भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार

Share Market कैसे काम करते हैं?

Share Market कैसे काम करते हैं?
शेयर बाजार में सेबी के मुख्य कार्य क्या हैं?
12. हॉट मनी (Hot Money): यह वह निवेश मनी होती है जो कि अधिक लाभ की तरह भागती हैl इस प्रकार की निवेश मनी बाजार में बहुत ही कम स्थिर होती है इसी कारण इसे हॉट मनी कहते हैंl
13. जंक बांड(Junk Bond): जंक बांड वे बांड है जिनकी रेटिंग नीची हो परन्तु उन पर प्राप्त होने वाले रिटर्न(लाभ) की दर ऊंची हो l
14. कर्ब ट्रेडिंग(Kerb Trading): स्टॉक एक्सचेंज मार्किट की बिल्डिंग के बाहर, स्टॉक एक्सचेंज के ही समय में या उसके बाद प्रतिभूतियों में अवैध ट्रेडिंग को कर्ब ट्रेडिंग कहते हैं l
15. स्टैग (Stag): ऐसे लोग जो प्राइमरी मार्किट में पैसा लगाना पसंद करते है सेकेंडरी मार्किट में नही, स्टैग कहलाते हैं l ये लोग बहुत कम जोखिम उठाते हैं l
16. अल्फ़ा शेयर : इन्हें ग्रुप A का शेयर भी कहा जाता हैl ये ऐसे स्टॉक हैं जिनके क्रय विक्रय में बाधा नही होती है l
17. राइट इशू (Right Issue): जब शेयर या प्रतिभूति के आबंटन में वर्तमान शेयर धारकों को प्राथमिकता दी जाये तो इस प्रकार के निर्गमित शेयर को राइट इशू कहते हैंl वर्तमान शेयर धारकों को इन शेयरों को खरीदने के लिए रुपये देने पड़ते हैं अर्थात ये शेयर, बोनस शेयर की तरह कीमत रहित नही होते हैं l
18. स्नो बालिंग प्रभाव: जब शेयर के मूल्य में थोड़ी बृद्धि से शेयर क्रय के कारण या किसी अन्य कारण कुछ ऐसी स्थिति पैदा हो जाये कि शेयरों का मूल्य बढ़ता ही जाये और इतना अधिक बढ़ जाये कि क्रय विक्रय पर स्टॉप आर्डर आने लगे तो इसे स्नो बालिंग कहते हैं l
19. शोर्ट सेलिंग (Short Selling): जब किसी व्यक्ति या दलाल द्वारा उससे अधिक स्टॉक के विक्रय का सौदा किया जाता जितना उसके पास है या जितना कहीं से लेकर पूर्ती कर सकता हैl यह क्रिया बिलकुल गैर-कानूनी है l
20. लार्ज कैप कम्पनियाँ (Large Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक हो l
21. मिड कैप कम्पनियाँ (Mid Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये से कम पर 2500 करोड़ से अधिक हो l
22. स्माल कैप कम्पनियाँ (Small Cap Companies): ये वे कम्पनियां होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 2500 करोड़ रुपये से कम हो l
23. पौंजी स्कीम (Ponzy Schemes): ये वे फर्जी कम्पनियाँ होती हैं जो कि लोगों को कम समय में अधिक रिटर्न की गारंटी देकर निवेशकों का पैसा लेकर गायब हो जातीं हैl ऐसी कंपनियों का सरकार के पास कोई भी रिकॉर्ड नही होता है l

Image Source:INFO FOREX SCAMS
ऊपर दिए गए शब्द उन सभी लोगों के लिए बहुत ही मददगार होंगे जो कि या तो शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं या शेयर बाजार कैसे काम करता है इस बारे में जानना चाहते हैं l

Share market क्या होता है? शेयर मार्केट में पैसा निवेश कैसे करें

पहले यह समझना जरूरी हैं कि Share Market क्या है और इसमें क्या होता हैं? Share Market को Stock Market या Equity Market भी कहा जाता हैं। यह वह जगह होती हैं जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयर्स खरीदने और बेचे जाते हैं।

