एक ट्रेडिंग खाता क्या है

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व्यापार खाता क्या है। (What is Trading Account)
दोस्तों इस पोस्ट मे हम व्यापार खाता (Trading Account) के बारे में बात करेगे। की व्यापार खाता (Trading Account) क्या होता है। और व्यापार खाता (Trading Account) खाता क्यों बनाया जाता है। तथा व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से किसी व्यवसायी को क्या लाभ होता है।
पर दोस्तों व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से पहले हमे इसके पहले बनने वाले खातों को समझना होगा। तभी हम व्यापार खाता (Trading Account) बना सकते हैं।
जैसा कि मेने पहले भी कहा था कि लेखांकन (Accounting) की शुरुआत रोजनामचा (journal) से की जाती है। रोजनामचा (journal) से प्रत्येक पक्ष के खाता बही (Ledger) मे खतौनी (Posting) की जाती है तथा इस खाता बही (Ledger) के आधार पर तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है। और य़ह तलपट (Trial Balance) अंतिम खाते का आधार होता है। अतः इस तलपट (Trial Balance) के आधार पर ही व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है।
Trading Account जिसे हम हिन्दी मे व्यापार खाता या माल खाता भी कहते हैं। किसी व्यवसायी द्वारा माल (Goods) का क्रय विक्रय करने के बाद व्यवसाय में होने वाले सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का पता लगाने के लिए व्यवसायी द्वारा एक खाता बनाया जाता है। जिसे व्यापार खाता (Trading Account) कहते हैं।
व्यापार खाता (Trading Account) मे माल (Goods) क्रय विक्रय तथा माल (Goods) क्रय (Purchase) करते समय लगने वाले प्रत्यक्ष एक ट्रेडिंग खाता क्या है खर्चों (Direct Expenses) को शामिल किया जाता है। व्यापार खाता (Trading Account) से किसी व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का पता चलता है।
साधारण भाषा में कहे तो व्यवसाय मे सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का ज्ञात करने के लिए जो खाता तैयार किया जाता है। व्यापार खाता या माल खाता (Trading Account) कहते हैं। व्यापार खाते को माल खाता इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि इस खाते में केवल माल (Goods) के क्रय विक्रय संबधित लेन देनो को ही शामिल किया जाता है।
व्यापार खाता (Trading Account) से होने वाले लाभ या महत्व :-
1. व्यापार खाता (Trading Account) बनांने से किसी व्यवसायी को व्यवसाय के सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का ज्ञान होता है।
2. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से सकल लाभ (Gross Profit) का पता चलता है। और इसी सकल लाभ (Gross Profit) के प्रतिशत (Ratio) से व्यवसायी अपने व्यवसाय का मूल्यांकन करता है।
3. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले शुद्ध क्रय (Net Purchase) का ज्ञान होता है।
शुद्ध क्रय (Net Purchase) निकालने के लिए सूत्र :-
Net Purchase = Cash Purchase + Credit Purchase – Purchase Return
4. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले शुद्ध विक्रय (Net Sales) का ज्ञान होता है।
शुद्ध विक्रय (Net Sales) निकालने के लिए सूत्र :-
Net Sales = Cash Sales + Credit Sales – Sales Return
5. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले प्रत्यक्ष व्ययों (Direct Expenses) का ज्ञान होता है।
6. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसाय में विक्रय (Sale) किये गए मॉल (Goods) की लागत का मूल्यांकन करने में आसानी होती है।
व्यापार खाता (Trading Account) का प्रारूप :-
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व्यापार खाते का प्रारूप |
व्यापार खाता (Trading Account) कब बनाया जाता है। :-
साधारणतः व्यापार खाता (Trading Account) वित्तीय वर्ष के अंत में बनाया जाता है। परन्तु कभी-कभी ये व्यवसायी द्वारा 3 माह , 6 माह , तथा 9 माह में व्यवसाय की वित्तीय स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाया जा सकता है।
व्यापार खाता (Trading Account) बनाने का आधार :-
जैसा की हमने पहले भी पढ़ा था। की तलपट (Trial Balance) अंतिम खाते का आधार होता है। यदि आप नहीं जानते की तलपट (Trial Balance) क्या होता है। तो आप जरूर पढ़े :-
व्यापार खाता (Trading Account) तलपट (Trial Balance) के आधार पर बनाया जाता है। अर्थात सबसे पहले तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है। फिर इस तलपट (Trial Balance) को देखकर व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है।
व्यापार खाता (Trading Account) में शामिल होने वाली मदे :-
- Opening Stock (प्रारंभिक रहतिया )
- Purchase (क्रय )
- Purchase Return (क्रय वापसी )
- Cost Of Purchase (मॉल क्रय करते समय लगने वाले व्यय)
- Cost Of Production (मॉल उत्पादन करते समय लगने वाले व्यय)
- Sales (विक्रय )
- Sales Return (विक्रय वापसी)
- Closing Stock (अंतिम रहतिया )
दोस्तों इस पोस्ट में हमने देखा की व्यापार खाता (Trading Account) क्या है। तथा इसके क्या लाभ है। तो दोस्तों आप को ये पोस्ट कैसा लगा। कृपया मुझे Comment Box में जरूर बताये। और मुझे Follow जरूर करे। ताकि में इन Comment के आधार पर आप की मदद कर सकू।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास जरीवाला है। और Accounting सीखें हिंदी में ब्लॉग में आप का स्वागत है। दोस्तों आप को इस ब्लॉग पर Accounting, Tally Prime, Tally Erp 9, Commerce Stream आदि से सम्बंधित विषयो की जानकारी हिन्दी भाषा में मिलेगी। दोस्तों मेरा लक्ष्य इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को कम शब्दों में ज्यादा ज्ञान उपलब्ध करना है। और इसके लिए में हमेशा नई – नई जानकारी अपडेट करता रहता हु। इसलिए आप मेरे ब्लॉग से हमेशा जुड़े रहे। तथा सोशल आइकॉन की मदद से ब्लॉग को शेयर जरूर करे।
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश एक ट्रेडिंग खाता क्या है लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे एक ट्रेडिंग खाता क्या है पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
क्या होता है डीमैट अकाउंट?
डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।
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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
क्या सिर्फ डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।
SBI ने लॉन्च किया 3-in-1 अकाउंट, अब सेविंग्स, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग का फायदा एक ही अकाउंट से
SBI 3-in-1 Account : SBI के 3-in-1 अकाउंट में एक नार्मल खाता, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ मिल सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग करने के योग्य होंगे.
SBI ने लॉन्च किया 3 इन 1 अकाउंट.
प्रमुख सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी कि SBI ने अपने ग्राहकों के लिए बहुत ही खास घोषणा की है. SBI ने बिल्कुल नये 3-in-1 अकाउंट की शुरुआत कर दी है. इसमें ग्राहक एक सामान्य खाता, डीमैट खाता और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ उठा सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग कर पाएंगे. इस विशेष खाते का इस्तेमाल करके ग्राहक स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
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आपको बता दें कि जब भी आप शेयर बाजारों में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. इस 3-in-1 खाते को खोलने वाले ग्राहक इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में इंवेस्ट कर लिस्टिंग से फायदा (listing gains) उठा सकते हैं. SBI का कहना है कि कस्टमर्स ई-मार्जिन सुविधा के साथ ये 3-in-1 अकाउंट खोल सकते हैं.
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जरूरी कागजात
अगर आप भी SBI का ये 3-in-1 खाता खोलना चाहते हैं तो आपके पास ये सभी जरूरी काजगात होने चाहिए.
- पैन कार्ड
- फोटोग्राफ
- पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या Voter ID कार्ड
SBI डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
- पासपोर्ट साइज की एक फोटोग्राफ
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- एक कैंसिल चेक
क्या है ई-मार्जिन सुविधा
ई-मार्जिन फैसिलिटी के अंतर्गत, कम से कम 25 प्रतिशत मार्जिन के साथ ट्रेड किया जा सकता है. वहीं जरूरी मार्जिन पाने लिए कैश या कोलैटरल का यूज करके अगले एक ट्रेडिंग खाता क्या है 30 दिनों तक कैरी फॉरवर्ड कर सकता है. ग्राहकों के पास डिलीवरी को कन्वर्ट करके स्टॉक अपने डीमैट अकाउंट में मंगाने या फिर एक्सपायरी से पहले स्कैयर ऑफ करने का विकल्प भी रहेगा.
ऐसे उठाएं लाभ
इस खाते का लाभ लेने के लिए ग्राहकों को कुछ ईजी स्टेप्स फॉलो करने होंगे-
स्टेप 1: SBI Securities वेब प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेडिंग अकाउंट एक ट्रेडिंग खाता क्या है में Login करें.
स्टेप 2: Order Placement (खरीदें / बेचें) Menu पर जाएं.
स्टेप 3: ऑर्डर देते समय Product Type को ई-मार्जिन के रूप में चुनना है.
ट्रेडिंग खाते से निकासी
*व्यापार गतिविधि के अभाव के मामले में या ट्रेडिंग खाते की भरपाई के लिए भुगतान प्रणाली आयोगों प्रतिपूर्ति नीति के किसी भी दुरुपयोग का पता लगाने, IFC मार्केट्स ग्राहक के संतुलन से पूरी तरह से भुगतान प्रणालियों के डेबिट आयोगों का अधिकार सुरक्षित रखता है.
**यदि आप आहरण का अनुरोध भेजते हैं, तो IFC मार्केट्स आपके सभी खातों के लिए उपार्जित ऋणात्मक बैलेंस क्षतिपूर्ति की राशि के साथ-साथ प्रोन्नति के ढांचे में उपार्जित बोनस धनराशि को रद्द करने के लिए आपसे शुल्क लेने का अधिकार सुरक्षित रखता है.