है। जिनका उपयोग ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए किया जाता है। मतलब साफ़ है की ये नोट्स फिजिकल नोट्स की तरह इलेक्ट्रॉनिक रूप में मौजूद होते है।डिजिटली करेंसी दो प्रकार की होती है -

पहली रिटेल जोकि सभी आमजनों के लिए उपलब्ध होती है। इसके जरिए लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार सामान खरीद सकते है।

दूसरा प्रकार होलेसल इसका उपयोग बड़े वित्तीय डिजिटल करेंसी क्या होती है संस्थानों द्वारा किया जाता है। होल सेल करेंसी का आम लोग इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

ऐसे कर पाएंगे उपयोग -

रिजर्व बैंक द्वारा पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार , डिजिटल करेंसी भुगतान का एक माध्यम होगा। जोकि सभी नागरिकों, व्यावसायिक संस्थानों को एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी कीमत लीगल टेंडर नोट के बराबर होगी। जिस प्रकार आप फिजिकल मुद्रा को अपनी जेब या पर्स में रखते है ठीक उसी प्रकार इस डिजिटल करेंसी को अपने ई-वॉलेट में रख सकेंगे। इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे। डिजिटल रुपी को यूपीए से भी जोड़े जाने की तैयारी है।

डिजिटल करेंसी के लाभ -

रिजर्व बैंक की इस पहल को बेहद लाभकारी बताया जा रहा है। डिजिटल करेंसी के प्रचलन में आने के बाद भुगतान की सुविधा बढ़ जाएगी। साथ ही लोगों को अपने पास नकद रखने की जरुरत नहीं होगी। इस करेंसी के सर्कुलेशन को पूरी तरह रिज़र्व बैंक कंट्रोल करे। जिसके कारण धोखाधड़ी और घोटालों पर निगरानी रहेगी।

Crypto Currency kya डिजिटल करेंसी क्या होती है hai ( डिजिटल करेंसी क्या है? यह कैसे काम करती है )

Crypto Currency kya hai : Crypto Currency को हम डिजिटल करेंसी भी कह सकते है यह एक ऐसी करेंसी है जो भारतीय रूपये और अमेरिकी डालर के समान है , यह दिखाई नहीं देती है और नहीं आप इसे छू सकते है यह एक अभाषी करेंसी है यह केवल एक दुसरे से लेन देन होता है. इसमे कोई भी तीसरा नहीं होता है .

Crypto Currency पिछले कुछ सालो में एक ऐसा वक्त था जब दुनिया में कोई भी मुद्रा नहीं था उस समय सिर्फ वस्तुयों के बदले ब्स्तुयो का एक दुसरे से लेन दें होता था . धीरे – धीरे समय बितता गया उसके बाद नोट और सिक्के अस्तित्व में आये .

आने के बाद हमारा लेन दें का तरीका पूरी तरह बदल गया . आज के समय में यही नोट और सिक्के हमारी मुख्य करेंसी है . इसके बाद भी एक करेंसी है ,जो पूरी तरह डिजिटल है जिसे हम Crypto Currency कहते है , हम समझेंगे की Crypto Currency है क्या यह कैसे कम करता है इसमे क्या फायदा है और क्या नुकसान है.

Crypto Currency kya hai

Currency का मतलब एक मुद्रा होता है जैसे की हर देश के पास अपनी एक मुद्रा होती है वैसे ही भारत के पास रुपया है सऊदी अरब के पास रियाल है , अमेरिका के पास डालर है , उसी तरह से हर देश के पास अपनी -अपनी एक अलग -अलग Currency होता है,

लेकिन आपके मन में यह सवाल जरुर आता होगा की आखिर Currency है क्या, तो Currency एक ऐसा धन है जो किसी देश द्वारा मान्यता प्राप्त हो, और वह पर वे लोग धन के रूप में इस्तेमाल करते हो, और उसका कोई वैल्यू हो उसे हम करेंसी कहते है अर्थात जिसके बदले किसी वस्तु को खरीदा जा सके वह होती है Currency .

Crypto Currency की वैल्यू फिजिकल Currencies कही ज्यादा होती है और डालर से भी हजारो गुना ज्यादा होती है Crypto Currency की वैल्यू , लेकिन इसका वैल्यू स्थिर नहीं रहता है, इसका Crypto Currency मार्केट में उतार चढ़ाव बहुत ही तेजी से होता है, और इसका कीमत दिन में कई बार बदलती है .

Crypto Currency kaise kam karati hai .