लेकिन यह कोई सामान्य बाजार जैसा नहीं हैं, डिजटाइलेजशन के बाद तो बिल्कुल नहीं हैं। भारत मे मुख्य रूप से 2 शेयर मार्केट हैं, जो इस प्रकार हैं:

BSE : बीएसी का पूरा नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) है, जो भारत का सबसे पुराना आधिकारिक शेयर बाजार भी है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में कई जा चुकी हैं।

NSE : एनएसी का फुल फॉर्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (National Stock Exchange of India) हैं जिसकी स्थापना 1992 में हुई थी लेकिन इसमे ट्रेडिंग की शुरुआत 1994 में हुई थी।

सरल भाषा में शेयर बाजार को समझा जाए तो शेयर बाजार एक ऐसा बाजार होता है, जहां पर काफी सारी कंपनियां लिस्टेड होती है और उनके शेयर खरीदे हुए बेचे जाते हैं। शेयर की कीमत कंपनी की वैल्यू, प्रॉफिट, लॉस और डिमांड और सप्लाई जैसे नियमों पर आधारित होती है।

आप कंपनी के जितने शेयर खरीदते हैं, उतने ही आप कंपनी के मालिक माने जाते हैं। यही कि अगर आपने किसी कंपनी के 1% शेयर खरीदे तो आप उस कंपनी के 1% मालिक होंगे।

शेयर बाजार कैसे काम करता हैं? How Share Market Works in Hindi?

अब क्योंकि आप समझ चुके हैं कि शेयर बाजार क्या है और इसमें क्या होता है तो आपका यह जानना भी जरूरी है कि शेयर बाजार कैसे काम करता है?

सबसे पहले तो आपको यह जानना होगा कि किसी भी कम्पनी के शेयर या फिर कहा जाए तो स्टॉक कम्पनी की ओनरशिप इक्विटी को दर्शाते हैं।

अर्थात आप कम्पनी के जितने प्रतिशत शेयर के मालिक होंगे, आपका कम्पनी पर उतना ही अधिकार होगा। इसके अलावा कैपिटल गेन और डिविडेंट्स के रूप में कम्पनी की Share Market कैसे काम करते हैं? कॉरपोरेट इनकम पर भी शेयर होल्डर का अधिकार होता हैं।

शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियो के लिमिटेड स्टॉक्स लिस्टेड किये जाते हैं, जिनपर ट्रेडिंग की जाती हैं अर्थात उन्हें ख़रीदा और बेचा जाता हैं। शेयर बाजार की पूरी गणित डिमांड और सप्लाई के नियम पर आधारित हैं।

अगर डिमांड अधिक है और सप्लाई कम हैं Share Market कैसे काम करते हैं? तो शेयर की कीमत बढ़ती है और अगर डिमांड कम है और सप्लाई अधिक हैं तो शेयर की कीमत घटी हैं।

वैसे तो शेयर की कीमत घटना और बढ़ना कई बातों पर डिपेंड करता है लेकिन वह भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डिमांड और सप्लाई के नियम पर ही निर्भर करती है।

शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाते हैं? How to Earn Money from Share Market in Hindi

अब तक आप समझ चुके होंगे कि शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है? तो अब बारी है शेयर बाजार से पैसे कमाने की प्रोसेस को समझने की। शेयर बाजार से पैसे कमाना बिल्कुल रियल एस्टेट से पैसे कमाने जैसा है।

रियल एस्टेट में आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं और विभिन्न कारणों से और इन्फ्लेशन के साथ उस प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है। जब आप उसे बेचते हैं तो आपको प्रॉफिट मिलता है और यह प्रॉफिट आपकी कमाई होती है।

जो आपको आपके इन्वेस्टमेंट से मिली है। लेकिन अगर आप गलत जगह पर अधिक कीमत में प्रॉपर्टी खरीदेंगे और उसे कम कीमत में बेचेंगे तो आपको लॉस होगा।

बिल्कुल ऐसा ही शेयर बाजार में भी होता है। डिमांड और सप्लाई की वजह से शेयर बाजार में शेयर की कीमत घटती और बढ़ती रहती है। जब भी किसी चीज की कीमत घटती है तो उसमें निवेश करके अच्छा प्रॉफिट भी प्राप्त किया जा सकता है और लॉस होने की संभावनाएं भी रहती है।

