अरबपति बनने के लिए

Trending News: Bitcoin में निवेश कर बन गया अरबपति, अब बोला- ‘बोरिंग है अमीर बनना’
Viral News: ब्रिटेन में एक शख्स बिटकॉइन से अरबपति बन गया, लेकिन वह इससे खुश नहीं है. उसका कहना है कि अमीर बनना बोरिंग सा लगता है. जिंदगी में कुछ कमी सी लगती है. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
By: ABP Live | Updated at : 28 Dec 2021 09:49 AM (IST)
Trending News: हर आदमी ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है. करोड़पति (Crorepati) बनने के लिए लोग क्या नहीं करते. अगर किसी का यह सपना सच हो जाए तो वह काफी खुश होता है, लेकिन ब्रिटेन का एक शख्स ऐसा है जो बिटकॉइन (Bitcoin) से अरबपति (Billionaire) बन गया, लेकिन वह इस कामयाबी से खुश नहीं है. उसका कहना है कि अमीर बनना बोरिंग सा लगता है. जिंदगी में कुछ कमी सी लगती है. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
सारी सेविंग्स लगा दी थी क्रिप्टोकरेंसी में
रिपोर्ट के मुताबिक, इस शख्स ने सोशल मीडिया (Social Media) पर अपनी पहचान बताए बिना अमीर बनने का अपना अनुभव शेयर किया. उसने बताया कि 2014 में उसे बिटकॉइन (Bitcoin) के बारे में पता चला. इसके बाद उसने इसमें पैसा (Money) लगाना शुरू कर दिया. डेढ़ साल में इस शख्स ने अपनी सभी सेविंग्स (Saving) बिटकॉइन में लगा दी. साल 2017 में उसे 20 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. वर्ष 2019 में उसने क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से 2 अरब 62 करोड़ से भी ज्यादा रुपये कमा लिए. 35 साल की उम्र में वह अरबपति बन गया.
पुराने दिन न खरीद पाने का मलाल
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इस शख्स का कहना है कि इतना पैसा कमाने के बाद मैंने नौकरी (Job) छोड़कर घूमना शुरू किया, लेकिन मेरी जिंदगी (Life) से उत्साह कम हो गया. जो आनंद काम करके मिलता था, वो अब नहीं मिलता. अब जिंदगी बोरिंग (Boring Life) सी लगती है, आज वह इन पैसों से बहुत सी चीजें खरीद सकता है, लेकिन वह चाहकर भी अपने पुराने दिन नहीं खरीद पा रहा. उसे लगता है कि इतने रुपये उसने धोखे से हासिल किए हैं. यह पैसा उसकी मेहनत का नहीं है.
पहले क्या करता था
रिपोर्ट के अनुसार, यह शख्स पहले कंटेंट क्रिएटर के रूप में काम करता था. वहां उसे 25 लाख रुपये महीने की सैलरी मिलती थी. वह सैलरी का अधिकतर हिस्सा सेविंग्स में लगाता था.
Published at : 28 Dec 2021 12:01 PM (IST) Tags: Britain Cryptocurrency Bitcoin England Viral news trending news हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Trending News in Hindi
Oxfam Report में हुआ खुलासा, किसी आम आदमी से 10 लाख गुना ज्यादा कार्बन उत्सर्जित करता है एक अरबपति
हाल ही में पब्लिश हुई ऑक्सफैम रिपोर्ट (Oxfam report) में बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के बारे में कई दावे किए गए हैं. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि दुनिया के सबसे 125 अमीर अरबपतियों के निवेश से सालाना औसतन 30 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है, जो कि आम आदमी की तुलना में 10 लाख गुना अधिक है.
Carbon Emission
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 07 नवंबर 2022,
- (Updated 07 नवंबर 2022, 11:26 AM IST)
सुपर रिच लोगों की 183 कंपनियों में सामूहिक रूप से 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी है
अब ग्रीन हाउस उत्सर्जन की जिम्मेदारी सुपर रिच लोगों को लेनी होगी
नॉन-प्रोफिट संगठन, ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सबसे अमीर अरबपतियों में से 125 के निवेश से सालाना औसतन तीन मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है, जो किसी भी औसत इंसान से दस लाख गुना ज्यादा है. इन सुपर रिच लोगों की 183 कंपनियों में सामूहिक रूप से 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी है.
"कार्बन बिलियनेयर्स: द इन्वेस्टमेंट एमिशन्स ऑफ द वर्ल्ड्स रिचेस्ट पीपल" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन और सीमेंट जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों में उनका निवेश मानक और गरीब 500 कंपनियों के औसत से दोगुना है.
फ्रांस के बराबर CO2 का उत्सर्जन
संचयी रूप से, ये 125 अरबपति प्रति वर्ष 393 मिलियन टन CO2e (कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य) को फंड करते हैं, जो कि 67 मिलियन लोगों के देश फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर है. रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति बनने के लिए प्रत्येक अरबपतियों के उत्सर्जन की भरपाई के लिए लगभग 40 लाख लोगों को वीगन बनना होगा.
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर का कहना है कि अब ग्रीन हाउस उत्सर्जन की जिम्मेदारी सुपर रिच लोगों को लेनी होगी. कॉरपोरेट पिरामिड में टॉप पर बैठे इन अरबपति निवेशकों पर जलवायु परिवर्तन की बड़ी जिम्मेदारी है.
1.6 बिलियन हेक्टेयर में नए वनों की जरूरत
2021 में, ऑक्सफैम ने खुलासा किया था कि 2050 तक नेट जीरो बनने के लिए दुनिया से कार्बन उत्सर्जन को दूर करने के लिए अगर सिर्फ भूमि का उपयोग किया जाए तो कम से कम 1.6 बिलियन हेक्टेयर नए वनों की जरूरत होगी, जो भारत के आकार के पांच गुना के बराबर क्षेत्र है.