Crypto Currency वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है Crypto Currency blockchain के माध्यम से कम करती है, और साथ ही पावरफुल Computers द्वारा इसका निगरानी किया जाता है , जिसे हम Crypto Currency mining कहते है और जिसके द्वारा यह mining की जाती है उन्हें Miners कहा जाता है .

जब हम Crypto Currency में लेन – देन करते है तो उसकी जानकारी blockchain में दर्ज किया जाता है, अर्थात उसे एक ब्लाक में रखा जाता है और इसका पूरा कार्य online के माध्यम से ही होता है, जहा पर एक देश से दुसरे के बिच में एक मध्यस्थ होती है.

लेन – देन के द्वारा, जैसे भारत में केन्द्रीय बैंक, लेकिन Crypto के द्करोबर में कोई मध्यस्थ नहीं होता है और इसे एक नेटवर्क द्वारा संचालित किया जाता है, इसलिए इसे अनिमित बजार के नाम से जाना जाता है, Crypto Currency पल भर में किसी अमीर बना देता है, एक झटके में ही उसको जमीं पर गिरा देता है. लेकिन इसके उतार चढाव के कारण इसकी लोकप्रियता बढती जा रही है .

सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन (Most popular digital currency bitcoin)

आज से समय में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और मूल्यवान क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन ही है, और दूसरा इथेरियम पसंदीदा क्रिप्टो करेंसी है अगर हम टाप टेन डिजिटल मुद्राओं की बात करें तो इनमें पोल्काडॉट, लाइटक्वाइन, टेथर, डॉजक्वाइन सहित अन्य भी शामिल है

बजार में बिटक्वाइन का ही ज ज्यादा माग था और जैसे -जैसे समय बीतता गया वैसे ही समय के साथ ये बाजार बढ़ता गया और डिजिटल मुद्राएं हजारों की संख्या में चलने लगी. आज से समय में क्रिप्टो के कारोबार दुनिया के ज्यादातर देशो में फैल गया है .

कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से संचालित

Crypto Currency एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है Crypto Currency blockchain के माध्यम से कम करती है, और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके लोकप्रियता में इस कदर इजाफा रहा है की जहा पर कई देश ऐसे भी है जो लीगल कर चुके है अल सल्वाडोर में तो डिजिटल मुद्रा पर केंद्रित बिटक्वाइन सिटी बनाने की तैयारी भी शुरू हो गया है .

ब्लॉकचेन के माध्यम से उपयोग किया जाता है

ब्लॉकचेन उसे कहते है जिसमे क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड होती हैं इसको एक कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा नियंत्रित जाता है, ब्लॉकचेन प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है.

इसमें क्रिप्टोग्राफी की मदत से नियंत्रित होती है. इसमे सभी काम कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा चलता है , कोई भी लेन देन होता है इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, अर्थात उसे एक ब्लॉक में रख दिया जाता है .

इस तरह खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी (This is how crypto currency is bought)

Crypto Currency को खरीदने के दो तरीके है इसमे सबसे आसन तरीका है इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना, सैकड़ों Crypto Currency दुनिया भर में एक्सचेंज पर काम कर रहे है भारत में कम कर रहे जेबपे, वजीरएक्स, क्वाइनस्विच कुबेर, डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित है.

क्वाइनबेस और बिनान्से जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी इसमे मौजूद हैं जहा से इथेरियम, टेथर, बिटक्वाइन, और डॉजक्वाइन समेत दुनिया भर की सभी डिजिटल मुद्राएं खरीदी जा सकती हैं।

Crypto Currency एक्सचेंज

Crypto Currency उस प्लेटफार्म को कहते है जहा पर Crypto Currency की खरीद – फरोख्त होती है अर्थात यह वह Website या Mobile App है जहा पर Crypto Currency का खरीदने और बेचने की सुबिधा देती है,

इसलिए इसको Crypto Market या Crypto Currency Market कहा जाता है. Example के लिए Coindex, WazirX और CoinSwitch Kuber Crypto Currency एक्स्चंज है .

बिल पेश करने की तैयारी Crypto Currency

भारत में Crypto Currency में निवेश करने वालो की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है भारत में करीब 15 मिलियन एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्टिव उपयोगकर्ता ऐसे हैं. भारत में संचालित किसी न किसी क्रिप्टो एक्सचेंज में पंजीकरण है,

यही कारण है की अनियमित बजार में भारतीय निवेशको की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व Bank और केंद्र सरकार दोनों सख्त है. भारत में कोई अपनी Crypto Currency नहीं है .

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