शेयर बाजार में जब आप किसी स्टॉक को कम कीमत में खरीदकर अधिक कीमत में बेचते हो तो आपको प्रॉफिट मिलता है और वह प्रॉफिट आपकी कमाई होता है। इसी तरह से शेयर बाजार से पैसे कमाए जाते हैं।

ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में घाटे की संभावना नहीं रहती लेकिन अगर आप रिसर्च के साथ क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश करोगे तो प्रॉफिट की संभावना अधिक रहेगी।

शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करें? How to Invest in Share Market in Hindi

शेयर बाजार के बारे में काफी कुछ समझ चुके हैं और अब आपको यह निर्णय करना है कि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं या फिर नहीं।

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करते हैं? (How to Invest in Share Market in Hindi)? शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना कोई मुश्किल बात नहीं है और आप घर बैठे हुए आसानी से ही अपने पसंदीदा कंपनी के स्टॉक्स खरीद सकते हैं।

शेयर मार्केट में निवेश करना आसान हैं और अब तो शेयर मार्केट मे पूरा डिजिटलाइजेशन हो चुका है तो आप आसानी से अपने स्मार्टफोन की मदद से बाजार में निवेश कर सकते है।

शेयर मार्केट में Share Market कैसे काम करते हैं? इन्वेस्ट करने के लिए आपको मुख्य रूप से तीन चीजों की आवश्यकता होती है:

  • • आधार कार्ड और पैन कार्ड
  • • सेविंग्स अकाउंट
  • • इंटरनेट कनेक्शन और इंटरनेट सक्षम डिवाइस (Internet-enabled devices)

अगर आपके पास यह तीनों हैं तो आप शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू कर सकते हो। लेकिन कैसे? आइये जानते हैं Step by Step प्रोसेस।

सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप्प का चुनाव करे

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप का चुनाव करना होगा। Play Store या App Store पर Zerodha, Groww और Angel Broking जैसे कई विश्वसनीय Stock Trading App हैं।

यह सभी ब्रोकर कंपनियां हैं, जो शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए कुछ ब्रोकरेज चार्ज देती है। इनके Apps के माध्यम से आप आसानी से शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।

डीमैट अकाउंट Open करे

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए अर्थात शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपको डिमैट अकाउंट खुलवाना होता हैं। डिमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है।

जहां पर आपके स्टॉक्स को रखा जाता है। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको कोई अलग प्रोसेस फोलो करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिन एप्स (ब्रोकर) के बारे में हमने आपको बताया आप इन्हीं के माध्यम से आसानी से अपने स्मार्टफोन में ही डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

Savings Account जोड़े और Trading शुरू करे

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हो तो इसके लिए आपको पैसे भी चाहिए ही होंगे। क्योंकि आज के समय मे हम इलेक्ट्रॉनिक रुप से शेयर्स खरीदते है और सब काम वर्चुअल किए जाते हैं तो आपको अपने डिमैट अकाउंट से सेविंग अकाउंट्स को जोड़ना होगा ताकि शेयर खरीदने के लिए आप फंड ट्रांसफर कर सको।

Savings Account को Demat Account से जोड़ने के बाद आप Share खरीदना और बेचना शुरू कर सकते हो। इस तरह से आप आसानी से घर बैठे हुए शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।

अंत में

हमने जाना कि शेयर मार्केट क्या होता है और कैसे काम करता है। इसके साथ ही हमने यह भी जाना कि हम कैसे अपने मोबाइल फ़ोन से शेयर मार्केट में पैसा निवेश कर सकते है।

शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने के लिए हमें कुछ छोटे से काम करने होते है। जिसको हम अपने घर से मोबाइल पर कर सकते है। आपको यह जानकारी कैसी लगी आप हमें जरूर बताए।

शेयर बाजार में इस्तेमाल किए जाने वाले 23 सबसे महत्वपूर्ण शब्द

भारत में मुख्य रूप से 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)l बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दलाल स्ट्रीट, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक भारतीय शेयर बाजार है। सन 1875 में स्थापित, बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज हैl बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, 30 बड़ी कंपनियों के बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव की गणना करता हैl ये सभी शब्द बैंकिंग सामान्य ज्ञान के लिए बहुत उपयोगी हैंl

