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विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे

विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे
नवभारत टाइम्स 3 घंटे पहले

डॉ. जयंतीलाल भंडारी का लेख : निर्यात व व्यापार घाटे की चुनौती

वैश्विक मंदी के डर से घटी हुई वैश्विक मांग का असर भारतीय निर्यात पर भी दिखने लगा है। जहां यूरोप और अमेरिका सहित अधिकतर विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीतियों को सख्त बनाए जाने से लोगों के हाथों में गैर-जरूरी खर्च के लिए कम धनराशि होने से भारतीय निर्यात की मांग कम हुई है, वहीं विकासशील देशों में लोगों की आमदनी में भारी कमी के कारण भी भारत से निर्यात में बड़ी गिरावट आई है और ऐसे में भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है। चूंकि आने वाले महीनों में वैश्विक आर्थिक मंदी और भू-राजनीतिक तनाव में सुधार की तत्काल संभावनाएं कम हैं, अत: भारत के लिए निर्यात के लिहाज से हालात अत्यधिक चुनौती भरे हो सकते हैं।

इस समय वैश्विक मंदी के डर से घटी हुई वैश्विक मांग का असर भारतीय निर्यात पर भी दिखने लगा है। जहां यूरेाप और अमेरिका सहित अधिकतर विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीतियों को सख्त बनाए जाने से लोगों के हाथों में गैर-जरूरी खर्च के लिए कम धनराशि होने से भारतीय निर्यात की मांग कम हुई है, वहीं विकासशील देशों में लोगों की आमदनी में भारी कमी के कारण भी भारत से निर्यात में बड़ी गिरावट आई है और ऐसे में भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है ।

चूंकि आने वाले महीनों में वैश्विक आर्थिक मंदी और भू-राजनीतिक तनाव में सुधार की तत्काल संभावनाएं कम हैं, अतएव भारत के लिए निर्यात के लिहाज से हालात अत्यधिक चुनौती भरे हो सकते हैं। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से 15 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार देश से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात अक्टूबर 2022 में 16.65 फीसदी घटकर 29.78 अरब डॉलर रहा, जो 20 माह में सबसे कम है। भारत से जिन 10 देशों को सबसे अधिक निर्यात किए जाते हैं, उनमें से 7 देशों अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, बांग्लादेश, ब्रिटेन, सऊदी अरब और हांगकांग में भारत से निर्यात में भारी कमी आई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अप्रैल-अक्टूबर 2022 की अवधि में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 173.46 अरब डॉलर हो गया, जो कि 2022 की इस अवधि में 94.16 अरब डॉलर था। गौरतलब है कि चीन में शून्य कोविड नीति और रियल एस्टेट संकट के कारण भारत से निर्यात में चिंताजनक कमी विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे आई है और चीन से भारत का व्यापार घाटा तेजी से बढ़ा है। हाल ही में चीन के कस्टम विभाग की ओर से प्रकाशित भारत-चीन के द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़ों के मुताबिक दोनों देशों के बीच जनवरी 2022 से सितंबर 2022 के बीच नौ महीनों के दौरान द्विपक्षीय कारोबार 103.63 अरब डॉलर का हुआ है। इस अवधि में चीन से भारत के लिए निर्यात 89.66 अरब डॉलर रहा है। इसमें 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इस अवधि में भारत से चीन के लिए केवल 13.97 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है और इसमें 36.4 प्रतिशत की गिरावट रही है। ऐसे में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डालर रहा है। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच पूरे वर्ष में 125 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। बीते वर्ष चीन का भारत के लिए निर्यात 46.2 प्रतिशत बढ़कर 97.52 अरब डॉलर रहा था, जबकि भारत से चीन के लिए निर्यात 34.2 प्रतिशत बढ़कर 28.14 अरब डॉलर रहा था। इस अवधि में भारत का व्यापार घाटा 69.38 अरब डॉलर रहा था। ऐसे में स्पष्ट है कि इस वर्ष 2022 में चीन से व्यापार घाटा और बढ़ेगा। जहां चीन को भारत से विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे निर्यात घटा है, वहीं चीन से भारत आने वाले कई उत्पादों का आयात बढ़ा है। चीन से भारत के द्वारा किए कुल आयात का एक बड़ा हिस्सा पशु या वनस्पति वसा, अयस्क, लावा और राख, खनिज ईंधन, अकार्बनिक रसायनयांत्रिक उपकरण और फर्नीचर से संबंधित है। खासतौर से एक ऐसे समय में जब डॉलर की तुलना में रुपया निचले स्तर पर दिखाई दे रहा है और देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बड़ी कमी आ रही है। ऐसे में चीन को भारत से निर्यात घटना और बढ़ता व्यापार घाटा बढ़ना देश की बड़ी आर्थिक चुनौती है। अब एक ओर चीन से आयात घटाने के लिए, तो दूसरी ओर भारत के द्वारा जी-20 विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे की कमान संभालने के बाद मेक इन इंडिया और अब मेक फॉर ग्लोबल की डगर तेजी से आगे बढ़ाकर चीन सहित दुनिया के विभिन्न देशों को निर्यात बढ़ाने के लिए नए रणनीतिक कदम जरूरी हैं।

