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क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है
क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा नहीं है (File Photo)

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में क्या योजना बन रही है?

क्रिप्टो करेंसी

भारत सरकार ने संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफ़िशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फ़ैसला लिया है. इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं है.

यह विधेयक भारत में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को क़ानूनी रूप से नियंत्रित करेगा.

क्रिप्टो करेंसी पर भारत के हर क़दम पर दुनिया की नज़र है. संसद के अगले सत्र में अगर इस विधेयक को पेश किया जाता है तो इस पर निवेशकों की क़रीबी नज़र होगी.

इमेज स्रोत, BEATA ZAWRZEL/NURPHOTO VIA GETTY IMAGES

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है. असल में सरकार क्रिप्टो करेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है.

हालांकि, 25 साल की रुचि पाल की उम्मीदें अभी भी बहुत ऊंची हैं और उन्होंने क्रिप्टो करेंसी में ही व्यापार करने का फ़ैसला किया है.

वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी. हां वे इसे विनियमित ज़रूर करेगी लेकिन प्रतिबंध नहीं लगाएगी. मैं सोचती हूं कि 2017 में भी ऐसा ही हुआ था जब हर कोई क्रिप्टो करेंसी पर बात कर रहा था और कुछ कार्रवाई हुई थी और फिर सबकुछ समाप्त हो गया था."

भारत सरकार जिस डिजिटल करेंसी पर विचार कर रही है उस पर वो क्या सोचती हैं? इस सवाल पर रुचि कहती हैं, "यह बहुत मुश्किल चीज़ है. इसको शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम इसे अंतरराष्ट्रीय लेन-देने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यह अच्छा विचार है लेकिन हमें बिटकॉइन की तरह इसको स्वीकार करने में वक़्त लगेगा. यह हमारी ज़िंदगियों पर ख़ास असर नहीं डालेगा."

भारतीय बड़ी संख्या में क्रिप्टो करेंसी ख़रीद रहे हैं लेकिन इसको लेकर कोई आधिकारिक डाटा नहीं है. वे पर्याप्त लाभ कमाने के मौक़े को छोड़ना नहीं चाहते हैं.

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले एक व्यक्ति बिना नाम सार्वजनिक किए हुए कहते हैं, "मैं चाहता हूं कि अगर कोई प्रतिबंध लगने वाला है तो मैं उसके होने से पहले अच्छा लाभ कमाऊं. मैं पैसा बनाने का मौक़ा छोड़ना नहीं चाहता हूं."

Cryptocurrency कभी भी वैध मुद्रा नहीं बनेगी, टैक्सेशन के बाद वित्त सचिव ने क्रिप्टो पर कही यह बड़ी बात

वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा कि ‘क्रिप्टो कभी भी वैध मुद्रा नहीं होगी. कानून के हिसाब से वैध मुद्रा का मतलब है कि उसे कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाएगा. भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा. केवल भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा.’

Cryptocurrency कभी भी वैध मुद्रा नहीं बनेगी, टैक्सेशन के बाद वित्त सचिव ने क्रिप्टो पर कही यह बड़ी बात

नई दिल्ली: वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर चीजें साफ करते हुए कहा कि निजी डिजिटल मुद्रा कभी भी कानूनी मुद्रा नहीं बनेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह संसद में पेश 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाले लाभ को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया. साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है स्रोत पर कर कटौती) लगाने की भी घोषणा की.

सोमनाथन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि जिस प्रकार सोना और हीरा मूल्यवान होने के बावजूद वैध मुद्रा नहीं है, निजी क्रिप्टोकरेंसी भी कभी वैध मुद्रा नहीं होंगी. उन्होंने कहा, ‘क्रिप्टो कभी भी वैध मुद्रा नहीं होगी. कानून के हिसाब से वैध मुद्रा का मतलब है कि उसे कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाएगा. भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा. केवल भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा.'

दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है. किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है.

देश में क्रिप्टो मुद्रा के लिये नियम बनाने को लेकर विचार-विमर्श जारी है. लेकिन अब तक कोई मसौदा जारी नहीं किया गया है. इस बीच, केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा अगले वित्त वर्ष क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है से परिचालन में आएगी.