भारत में मुख्य रूप से 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)l बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दलाल स्ट्रीट, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक भारतीय शेयर बाजार है। सन 1875 में स्थापित, बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज हैl बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ,30 बड़ी कंपनियों के बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव की गणना करता हैl दूसरा स्टॉक एक्सचेंज NSE भी मुंबई में है और इसकी स्थापना 1992 में हुई थीl सामान्य लोगों की जानकारी के लिए शेयर बाजार में इस्तेमाल होने वाले मुख्य शब्द इस प्रकार हैं l
1. इक्विटी शेयर (Equity Share): इक्विटी शेयर वे अंश है जिन्हें कंपनी से मताधिकार प्राप्त होता है l ये अंशधारी ही धारित अंशों के अनुपात में ही कंपनी के स्वामित्वधारी होते हैं l इन्हें लाभांश वितरण में कोई वयीयता प्राप्त नही होती है l
2. वरीयता अंश (Preference Share): ये वे शेयर धारक होते हैं जिन्हें लाभांश वितरण में वरीयता दी जाती हैl लाभ बाँटने के बाद यदि कुछ लाभांश बचता है तो उसे इक्विटी शेयर धारकों में बांटा जाता हैl वरीयता अंश के शेयर धारकों को कंपनी में मताधिकार प्राप्त नही होता है l
3. इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO): इसका सम्बन्ध प्राइमरी बाजार से है जिसमे नयी कंपनियों के अंश बाजार में जारी किये जाते हैं l इस विधि के माध्यम से कम्पनियाँ बाजार से पैसा जुटा कर अपनी आगे की वित्तीय योजनाओं को बनाती है l



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4. फालो पब्लिक ऑफर: जब कोई भी नयी कंपनी अपनी अधिकृत पूँजी की उगाही शेयरों के निर्गमन के द्वारा प्राथमिक बाजार से करती है तो इसे FPO कहते हैं l
5. ब्लू चिप कंपनी (Blue Chip Company): यह एक ऐसी कंपनी होती है जिसके शेयरों को खरीदना बेहद सुरक्षित माना जाता है। इस कंपनी के शेयरों को खरीदने वाला निवेशक जोखिम रहित लाभ प्राप्त करता है l

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6. इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading): इसका मतलब एक ऐसी सूचना से होता है जो कि एक कंपनी की कार्य प्रणाली से जुडी होती है जिसमे कम्पनी की भावी योजनाओं में बारे में जानकारी होती हैl यदि यह सूचना कंपनी के किसी उच्च अधिकारी (कंपनी के निदेशकों और उच्च स्तरीय अधिकारियों) के माध्यम से सार्वजनिक हो जाती है तो उस कंपनी के शेयरों के दाम अप्रत्याशित रूप से ऊपर या नीचे होते हैं l

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7. वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper): यह एक असुरक्षित वचन-पत्र (Promissory Note) होता है जो कि एक वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया जाता है lइसको जारी करने का मुख्य उद्येश्य अल्पकालीन वित्तीय जरूरतों को पूरा करना होता है l
8. बोनस इश्यू (Bonus Issue):इस प्रकार के शेयर बोनस, उन शेयर धारकों को फ्री में उस अनुपात में दिए जाते हैं जिनके उनके पास उस कंपनी के शेयर पहले से ही होते हैं l ऐसे शेयरों को लाभांश शेयर भी कहते हैं l

भारतीय बजट से जुडी शब्दावली
9. तेजड़िया (Bull): तेजड़िया उस व्यक्ति को कहा जाता है जो कि शेयर बाजार में शेयरों की खरीदारी करता है और इसी खरीदारी के कारण शेयर बाजार ऊपर की ओर जाता हैl यह निवेशक बाजार के बारे में सकारात्मक रुख रखता है क्योंकि वह यह सोचता है कि उसके द्वारा खरीदे गए शेयरों का दाम ऊपर चढ़ेंगेl


