इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए

इंट्राडे ट्रेडिंग (INTRA DAY TRADING) :- अर्थात एक ही दिन मैं शेयर खरीद कर उसी दिन बाजार बंद होने के पहले उसे निकाल देना या बेच देना इस प्रकार के लेनदेन को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं। चूँकि इस तरह की शेयर ट्रेडिंग एक जुआं या सट्टा की तरह बहुत ही छोटे समय के अनुमान पर आधारित होती हैं , क्योंकि इसमे बाजार बंद होने तक आपको किया गया सौदा खत्म या सेटल करना जरुरी होता हैं चाहे इसमें फायदा हो या नुकसान अतः इस से जो भी कमाई होती हैं उसे आयकर नियमों के अनुसार स्पेक्युलेटिवे (जुआं या सट्टा) नेचर की आय मानी जाती हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए लिए कितना पूंजी होना चाहिए
कुछ मुसलमानों का मानना है कि केवल मुखर संगीत की अनुमति है (हलाल) और वह वाद्ययंत्र निषिद्ध (हराम) है। इसलिए कैपेला भक्ति गायन की एक मजबूत परंपरा है। फिर भी कुछ मुसलमान मानते हैं कि कोई भी वाद्य तब तक वैध है जब तक उसका उपयोग अनुमेय प्रकार के संगीत के लिए किया जाता है।
पृथ्वी पर प्रत्येक मान्यता प्राप्त प्रजाति (कम से कम सिद्धांत इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए रूप में) को दो-भाग वाला वैज्ञानिक नाम दिया गया है। इस प्रणाली को "द्विपद नामकरण" कहा जाता है। ये नाम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये दुनिया भर के लोगों को जानवरों की प्रजातियों के बारे में स्पष्ट रूप से संवाद करने की अनुमति देते हैं।
वैज्ञानिक नाम लिखने का सही क्रम कौन सा है?
द्विपद नाम प्रजातियों के वैज्ञानिक नाम इटैलिक में हैं। जीनस नाम हमेशा बड़े अक्षरों में लिखा जाता है और पहले लिखा जाता है; विशिष्ट विशेषण जीनस नाम का अनुसरण करता है और इसे पूंजीकृत नहीं किया जाता है। इसका कोई अपवाद नहीं है।
इस खंड में सूअरों को निषिद्ध बताया गया है क्योंकि उनके पास एक खुर वाला खुर होता है लेकिन वे अपनी जुगाली नहीं करते हैं। और सुअर, क्योंकि उसके पास एक खुर वाला खुर है जो पूरी तरह से फटा हुआ है, लेकिन अपने पाग को फिर से नहीं उठाएगा; यह तुम्हारे लिए अशुद्ध है।
क्या मुसलमान क्रिसमस मनाते हैं?
जैसा कि हम जानते हैं, क्रिसमस मसीह के जन्म का जश्न मनाने वाला एक धार्मिक मामला है, जिसे ईसाई ईश्वर का पुत्र और स्वयं ईश्वर का एक हिस्सा मानते हैं। हमारे ईसाई भाइयों के विपरीत, मुसलमान इस विश्वास को नहीं मानते हैं। मुसलमानों का मानना है, जैसा कि कुरान कहता है, "हमारे भगवान की महिमा महान है।
क्यों? इस्लामी कानून (उर्फ शरीयत) के अनुसार, अरबी में "रीबा" के नाम से जाने जाने वाले ब्याज से पैसा बनाना मना है। इसका मतलब यह इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए है कि अनुयायी मुसलमान अधिकांश 401 (के) कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे, जब तक कि कर्मचारी के पास धन के आवंटन को निर्देशित करने का विकल्प न हो जिसमें उनका पैसा निवेश किया गया हो।
क्या बिडिंग इस्लाम में हलाल है?