नि:संदेह हमें चीन प्लस वन की नई वैश्विक जरूरत के मद्देनजर भारत को दुनिया के नए कारखाने के रूप में विकसित करने की संभावनाएं साकार करनी होंगी। दुनियाभर में तेजी से बदलती धारणा भी भारत के लिए लाभप्रद है कि भारत सस्ती लागत और कार्य कौशल के मद्देनजर विनिर्माण में चीन को पीछे छोड़ता दिखाई दे रहा है। तीन नवंबर को प्रकाशित 85 देशों के मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित विभिन्न कारकों का मूल्यांकन करने वाली विश्व प्रसिद्ध यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट' 2022 के तहत सस्ते विनिर्माण के मद्देनजर भारत को 100 प्रतिशत अंक दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने चीन और वियतनाम को पीछे छोड़ते हुए दुनियाभर में सबसे कम 'विनिर्माण लागत' वाले देश का दर्जा हासिल कर लिया है। उल्लेखनीय है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में मैन्युफैक्चरिंग के तहत चिह्नित 24 सेक्टर को प्राथमिकता के साथ तेजी से आगे बढ़ाना होगा। चीन से आयात किए जाने वाले दवाई, रसायन और अन्य कच्चे माल का विकल्प तैयार करने के लिए पिछले दो वर्ष में सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत 14 उद्योगों को करीब दो लाख करोड़ रुपये आवंटन के साथ प्रोत्साहन सुनिश्चित किए हैं उनके कारगर उपयोग पर पूरा ध्यान देना होगा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पीएलआई स्कीम की सफलता के कारण ही वर्ष 2022-23 में अप्रैल-अगस्त के दौरान फॉर्मा उत्पादों के आयात में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 40 फीसदी की कमी आई है और निर्यात में करीब 3.47 फीसदी की वृद्धि हुई है। हमें नई लॉजिस्टिक नीति 2022 और गति शक्ति योजना की रणनीतियों से अर्थव्यवस्था को निर्यात प्रधान बनाना होगा। हमें दुनिया की बढ़ती खाद्यान्न जरूरतों के मद्देनजर खाद्यान्न निर्यात और बढ़ाने होंगे। कृषि विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक वर्ष 2021-22 के दौरान देश से 50 अरब डॉलर से अधिक के रिकॉर्ड कृषि निर्यात हुए हैं। भारत के द्वारा यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को मूर्तरूप दिए जाने के बाद अब यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा, विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे खाड़ी सहयोग परिषद के छह देशों, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और इजराइल के साथ एफटीए के लिए प्रगतिपूर्ण वार्ताएं तेजी से पूरी करनी होगी। इससे भी भारत के निर्यात बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने के प्रयासों को बड़ा आधार मिलेगा। यह बात भी महत्वपूर्ण है विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे कि भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा हाल ही में एक नवंबर को डिजिटल रुपये की जो प्रायोगिक शुरूआत हुई है, उसे अब शीघ्रता से विस्तारित करने संबंधी जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, उनके क्रियान्वयन से भारत के निर्यात बढ़ाने होंगे। रुपये में व्यापार बढ़ाकर घाटे विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे की चुनौती कम किया जा सकेगा।

