क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है

क्रिप्टोकरेंसी में नुकसान उठाने से कैसे बचें, जानिए क्या हैं एक्सपर्ट्स के सुझाव
कम लिक्विडिटी वाले क्रिप्टो को खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इन्हें बेचने में मुश्किल हो सकती है
क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है। इसके साथ ही इनमें पैसा कमाने और गंवाने के भी मौके रहते हैं। अगर आप किसी सेलेब्रिटी के ट्वीट पर इनवेस्टमेंट कर रहे हैं या खुद को एक्सपर्ट्स बताने वाले किसी व्यक्ति की सलाह पर चल रहे हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है। यहां आपको उन गल्तियों के बारे में बताया जा रहा है जिनसे आपको क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने पर बचना चाहिए।
एक्सपर्ट्स की सलाह पर पूरा भरोसा न करें, अपनी रिसर्च भी जरूरी
आपको कई ऑनलाइन साइट्स पर क्रिप्टो एक्सपर्ट्स की सलाह मिल जाएगी। आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी किसी वास्तव में कोई क्रिप्टो एक्सपर्ट्स नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है और इनके प्राइसेज का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इस वजह से खुद रिसर्च करनी चाहिए।
कम लिक्विडिटी वाली क्रिप्टोकरेंसीज से बचें
लिक्विडिटी अधिक होने पर ही क्रिप्टोकरेंसीज को आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी में लिक्विडिटी कम है तो आपको उसे बेचने में मुश्किल होगी।
क्रिप्टो करेंसी क्या है
प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |
इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |
क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?
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क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी |
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)
वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-
बिटकाइन (Bitcoin)
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|
सिया कॉइन (Sia Coin)
सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |
लाइटकॉइन (Lite Coin)
लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |
डैश (Dash)
यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |
रेड कॉइन (Red Coin)
रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।
एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)
एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।
ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)
इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |
मोनेरो (Monero)
मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |
Cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान
वर्तमान में क्रिप्टो मार्किट में लगभग 10,000 से भी अधिक क्रिप्टोकोर्रेंसी उपलब्ध है। जिनमे से ज्यादातर क्रिप्टोकोर्रेंसी को कोई नहीं जनता और जानते भी होंगे तो इनमे निवेशकों ने बहुत ही कम पैसे निवेश किये है। लेकिन इन्ही में से शीर्ष के ऐसे क्रिप्टोकोर्रेंसी है जो काफी लोकप्रिय हो चुके है। और लोग इनमे अधिक से अधिक पैसे निवेश किये है। जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, टेथर, शीबा इनु इत्यादि।
Cryptocurrency लगभग पिछले चार-पांच सालों से देश में काफी लोकप्रिय होते जा रहा है और इसमें निवेशकों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ते जा रही है। हालाँकि इसकी शुरुवात 2008 से हो चूका था। परन्तु नए लोगो के लिए Cryptocurrency को समझने में थोड़ी परेशानी तो होती ही है। जो की स्वाभाविक है। तो आइये जाने क्रिप्टोकोर्रेंसी क्या है।
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क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What Is Cryptocurrency?)