यह पूछे जाने पर कि संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो संपत्ति के नियमन को लेकर विधेयक लाने की बात संसद के कामकाज में शामिल थी लेकिन मौजूदा बजट सत्र में ऐसा नहीं है, सोमनाथन ने कहा, ‘यह महसूस किया गया कि क्रिप्टो पर कानून लाने से पहले इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है. इस विचार-विमर्श का मकसद इस बात पर गौर करना है कि क्या इसके लिये नियमन की जरूरत है.'

वित्त सचिव ने कहा, ‘हमारी व्यवस्था लोकतांत्रिक है. लोकतंत्र में सरकार कुछ शुरू करती है लेकिन फिर प्रतिक्रिया होती है. सरकार उस प्रतिक्रिया को सुन रही क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है है और उसके आधार अभी तक अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है. इस बीच, चूंकि क्रिप्टो और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन लगातार बढ़ रहा था, अत: कर स्पष्टता की जरूरत थी.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है सीधे प्रकाशित की गई है।)

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क्रिप्टो मुद्रा नहीं, एक अलग संपत्ति वर्ग है, जानिए किसने कहा

गांधी ने कहा है कि वर्षों की बहस के बाद लोग पूरी तरह से समझ गए हैं कि क्रिप्टो (Cryptocurrency) मुद्रा नहीं हो सकती। क्योंकि, मुद्रा का मूल तत्व है कि यह कानूनी (Legal) रूप से वैध होनी चाहिए।

क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा नहीं है (File Photo)

क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा नहीं है (File Photo)

हाइलाइट्स

  • भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने मंगलवार को कहा कि ‘क्रिप्टो’ को मुद्रा नहीं माना जाना चाहिए
  • उनका कहना है कि इसे एक अलग संपत्ति वर्ग की तरह माना जाना चाहिए
  • क्रिप्टो का नियमन भी उसी रूप में किया जाना चाहिए

क्या कहा गांधी ने
गांधी ने कहा है कि वर्षों की बहस के बाद लोग पूरी तरह से समझ गए हैं कि क्रिप्टो मुद्रा नहीं हो सकती। क्योंकि, मुद्रा का मूल तत्व है कि यह कानूनी रूप से वैध होनी चाहिए। क्रिप्टो के मामले में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है इस मामले में कोई भी किसी अन्य व्यक्ति को क्रिप्टो स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। क्योंकि, यह कानूनी रूप से वैध नहीं है।

इसे एक संपत्ति के रूप में समझा जाना चाहिए
गांधी ने कहा कि कई नीति निर्माताओं के बीच इसको लेकर आम सहमति है कि इसे एक संपत्ति के रूप में समझा जाना चाहिए, न कि एक मुद्रा के रूप में। इसे एक भुगतान साधन के रूप में या एक वित्तीय साधन के रूप में भी नहीं स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि इसका कोई स्पष्ट जारीकर्ता नहीं है। उन्होंने भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ (IAMAI) और ब्लॉकचैन एवं क्रिप्टो संपत्ति परिषद (BACC) द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में कहा, ‘‘इसलिए एक बार जब हम समझ जाते हैं और इस बात की स्वीकृति मिल जाती है कि यह एक संपत्ति है (मुद्रा नहीं), तो इसका विनियमन करना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है।’’

आपराधिक गतिविधि के लिए हो सकता है उपयोग
उन्होंने आशंका जताई कि नियमन के अभाव में इस आभासी संपत्ति का आपराधिक गतिविधि के लिए उपयोग हो सकता है और इसका संकेत देने वाले कई उदाहरण हैं। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने कहा था कि क्रिप्टो मुद्रा के संबंध में प्रस्तावित कानून केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष लंबित है।

निजी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित किया जाए
क्रिप्टो मुद्रा पर अंतर-मंत्रालयी समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि भारत में राज्य द्वारा जारी किसी भी आभासी मुद्रा को छोड़कर, सभी निजी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। इस बीच आरबीआई ने बाजार में आ चुकी क्रिप्टो मुद्रा पर चिंता जताई है और उसने सरकार को भी इससे अवगत करा दिया है।

Cryptocurrency News: क्रिप्टो अपराधियों की अब खैर नहीं, गृह मंत्रालय से जारी हुई गाइडलाइन, जानिए कैसे निपटेगी पुलिस

