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कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है?

कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है?
वह बताते हैं कि उनके होम स्टे में ऑर्गेनिक चीज़ों का ही इस्तेमाल होता है, उन्हीं से खाना भी बनता है। वह यहां रुकने वालों को अपने खेतों में भी घुमाते हैं, ताकि वे लोग भी इसके फ़ायदे जान सकें और शहर में ऑर्गेनिक चीज़ों की डिमांड बढ़े। दरअसल, बहुत से लोग ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को महंगा बताकर इन्हें नहीं ख़रीदते, लेकिन जो लोग इसके फ़ायदे जानते हैं, वो केमिकल वाली चीज़ों का इस्तेमाल करने से बचते हैं। ज़रूरत है तो बस लोगों को जागरूक करने की। Homestay of farmer Chandra Shekhar

PM Kisan Samman Nidhi: किसान घर बैठे 'पीएम किसान सम्मान निधि' के रुपये निकाल सकेंगे, जानें कहां और कब मिलेगी ये सुविधा

PM Kisan Samman Nidhi: एक ऐसी अभियान शुरू किया गया है जिसके जरिए किसान घर बैठे पीएम किसान सम्मान निधि के तहत मिले रुपये निकाल सकेंगे. जानें कब से कब तक ये अभियान चलेगा.

By: पीटीआई | Updated at : 04 Jun 2022 08:18 AM (IST)

पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम

PM Kisam Samman Nidhi Scheme: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त का एलान 31 मई को किया जा चुका है. देश के 10 करोड़ किसानों के खाते में केंद्र सरकार द्वारा 21,000 करोड़ रुपये की धनराशि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए पहुंचाई जा चुकी है. अब इसी रकम को आसानी से हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश में नई पहल की गई है.

जानें कहां और कैसे मिल सकते हैं घर बैठे रुपये
उत्तर प्रदेश में डाक विभाग ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को मिलने वाली धनराशि को सुगमता से मुहैया कराने की पहल की है. किसान अब डाक विभाग की मदद से अपने घर पर 'पीएम किसान सम्मान निधि' के रुपये प्राप्त कर सकते हैं.

'आपका बैंक, आपके द्वार' अभियान शुरू
वाराणसी क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि किसानों को किसान सम्मान निधि के रुपये निकालने के लिए बैंक शाखा या एटीएम में जाना पड़ता है और ग्रामीण इलाकों में यह दुरूह होता है. हम किसानों के लिए इसे सरल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यादव ने बताया कि डाक विभाग पीएम किसान सम्मान निधि पाने वाले अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के लिए 'आपका बैंक, आपके द्वार' अभियान शुरू कर रहा है.

किसान सम्मान निधि के रुपये घर बैठे निकालें
इस योजना के तहत किसान अपने आधार से जुड़े बैंक खाते से आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के साथ किसान सम्मान निधि के रुपये घर बैठे निकाल सकते हैं. इसके लिए एक डाक प्रतिनिधि उनके घर आएगा.

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कब से कब तक चलेगा अभियान
अधिकारी ने बताया कि यह अभियान चार जून से शुरू होकर 13 जून तक चलेगा. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पात्र किसानों को सालाना 6000 रुपये मिलते हैं जो प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण या डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं. साल में तीन बार दो हजार रुपये किसानों के खाते में भेजी जाती है.

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Published at : 04 Jun 2022 08:17 AM (IST) Tags: PM Kisan Samman Nidhi Yojana PM Kisan Samman Nidhi PM KISAN NIDHI PM Kisan Samman Nidhi Installment PM Kisan Samman Nidhi 11th Installment Kisan Samman Nidhi Scheme हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 राजस्थान फ्री मोबाइल योजना 2022 चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखिया को दिसंबर 2022 से मिलेंगे स्मार्टफोन