इस्लामी सिद्धांतों इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए में आरोही बोलियों या अवरोही मुहरबंद या खुले में कोई बाधा नहीं है। बोली शुल्क को निषिद्ध माना जाता है और जब तक दो नियम लागू नहीं होते हैं, तब तक इसे एक प्रकार का निहित जुआ माना जाता है।
मार्जिन ट्रेडिंग, डे ट्रेडिंग, ऑप्शंस और फ्यूचर्स को "इस्लामिक विद्वानों के बहुमत" (फलील जमालदीन के अनुसार) द्वारा शरिया द्वारा निषिद्ध माना जाता है।
COMMERCE-INVESTMENT INFO BLOGS BY VIPUL MARU
वर्तमान समय मैं अपनी मुख्य आय के साथ ही कुछ अतिरिक्त आय भी हो सके इस हेतु हम कुछ अन्य विकल्प की तलाश मैं होते हैं। और अनेक लोग शेयर मैं निवेश को इस विकल्प के रुप मैं अपनाते हैं। तो इस आर्टिकल के माध्यम से शेयर बाजार क्या है - बेसिक (WHAT IS SHARE MARKET -BASIC) जानने का प्रयास करते हैं।
शेयर मार्केट अर्थात वह बाजार जहां लिस्टेड अर्थात सूचीबद्व कम्पनीज के शेयर की खरीदी-बिक्री की जाती हैं। भारत मैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) वह दो बाजार हैं जहा लिस्टेड कम्पनीज के शेयर की खरीदी-बिक्री की जाती हैं। यहां खरीदी-बिक्री हेतु हमें सबसे पहले अपना DEMAT अकाउंट खुलवाना होता हैं। जो हम किसी भी सरकारी , प्राइवेट बैंक या अन्य ऐसे दलाल जो BSE या NSE के सदस्य के तौर पर कार्य करते हो के वहां पर अपनी क्षमता या वह धनराशि जिससे अपनी प्रारम्भिक शेयर ट्रेडिंग करना चाहते हैं , को जमा कर के खाता ओपन कर सकते हैं। और फिर उनकी वेब साइट पर दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार शेयर मैं खरीदी-बिक्री कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट मैं हमारे ख़रीदे गए शेयर उसी तरह जमा -नामे (क्रेडिट इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए और डेबिट) होते हैं जैसे हमारे बैंक का सेविंग अकाउंट या अन्य अकाउंट अर्थात शेयर खरीदने पर ट्रांसफर (जमा) और बेचने पर ट्रांसफर (डेबिट या नामे) इस खरीद-बिक्री के एवज मैं हमें कुछ CHARGES जैसे : दलाली, ट्रेडिंग खाता हेतु वार्षिक फीस इत्यादि उस बैंक या दलाल को देना होता हैं जिसके माध्यम से हम शेयर इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए ट्रेडिंग करते हैं। साथ ही अन्य CHARGES जैसे टर्न ओवर टैक्स , सिक्योरिटी ट्रांसेक्शन टैक्स , GST , स्टाम्प चार्जेज आदि भी शेयर की खरीदी-बिक्री पर देना होता हैं जो एक्सचेंज के खर्च के तौर पर देखे जाते हैं। और जिसका उल्लेख शेयर ट्रेडिंग के कॉन्ट्रैक्ट नोट (बिल) पर जो हमें हमारे किये गए प्रत्येक ट्रेडिंग पर उपलब्ध होता हैं मैं उल्लेखित होता हैं।
COMMERCE-INVESTMENT INFO BLOGS BY VIPUL MARU
वर्तमान समय मैं अपनी मुख्य आय के साथ ही कुछ अतिरिक्त आय भी हो सके इस हेतु हम कुछ अन्य विकल्प की तलाश मैं होते हैं। और अनेक लोग शेयर मैं निवेश को इस विकल्प के रुप मैं अपनाते हैं। तो इस आर्टिकल इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए के माध्यम से शेयर बाजार क्या है - बेसिक (WHAT IS SHARE MARKET -BASIC) जानने का प्रयास करते हैं।
