ब्रोकर चुनना

इस बात को समझने के लिए प्रारंभ में, हम एक्सिअरी ग्लोबल फॉरेक्स ब्रोकर के कई पुरस्कारों और उपलब्धियों पर एक नज़र डालते हैं और इसलिए हम इसकी विशेषताओं पर चर्चा करने जा रहे हैं, जिसके कारण यह संयुक्त अरब अमीरात में सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा व्यापार दलाल है।
प्रॉपर्टी ब्रोकर और ब्रोकरेज फर्म के बीच मुख्य अंतर
एक विशाल संपत्ति बाजार में, कभी-कभी संपत्ति ब्रोकर, रियल एस्टेट एजेंट या रियल्टी सलाहकार के बिना एक संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए संभव नहीं हो सकता है, जो आपको उसी के साथ मदद करता है। इस मामले में, क्या आपको अपने लिए काम करने के लिए एक व्यक्तिगत एजेंट या ब्रोकरेज फर्म को चुनना चाहिए? हम कुछ उत्तरों को खोजने की कोशिश करते हैं, जो प्रत्येक ऑफ़र के लाभों को देखते हैं।
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कौन सा ब्रोकर चुनना है?
एक ब्रोकर चुनना अच्छा ब्रोकर चुनना पोर्टफोलियो बनाते समय यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय होता है। बाजार में दलालों की एक विस्तृत पेशकश है और बहुत . के साथ विभिन्न कार्य और कमीशन.
कोई दलाल नहीं है जो स्पष्ट रूप से दूसरे से बेहतर है क्योंकि यह सब आपके द्वारा किए जाने वाले ऑपरेशन के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि आप कम काम करते हैं और बहुत कुछ खरीदते और बेचते हैं, तो आप कम खरीद और बिक्री कमीशन वाले ब्रोकर में रुचि लेंगे, जबकि यदि आप कुछ खरीदारी करते हैं और बेचते नहीं हैं, तो जिस ब्रोकर के पास कस्टडी कमीशन नहीं है, वह बहुत अधिक लाभदायक होगा।
ब्रोकर द्वारा ली जाने वाली ब्रोकरेज की जानकारी
निवेशक को इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि उसने जिस ब्रोकर को चुना है वह कितनी ब्रोकरेज लेता है। क्योंकि अपने लिए एक ज्यादा ब्रोकरेज चार्जेस वाला ब्रोकर चुनना और कम फीस (क्योंकि कम कीमत वाला ब्रोकर आपको अच्छी सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ होगा) वाला ब्रोकर चुनना भी समझदारी की बात नहीं है। निवेशक को अपने लिए एक मध्यम वर्ग का ब्रोकर और जिसको अच्छी जानकारी हो उसी को चुनना ही बेहतर होगा।
कस्टमर केयर सर्विस निवेशक को एक अच्छे ब्रोकर के द्वारा ही दी जाती है। कुछ बार किसी टेक्निकल इश्यू के कारण आपको कस्टमर टीम से बात करनी पड़ती है अगर कस्टमर सपोर्ट टीम उपलब्ध ना हो तो आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है।
डिस्काउंट ब्रोकर पर सोच समझ कर ब्रोकर चुनना दांव लगाना
निवेशक को ऐसे ब्रोकर का चुनाव करना चाहिए जो कि उसके कहे पर ही शेयरों को खरीदे और बेचे। जब एक ब्रोकर आपकी जरूरत और व्यक्तिगत और धन संबंधी इच्छाओं की परवाह किए बिना ही ट्रेड करता है। ब्रोकर की शिकायत के लिए सर्विस विभाग के अतिरिक्त सेबी का प्लेटफार्म मौजूद होना चाहिए।
कुछ बार यह पाया गया है कि कुछ स्टॉक ब्रोकर ग्राहक द्वारा दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी का गलत इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए यह सुनिश्चित करें कि आपका स्टॉक ब्रोकर आपका स्टॉक ब्रोकर अच्छा हो आपको नुकसान तब होता है।
सेवा की गुणवत्ता
एक ब्रोकर के द्वारा दी जाने वाली सेवा का प्रतिशत अच्छा होना चाहिए और निवेशक को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि ब्रोकर उसको कैसी सुविधाएं और कौन-कौन सी फैसिलिटी दे रहा है। यह सुविधाएं और फैसिलिटी निवेशक के लिए लाभकारी होनी चाहिए। क्योंकि कुछ ब्रोकर इक्विटी ब्रोकिंग सेवा के साथ-साथ कई प्रकार की सेवाएं देते हैं।