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 राजस्थान फ्री मोबाइल योजना 2022 चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखिया को दिसंबर 2022 से मिलेंगे स्मार्टफोन: Mukhyamantri Free Mobile Yojana 2022, Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 Kab Milega, Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 Kaise Apply Kare, Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 Kaise Milega, Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 List me Name Kaise Check Kare राजस्थान महिलाओं को फ्री मोबाइल कब मिलेगा। राजस्थान में महिलाओं को फ्री मोबाइल फोन कब से दिया जाएगा। राजस्थान फ्री मोबाइल योजना 2022 की संपूर्ण जानकारी हम यहां उपलब्ध करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत राजस्थान की 1.35 करोड़ चिरंजीवी परिवार की महिला मुखिया को फ्री स्मार्टफोन दिए जाएंगे। राजस्थान सरकार द्वारा दिसंबर 2022 से फ्री मोबाइल योजना वितरण का शुभारंभ किया जाएगा। इस स्मार्टफोन में महिलाओं को 3 साल तक फ्री इंटरनेट डेटा, कॉलिंग और मैसेज की सुविधा दी जाएगी। चिरंजीवी परिवारों कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? की महिला मुखिया 3 साल तक स्मार्टफोन फ्री यूज कर सकती हैं। राजस्थान की 1.35 करोड़ महिलाओं को मुफ्त मोबाइल योजना दिसंबर 2022 से शुरू करने की तैयारी है। महिलाओं को लगभग 9500 रुपए की कीमत वाला मोबाइल दिया जाएगा। मोबाइल के साथ 3 साल तक हर महीने 5 जीबी डेटा, लोकल और एसटीडी कॉलिंग की सुविधा असीमित फ्री एवं मोबाइल सिम भी फ्री दी जाएगी। राजस्थान की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कैंप लगाकर दिसंबर 2022 से फोन बांटे जाएंगे। फोन के इस्तेमाल करने की जानकारी डिजिटल सखी द्वारा दी जाएगी। डिजिटल सखी ई केवाईसी कैसे करें एवं फोन का इस्तेमाल कैसे करें इनकी जानकारी देंगी।

3 साल तक फ्री कॉलिंग और इंटरनेट

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Rajasthan Free Mobile Yojana कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? 2022 Kab Milega

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 कब मिलेगा, Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 किसे मिलेगा, Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें के बारे में संपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है. Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 Online Apply Application form date राजस्थान की चिरंजीवी परिवारों की 1.35 करोड़ महिला मुखिया को फ्री स्मार्ट फोन का वितरण किया जाएगा। राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की ओर से उठाए गए सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला ने बताया है। कि कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करने और पात्र परिवारों को कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? घर बैठे सरकार की सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए 1.35 करोड़ चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे। परियोजना के तहत मोबाइल एप्लीकेशन स्मार्ट फोन में इंस्टॉल की जाएगी। इस वर्ष 30 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन देने की शुरुआत दिसंबर 2022 से हो जाएगी। शेष महिलाओं को अगले 2 साल में स्मार्टफोन वितरित किए जाएंगे। इस योजना के तहत निविदाएं 16 मई 2022 को आमंत्रित की गई थी। इसके बाद 17 अगस्त को तकनीकी निविदा तथा 8 सितंबर को वित्तीय निविदा जारी की गई है। 3 वर्ष के लिए इन स्मार्टफोन का सारा व राज्य सरकार वहन करेगी। राजस्थान की चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्ट फोनों का वितरण दिसंबर 2022 से शुरू हो जाएगा।

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 Kya Hai

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना की घोषणा की थी। जिसके तहत राजस्थान की 1.35 करोड़ महिला मुखिया को फ्री में स्मार्टफोन दिए जाएंगे। जिससे कि उन्हें राजस्थान में चल रही सभी योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके। और महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकें। इस योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाले स्मार्टफोन में 3 साल तक फ्री इंटरनेट डाटा और कॉलिंग की सुविधा दी जाएगी। स्मार्टफोन में विभिन्न योजनाओं के मोबाइल ऐप डाउनलोड करके दिए जाएंगे। जिससे कि महिलाओं को राजस्थान में चल रही सभी योजनाओं की जानकारी समय से मिलती रहे। इस योजना का लाभ केवल चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखिया को ही मिलेगा।

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 के लिए पात्रता

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 के लिए पात्रता क्या है। राजस्थान फ्री मोबाइल लेने के लिए योग्यता कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? क्या रखी गई है। इसके बारे में हम यह जानकारी दे रहे हैं। की राजस्थान फ्री मोबाइल योजना 2022 का लाभ किसे दिया जाएगा।