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10. मंदड़िया(Bear): मंदड़िया उस निवेशक को कहा जाता है जो कि अपने खरीदे गए शेयरों को बेचता क्योंकि उसको लगता है कि उसके द्वारा खरीदे गए शेयरों का दाम बाजार में गिरेंगेl इसलिए वह अपने शेयरों को बेच देता है और कई लोगों के द्वारा ऐसा करने पर बाजार नीचे की ओर गिरता है l

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11. लाभांश (Dividend): यह कंपनी द्वारा अपने शेयर धारकों को दिया जाने वाला लाभ का हिस्सा होता हैl लाभ का यह हिस्सा कंपनी अपने सभी शेयर धारकों को उनके शेयरों की संख्या के अनुपात में बांटती हैl जिसके पास जितने अधिक शेयर, उसको उतना अधिक लाभांश मिलता हैl

ponzy-schemes

शेयर बाजार में सेबी के मुख्य कार्य क्या हैं?
12. हॉट मनी (Hot Money): यह वह निवेश मनी होती है जो कि अधिक लाभ की तरह भागती हैl इस प्रकार की निवेश मनी बाजार में बहुत ही कम स्थिर होती है इसी कारण इसे हॉट मनी कहते हैंl
13. जंक बांड(Junk Bond): जंक बांड वे बांड है जिनकी रेटिंग नीची हो परन्तु उन पर प्राप्त होने वाले रिटर्न(लाभ) की दर ऊंची हो l
14. कर्ब ट्रेडिंग(Kerb Trading): स्टॉक एक्सचेंज मार्किट की बिल्डिंग के बाहर, स्टॉक एक्सचेंज के ही समय में या उसके बाद प्रतिभूतियों में अवैध ट्रेडिंग को कर्ब ट्रेडिंग कहते हैं l
15. स्टैग (Stag): ऐसे लोग जो प्राइमरी मार्किट में पैसा लगाना पसंद करते है सेकेंडरी मार्किट में नही, स्टैग कहलाते हैं l ये लोग बहुत कम जोखिम उठाते हैं l
16. अल्फ़ा शेयर : इन्हें ग्रुप A का शेयर भी कहा जाता हैl ये ऐसे स्टॉक हैं जिनके क्रय विक्रय में बाधा नही होती है l
17. राइट इशू (Right Issue): जब शेयर या प्रतिभूति के आबंटन में वर्तमान शेयर धारकों को प्राथमिकता दी जाये तो इस प्रकार के निर्गमित शेयर को राइट इशू कहते हैंl वर्तमान शेयर धारकों को इन शेयरों को खरीदने के लिए रुपये देने पड़ते हैं अर्थात ये शेयर, बोनस शेयर की तरह कीमत रहित नही होते हैं l
18. स्नो बालिंग प्रभाव: जब शेयर के मूल्य में थोड़ी बृद्धि से शेयर क्रय के कारण या किसी अन्य कारण कुछ ऐसी स्थिति पैदा हो जाये कि शेयरों का मूल्य बढ़ता ही जाये और इतना अधिक बढ़ जाये कि क्रय विक्रय पर स्टॉप आर्डर आने लगे तो इसे स्नो बालिंग कहते हैं l
19. शोर्ट सेलिंग (Short Selling): जब किसी व्यक्ति या दलाल द्वारा उससे अधिक स्टॉक के विक्रय का सौदा किया जाता जितना उसके पास है या जितना कहीं से लेकर पूर्ती कर सकता हैl यह क्रिया बिलकुल गैर-कानूनी है l
20. लार्ज कैप कम्पनियाँ (Large Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक हो l
21. मिड कैप कम्पनियाँ (Mid Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये से कम पर 2500 करोड़ से अधिक हो l
22. स्माल कैप कम्पनियाँ (Small Cap Companies): ये वे कम्पनियां होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 2500 करोड़ रुपये से कम हो l
23. पौंजी स्कीम (Ponzy Schemes): ये वे फर्जी कम्पनियाँ होती हैं जो कि लोगों को कम समय में अधिक रिटर्न की गारंटी देकर निवेशकों का पैसा लेकर गायब हो जातीं हैl ऐसी कंपनियों का सरकार के पास कोई भी रिकॉर्ड नही होता है l

