पुट ऑप्शन की खरीद

इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और यह कैसे काम करता है?
सूचकांक विकल्प एस एंड पी 500 या डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज जैसे स्टॉक इंडेक्स पर आधारित वित्तीय डेरिवेटिव हैं। सूचकांक विकल्प निवेशक को परिभाषित समयावधि के लिए अंतर्निहित स्टॉक इंडेक्स खरीदने या बेचने का पुट ऑप्शन की खरीद अधिकार देते हैं। चूंकि इंडेक्स ऑप्शंस इंडेक्स में स्टॉक की एक बड़ी टोकरी पर आधारित होते हैं, इसलिए निवेशक आसानी से उन्हें ट्रेडिंग करके अपने पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं। एक्सरसाइज करते समय इंडेक्स ऑप्शन कैश सेटल होते हैं, सिंगल स्टॉक के विकल्पों के विपरीत जहां एक्सरसाइज करने पर अंतर्निहित स्टॉक ट्रांसफर होता है।
सूचकांक विकल्पों को उनके अभ्यास के लिए अमेरिकी के बजाय यूरोपीय-स्टाइल के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यूरोपीय शैली के विकल्पों को केवल समाप्ति पर ही प्रयोग किया जा सकता है, जबकि अमेरिकी विकल्पों को किसी भी समय समाप्त होने तक व्यायाम किया जा सकता है। सूचकांक विकल्प लचीले व्युत्पन्न हैं और स्टॉक पोर्टफोलियो को अलग-अलग व्यक्तिगत शेयरों से युक्त करने के लिए या सूचकांक के भविष्य की दिशा में अनुमान लगाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
निवेशक सूचकांक विकल्पों के साथ कई रणनीतियों का पुट ऑप्शन की खरीद उपयोग कर सकते हैं। सबसे आसान रणनीतियों में कॉल खरीदना या इंडेक्स पर डालना शामिल है। सूचकांक के स्तर पर दांव लगाने के लिए, पुट ऑप्शन की खरीद एक निवेशक एक कॉल विकल्प को एकमुश्त खरीदता है। नीचे जाने वाले सूचकांक पर विपरीत दांव लगाने के लिए, एक निवेशक पुट ऑप्शन खरीदता है। संबंधित रणनीति में बुल कॉल स्प्रेड और भालू पुट स्प्रेड खरीदना शामिल है। बुल कॉल स्प्रेड में कम स्ट्राइक मूल्य पर कॉल विकल्प खरीदना और फिर उच्च मूल्य पर कॉल ऑप्शन बेचना शामिल है। भालू डाल फैल सटीक विपरीत है। पैसे से आगे एक विकल्प बेचकर, एक निवेशक स्थिति के लिए विकल्प प्रीमियम पर कम खर्च करता है । ये रणनीति निवेशकों को एक सीमित लाभ का एहसास करने की अनुमति देती है यदि सूचकांक ऊपर या नीचे चलता है लेकिन बेचा विकल्प के कारण कम पूंजी का जोखिम रखता है।
निवेशक बीमा के रूप में अपने पोर्टफोलियो को हेज करने के लिए पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं । व्यक्तिगत स्टॉक का एक पोर्टफोलियो संभावित रूप से स्टॉक इंडेक्स के साथ अत्यधिक सहसंबद्ध होता है, जिसका अर्थ है कि अगर स्टॉक की कीमतों में गिरावट होती है, तो बड़े इंडेक्स की संभावना में गिरावट आती है। प्रत्येक व्यक्तिगत स्टॉक के लिए पुट ऑप्शन खरीदने के बजाय, जिसमें महत्वपूर्ण लेनदेन लागत और प्रीमियम की आवश्यकता होती है, निवेशक स्टॉक इंडेक्स पर पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं। यह पोर्टफोलियो नुकसान को सीमित कर सकता है, क्योंकि स्टॉक इंडेक्स में गिरावट होने पर पुट ऑप्शन पोजीशन की वैल्यू बढ़ जाती है। निवेशक अभी भी पोर्टफोलियो के लिए लाभ की क्षमता को बरकरार रखता है, हालांकि संभावित लाभ प्रीमियम से कम हो जाता है और पुट विकल्पों के लिए खर्च होता है।
सूचकांक विकल्पों के लिए एक और लोकप्रिय रणनीति कवर कॉल बेच रही है । निवेशक स्टॉक इंडेक्स के लिए अंतर्निहित अनुबंध खरीद सकते हैं, और फिर आय उत्पन्न करने के लिए अनुबंध के खिलाफ कॉल विकल्प बेच सकते हैं। अंतर्निहित सूचकांक के तटस्थ या मंदी के दृश्य वाले निवेशक के लिए, कॉल विकल्प बेचना लाभ का एहसास कर सकता है यदि सूचकांक चॉप करता है या नीचे जाता है। यदि इंडेक्स जारी रहता है, तो निवेशक इंडेक्स के मालिक होने से मुनाफा कमाता है लेकिन बेचे गए कॉल से खोए हुए प्रीमियम पर पैसा खो देता है। यह अधिक उन्नत रणनीति है, क्योंकि निवेशक को बेची गई राशि की मात्रा का पूरी तरह से पता लगाने के लिए बेचे गए विकल्प और अंतर्निहित अनुबंध के बीच स्थिति डेल्टा को समझने की आवश्यकता है ।