  • आवेदक राजस्थान की मूल निवासी महिला होनी चाहिए।
  • आवेदक महिला के पास जन आधार कार्ड होना चाहिए।
  • महिला चिरंजीवी परिवार की महिला मुखिया होनी चाहिए।
  • परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम होनी चाहिए।

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 Required Documents

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स इस प्रकार है।

  • आधार कार्ड।
  • जन आधार कार्ड।
  • राशन कार्ड।
  • चिरंजीवी कार्ड।

मुख्यमंत्री फ्री मोबाइल योजना के लाभ

राजस्थान मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना 2022 के तहत कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? निम्न लाभ दिए जाएंगे।

  • इसमें चिरंजीवी परिवारों की 1.35 करोड़ महिला मुखिया को फ्री में स्मार्टफोन दिए जाएंगे।
  • मोबाइल फोन के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा।
  • इस योजना में टच स्क्रीन स्मार्टफोन जिसमें इंटरनेट, dual-sim, ब्लूटूथ, हॉटस्पोट, मेमोरी, वाईफाई इत्यादि सुविधाएं होंगी।
  • इसमें राजस्थान की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी ऐप इंस्टॉल होंगे। जिनकी महिलाएं जानकारी ले सकेंगी और उनसे जुड़ सकेंगी।
  • महिलाओं को करीब साडे ₹9000 की कीमत वाला और 32GB स्टोरेज क्षमता और साडे 5 इंच स्क्रीन वाला फोन दिया जाएगा।

मोबाइल के साथ 3 साल तक हर महीने 5 जीबी डेटा, लोकल और एसटीडी कॉलिंग की सुविधा असीमित फ्री एवं मोबाइल सिम भी फ्री दी जाएगी।

मोबाइल में राज्य सरकार की विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं के ऐप इनबिल्ट होंगे। राजस्थान में वर्तमान में सरकार की 28 फ्लैगशिप योजनाएं हैं।

Rajasthan Free Mobile Yojana 2022 Specifications

राजस्थान फ्री मोबाइल योजना 2022 के तहत मिलने वाले फोन में दी जाने वाली Specifications इस प्रकार से है

इन देशों में भारतीय रह सकते हैं बिल्कुल सस्ते में कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? और कमाई भी होती है काफी अच्छी है, तो आप कब जा रहे हैं यहां?

ज्यादातर देशों में वीजा से जुड़े सख्त नियम और योग्य भारतीयों के लिए वहां नौकरी ढूंढना लगभग असंभव हो जाता है। अगर आप भी विदेश में रहने और काम करने की इच्छा रखते हैं, तो इस लेख में आज हमने आपको वो देश बताएं हैं जो रहने और काम करने के लिए परफेक्ट माने जाते हैं।

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इन देशों में भारतीय रह सकते हैं बिल्कुल सस्ते में और कमाई भी होती है काफी अच्छी है, तो आप कब जा रहे हैं यहां?

संयुक्त अरब अमीरात - United Arab Emirates

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संयुक्त अरब अमीरात 1970 और 1980 के दशक के बाद से विदेशों में रहने और काम करने के इच्छुक भारतीयों के लिए टॉप डेस्टिनेशन बना हुआ है। संयुक्त अरब अमीरात काम करने और रहने के लिए सबसे अच्छे देशों में से एक है। आपको बता दें, संयुक्त अरब अमीरात में सात अलग-अलग अमीरात शामिल हैं- अबू धाबी इसकी राजधानी, दुबई वित्तीय केंद्र, शारजाह, अजमान, उम्म अल क्वैन, फुजैरा और रास अल खैमाह। दुबई और अबू धाबी रहने और कमाने के लिए विश्व स्तर के शहर हैं, अमीरात सरकार अब पांच अमीरात के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां बुनियादी ढांचे और अन्य सुविधाएँ आवश्यक है। यूएई हर तरह के कौशल भारतियों को देश के विकास में आने और भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा, यूएई भारतीयों को काफी आसानी से विजिट, बिजनेस और वर्क वीजा भी जारी करता है।

(फोटो साभार : pixabay.com)