Image Source:INFO FOREX SCAMS
ऊपर दिए गए शब्द उन सभी लोगों के लिए बहुत ही मददगार होंगे जो कि या तो शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं या शेयर बाजार कैसे काम करता है इस बारे में जानना चाहते हैं l

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

क्या होता है डीमैट खाता

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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

जरूरी शर्तें

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

Share Market Kya Hai? शेयर बाज़ार के बारे में basic जानकारी हिंदी में

Share Market Kya Hai? : Share market (शेयर बाज़ार) एक ऐसा विषय है जो मुझे बहुत पसंद है और यह काफी विस्तृत भी है किन्तु आज के लेख में मैं आपको केवल इसके बारे में कुछ basic जानकारी प्रदान करूँगा.

यदि आप इस विषय पर नए हैं तो सबसे पहले आपके लिए भी जरुरी है कि आप इसके बारे में समझें कि – शेयर बाज़ार आखिर होता क्या है? यह कैसे काम करता है आदि बुनियादी बातें समझने होंगे.

आज के दौर के लिए ‘share market’ कोई नया नाम नहीं है, इसके बारे में बहुत से लोग सुन चुके या इसके बारे में जानते हैं किन्तु उपरी तौर पर जानना और गहराई से जानने में काफी अंतर है. यदि आप भी सोंचते हैं कि कैसे कोई share market में पैसा लगा कर मुनाफा कमाता है तो आज का लेख अंत तक पढ़ें.

Table of Contents

Share Market Kya Hai?

Market के बारे में तो आप जानते ही हैं यहाँ पर वस्तुओं और सेवाओं का क्रय व विक्रय होता है ठीक इसी प्रकार share market में कंपनियों के share ख़रीदे और बेंचे जाते हैं. Market का मतलब ही होता है एक ऐसी जगह जहाँ पर खरीद – बिक्री किया जा सके.

Share का अर्थ होता है हिस्सा (किसी कंपनी में लगनेवाली पूंजी का हिस्सा) और आप share market में shares को खरीद और बेंच सकते हैं. शेयर बाज़ार में लोग बड़ी return की उम्मीद के साथ निवेश करते हैं.

इसप्रकार हम कह सकते हैं कि share market (stock market) एक ऐसी जगह है जहाँ पर हम किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीद और बेंच सकते हैं. मान लीजिये आपने किसी कंपनी का 10% शेयर लिए है तो हम कह सकते हैं कि आपका उस कंपनी में 10% हिस्सा है.

किसी कंपनी को चलाने के लिए बहुत बड़ी पूंजी की जरुरत होती है और कोई अकेला व्यक्ति इतनी बड़ी पूंजी कंपनी में नहीं लगा सकता है. इतनी बड़ी पूंजी की जरुरत को पूरा करने के लिए पूंजी को छोटे – छोटे अंशों में आम लोगों के बीच बाँट दिए जाते हैं, इन्ही अंशों या हिस्सों को share (stock) कहा जाता है. इन शेयरों को कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है और उस कंपनी का उतने हिस्से का मालिक बन सकता है.

Share market (शेयर बाज़ार) पर एक नजर :

⇒ किसी लिस्टेड कंपनी के shares ख़रीदे और बेंचे जाते हैं

⇒ आप ब्रोकर के माध्यम से shares ख़रीद और बेंच सकते हैं

⇒ ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए shares खरीदता और बेंचता है और इसके लिए commission चार्ज करता है.

⇒ शेयर बाज़ार में भाग लेने के लिए आपको किसी ब्रोकर के माध्यम से Trading account और Demat account खुलवाना होगा.

भारत के Stock Exchanges

भारत के दो stock exchanges हैं :

  1. BSE (Bombay Stock Exchange)
  2. NSE (National Stock Exchange)

BSE और NSE स्टॉक एक्सचेंजों पर ही भारत के शेयर बाज़ार का कारोबार होता है. BSE का प्रमुख इंडेक्स sensex है और NIFTY NSE पर सूचीबद्ध सर्वोच्च 50 shares पर आधारित है. यदि इसे साधारण शब्दों में कहें तो सेंसेक्स BSE (Bombay Stock Exchange) का संवेदी सूचकांक है जिसे BSE Sensex या BSE 30 ( क्योंकि यह सर्वोच्च 30 शेयरों पर आधारित है) भी कहा जाता है और इसीतरह NIFTY NSE (National Stock Exchange) का सूचकांक है.