हमें देश से निर्यात बढ़ाने के लिए अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की रफ्तार तेज करने, शोध और नवाचार तथा श्रमशक्ति को नई डिजिटल कौशल योग्यता से सुसज्जित करने पर तेजी से आगे बढ़ना होगा। हम उम्मीद करें कि आगामी वर्ष 2023 विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे में जी-20 की अध्यक्षता की कमान रखते हुए भारत मेक इन इंडिया, मेक फॉर ग्लोबल और मैन्युफैक्चरिंग हब की डगर पर आगे बढ़कर निर्यात के ऊंचे लक्ष्यों प्राप्त करके विदेश व्यापार घाटे में भी कमी लाते हुए दिखाई दे सकेगा।

(लेखक डॉ. जयंतीलाल भंडारी अर्थशास्त्री हैं, ये उनके अपने विचार हैं।)

विदेशी मुद्रा बाजार में समय व्यापारी

बैंक एशिया के, अमेरिका और यूरोप के कार्य दिवस व्यापारी 7:30 पर शुरू होता है। लगभग आधे घंटे के पिछले कारोबारी सत्र के नवीनतम विकास के विश्लेषण पर खर्च किए। व्यापारी प्रेस और आर्थिक सर्वेक्षण, हाल ही में मौलिक और तकनीकी संकेतकों के प्रभाव का विश्लेषण पढ़ें। इसके अलावा, सट्टेबाजों इकट्ठा अन्य कंपनियों से उनके सहयोगियों के बीच अफवाहें, विश्लेषकों विभिन्न पूर्वानुमान और एक दूसरे के साथ जानकारी का आदान प्रदान पर चर्चा कर रहे हैं। दिन व्यापारियों के इस अवधि के दौरान विनिमय दरों में हर संभव परिवर्तनों का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं। 8:00 बजे सक्रिय रूप से पहले लेन-देन कर रहे हैं। इस समय तक, भी, उनकी रणनीति के साथ स्वतंत्र सट्टेबाजों द्वारा निर्धारित किया जाता है और पदों को खोलने के लिए शुरू कर रहे हैं। इससे विनिमय दर एक मजबूत धक्का। विदेशी मुद्रा व्यापार पर चौबीस घंटे है, इसलिए समय के आधार पर आप अलग-अलग महाद्वीपों पर बाजार की गतिविधि देख सकते हैं।

सुदूर पूर्व

सुदूर पूर्व में समय व्यापारी रात में शुरू होता है और दोपहर के भोजन के समय (जीएमटी) पर खत्म। लंच से पहले - टोक्यो सक्रिय रूप से दोपहर तक काम कर रहा है, और सिंगापुर। उतार चढ़ाव सूक्ष्म होता है और आमतौर पर 50 अंक से अधिक नहीं है। के साथ जुड़े ट्रेडों के अधिकांश ऑस्ट्रेलियाई डॉलर और येन।

यूरोप

रूस सट्टेबाजों ज्यूरिख, फ्रैंकफर्ट, लक्ज़मबर्ग में के रूप में यूरोपीय बाजार बंद करने के लिए, और पेरिस समय व्यापारी 9:00 पर शुरू होता है। लेकिन सक्रिय आंदोलनों के अनुसार, 10:00 बजे शुरू लंदन स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग के लिए कनेक्शन के बाद। नवीकरण लगभग 2-3 घंटे तक रहता है। फिर दोपहर के भोजन के समय आता है और विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे उतार चढ़ाव 10-20 अंक के लिए कम। इस तरह के एक बाजार कहा जाता है "मर चुका है।" स्थिति पर निर्भर करता है कि यह एक "जीवंत" बन सकता है। तब दोलनों के रूप में ज्यादा के रूप में 100 अंक तक पहुंच सकता है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय व्यापारी इसी तरह की गतिविधियों पाठ्यक्रम देखा होगा।