सिंगापुर - Singapore

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छोटा द्वीप राज्य, सिंगापुर एक पर्यटन स्थल के रूप में भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय है। वहीं, भारतीयों के लिए रहने और काम करने के लिहाज से भी सिंगापुर सबसे अच्छे देशों में से एक है। सिंगापुर हांगकांग के साथ एशिया के व्यापार केंद्र को भी शेयर करता है। इसलिए सिंगापुर में भारतीयों के लिए नौकरियों की कोई कमी नहीं है। दरअसल, सिंगापुर नाम की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'सिंह' या शेर और 'पुरा' या शहर से हुई है। सिंगापुर की जलवायु भी कुछ हद तक भारत की कुछ जगहों के समान है। लेकिन सिंगापुर में भारतीय नागरिकों के लिए वर्क वीजा मिलना थोड़ा मुश्किल है। हालाँकि, यदि आपके कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? पास सही योग्यता और कौशल है, तो इस देश में एक सही नौकरी प्राप्त करना काफी आसान है। रहने की लागत काफी अधिक है लेकिन यहां वेतन भी उतना ही ज्यादा है। सिंगापुर में सुविधाएं विश्व स्तर पर मौजूद हैं।

(फोटो साभार : pixabay.com)

ब्राजील - Brazil

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ब्राजील जाना हर भारतीय का सपना होता है। 2019 के अंत में, ब्राजील सरकार ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-ऑन-अराइवल कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? की सुविधाएं देना शुरू कर दिया था। ब्राजील उन भारतीयों को अपने देश में बुलाना चाहता है, जो देश के विभिन्न क्षेत्र को विकसित करने में मदद कर सकें। साओ पाओलो में भारतीय राजनयिक मिशन के अनुसार, ब्राजील में भारतीय मूल के लगभग 9,500 लोग मौजूद है। इसके अलावा कई भारतीय कंपनियां, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से, ब्राजील में आना चाहती हैं। इससे ब्राजील में काम करने वाले और रहने वाले भारतीयों की संख्या में इजाफा होगा।

(फोटो साभार : pixabay.com)

बेल्जियम - Belgium

-belgium

बेल्जियम एक बेहतरीन देश और यूरोपीय संघ का सदस्य राज्य है। यह देश भी नीदरलैंड, फ्रांस, जर्मनी और लक्जमबर्ग के पास स्थित है। अभी भारतीय मूल के 7,000 से अधिक लोग बेल्जियम में रहते हैं और काम करते हैं। भारतीय प्रवासी यहां रहने की संख्या में तीसरे नंबर पर आते हैं, लेकिन पहले दो पदों पर डच और फ्रेंच ने कब्जा किया हुआ है। आपको बता दें, बेल्जियम के लिए वर्क वीजा प्राप्त करना थोड़ा कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? कठिन है। गैर-यूरोपीय संघ के देशों से विदेशी श्रमिकों को काम पर रखने के दौरान देश को यूरोपीय संघ और शेंगेन संधि कानूनों का पालन करना होगा। बेल्जियम प्रवासी भारतीय कामगारों को कुछ जरूरी चीजों को पूरा करने के बाद राष्ट्रीयता प्राप्त करने की भी अनुमति देता है। यूरो बेल्जियम की आधिकारिक मुद्रा है। अपने पड़ोसियों जर्मनी और फ्रांस की तुलना में बेल्जियम में रहना अपेक्षाकृत किफायती है।

(फोटो साभार : unsplash.com)

कतर - Qatar

-qatar

116,799 अमेरिकी डॉलर की सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) के साथ, कतर भारतीयों के लिए रहने और काम करने के लिए सबसे अच्छे देशों की सूची में सबसे ऊपर आता है। कतर में भी भारतीय प्रवासी सबसे बड़ी संख्या में बसे हुए हैं। लगभग 700,000 भारतीय कतर में काम करते हैं और रहते हैं। 2017 से कतर सरकार भारतीय नागरिकों के लिए विजिट, बिजनेस और वर्क वीजा नियमों में ढील दे रही है। कतर एयरवेज दोहा और लगभग एक दर्जन भारतीय शहरों के बीच सीधी उड़ानें संचालित करता है। कतर में भारतीय नागरिकों को काम करने के लिए स्वागत किया जाता है।