क्रिप्टोकररेंसी या क्रिप्टोग्राफिक मनी एक डिजिटल प्रकार की मुद्रा है। यह कोई भौतिक धन (Physical currency ) नहीं है और न ही असल सिक्के या नोट है जिसे हम अपने पास या बैंक अकाउंट में जमा कर सकें। मतलब बिटकॉइन,एथेरियम और दूसरे क्रिप्टो करेंसी जैसे कोई भी भौतिक मुद्रा के रूप में उपलब्ध नहीं है जिसे लोग बाजार में असली पैसे के रूप में उपयोग कर सके। इसलिए यह पारम्परिक मुद्रा से बिलकुल ही अलग तरीके से संचालित होती है।
हमारे देश की करेंसी के नोट सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आदेश पर छापे जाते है। लेकिन क्रिप्टोकोरेंसी को अलग तरीके से बनाया और जारी किया जाता है। किसी भी क्रिप्टोकररेंसी को तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से प्रचलन में लाया जाता है जिसमे दुनिया भर के क्रिप्टो समुदाय के लोगो की भागीदारी शामिल होती है। यानि इसे दुनियाभर के क्रिप्टो तकनीक के जानकार लोग अपने अपने कम्पूटरो के माध्यम से तैयार करने के भागीदार होते है। वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी प्रमुख दो प्रोटोकॉल Proof of Work और Proof of Stake पर आधारित होते है।
क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह डिजिटल यानि सिर्फ आभाषी मुद्रा है जो ब्लॉक चैन पर संग्रहित होते है। ब्लॉकचैन पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा बनाये रखने के लिए डाटा और सूचनाओ को एन्क्रिप्ट करने की जरुरत होती है जो क्रिप्टोग्राफ़ी प्रणाली पर चलती है। इसलिए इसे क्रिप्टोग्राफ़ी मनी भी कहते है। इसे किसी भी देश के सरकार या संस्था द्वारा नियंत्रित या संचालित नहीं किया जा सकता जिसके कारण ही क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है इसे विकेन्द्रीकृत (decentralized) परिभाषित किया जाता है।
क्रिप्टोग्राफ़ी, क्रिप्टोकररेंसी एक्सचेंस के डिसेंट्रलाइज़्ड माध्यम के रूप में कार्य करता है जंहा ये डिजिटल हस्तांतरण (transaction) का सत्यापन, जाँच करके पूर्ण करने का कार्य करता है। और साथ ही नए क्रिप्टो करेंसी के निर्माण में उनके अंतर को चिन्हित करने का कार्य क्रिप्टोग्राफ़ी से ही होता है।
क्रिप्टोकररेंसी में आदान प्रदान (एक्सचेंस) मुख्य रूप से ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होते है जो क्रिप्टोकररेंसी को डिसेंट्रलाइज़्ड रूप में रखता है। ब्लॉकचैन, एक सार्वजनिक बही खाता की तरह है जिसमे अब तक उस नेटवर्क में किये गए सभी लेन देन की जानकारी होती है। इसलिए उस नेटवर्क के हर कोई सभी लेन देन की जानकारी देख सकता है।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?
क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।
पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता है।
बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।
क्रिप्टोकररेंसी का इस्तेमाल वर्तमान में पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ते जा रहा है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना फ़िएट मनी या नकद से उसके विनिमय दर यानी एक्सचेंज रेट पर की जाए तो यह उपयोगी और लाभकारी हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency
अगर आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।
इसमें अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।
दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।
इनके आलावा, क्रिप्टो के माध्यम रेगुलर इनकम कमाने के भी बहुत से तरीके है, जैसे आप क्रिप्टो माइन कर सकते हैं, इसे उधार देकर कमा सकते हैं, क्रिप्टो उधार भी ले सकते हैं और क्रिप्टो स्टेकिंग कर एक निश्चित आय भी कमा सकते है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of Cryptocurrencies
ढेरो खुबिया होने के बावजूद इसमें बहुत सी खामिया भी है। इसे इस्तेमाल करना यानी इसके वॉलेट का प्रयोग, ट्रांसेक्शन करना, अपने क्रिप्टो को सुरक्षित करना आदि सीखने में थोड़ा समय लगता है यानि वर्तमान में यह पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली नहीं है। पर जिस तेजी से लोग इसमें जुड़ते जा रहे है इसमें बहुत तेजी से सुधर हो रहा है।