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस क्या हैं? निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें
हर कोई अपने निवेश से मुनाफा कमाना चाहता है. मार्केट (बाजार) में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. आज हम वित्तीय साधनों (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) के बारे पुट ऑप्शन की खरीद में बात करेंगे, जिन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के तौर पर जाना जाता है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Sep 16, 2022 | 5:35 PM
हर कोई अपने निवेश से मुनाफा कमाना चाहता है. मार्केट (बाजार) में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. आज हम वित्तीय साधनों (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) के बारे में बात करेंगे, जिन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के तौर पर जाना जाता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के जरिए न केवल शेयरों में, बल्कि सोने, चांदी, एग्रीकल्चर कमोडिटी और कच्चे तेल (क्रड ऑयल) सहित कई अन्य डेरिवेटिव सेगमेंट में भी कारोबार करके पैसा कमाया जा सकता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस को समझने से पहले उस मार्केट को समझना जरूरी है, जिसमें ये प्रोडक्ट्स खरीदे और बेचे जाते हैं.
इन दोनों प्रोडक्ट का डेरिवेटिव मार्केट में कारोबार होता है. ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जहां से ये ट्रेड किए जा सकते हैं. अगर आप भी इसमें शुरुआत करना चाहते हैं, तो 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO) वह प्लेटफॉर्म है जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आपका सफर शुरू करने में मदद कर सकता है.
डेरिवेटिव्स क्या होते हैं?
डेरिवेटिव वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) हैं, जो एक अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) या बेंचमार्क से अपनी कीमत (वैल्यू) हासिल करते हैं. उदाहरण के लिए, स्टॉक, बॉन्ड, करेंसी, कमोडिटी और मार्केट इंडेक्स डेरिवेटिव में इस्तेमाल किए जाने वाले कॉमन एसेट हैं. अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) की कीमत बाजार की स्थितियों के मुताबिक बदलती रहती है. मुख्य रूप से चार तरह के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट हैं – फ्यूचर (वायदा), फॉरवर्ड, ऑप्शन और स्वैप.
फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (वायदा अनुबंध) क्या है?
फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के जरिए खरीदार (या विक्रेता) भविष्य में एक पूर्व निर्धारित तिथि पर एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर संपत्ति खरीद या बेच सकता है. वायदा कारोबार (फ्यूचर ट्रेडिंग) करने वाले दोनों पक्ष अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) को पूरा करने के लिए बाध्य होते हैं. इन अनुबंधों का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है. वायदा अनुबंध की कीमत अनुबंध खत्म होने तक मार्केट के हिसाब से बदलती रहती है.
एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट (विकल्प अनुबंध) क्या है?
ऑप्शन एक अन्य तरह का डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट है, जो खरिदार (या विक्रेता)को भविष्य में एक खास कीमत पर एक अंतर्निहित परिसंपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है, लेकिन उस तारीख पर शेयर खरीदने या बेचने की कोई बाध्यता नहीं होती है. इस स्थिति में अगर जरूरी हो, तो वह किसी भी समय ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट (विकल्प अनुबंध) से बाहर निकल सकता है. लेकिन फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (वायदा अनुबंध) में ऐसा करना संभव नहीं है. आपको फ्यूचर डिलीवरी के समय कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) पूरा करना होगा. दो तरह के ऑप्शन (विकल्प) हैं. पहला है कॉल ऑप्शन और दूसरा है पुट ऑप्शन. कॉल ऑप्शन संपत्ति (एसेट) खरीदने का अधिकार देता है जबकि पुट ऑप्शन बेचने का अधिकार देता है.