Cryptocurrency Latest News: यह पहली बार है, जह गृह मंत्रालय से जुड़े किसी संगठन ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर भारत की कानूनी एजेंसियों के लिए एक एसओपी (SOP) जारी की है। इस संगठन ने क्रिप्टो से जुड़े अपराधों की जांच की एक मानक प्रक्रिया जारी की है। साथ ही यह भी बताया गया है कि जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी का क्या किया जाए।

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क्रिप्टो अपराधों पर आई गाइडलाइन

अपने पास क्रिप्टो वॉलेट रखें एजेंसियां
ये दिशानिर्देश गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पुलिस अनुसंधान विकास ब्यूरो (BPRD) द्वारा जारी किये गए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिशानिर्देशों में कहा गया कि कानूनी एजेंसियों को अपने पास एक क्रिप्टो वॉलेट (Crypto Wallet) रखना चाहिए, जिसमें जब्त किये गए डिजिटल एसेट्स को रखा जा सके। साथ ही एजेंसियों को क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ भी संपर्क बनाकर रखने चाहिए, जिससे संदिग्ध व्यक्ति के वॉलेट को ब्लॉक किया जा सके।

जमा करें पुख्ता सबूत

दिशानिर्देशों में कहा गया कि कोर्ट में बताने के लिए पुख्ता सबूत जमा करना भी महत्वपूर्ण है। क्रिप्टोकरंसी से जुड़े साइबर अपराधों के साथ डील करने वाले जांचकर्ताओं को क्रिप्टो वॉलेट खोलने की प्रक्रिया क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है को पूरी तरह रिकॉर्ड करना चाहिए, ताकि सबूतों को संरक्षित किया जा सके और उन्हें अदालत में पेश किया जा सके।

एजेंसियों को होती है परेशानी
बता दें कि वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मामलों पर कोई राष्ट्रीय दिशानिर्देश नहीं हैं, जिसके कारण कानूनी एजेंसियां अक्सर संघर्ष करती हैं। विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी की जब्ती और संदिग्धों का पता लगाने में उन्हें काफी समस्या होती है। इन दिशानिर्देशों से इन्हीं समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया गया है।
Uttarakhand Crypto Currency: उत्तराखंड में क्रिप्टो करेंसी में बढ़ी लोगों की दिलचस्पी, साइबर अपराध भी बढ़े
इस वित्त वर्ष से 30 फीसद टैक्स
गौरतलब है कि एक फरवरी 2022 को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव का क्रिप्टो एक्सचेंजों ने विरोध किया था और सरकार को कई सुझाव दिए थे। हालांकि, इन सुझावों को अभी तक नहीं माना है। इस तरह एक अप्रैल 2022 से लागू हुए इस वित्त वर्ष से क्रिप्टो निवेशकों को क्रिप्टो से हुई आय पर 30 फीसद टैक्स (Tax on Crypto) चुकाना होगा। वहीं, क्रिप्टो लेनदेन पर एक फीसद टीडीएस (TDS on Crypto) भरना होगा। हालांकि, भारत की क्रिप्टो पॉलिसी अभी भी लंबित है और क्रिप्टो से जुड़े अपराधों की जांच मौजूदा साइबर कानूनों के माध्यम से की जाती है।

तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो क्राइम
क्रिप्टो निवेशकों की बढ़ती संख्या के साथ ही दुनियाभर में क्रिप्टो अपराध के मामले भी बढ़ रहे हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट का अनुमान है कि साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए करीब 14 अरब डॉलर का अवैध लेनदेन हुआ था, जो पिछले वर्ष के 7.8 अरब डॉलर से 79 फीसद अधिक था।

Crypto News: क्रिप्टो करेंसी से कमा रहे हैं पैसा, तो देना होगा टैक्स, जानें क्या है सरकार की योजना

बिटक्वाइन, इथेरियम, टेथर जैसी क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल मुद्रा के माध्यम से कमाई करने वालों को अब टैक्स देना पड़ सकता है। रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज की ओर से इस तरह के संकेत दिए गए है।

क्रिप्टोकरेंसी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अगर आप भी बिटक्वाइन, इथेरियम या टेथर समेत दूसरी क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसा कमा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, डिजिटल मुद्रा माध्यम से कमाई करने वालों को अब टैक्स देना पड़ सकता है। रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज की ओर से इस तरह के संकेत दिए गए है। एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में बजाज ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को चाहे देश में रेगुलेट किया जा रहा हो या नहीं, लेकिन इससे होने वाली कमाई पर टैक्स दिया जाना चाहिए।