उत्तरी अमेरिका

16:00 पर लगभग मास्को सक्रिय रूप से यूरोपीय डीलरों को शुरू करते हैं। अमेरिका में सट्टेबाजों से कनेक्ट करें, क्योंकि अमेरिका के समय व्यापारी सिर्फ इस समय शुरू होता है। के बाद से यूरोपीय और अमेरिकी सट्टेबाजों की ताकतों एक ही के बारे में कर रहे हैं, यह आमतौर पर उतार-चढ़ाव यूरोपीय सत्र के आंदोलनों से परे जाना नहीं है। फिर भी, डीलरों के लिए न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की बहुत महत्वपूर्ण खोज, 19:00 मास्को यूरोपीय बैंकों में के रूप में बंद कर दिया जाएगा है, और अमेरिकियों अकेले "पतली" बाजार में रहेगा। यह मजबूत दर के उतार चढ़ाव से भरा रूप में प्रमुख मुद्राओं अमेरिकी डॉलर से जुड़ा हुआ है। अस्थिरता 400-500 अंक हो सकता है। इस तरह के एक बाजार पर "जीवित रहने के" केवल उन सट्टेबाजों जिसके लिए विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग एक खेल नहीं है, लेकिन एक पेशे। एक व्यापारी केवल एक शांत सिर और एक स्पष्ट व्यापार प्रणाली के साथ इस आंदोलन को भुनाने कर सकते हैं।

रूसी बाजार

और अंत में, रूस के बारे में थोड़ा बता मुद्रा बाजार। उन्होंने कहा कि दुनिया से बिल्कुल भिन्न है। सभी रूपांतरण आपरेशन रूबल / डॉलर है, जो दिन के दौरान जगह ले सकता है सबसे पहले। लेन-देन दो पाठ्यक्रम से बना रहे हैं: आज (तोड़) और कल (टॉम)। पहले लंच से पहले, और दूसरा - के बाद। ऐसा नहीं है कि रूबल / डॉलर दर की विनिमय दर पर लेनदेन केवल रूस के लिए और पर है ध्यान दिया जाना चाहिए विश्व बाजार है वास्तव में कोई प्रभाव।

Share Market : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे गिरकर 81.77 पर आया

Share Market : Rupee falls 6 paise to 81.77 against US dollar

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और विदेशी विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे कोषों की आवक से रुपये की गिरावट सीमित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनियम बाजार में रुपया कमजोरी के साथ 81.81 पर खुला और फिर पिछले बंद भाव के मुकाबले छह पैसे टूटकर 81.77 पर आ गया।

रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले एक पैसे की कमजोरी के साथ 81.71 पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.41 प्रतिशत बढ़कर 106.39 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.58 फीसदी गिरकर 81.47 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 369.08 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

वित्त मंत्रालय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर बैंक प्रमुखों के साथ करेगा बैठक

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 3 घंटे पहले

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने दूसरे देशों के साथ डॉलर के बजाय रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा के लिये बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) की बैठक बुलायी है। इसमें निजी क्षेत्र के छह प्रमुख बैंकों के सीईओ शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, पांच दिसंबर को होने वाली बैठक में विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। बैठक में इस मामले में अबतक हुई प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी।

उसने कहा कि वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के प्रतिनिधियों के भी शामिल विदेशी मुद्रा व्यापार घंटे होने की संभावना है।

आरबीआई ने रुपये में सीमापार व्यापार सौदों के लिये जुलाई में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे। रुपये में विदेशी व्यापार को सुगम बनाने के लिये अबतक दो घरेलू बैंकों में नौ विशेष वोस्ट्रो खाते खोले गये हैं।

वोस्ट्रो खाता वह है जो घरेलू बैंक स्थानीय मुद्रा में विदेशी बैंक के लिये खोले जाते हैं। भारत के मामले में यह रुपया है।

आरबीआई के दिशानिर्देश के बाद रूस के सबसे बड़े स्बरबैंक और दूसरे सबसे बड़े वीटीबी बैंक पहले विदेशी बैंक हैं, जिन्हें वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति मिली है।

एक अन्य रूसी बैंक गजप्रोम ने भी कोलकाता स्थित यूको बैंक के साथ यह खाता खोला है।

विशेष वोस्ट्रो खाता खोलने के कदम से भारत और रूस के बीच व्यापार का रुपये में भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। इससे भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार संभव हुआ है।

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