शेयर मार्केट अर्थात वह बाजार जहां लिस्टेड अर्थात सूचीबद्व कम्पनीज के शेयर की खरीदी-बिक्री की जाती हैं। भारत मैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) वह दो बाजार हैं जहा लिस्टेड कम्पनीज के शेयर की खरीदी-बिक्री की जाती हैं। यहां खरीदी-बिक्री हेतु हमें सबसे पहले अपना DEMAT अकाउंट खुलवाना होता हैं। जो हम किसी भी सरकारी , प्राइवेट बैंक या अन्य ऐसे दलाल जो BSE या NSE के सदस्य के तौर पर कार्य करते हो के वहां पर अपनी क्षमता या वह धनराशि जिससे अपनी प्रारम्भिक शेयर ट्रेडिंग करना चाहते हैं , को जमा कर के खाता ओपन कर सकते हैं। और फिर उनकी वेब साइट पर दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार शेयर मैं खरीदी-बिक्री कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट मैं हमारे ख़रीदे गए शेयर उसी तरह जमा -नामे (क्रेडिट और डेबिट) होते हैं जैसे हमारे बैंक का सेविंग अकाउंट या अन्य अकाउंट अर्थात शेयर खरीदने पर ट्रांसफर (जमा) और बेचने पर ट्रांसफर (डेबिट या नामे) इस खरीद-बिक्री के एवज मैं हमें कुछ CHARGES जैसे : दलाली, ट्रेडिंग खाता हेतु वार्षिक फीस इत्यादि उस बैंक या दलाल को देना होता हैं जिसके माध्यम से हम शेयर ट्रेडिंग करते हैं। साथ ही अन्य CHARGES जैसे टर्न ओवर टैक्स , सिक्योरिटी ट्रांसेक्शन टैक्स , GST , स्टाम्प चार्जेज आदि भी शेयर की खरीदी-बिक्री पर देना होता हैं जो एक्सचेंज के खर्च के तौर पर देखे जाते हैं। और जिसका उल्लेख शेयर ट्रेडिंग के कॉन्ट्रैक्ट नोट (बिल) पर जो हमें हमारे किये गए प्रत्येक ट्रेडिंग पर उपलब्ध होता हैं मैं उल्लेखित होता हैं।
समय के साथ अनुशासन में बदलाव भी करने पड़ते हैं (Changes have to be made in discipline with time)
बदलते समय, टेक्नोलॉजी और तरीकों इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए के साथ आपको अपने बनाए नियमों और डिसीप्लिन में बदलाव भी करने पड़ते हैं, कोई भी स्ट्रेटजी हमेशा काम नहीं करती है, हर इंडिकेटर का अपना एक दायरा होता है जैसे कुछ इंडिकेटर बुल और बियर मार्केट में अच्छी तरह से काम करते हैं लेकिन साइड बेस मार्केट में वह काम नहीं करते हैं, कोई इंडिकेटर वॉल्यूम के साथ, कोई प्राइस एक्शन के साथ, कोई इंडिकेटर सपोर्ट और रेजिस्टेंस के साथ अच्छा काम करते हैं, लेकिन एक ही इंडिकेटर हर स्थिति में हर स्ट्रेटजी में काम करेगा यह जरूरी नहीं है, तो आपको उसी साहब से अपने नियमों के मुताबिक डिसिप्लिन में बदलाव करना पड़ेगा, अधिकतर लोग इंडिकेटर्स का या टेक्निकल एनालिसिस का सही तरह से उपयोग नहीं करते हैं किसी भी इंडिकेटर के पीछे कौन सा सिद्धांत काम कर रहा है, वह किन स्थितियों पर काम करेगा इसका उन्हें अच्छी तरह से ज्ञान नहीं होता है, किसी ने बता दिया या कहीं पर थोड़ा सा पढ़ लिया और लोग उसी को सच मानकर काम करने लगते हैं, जबकि होना यह चाहिए कि आप जिस भी स्ट्रेटजी के साथ काम कर रहे हैं उसके बारे में गहराई से और सावधानीपूर्वक पूरी तरह से इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए जानिए और समझिए साथ ही उसका बैक टेस्ट करिए तभी उसके साथ काम शुरू करिए|