Option Trading पुट ऑप्शन की खरीद Kaise karte Hai?| Call and Put Option |
दोस्तों अभी भी बहुत सारे लोगों को ये नहीं पता की Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option क्या है ? , दोस्तों शेयर मार्किट में वैसे तो बहुत सारे माध्यम हे शेयर मार्किट में निवेश करके पैसे कमाने के , उसमे से एक हे ऑप्शन ट्रडिंग। जिसकी आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे , सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा क्युकी ये बहुत ही informative होगा आपके लिए।
Option Trading Kya Hai?
Option का मतलब विकल्प। example के पुट ऑप्शन की खरीद लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 500 शेयर 1500 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 80 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 50 हो गया , तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।
ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। ऐसे में आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।
अभी आपको ये लग पुट ऑप्शन की खरीद रहा होगा की ये बहुत फायदे मंद हे , पर ऐसा भी नहीं है आगे जानिए –
Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option |
Option Trading Kaise karte Hai?
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं , Option Trading Kaise karte Hai?
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप एक कंपनी का, 1 शेयर नहीं खरीद सकते आपको LOT में खरीदना पड़ेगा. Bank NIfty का एक lot 25 का और Nifty50 का एक Lot 75 का होता है लेकिन शेयर में ज्यादा होता हैं। किसी भी शेयर और Nifty50, Bank NIfty का Option खरीदने के लिए आपको जाना होगा आपके Demat Account में। उसके बाद जो भी खरीदना है वो आपको सर्च बार में देखना होगा फिर आपको Call या Put जो भी खरीदना है खरीद सकते हैं।
Call and Put Option In Hindi
Call and Put Option In Hindi , कॉल और पुट Trading क्या है?
Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो मतलब अगर शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा –
ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो।मतलब अगर शेयर का प्राइस निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा। Price Action Trading Strategy In Hindi का Use आपको फ़ायदा होगा |
आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।
कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi –
कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi,
Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो मतलब अगर शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा –
for Example –
मान लीजिये Spot Price Hai 30000
Banknifty 21jan 31000 CE
अपने Banknifty का कॉल ऑप्शन लिया है 31000 का तो जैसी ही price 100 point ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा मिलगा , लेकिन अगर ऐसा न हो कर प्राइस निचे चला जाता है तो आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। लेकिन सिर्फ उतना ही जितना अपने प्रीमियम दिए होगा।
Put ऑप्शन क्या है in Hindi –
Put ऑप्शन क्या है in Hindi –
ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो।मतलब अगर शेयर का प्राइस निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा।
आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।
For Example –
मान लीजिये Spot Price Hai 30000
Banknifty 21jan 29000 PE
अपने Banknifty का पुट ऑप्शन लिया है 29000 का तो जैसी ही price 100 point निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा मिलगा , लेकिन अगर ऐसा न हो कर प्राइस ऊपर चला जाता है तो आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। लेकिन सिर्फ उतना ही जितना अपने प्रीमियम दिए होगा।
Option Trading का Expiry day कब होता है?
Option Trading में दो तरह का Expiry होता है एक होता है सप्ताह( Weekly ) और दूसरा होता है महीना ( monthly ) में। सप्ताह (Weekly Expiry) में हर गुरूवार को ही NIFTY 50 और BANK NIFTY का expiry Day होता हैं। और ( monthly ) महीना में शेयर का अंतिम गुरूवार को expiry day होता है, जो शेयर Option Trading में लिस्टेड हैं।
ठीक सी तरीके से weekly days सिर्फ 5 दिन की होती हे Saturday , Sunday बंद होता है मार्किट।
दोस्तों अगर आप अभी नए हो मार्किट में , आपको ज्यादा knowledge नहीं हे शेयर मार्किट की तो ये ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए जोखिम हो सकता है। इसलिए सबसे पहले knowledge ले और समझे मार्किट के बारे में तभी निवेश करे।
अगर आप beginner हे तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग न करे।
Options Trading से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें –
एक बात का ध्यान रखें options trading Greeks .
