तरीके और व्यापार रणनीतियों

हालांकि, यदि कीमत में वृद्धि जारी रहती है, तो अनुपात में वृद्धि होगी, इसलिए औसत खरीद मूल्य में वृद्धि घट जाएगी।
आतंकवाद का वित्तपोषण
आतंकवाद पूरी मानवता को प्रभावित करता है और वैश्विक शांति व सुरक्षा के लिए खतरा है। आतंकी वित्त पोषण की समस्या ने इसे और अधिक गंभीर बना दिया है। तकनीकी क्रांति से आतंकवाद के रूप और प्रकार निरंतर बदल रहे हैं। आज आतंकी या आतंकी संगठन आधुनिक हथियार तथा इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी , साइबर तथा फाइनेंसियल वर्ल्ड को अच्छी तरह से समझते हैं और उसका उपयोग भी करते हैं। आतंकवादी वित्तपोषण आतंकवादी गतिविधि के लिए धन प्रदान करता है।
आतंकवादी वित्त पोषण में वैध स्रोतों से प्राप्त धन जैसे कि व्यक्तिगत दान और व्यवसायों एवं धर्मार्थ संगठनों से लाभ तरीके और व्यापार रणनीतियों आदि के साथ ही आपराधिक स्रोतों जैसे कि ड्रग व्यापार , हथियारों तथा अन्य सामानों की तस्करी , धोखाधड़ी , अपहरण और जबरन वसूली आदि शामिल हो तरीके और व्यापार रणनीतियों सकते हैं। दक्षिण एशिया में अल-कायदा व आईएसआईएस का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है।
बिटकॉइन (BTC) – 18 नवंबर बाइनेंस के लिए: BTCUSDPERP readCrypto द्वारा तरीके और व्यापार रणनीतियों – Technische Analyse – 2022-11-18 21:30:18
में वृद्धि बीटीसी प्रभुत्व की व्याख्या धन की एकाग्रता के रूप में की जा सकती है बीटीसी .
हालांकि, ऐसी स्थिति में जहां यूएसडीटी के माध्यम से धन प्रवाहित हो रहा है, और अगर यूएसडीटी का प्रभुत्व ऊपर की ओर बना रहता है, तो निकट भविष्य में सिक्का बाजार में बड़ी गिरावट आने की संभावना है।
तथ्य यह है कि USDT का प्रभुत्व बढ़ रहा है जबकि USDT का अंतर गिर रहा है, यह इस बात का प्रमाण है कि सिक्का बाजार में सिक्के (टोकन) बेचना USDT के प्रभुत्व में ऊपर की ओर गति दिखा रहा है।
Yudh Abhyas: भारत और अमेरिकी सेना का ‘युद्ध अभ्यास’, चीन को जवाब देना है मकसद
Yudh Abhyas: भारत और अमेरिका की सेना ने शुक्रवार को उत्तराखंड के औली में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ के 18वें संस्करण में हिस्सा लिया। जानकारी देते हुए भारतीय सेना के directorate general of public information ने कहा, “भारतीय सेना और अमेरिकी सेना ने युद्ध अभ्यास 2022 के लिए हाथ मिलाया है।”
सेना के बयान के अनुसार, संयुक्त अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के शासनादेश के तहत शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में एक इन्फैंट्री बटालियन समूह को नियुक्त करने पर केंद्रित है। भारतीय सेना के साझा युद्ध अभ्यास एडीजी पीएल ने कहा, “यह दोनों देशों को एक-दूसरे का समर्थन करके चीन का मुकाबला करने में मदद करेगा। 15 दिनों तक चलने वाला यह अभ्यास उच्च ऊंचाई, बेहद ठंडे जलवायु युद्ध पर ध्यान केंद्रित करेगा।”
अमित शाह ने कहा- आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा, लेकिन इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से न जोड़ें
Updated: November 18, 2022 4:27 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए. राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के प्रथम सत्र को अमित शाह ने संबोधित किया. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है और यह सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व तथा ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं, वे साइबर अपराध के उपकरणों का इस्तेमाल कर और अपनी पहचान तरीके और व्यापार रणनीतियों छिपाकर कट्टरपंथ की सामग्री फैला रहे हैं.