22 साल बाद नौकरी छोड़ गांव लौटे चंद्रशेखर, अब जड़ी-बूटियों की खेती से कमा रहे हैं लाखों

organic faming by Chandrashekhar pandey from uttarakhand

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में जन्मे चंद्रशेखर पांडे अपनी पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ रोज़गार की तलाश में सपनों की नगरी मुंबई में जा बसे. शहर में वह अपने सभी अरमान पूरे करते हुए तरक्की कर रहे थे, लेकिन इस बीच गांव और अपनी मिट्टी के लिए लगाव भी बढ़ता रहा। जानें 22 साल बाद आख़िर ऐसा क्या हुआ कि नौकरी छोड़कर वह वापस गांव लौट आये.

बचपन से ही हर किसी का सपना होता है कि वे पढ़-लिखकर ज़िन्दगी में खूब तरक्की करें। अपने करियर को बनाने और एक अच्छी जॉब,अपना बिज़नेस, या पैशन फॉलो करने के लिए हममे से ज़्यादातर लोगों को अपना घर और परिवार छोड़कर किसी और शहर जाना पड़ता है। आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे ही शख़्स, उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित वजूला गांव में जन्मे चंद्रशेखर पांडे के कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? बारे कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? में। चंद्रशेखर ने 22 साल तक मुंबई में नौकरी की; लेकिन एक दिन, पहाड़ों से लगातार हो रहे पलायन को देखते हुए, वह अपने मन की आवाज़ सुनकर अपने गांव लौट आए। यहां उन्होंने औषधीय उत्पादों की जैविक खेती शुरू कर दी, और आज वो न सिर्फ़ इनकी बिक्री से लाखों की सालाना कमाई कर रहे हैं, बल्कि कई लोगों को रोज़गार भी दे रहे हैं।

गांव लौटने का फैसला कब और क्यों किया?

Farmer Chandra Shekhar Pandey

चंद्रशेखर पांडे ने द बेटर इंडिया से बातचीत करते हुए कहा, “मैं मुंबई में नौकरी ज़रूर कर रहा था, लेकिन जब-जब सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर गांवों से लोगों के पलायन या गांव खाली होने की बात सुनता, तो परेशान हो जाता था। 2017 में आख़िरकार वह दिन आया, जब मैंने मुंबई से नौकरी छोड़कर पूरी तरह घर वापसी का मन बना लिया। परिवारवालों ने भी इस फैसले में मुझे सपोर्ट किया, लेकिन यह सवाल ज़रूर उनके मन में था कि इतने साल मुंबई में नौकरी की है, तो अब गांव में मैं क्या करूँगा? हालांकि, मैंने सोच लिया था कि गांव जाकर अपने खेत और ज़मीन पर जैविक खेती करनी है। नवंबर 2017 में हम वजूला वापस आ गए।”

जैविक खेती का ही विचार मन में क्यों आया?

चंद्रशेखर पांडे कहते हैं, “हमारे पहाड़ पर जड़ी-बूटियां भरपूर होती हैं। मुझे अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी थी। इसके अलावा, ऐसी बहुत सी रिपोर्ट्स हैं जो ये बताती हैं कि आने वाले कुछ सालों बाद लोगों के लिए खाने लायक अन्न नहीं बचेगा और लगातार केमिकल वाले खाने से लोगों के शरीर, बीमारी का घर बनते जा रहे हैं। बस यही सोचकर जड़ी-बूटी को बढ़ावा देने और लोगों तक उनकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद, ऑर्गनिक चीज़ें पहुंचाने के लिए खेती शुरू करने का फैसला किया।”

आगे वह कहते हैं, “हिमायल पर कई ऐसे पदार्थ और जड़ी बूटियां हैं, जो इम्युनिटी तो बढ़ाते ही हैं, शरीर को भी अंदर से स्वस्थ रखते हैं। यही सोचकर आज से करीब चार साल पहले, 2018 में मैंने जैविक खेती शुरू की थी। इसके बाद, साल 2019 से लेकर 2021 की शुरूआत तक हम सभी ने देखा कि कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन पर काफ़ी असर डाला। सबने अपनी इम्युनिटी पर खास ध्यान दिया और बाज़ार से महंगी-महंगी ऑर्गेनिक चीज़ें खरीदकर उनका इस्तेमाल किया। यह देखकर हमें और बढ़ावा मिला।”

चंद्रशेखर कितनी और किन चीज़ों की खेती करते हैं?