शेयर बाज़ार में BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी का शेयर ख़रीदे और बेचें जाते है. शेयर क्रय और विक्रय करने के काम किसी ब्रोकर के माध्यम से किया जाता है.

Shares कैसे ख़रीदा जाता है?

Share market में भाग लेने के लिए आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर से मिलके ट्रेडिंग और डीमैट account खुलवाना होगा. कई बैंक भी ऐसे हैं जो ब्रोकर का काम करते है वहां जाकर भी आप account खुलवा सकते हैं.

शेयर्स खरीदने का मतलब होता है कि जब किसी कंपनी के द्वारा शेयर्स जारी किये जाते हैं तो आप उस कंपनी के Share Market कैसे काम करते हैं? प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर्स खरीदते हैं उतने शेयर्स पर आपका मालिकाना हक़ हो जाता है. आप इन खरीदे गये शेयर्स को जब चाहें बेंच सकते हैं.

शेयर बाज़ार में पैसे कैसे कमाये जा सकते हैं?

Share market में trading के दौरान पल – पल शेयरों की कीमत में उतार चढ़ाव होती रहती है. मांग और पूर्ति के अनुसार कीमत घटती – बढती रहती है. निवेशक यही उम्मीद लगाये रहते हैं कि शेयर की कीमत बढ़ेगी और वह बढ़ी हुई कीमतों पर ख़रीदे गये shares को बेंचेगा और उस बढ़ी हुई कीमतों के रूप में लाभ प्राप्त करेगा.

जब आप किसी कंपनी में निवेश करते हैं और उस कंपनी को लाभ होगा तब उस कंपनी का लाभ का अंश (आपके ख़रीदे गये shares के अनुपात में) आपको भी प्राप्त होगा जिसे dividend (लाभांश) कहते हैं. और दूसरा है share value growth से लाभ कमाना यानि कि shares के भाव जब बढ़ जाते हैं और तब आप अपने शेयरों को बढ़ी हुई कीमतों पर बेंचकर लाभ कमाते हैं.

अन्य महत्वपूर्ण बातें :

Share market का नियंत्रण SEBI (Securities and Exchange Board of India) अर्थात भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के हाथों में होता है. SEBI का मुख्य उद्देश्य निवेशकों की हितों की रक्षा करना है.

प्रत्येक निवेशकों की तरह यदि आप भी शेयर बाज़ार में निवेश करके मोटी कमाई करना चाहते हैं तो मैं आपसे इतना ही कहना चाहूँगा कि चाह रखना आसान है किन्तु पैसा कमाना नहीं. इसके लिए आपको पहले share bazaar को समझना होगा, अच्छी रणनीति के साथ बाज़ार में उतरें तो बेहतर होगा. शेयर बाज़ार में लाभ है तो हानि भी है यह कभी नहीं भूलें इसलिए आपको लाभ और हानि में संतुलन बनाना सीखना होगा.

शेयर बाज़ार में निवेश कर के ही वारेन बफे भी अरबपति बने हैं जो विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूचि में शामिल हैं किन्तु ये भी सत्य है कि हर रोज हजारों लोग भी निवेश करते हैं किन्तु हर कोई वारेन बफे नहीं बन सकता है.

शेयर बाज़ार में सफल होने के लिए आपको आम आदमी से अलग हटकर बाज़ार को देखना सीखना होगा. सफल होने के कुछ rules फॉलो करने होंगे. आपका प्रत्येक निवेश इतनी research के साथ होना चाहिए कि हानि की संभावना ही न रहे.

तो दोस्तों, आपको यह लेख कैसी लगी कमेंट करके हमें जरूर सूचित करें और यदि आपको यह लेख पसंद आयी हो तो like और share करना न भूलें.

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

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Stock Market: शेयर बाजार क्या है?

अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.

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BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.

स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.

शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.

कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.

ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.

किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.

Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.

प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.

कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.

इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.

अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.

शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.

आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.

बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.

इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.

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