किसी ऑप्शन ट्रेड के सफल होने के लिए कई चीजों को एक साथ मिलकर काम करना होता है।
अगर यह सारी ताकतें एक साथ ट्रेडर के पक्ष में काम करेगी तो उसका ट्रेड सफल होगा। ऑप्शन ट्रेड में इन ताकतों को ऑप्शन ग्रीक्स कहते हैं।
यह ताकतें हर option contract पर हर मिनट असर डाल रही होती हैं और इसकी वजह से प्रीमियम बढ़ता या घटता है।
अगर आपने ग्रीक्स के बारे में सही से जानकारी ले ली और ग्रीक्स को सही से समझ लिया तो आपको ट्रेडिंग में सफलता आसानी से मिल सकती हे।
दोस्तों अगर आपको इस पोस्ट से ( Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option | ) हेल्प मिली हो तो कमेंट करके ज़रूर बताये और अगर आपके मन में कोई भी doubt हो तो हमसे कमेंट बॉक्स में साँझा करे और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे।
पुट ऑप्शन की खरीद
विशेषताएं
यह बैंक और उसके ग्राहकों पुट ऑप्शन की खरीद के बीच एक अनुबंध है जिसमें ग्राहक को एक निश्चित अवधि के भीतर निश्चित मूल्य पर अंतर्निहित परिसंपत्ति की एक निर्दिष्ट राशि को खरीदने/बेचने का अधिकार है लेकिन दायित्व नहीं है, लेकिन ऐसा करना बाध्यकारी नहीं है। इस अनुबंध में, ग्राहक को प्रतिपक्षकार को निर्दिष्ट राशि का अग्रिम भुगतान करना होता है जिसे प्रीमियम के रूप में जाना जाता है।
यह वायदा अनुबंध के विपरीत है जिसमें दोनों पक्षों का एक बाध्यकारी अनुबंध होता है।
किसी प्रतिभूति को बेचने के अधिकार को 'पुट ऑप्शन' कहा जाता है, जबकि खरीदने के अधिकार को 'कॉल ऑप्शन' कहा जाता है। ऑप्शन अनुबंध का उपयोग निम्न के लिए किया जा सकता है:
अंतर्निहित परिसंपत्तियों की कीमत में बिना निवेश किए परिवर्तन से लाभ कमाना।
ऑप्शन अनुबंध का उपयोग अंतर्निहित परिसंपत्तियों की कीमत में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा के लिए भी किया जा सकता है, जो एक निर्दिष्ट अवधि के लिए पूर्व-निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित परिसंपत्तियों की खरीद या बिक्री करता है।
ऑप्शन पर एमटीएम लाभ और हानि को उपलब्ध तरल मार्जिन के विरुद्ध समायोजित किया जाता है। शुद्ध विकल्प मूल्य की गणना विकल्प के समापन मूल्य का उपयोग करके की जाती है और अगले दिन लागू की जाती है।
यूरोपीय ऑप्शन - यूरोपीय ऑप्शन ऐसे ऑप्शन हैं जिनका प्रयोग केवल समाप्ति तिथि पर किया जा सकता है। एनएसई में ट्रेड किए जाने वाले सभी इंडेक्स ऑप्शंस यूरोपियन ऑप्शंस हैं।
इन-द-मनी ऑप्शंस (आईटीएम) - इन-द-मनी ऑप्शन एक ऐसा ऑप्शन है जिसका तुरंत प्रयोग करने पर लाभ होता है।
एट-द-मनी-ऑप्शन (एटीएम) - एट-द-मनी ऑप्शन एक ऐसा ऑप्शन है जिसके परिणामस्वरूप कोई लाभ हानि नहीं की स्थिति होती है यदि इसे तुरंत प्रयोग किया गया है।
आउट-ऑफ-द-मनी-ऑप्शन (OTM) - एक आउट-ऑफ-द-मनी ऑप्शन एक ऐसा ऑप्शन है जिसके परिणामस्वरूप नुकसान होता है यदि इसे तुरंत प्रयोग किया गया है।