निजी निवेश

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हमने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जिसमें चीन की निर्यात क्षमता कम हो रही है, लेकिन यूपी के लिए संभावना बन रही है।
Daily Voice: निजी क्षेत्र के निवेश में जल्द आएगा उफान, इन 13 शेयरों में होगी जोरदार कमाई
एचडीएफसी सिक्योरिटीज इन्वेस्टमेंट आधारित ग्रोथ साइकिल पर पॉजिटिव है और हमारे टॉप पिक्स में कई मल्टीईयर थीम हैं जो फाइनेंशियल कैपिटल गुड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से हैं
आगे के लिए भारत का इकोनॉमिक आउटलुक काफी अच्छा है। कोविड के बाद इकोनॉमी में आ रही रिकवरी आगे भी टिकी रहेगी और यह ग्रोथ आगे कई वर्षों तक जारी रहेगी
HDFC Securities का मानना है कि प्राइवेट सेक्टर कैपेक्स (निजी कंपनियों द्वारा किए जाने वाला निवेश) जोर पकड़ने वाला है। कंपनियों के बैलेंसशीट में मजबूती , उनके बेहतर मुनाफे , बैंकिंग सिस्टम के एनपीए साइकिल के खत्म होना, बढ़ती घरेलू मांग ऐसे कारण हैं जिससे आगे हमें प्राइवेट सेक्टर का कैपेक्स बढ़ता दिखेगा। ये बाते मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरुण लोचाब ( Varun Lohchab) ने कहीं।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि एचडीएफसी सिक्योरिटीज इन्वेस्टमेंट आधारित ग्रोथ साइकिल पर पॉजिटिव है और हमारे टॉप पिक्स में कई मल्टीईयर थीम हैं जो फाइनेंशियल कैपिटल गुड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से हैं। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि आगे के लिए भारत का इकोनॉमिक आउटलुक काफी अच्छा है। कोविड के बाद इकोनॉमी में आ रही रिकवरी आगे भी टिकी रहेगी और यह ग्रोथ आगे कई वर्षों तक जारी रहेगी।
सरकारी निवेश में टैक्स कलेक्शन बढ़ने के साथ ही तेजी बनी रहेगी। इसके साथ ही निजी क्षेत्र की तरफ से होने वाला निवेश भी आगे हमें जोरदार गति पकड़ता नजर आएगा। प्राइवेट सेक्टर में मेटल, पावर, टेलीकॉम, सीमेंट, आईटी , ऑटो और ऑयल एंड गैस में अच्छा निवेश आता दिखेगा।
किसके बढ़ने के फलस्वरूप निजी निवेश में वृद्धि की अधिक संभावना होगी?
सही उत्तर नई पूंजी पर अपेक्षित प्रतिफल है। Key Points
- एक बड़ा बजट घाटा वित्तीय पूंजी की मांग को बढ़ाएगा।
- यदि निजी बचत और व्यापार संतुलन समान रहता है, तो भौतिक पूंजी में निजी निवेश के लिए कम वित्तीय पूंजी उपलब्ध होगी।
- नई पूंजी पर अपेक्षित उपज में वृद्धि के परिणामस्वरूप निजी निवेश में वृद्धि होने की सबसे अधिक संभावना होगी।
- ऐसी स्थिति जब ब्याज दरों में वृद्धि से निजी निवेश खर्च में कमी आती है, जिससे कुल निवेश खर्च की प्रारंभिक वृद्धि कम हो जाती है, इसेक्राउडिंग आउट इफेक्टकहा जाता है।
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Last updated on Nov निजी निवेश 21, 2022
UPSSSC PET 2021 Scores Validity Extended till 8th January 2023 or till the declaration of UPSSSC PET 2022 Results. UPSSSC PET Scores are to be considered for candidates who have applied for the UPSSSC Junior Assistant. UPSSSC PET Provisional Answer Key Released on 20th October 2022! The exam was conducted on 15th and 16th October 2022 in two shifts each day. The Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission (UPSSSC) conducts UPSSSC PET as the eligibility test to apply for recruitment to various posts under the Government of Uttar Pradesh. Candidates who qualify the PET can apply for the recruitment and further selection process for the post of their choice.