Farmer Chandra Shekhar showing his organic products.

चंद्रशेखर बताते हैं कि वे ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती के साथ-साथ, औषधीय खेती भी कर रहे हैं। वह लाल, चावल, मिर्च-मसालों के अलावा तुलसी, चाय, लेमन टी, अश्वगंधा, कैमोमाइल, लेमनग्रास, लेमनबाम, डेंडेलियन, रोज़मेरी, आंवला, रीठा, हरड़, श्यामातुलसी भी उगा रहे हैं।

वह बताते हैं कि इनमें से बहुत से प्रोडक्ट्स ऐसे हैं, जिनका नियमित इस्तेमाल करने से कई बीमारियां नहीं होंगी। डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर, सर्दी, ज़ुकाम, सिरदर्द जैसे रोगों में ये स्थानीय जड़ी-बूटियां बहुत फ़ायदेमंद होती हैं।

जैविक खेती से कितने लोगों को रोज़गार मिला?

चंद्रशेखर ने बताया कि सीज़न में करीब 40 लोग काम करते हैं, और जब सीज़न नहीं होता तब भी उनके यहां खेती के काम के लिए 12 लोग तो ज़रूर चाहिए होते हैं। चंद्रशेखर ने इसके अलावा गांव में दो होम स्टे और एक रिजॉर्ट भी खोला है।

Homestay of farmer Chandra Shekhar

वह बताते हैं कि उनके होम स्टे में ऑर्गेनिक चीज़ों का ही इस्तेमाल होता है, उन्हीं से खाना भी बनता है। वह यहां रुकने वालों को अपने खेतों में भी घुमाते हैं, ताकि वे लोग भी इसके फ़ायदे जान सकें और शहर में ऑर्गेनिक चीज़ों की डिमांड बढ़े। दरअसल, बहुत से लोग ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को महंगा बताकर इन्हें नहीं ख़रीदते, लेकिन जो लोग इसके फ़ायदे जानते हैं, वो केमिकल वाली चीज़ों का इस्तेमाल करने से बचते हैं। ज़रूरत है तो बस लोगों को जागरूक करने की। Homestay of farmer Chandra Shekhar

सालों पहले क्यों जाना पड़ा मुंबई?

चंद्रशेखर पांडे ने बताया कि उन्होंने सन् 1995 में अपना गांव छोड़कर बाहर कदम रखा था। वजूला से उन्होंने 12वीं के बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की ही थी कि तभी उन्हें मुंबई की एक ज्वेलरी बनाने वाली कंपनी में, क्वालिटी कंट्रोल विभाग में नौकरी मिल गई थी।

गांव में नौकरी और रोज़गार के ज़्यादा अवसर नहीं थे, इसलिए अपने जैसे तमाम युवाओं की तरह वह भी गाँव छोड़कर शहर चले गए थे। मुंबई में वह लगातार नौकरी कर रहे थे। पैसा था, लेकिन जीवन में सुकून नहीं था। यही लगता रहता कि कब अपने गांव लौटना होगा। इसी चिंता ने आखिरकार गांव लौटने को प्रेरित किया।

‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं काम

Farmer Chandra Shekhar Pandey

चंद्रशेखर ‘वोकल फॉर लोकल’ का ज़िक्र करते हुए बताते हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए इस मंत्र से बहुत प्रभावित हैं। उनकी उगाई सारी चीज़ों की बाज़ार में अच्छी डिमांड है और लोग इन्हें खरीदना पसंद कर रहे हैं। वह अब अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन लाने के लिए भी काम कर रहे हैं। कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से उनकी बातचीत चल रही है। चंद्रशेखर पांडे के मुताबिक़, कई और किसानों को भी वह अपनी इस योजना से जोड़ने का काम कर रहे हैं; इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और ज़्यादा लोगों को रोज़गार भी मिलेगा।

संपादन : भावना श्रीवास्तव

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