विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा

थॉमस कुक इंडिया ने दिल्ली में अपनी उपस्थिति में किया विस्तार
नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) पर्यटन एवं यात्रा सेवाओं से जुड़ी थॉमस कुक (इंडिया) लिमिटेड ने दिल्ली में नयी शाखा खोलने के साथ शहर में अपनी पहुंच का विस्तार किया है। कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में कंपनी की शाखाओं की संख्या 20 हो गयी विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा है। थॉमस कुक (इंडिया) लिमिटेड के अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रमुख (छुट्टियां, एमआईसीई, वीजा) राजीव काले ने बताया कि इस शाखा से लोगों को समूह में पर्यटन, समुद्री पर्यटन, प्रीपेड विदेशी मुद्रा कार्ड एवं वीजा सेवाएं सहित यात्रा बीमा जैसी सेवाएं दी जाएंगी। काले ने कहा, “साल दर साल 15
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LIC में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति को सरकार ने FEMA नियमों में किया संशोधन
LIC Latest News: LIC विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति को सरकार ने FEMA नियमों में संशोधन किया है. इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) में 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का खुल गया है.
Updated: April 18, 2022 8:53 AM IST
LIC Latest News: सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) नियमों में संशोधन किया है. इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) में 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का खुल गया है.
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सरकार आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है. एलआईसी ने फरवरी में आईपीओ के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के पास दस्तावेज (DRHP) जमा कराए थे.
पिछले महीने सेबी ने दस्तावेजों के मसौदे को मंजूरी दे दी और अब बीमा कंपनी बदलावों के साथ अनुरोध प्रस्ताव (RFP) दाखिल करने की प्रक्रिया में है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा मंजूरी के बाद उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने एलआईसी (LIC) के ‘बड़े’ सार्वजनिक निर्गम से पहले कंपनी में विदेशी निवेश लाने के लिए 14 मार्च को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों में संशोधन किया था.
एफडीआई नीति में बदलाव के साथ डीपीआईआईटी के प्रावधानों को लागू करने के लिए फेमा अधिसूचना जरूरी थी.
हाल में जारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि इन नियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) (संशोधन) नियम, 2022 कहा जा सकता है.
अधिसूचना के जरिये मौजूदा नीति में एक परिच्छेद (पैराग्राफ) डाला गया है, जिसमें एलआईसी में स्वत: मंजूर मार्ग से 20 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है.
मौजूदा एफडीआई नीति के तहत मंजूरी मार्ग से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है. ऐसे में एलआईसी और इसी तरह की विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा अन्य कॉरपोरेट इकाइयों में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति देने का फैसला किया गया.
इसमें कहा गया है कि एलआईसी में विदेशी निवेश जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 (LIC Law) के प्रावधानों और बीमा कानून, 1938 के ऐसे प्रावधानों के जरिये आ सकता है जो एलआईसी पर लागू होंगे. इनमें समय-समय पर संशोधन होता है.
देश के अब तक के सबसे बड़े सार्वजनिक निर्गम के लिए मंच तैयार करते हुए सेबी ने सरकार द्वारा एलआईसी में करीब 63,000 करोड़ रुपये में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए दस्तावेजों के मसौदे को मंजूरी दे दी है.
दस्तावेजों के मसौदे के अनुसार, एलआईसी (LIC) का अंतर्निहित मूल्य 30 सितंबर, 2021 तक करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये था. अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकक मिलीमैन एडवाइजर्स ने एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला है.
हालांकि, दस्तावेजों में एलआईसी के बाजार मूल्यांकन का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन उद्योग के मानकों के अनुसार यह अंतर्निहित मूल्य का तीन गुना या करीब 16 लाख करोड़ रुपये होगा.
एलआईसी का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा निर्गम होगा. एक बार सूचीबद्ध होने के बाद एलआईसी के बाजार मूल्यांकन की तुलना रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से हो सकेगी.
अभी तक पेटीएम ने 2021 में आईपीओ से 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे. यह अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा है. इससे पहले 2010 में कोल इंडिया ने आईपीओ से 15,500 विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा करोड़ रुपये और रिलायंस पावर में 2008 में 11,700 करोड़ रुपये जुटाए थे.
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Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, लगातार 8वें हफ्ते आई गिरावट
एक बार फिर विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है। इससे एक सप्ताह पहले 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है। बीते 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।
वजह क्या है: विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। आरबीआई के मुताबिक इस दौरान एफसीए 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया।
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है।
विनिमय दर में बदलाव से गिरावट: आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 प्रतिशत योगदान है। अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न के बढ़ने से बदलाव देखने को मिला। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में तेज गिरावट हुई है।