और इसमें आपके क्रिप्टो के साथ कुछ भी होने पर केवल आप ही जिम्मेदार होंगे क्योकि आपके एसेट्स पर आपका पूरा नियंत्रण रहता है इसलिए आपको इसकी सुरक्षा भी खुद ही करनी होगी। थोड़ी सी भी चूक होने पर आप अपना पूरा क्रिप्टो (एसेट्स) हमेशा के लिए खो सकते है। और इन सबकी शिकायत के लिए ग्राहक सहायता जैसी कोई भी सुविधा नहीं होती। यानी थोड़ी सी चूक नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो और विकेन्द्रीकृत में सिक्योर रहने के लिए आपको सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान से पालन करें।
और अंत में बात करते है इसकी अस्थिरता (volatility) की। क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है करेंसी बेहद अस्थिर है, इनमे बहुत तेजी से उतर चढ़ाव होता है। जिस कारण इसमें अधिक मुनाफा भी होता है लेकिन उसी तरह अधिक नुकसान भी हो सकता है। लेकिन अगर आप क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हो तो जानते ही होंगे की यह बड़ी समस्या नहीं है। और इससे बचने के बहुत से तरीके है। जैसे स्टेबल कॉइन में निवेश कर सकते है या पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई किया जा सकता है। और तो और क्रिप्टो मार्किट की अस्थिरता समय के साथ कम होते जा रहा है। यानि इसकी अस्थिरता भविष्य में ज्यादा मायने नहीं रखेगी।
Cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है किसी को रातोंरात कर सकती है मालामाल तो किसी को कंगाल, जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान
What is cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इन दिनों देश में एक बहस सी चल पड़ी है। खुद पीएम मोदी इसे लेकर आगाह कर चुके हैं। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने तो इसे लेकर कानून बनाने की मांग की है।
- देश और दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है क्रिप्टोकरेंसी का चलन
- पीएम मोदी ने क्रिप्टो को लेकर जताई चिंता, कहा- ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें
- क्रिप्टो किसी को भी घंटों के अंदर बना सकती है मालामाल तो कर सकती है कंगाल भी
Cryptocurrency's advantages and disadvantages: आज बात उस डिजिटल डेंजर की, जिसकी तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में इशारा कर चुके हैं। सिर्फ इशारा नहीं बल्कि दुनिया के बड़े और ताकतवर मुल्कों को आगाह कर चुके हैं और इसका नाम है-क्रिप्टो करेंसी। बिटक्वाइन। वही बिटक्वाइन जो किसी की रातों क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है रात मालामाल तो किसी को रातों रात कंगाल बना देती है। आने वाले वक्त में पीएम मोदी इस बाबत बड़ा कदम उठाने वाले हैं। इसका संकेत उन्होंने दो दिन पहले दे दिया था। अब एक्शन की बारी है।
पीएम ने खतरे को लेकर जताई चिंता
पीएम मोदी ने इसे लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा, 'क्रिप्टो करेंसी और बिटक्वाइन। ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि ये गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।' क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री ने ये चिंता दो दिन पहले सिडनी डायलॉग में चलाई। ना सिर्फ चिंता जताई, बल्कि दुनिया के सभी बड़े देशों को इससे आगाह भी किया। तो सवाल ये है कि आखिर बिटक्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री का डर क्या है? पीएम ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अलार्म क्यों बजाया ? कौनसा खतरा है, जिसकी आहट हो चुकी है ?
क्या है क्रिप्टो करैंसी
आज आपको इन सभी सवालों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब मिलेगा। लेकिन सबसे पहले ये जान लीजिए कि आखिर ये क्रिप्टो करेंसी है क्या ? जी हां ये वही क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन है, जो पूरी दुनिया को बहुत तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है। इस रफ्तार से कि कल्पना करना मुश्किल है।ये वही क्रिप्टो करेंसी है, जो भारत में लीगल नहीं है। बावजूद इसके भारत वो देश है, जो इस अदृश्य करेंसी में सबसे ज्यादा इन्वेस्ट कर रहा है। इसीलिए सवाल उठता है कि आखिर देश में इस डिजिटल करेंसी का फ्यूचर क्या है? क्या सरकार इसे बैन करेगी या कानूनी मान्यता देगी?
