विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच

-सेविंग अकाउंट
-FD
-RD
-गोल्ड और ज्वैलरी
-LIC में निवेश
-रियल एस्टेट
-क्रिप्टो
-स्टॉक मार्केट
-म्यूचुअल फंड
क्या Mutual Fund में 60 प्रतिशत तक मिलता है रिटर्न? जानें निवेश का सबसे बेहतरीन विकल्प
Mutual विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच Fund: सबसे पहले मैं यहां आपको बताना चाहूंगा कि इस खबर को पढ़ने के बाद आप अपनी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग करके उठेंगे. अगर आप ये पूरी खबर पढ़ते हैं तो आपके दिमाग में संदेह नहीं होगा. आप यह समझेंगे कि अगर आपको घर, गाड़ी, बच्चों की शादी के लिए पैसा और रिटायरमेंट के लिए धन चाहिए तो कैसे प्लानिंग करें. कहां से पैसा आएगा, कितना सेव करना और कितना पैसा कहां निवेश करना यह सबकुछ क्लियर होने वाला है.
पैसा जोड़ो मत, निवेश करो
यहां मैं आपको बता दूं कि पैसा जोड़ो मत, निवेश करो. उदाहरण के लिए अगर 3 साल पहले आपने अपने पास 10 लाख रुपये जोड़कर रखे थे तो आज भी उनकी वैल्यू 10 लाख ही होगी, बल्कि कम होगी. क्योंकि इन तीन सालों में महंगाई कहीं ज्यादा बढ़ गई है. वहीं, अगर इन 10 लाख रुपए का आप गोल्ड खरीदकर रख लेते तो उसकी वैल्यू आज 15 से 18 लाख रुपए होती.
इंटरनेशनल मंच पर भारत को बड़ी सफलता, ऑस्ट्रेलियाई संसद ने मुक्त व्यापार समझौते को दी मंजूरी
ऑस्ट्रेलियाई संसद ने मंगलवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को मंजूरी दे दी. अब दोनों देश विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा.
- इंटरनेशनल मंच पर भारत को बड़ी सफलता
- ऑस्ट्रेलियाई संसद ने FTA को दी मंजूरी
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नई दिल्ली:विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्यापारिक संबंधों में एक और बड़ा आयाम जुड़ गया है. जो कि आने वाले वक्त में भारत के और इसकी इकोनॉमी के लिए मील का पत्थर भी साबित हो सकता है. दरअसल ऑस्ट्रेलियाई संसद ने मंगलवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को मंजूरी दे दी. अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा.
ऑस्ट्रेलियाई PM ने किया ट्वीट
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट करते हुए यह कहा कि बड़ी खबर: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है. भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी. भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है.