Investment: यूपी को पांच साल में चाहिए 76 लाख करोड़ का निवेश, केवी सुब्रमण्यन ने दिया 10 खरब डॉलर का रोडमैप
केवी सुब्रमण्यन ने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य को बहुआयामी सुझाव दिए गए हैं। यूपी को निजी निवेश को बढ़ावा देना होगा। श्रम सुधारों को लागू करना होगा। राज्य उन पर अमल कर सका, तो नौकरियों की बहार होगी और रोजगार के 5.7 करोड़ से ज्यादा निजी निवेश अवसर पैदा होंगे।
यूपी को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का रोडमैप देने वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के नामित कार्यकारी निदेशक केवी सुब्रमण्यन का कहना है कि प्रदेश को पांच वर्ष में मौजूदा अर्थव्यवस्था के आकार से चार गुना ज्यादा वृद्धि करनी होगी। वर्ष 2027 तक 30-35 फीसदी विकास दर हासिल करनी होगी। 76 लाख करोड़ रुपये निवेश करना होगा। इसके लिए एफडीआई से देसी निवेशकों तक कहां से कितना निवेश आ सकता है, इसका खाका उपलब्ध कराया है।
प्रो. सुब्रमण्यन ने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य को बहुआयामी सुझाव दिए गए हैं। यूपी को निजी निवेश को बढ़ावा देना होगा। श्रम सुधारों को लागू करना होगा। राज्य उन पर अमल कर सका, तो नौकरियों की बहार होगी और रोजगार के 5.7 करोड़ से ज्यादा अवसर पैदा होंगे।
- 5.7 करोड़ नौकरियां पैदा करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र को बनाना होगा विकास का इंजन
- 45 फीसदी निवेश विनिर्माण क्षेत्र में यानी करीब 43 लाख करोड़
- 19 लाख करोड़ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रदेश को चाहिए
- 30-35 प्रतिशत औसत वृद्धि दर
- 43-47 प्रतिशत जीएसडीपी का निवेश
- प्रो. सुब्रमण्यन बताते हैं, यूपी की आर्थिकी अभी करीब 250 अरब डॉलर की है। इसे चार गुना करना है। इसके लिए डॉलर के मुकाबले रुपये के 30 वर्ष के औसत मूल्य ह्रास का अध्ययन किया।
- एक सदी में जिन देशों की वृद्धि दर न्यूनतम 10 साल तक पांच फीसदी की दर से बढ़ी है, उनका विश्लेषण किया। पता चला कि उनके विकास का मुख्य आधार निजी निवेश था। निजी निवेश से ही वर्चुअस साइकिल (सुदृढ़ चक्र) चलती है। वे बताते हैं, आर्थिकी की वर्चुअस साइकिल शब्द का उल्लेख 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में किया था।
- इस अनुमान के आधार पर सालाना 30 फीसदी से अधिक वृद्धि दर की जरूरत होगी, निजी निवेश को सर्वाधिक प्रोत्साहन देना होगा। जीएसडीपी में इस क्षेत्र का औसत योगदान सर्वाधिक होगा।
- हमने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जिसमें चीन की निर्यात क्षमता कम हो रही है, लेकिन यूपी के लिए संभावना बन रही है।
- कृषि में काफी संभावनाएं हैं। रणनीति निर्धारण में उन पर ध्यान दिया गया है। लेकिन, रोजगार बढ़ाना है, डिमांड बढ़ाना है तो पूरा फोकस विनिर्माण क्षेत्र पर करना होगा।
विस्तार
यूपी को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का रोडमैप देने वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के नामित कार्यकारी निदेशक केवी सुब्रमण्यन का कहना है कि प्रदेश को पांच वर्ष में मौजूदा अर्थव्यवस्था के आकार से चार गुना ज्यादा वृद्धि करनी होगी। वर्ष 2027 तक 30-35 फीसदी विकास दर हासिल करनी होगी। 76 लाख करोड़ रुपये निवेश करना होगा। इसके लिए एफडीआई से देसी निवेशकों तक कहां से कितना निवेश आ सकता है, इसका खाका उपलब्ध कराया है।
प्रो. सुब्रमण्यन ने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य को बहुआयामी सुझाव दिए गए हैं। यूपी को निजी निवेश को बढ़ावा देना होगा। श्रम सुधारों को लागू करना होगा। राज्य उन पर अमल कर सका, तो नौकरियों की बहार होगी और रोजगार के 5.7 करोड़ से ज्यादा अवसर पैदा होंगे।
- 5.7 करोड़ नौकरियां पैदा करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र को बनाना होगा विकास का इंजन
यूपी को 2027 तक चाहिए.