सबसे डरावना पहलू
खैर सरकार इस बाबत क्या करने वाली है, तो आने वाले वक्त में पता चलेगा, लेकिन इस करेंसी के कुछ अपने खतरे हैं। वो क्या. समझिए। इसके अपने खतरे तो हैं ही। चाहे वो सरकार के लिए हों या उन लोगों के लिए जो इसके जरिए रातों रात रईस बनने का सपना देख रहे हैं। लेकिन अब ये भी समझिए कि आखिर इस छिपे हुए या अदृश्य मनी को लाने के पीछे का मकसद क्या था? सबसे डरावना पहलू ये है कि जिस तरह से ये रुपया अदृश्य है, उसी तरह से इसे अस्तित्व में लाने वाला शख्स भी।
फायदा और नुकसान दोनों
2010 में एक बिट क्वाइन की कीमत सिर्फ 22 पैसे थे, लेकिन अब इसकी कीमत क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। इस क्रिप्टो करेंसी के खतरे क्या हैं, उसे भी समझिए। इन सब खतरों के बीच, प्रश्न ये है कि आखिर भारत में इस करेंसी का क्या भविष्य क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है है। क्या सरकार इसे बैन करने वाली है, या कानूनी मान्यता देगी? भारत में क्रिप्टो करेंसी बैन होगी या नहीं, इसका जवाब आने वाले वक्त में मिलेगा, लेकिन दुनिया के कई देशों में ये बैन है। तो कहने का मतलब ये है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि जितने इसके फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं।
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क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है फायदे और नुकसान
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्रांति लाने के इरादे से लॉन्च किया गया था। लेकिन, हर क्रांति के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी — क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की देन है। आज, यहां आप पढ़ेंगे क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदों और इससे होने वाले नुकसान के बारे में।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे
क्रिप्टोकरेंसी सबसे सिक्योर करेंसी मानी जाती है, क्योंकि यह क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से मिलकर बनीं है।
क्रिप्टोकरेंसी पैसे के लिए एक नया सेंट्रलाइज्ड सिस्टम डिफाइन करती है। इस सिस्टम में ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर होने की जरूरत नहीं हैं। फलस्वरूप, समय और रिसॉर्स दोनों की बचत होती है।
क्रिप्टोकरेंसी किसी विश्वसनीय थर्ड पार्टी जैसे बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी की जरूरत के बगैर, दो पार्टी के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करना आसान बनाती है।
क्योंकि यह थर्ड-पार्टी मिडिएटर का उपयोग नहीं करती है, दो ट्रांजेक्शन करने वाली पार्टियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर, स्टैंडर्ड मनी ट्रांसफर की तुलना में ज्यादा फास्ट होते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से लाभ मिल सकता है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वैल्यू पिछले एक दशक में आसमान छू गई है, एक पॉइंट पर तो यह लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बेहद अस्थिर हैं। दुनिया भर में 24×7 इस पर ट्रेडिंग चलती रहती है। अक्सर, किसी भी देश में नियामक कार्रवाई की फुर्ती से कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसी तरह, अटकलें कीमतों को बढ़ा सकती हैं।
एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम, जो किसी को भी, कहीं भी पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, होने की वजह से इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में सरकारें एक मत नहीं है। कुछ देशों में सरकार ने इसे लीगल करार दे दिया है तो कहीं पर अभी भी इस पर कानून की तलवार लटकी हुई है।
मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खरीदारी जैसी नापाक गतिविधियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों के लिए एक लोकप्रिय उपकरण बन गई है। कुछ रिपोर्ट्स ने डार्क वेब पर ड्रग्स बेचने के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने के संकेत दिए हैं। क्रिप्टोकरेंसी भी हैकर्स की पसंदीदा बन गई है जो उनका इस्तेमाल हानिकारक गतिविधियों के लिए करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का एक नुकसान यह है कि कोई भी इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें माइन (खनन) कर सकता है। हालांकि, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए काफी एनर्जी की जरूरत होती है, कभी-कभी उतनी ऊर्जा, जितनी कि पूरे देश में खपत होती है।
हालांकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की वजह से बेहद सिक्योर है, लेकिन दूसरी क्रिप्टो रिपॉजिटरी, जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज और वॉलेट को हैक किया जा सकता है। समय-समय पर कई ऐसी ख़बरें आईं हैं जब एक्सचेंज और वॉलेट को हैक कर लिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी लाखों डॉलर वैल्यू के "कॉइन" चोरी कर लिए गए।
निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यह सलाह दी जा सकती है कि निवेश करने से पहले अपने धन लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और रिटर्न अपेक्षाओं के अनुरूप सावधानीपूर्वक निर्णय लें।