हर एक निवेशक को रजिस्टर्ड डिमैट अकाउंट खोलने के लिए ब्रोकर को कुछ पैसे देने पड़ते हैं। डिमैट अकाउंट खाता शुल्क अलग-अलग ब्रोकर खुद तय करते हैं। पर शेयर मार्केट में कुछ ऐसे ब्रोकर भी मौजूद हैं जो बिना फीस लिए भी खाता खोल देते हैं।
इसके इलावा डीमैट अकाउंट शुल्क भी होता है उसको भी ध्यान में रखें।
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Axiory Global इन सभी सुविधाओं को पूरा करती है। इसलिए हम इसे संयुक्त अरब अमीरात में विदेशी मुद्रा दलालों में सर्वश्रेष्ठ में से एक मानते हैं। कंपनी इन सभी मानदंडों को प्रदान करती है। फिर भी आपको कोई संदेह है। आप शीर्ष विदेशी मुद्रा व्यापार दलालों की समीक्षा करने वाली वेबसाइट देख सकते हैं।
लेकिन जब आप समीक्षाओं का निरीक्षण करेंगे , तो तकनीकी जानकारी को देखना सुनिश्चित करें| इस तरह आप अपने प्रारंभिक शोध की पुष्टि करेंगे , और किसी भी भुगतान समीक्षा से आकर्षित नहीं होंगे।
Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं. इस साल अब तक 3 ब्रोकर डिफॉल्टर हुए हैं.
ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ये ब्रोकर चुनना डिफॉल्ट ज्यादातर ब्रोकरों द्वारा क्लाइंट सिक्योरिटीज और फंड के दुरुपयोग का परिणाम है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तरह की प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए और कड़े मानदंडों की शुरुआत की है. जिसके बाद ये ब्रोकर उसकी अनुपालन नहीं कर सके और डिफॉल्टर हो गए.
अपने मार्जिन पर ट्रेड करें
सबसे पहले, जिस बात का निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए वो क्लाइंट मार्जिन के अलगाव और आवंटन से जुड़ा है. रेगुलेटर द्वारा यह एक बड़ा कदम है जो 2 मई से प्रभावी होगा.
वर्तमान में ग्राहकों की व्यक्तिगत सीमा तय करना ब्रोकर के हाथ में है. ब्रोकर देखता है कि पिछले सप्ताह तीन ग्राहकों ने लेन-देन नहीं किया है, तो वह सात ग्राहकों के बीच अपनी 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित कर सकता है. इसे ऐसे समझें, ब्रोकर ग्राहकों के एक समूह से संबंधित धन का उपयोग दूसरों के लेन-देन के लिए कर सकता है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए नियम इस तरह के मामलों पर नजर रखेगी. 2 मई से ब्रोकरों को CCIL की बेवसाइट पर एक फाइल अपलोड करनी होगी. जिसमें प्रत्येक ग्राहक को दी जाने वाली सीमा का ब्रेक-अप देना होगा. इस जानकारी के आधार पर CCIL यह ब्रोकर चुनना सुनिश्चित करेगा कि कोई ग्राहक अपनी व्यक्तिगत सीमा से अधिक पोजीशन न लें.
फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा
अब फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा पेश की गई है. ब्रोकरों को न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा फ्लोटिंग नेट वर्थ भी मेंटेन करना होगा. मान लीजिए की एक ब्रोकर का एवरेज कैश बैलेंस 10,000 करोड़ रुपये है, उसे अब 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ बनाए रखना होगा. ब्रोकरों को फरवरी 2023 तक इस मानदंड का पालन करना होगा.
ब्रोकर के साथ खाता खोलने से पहले ऑनलाइन रिव्यू जरूर पढ़ें. एक्सचेंजों की वेबसाइटों पर ब्रोकर के खिलाफ शिकायतों की जांच करें. यदि आपको भुगतान में देरी, धन के गलत प्रबंधन, या अनधिकृत ट्रेडों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं, तो उस ब्रोकर से बचें. हाई लीवरेज के वादे के साथ ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करने वाले किसी भी ब्रोकर से बचना चाहिए.
ब्रोकिंग चार्जेज का ध्यान रखें
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.