रेवेन्यू सेक्रेटरी ने दिया संकेत
बजाज ने कहा कि मंत्रालय इसी तरह के विचार पर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब लोग क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कमाएं तो टैक्स का भुगतान करें। रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में लाभ कमाते हैं, अगर आप क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है किसी विशेष डील से पैसा बनाते हैं, तो भारत सरकार उससे टैक्स हासिल करना चाहेगी। भले ही यह कानूनी रूप से वैध हो या ना हो, लेकिन हम अपना टैक्स रेवेन्यू चाहते हैं।

शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है बिल
हालांकि, रेवेन्यू सेक्रेटरी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त मंत्रालय क्या खास कदम उठाने वाला है। मगर सूत्रों की मानें तो सरकार संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश कर सकती है। क्रिप्टोकरेंसी बिल के पिछले मसौदे में इस पर बैन लगाने की बात कही गई थी, हालांकि मंत्रालय अब बिल में संशोधन करने पर विचार कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक बयान में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण बैन पर विचार नहीं हो रहा है, लेकिन सरकार इन अस्थिर डिजिटल करेंसी के प्रति सतर्क रुख अपनाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि भारतीय रिजर्व बैंक एक क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर सकता है।

सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है बिटक्वाइन
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और इसे आम करेंसी की तरह देखा या छुआ नहीं जा सकता है। दुनिया भर में अभी जो भी क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में हैं उनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय बिटक्वाइन है। इसे सातोशी नाकामोतो द्वारा साल 2008 में तैयार किया गया था। हालांकि इसका प्रचलन वर्ष, 2009 में शुरू हुआ। बाजार में आने के बाद से ही इसके दाम आसमान छू रहे हैं। मंगलवार को इस क्रिप्टा करेंसी की कीमत अपने आल टाइम हाई 67,800 डॉलर के पार पहुंच गई है।

विस्तार

अगर आप भी बिटक्वाइन, इथेरियम या टेथर समेत दूसरी क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसा कमा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, डिजिटल मुद्रा माध्यम से कमाई करने वालों को अब टैक्स देना पड़ सकता है। रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज की ओर से इस तरह के संकेत दिए गए है। एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में बजाज ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को चाहे देश में रेगुलेट किया जा रहा हो या नहीं, लेकिन इससे होने वाली कमाई पर टैक्स दिया जाना चाहिए।

रेवेन्यू सेक्रेटरी ने दिया संकेत
बजाज ने कहा कि मंत्रालय इसी तरह के विचार पर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब लोग क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कमाएं तो टैक्स का भुगतान करें। रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में लाभ कमाते हैं, अगर आप किसी विशेष डील से पैसा बनाते हैं, तो भारत सरकार उससे टैक्स हासिल करना चाहेगी। भले ही यह कानूनी रूप से वैध हो क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है या ना हो, लेकिन हम अपना टैक्स रेवेन्यू चाहते हैं।

शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है बिल
हालांकि, रेवेन्यू सेक्रेटरी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त मंत्रालय क्या खास कदम उठाने वाला है। मगर सूत्रों की मानें तो सरकार संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश कर सकती है। क्रिप्टोकरेंसी बिल के पिछले मसौदे में इस पर बैन लगाने की बात कही गई थी, हालांकि मंत्रालय अब बिल में संशोधन करने पर विचार कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक बयान में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण बैन पर विचार नहीं हो रहा है, लेकिन सरकार इन अस्थिर डिजिटल करेंसी के प्रति सतर्क रुख अपनाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि भारतीय रिजर्व बैंक एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर सकता है।

सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है बिटक्वाइन
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और इसे आम करेंसी की तरह देखा या छुआ नहीं जा सकता है। दुनिया भर में अभी जो भी क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में हैं उनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय बिटक्वाइन है। इसे सातोशी नाकामोतो द्वारा साल 2008 में तैयार किया गया था। हालांकि इसका प्रचलन वर्ष, 2009 में शुरू हुआ। बाजार में आने के बाद से ही इसके दाम आसमान छू रहे हैं। मंगलवार को इस क्रिप्टा करेंसी की कीमत अपने आल टाइम हाई 67,800 डॉलर के पार पहुंच गई है।

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