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केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग भी बढ़ रहा है और साइबर अपराध के उपकरणों के माध्यम से होने वाली गतिविधियों के तौर-तरीकों को भी समझना होगा तथा उसके उपाय ढूंढ़ने होंगे. शाह तरीके और व्यापार रणनीतियों ने कहा, ‘‘निस्संदेह, आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है. लेकिन मेरा मानना है कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इस तरह के वित्तपोषण से आतंकवाद के ‘साधन और तरीके’ पोषित होते हैं. इसके अलावा, आतंकवाद का वित्तपोषण दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी मानते हैं कि आतंकवाद का खतरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए.’’
शाह ने कहा कि आतंकवाद का “डायनामाइट से मेटावर्स’ और ‘‘एके-47 से वर्चुअल एसेट्स’’ तक का परिवर्तन, दुनिया के देशों के लिए निश्चित ही चिंता का विषय है. उन्होंने सभी देशों से साथ मिलकर इसके खिलाफ साझा रणनीति तैयार करने का आह्वान किया. शाह ने कहा तरीके और व्यापार रणनीतियों कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत ने सुरक्षा ढांचे के साथ-साथ कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि भारत में आतंकवादी घटनाओं में अत्यधिक कमी हुई है और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी हुई है.’’
तब तक चैन से नहीं बैठेंगे…जब तक ‘आतंकवाद’ का सफाया नहीं हो जाता- PM मोदी
TV9 Bharatvarsh | Edited By: गरिमा तिवारी
Updated on: Nov 18, 2022 | 10:52 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में थर्ड ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लिया. यह सम्मेलन ‘काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग’ यानी ‘आतंकवादियों की फंडिंग पर रोक’ विषय पर आधारित तरीके और व्यापार रणनीतियों था. इस कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने आतंक की भयावहता का सामना दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है. उन्होंने कहा, ‘दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की है. इसकी वजह से हमने हजारों कीमती जानें गंवाईं. हालांकि हमने फिर भी आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया.’ पीएम ने कहा, ‘यह अद्भुत बात है कि ये सम्मेलन भारत में हो रहा है. हमारे देश ने दुनिया के ध्यान देने से बहुत पहले से आतंक की भयावहता का सामना किया है.
‘एक्टिव रिस्पॉन्स की जरूरत’
पीएम ने सम्मेलन में कहा, ‘आतंक की कोई सीमा नहीं होती सिर्फ जीरो टॉलरेंस अप्रोच ही उसका मुकाबला कर सकती है. आतंकवादी उसी वक्त खत्म किया जा सकता है, लेकिन पुख्ता रणनीति आतंकवाद की जड़ों को खत्म करती है. उसके लिए एक्टिव रिस्पॉन्स की जरूरत है. हमें आतंकियों के सपोर्ट सिस्टम को खत्म करना होगा, वो भी उनकी फंडिंग रोककर.’ उन्होंने कहा, ‘कुछ देश वित्तीय और वैचारिक मदद देकर आतंक को सपोर्ट करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए. प्रॉक्सी वॉर के प्रति सख्त रुख अपनाना चाहिए. दुनिया को ऐसे रुख के प्रति सतर्क होना चाहिए.’
पीएम मोदी ने कहा कि आतंक का एक हमला सब पर हमला है. हम रुकेंगे नहीं जब तक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ नहीं फेकेंगे. आतंकवाद ऐसा गंभीर मुद्दा है जो मानवता पर असर डालता है. ये इकॉनमी पर भी बुरा असर डालता है. हमें टेरर फाइनेंसिंग की जड़ पर हमला करना चाहिए. आतंक को लेकर अलग-अलग धारणा है और इसको एक ही चश्मे से देखना चाहिए.’