- 45 फीसदी निवेश विनिर्माण क्षेत्र में यानी करीब 43 लाख करोड़
- 19 लाख करोड़ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रदेश को चाहिए
- 30-35 प्रतिशत औसत वृद्धि दर
- 43-47 प्रतिशत जीएसडीपी का निवेश
इस तरह तैयार हुआ रोडमैप- प्रो. सुब्रमण्यन बताते हैं, यूपी की आर्थिकी अभी करीब 250 अरब डॉलर की है। इसे चार गुना करना है। इसके लिए डॉलर के मुकाबले रुपये के 30 वर्ष के औसत मूल्य ह्रास का अध्ययन किया।
- एक सदी में जिन देशों की वृद्धि दर न्यूनतम 10 साल तक पांच फीसदी की दर से बढ़ी है, उनका विश्लेषण किया। पता चला कि उनके विकास का मुख्य आधार निजी निवेश था। निजी निवेश से ही वर्चुअस साइकिल (सुदृढ़ चक्र) चलती है। वे बताते हैं, आर्थिकी की वर्चुअस साइकिल शब्द का उल्लेख 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में किया था।
डिमांड बढ़ाने पर फोकस
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हमने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जिसमें चीन की निर्यात क्षमता कम हो रही है, लेकिन यूपी के लिए संभावना बन रही है।
योगी सरकार इन क्षेत्रों में खोलेगी निजी निवेश के द्वार, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से शुरू होगी मुहिम
योगी आदित्यनाथ सरकार अब बिजली संयंत्र, ग्रीन हाइड्रोजन, एयरक्राफ्ट, एयरपोर्ट आदि में निजी निवेश के लिए दरवाजे खोलने जा रही है। इसमें निवेश के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार अब बिजली संयंत्र, ग्रीन हाइड्रोजन, एयर क्राफ्ट, एयरपोर्ट आदि में निजी निवेश के लिए दरवाजे खोलने जा रही है। इस नए सेक्टर में निवेश के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस मुहिम का बड़ा जरिया बनने जा रही है।
केंद्र के निर्देश पर यूपी सरकार ने राज्य में अब उन सेक्टरों पर फोकस किया है, जहां अभी सारा काम सरकार खुद ही करती है। वैश्विक स्तर पर बाजार की बदलती मांग, नई तकनीक के साथ कदमताल निजी निवेश के लिए यूपी ने इन सेक्टरों की पहचान की है। इन क्षेत्रों में अभी रियायतें देने का मौजूदा नीतियों में कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है।
इलेक्ट्रिकल मशीनरी, खनन करने वाली मशीनें संबंधित यंत्र निर्माण में कई विदेशी कंपनियां भारत में अवसर देख रही हैं। रसायन, एग्रो कैमिकल, पालीमर पेट्रोकैमिकल के क्षेत्र में नई तकनीक के आने से इस क्षेत्र में नए उत्पाद बनाने के लिए कंपनियां विशिष्ट अनुभव रखती हैं। इन्हें यूपी में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
एयरक्राफ्ट का क्षेत्र अभी पूरी तरह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए है। अब यह भी निजी पूंजी निवेश के लिए खोला जा रहा है। मोटर वाहन उद्योग के विस्तार की भी काफी गुंजाइश है। योगी सरकार ने अब नई औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 में इन नए सेक्टर को शामिल करने का निर्णय लिया है। बाजार के रुख और उनकी मांग के अनुरूप इन नए क्षेत्रों में निवेश वाली कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।