ऑक्सफैम इंटरनेशनल में क्लाइमेट चेंज लीड, नफकोटे डाबी ने कहा, सरकारों को सबसे अमीर लोगों के लिए उत्सर्जन के आंकड़े प्रकाशित करके, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पैसे पर टैक्स लगाकर इससे निपटने की जरूरत है.
दानवीर अरबपतियों की सूची में अब जेफ बेजोस भी- अमीर होने की चाह के बाद अमर होने की चाह
दुनिया के बड़े दानवीर अरबपतियों की फेहरिस्त में नया नाम जुड़ने जा रहा है जेफ बेजोस का. अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस. दसवीं क्लास में अपना पहला बिजनेस शुरू करने वाले जेफ बेजोस. 30 साल की उम्र में अमेजन की शुरुआत करने और महज 33 साल में लखपति बन जाने वाले जेफ बेजोस. 35 साल की उम्र में अरबपति बनने वाले जेफ बेजोस. आज की तारीख में 113 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस.अरबपति बनने के लिए
दुनिया का यह सबसे अमीर शख्स अब 58 साल का हो चुका है और अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा के कामों में लगाना चाहता है. हाल ही में CNN अरबपति बनने के लिए को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन काल में अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों में लगा देंगे. उनके शब्द थे कि ये पैसा वो “क्लाइमेट चेंज को रोकने” और उन लोगों के कामों में लगाना चाहते हैं, जो “दुनिया की बेहतरी और बराबरी के लिए” काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन कामों के लिए “जो सामाजिक और राजनीतिक विभाजन” के इस दौर में “मनुष्यता और समानता को बचाने” के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
जीवन के तकरीबन 38 साल अरबों रुपए की संपत्ति का विशालकाय साम्राज्य खड़ा करने में अपना जीवन लगाने वाले जेफ बेजोस अब एक ऐसी दुनिया के बारे में सोच रहे हैं, जो पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हो, जो बराबरी, समानता और मनुष्यता की बात करे.
28 सालों में अमेजन ने जो दुनिया बनाई और जिस तरह से बनाई, उसकी डीटेल में हम नहीं जाएंगे. बस इतना कह सकते हैं कि क्लोई झाओ ने 2020 में एक फिल्म बनाई थी नोमैडलैंड (Nomadland), वो देख लीजिए, जो अमेरिकन पत्रकार जेसिका ब्रूडर की किताब ‘नोमैडलैंड: सरवाइविंग अमेरिका इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंच्युरी’ (Nomadland: Surviving America in the Twenty-First Century) पर आधारित है.
फिलहाल बैरबराबरी की बुनियाद पर खड़ी और गैरबराबरी को बढ़ावा देने वाली इन तमाम कंपनियों के संस्थापकों को एक वक्त के बाद इलहाम होता है कि दुनिया में अन्याय और गैरबराबरी बहुत है और उनका पैसा और संसाधन उस अन्याय और गैरबराबरी से लड़ने में खर्च किया जाना चाहिए. खूब पैसा देखकर, भोगकर, जीकर अब वो उस पैसे को दान कर देना चाहते हैं.
‘फर्स्ट थिंग’ मैगजीन में इस साल नवंबर में ब्रिटिश राइटर सैम क्रिस का एक लंबा लेख छपा- “द ट्रुथ अबाउट बिल गेट्स.” 6000 शब्दों का ये लंबा लेख बिल गेट्स पर एक इंवेस्टिगेटिव साइकोलॉजिकल रिपोर्ट की तरह है, जो उनके माइक्रोसॉफ्ट के बिजनेस और एक बिलियनेयर के मनोविज्ञान की पड़ताल करता है. बिल गेट्स को एक सब्जेक्ट बनाकर सैम क्रिस दरअसल ये पड़ताल अरबपति बनने के लिए करने की कोशिश कर रहे हैं कि अकूत पैसा कमाने की चाह रखने और फिर उस पैसे को महान कार्यों में दान करने वाले मनुष्य के दिमाग में आखिर चल क्या रहा होता है.
हालांकि बतौर फोर्ब्स लिस्ट, बिल गेट्स तो अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स भी नहीं रहे. अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान करने के बाद अब वो दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में खिसककर चौथे-पांचवे नंबर पर पहुंच गए हैं. 20 साल तक उस लिस्ट में टॉप पर अपना नाम देखने के बाद बिल गेट्स को उस उपलब्धि से थ्रिल नहीं मिलता. उन्हें कुछ और ही तलाश है.
दुनिया अमीर आदमी को पूजती भी है और शक ही निगाह से भी देखती है
आपको पता है कि अमेरिका के इतिहास अरबपति बनने के लिए में सबसे ज्यादा मुकदमे किन लोगों पर हुए हैं. शायद आपका जवाब हो कि माफियाओं, ड्रग डीलरों और मडरर्स पर. जवाब है- नहीं. अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया में आज भी इंडीविजुअल क्राइम से कहीं ज्यादा बड़ा है कॉरपोरेट क्राइम और सबसे ज्यादा मुकदमे चले हैं अरबपतियों, व्यापारियों और बिजनेसमैन पर.
कंप्यूटर और सॉफ्टवेअर की दुनिया में बिल गेट्स का नाम उभरने के साथ शुरू में तो वो एक प्रेरक व्यक्तित्व और सफल स्टार्टअप आंत्रप्रेन्योर की तरह पत्रिकाओं के कवर पर छाए रहे, लेकिन 90 का दशक खत्म होते-होते जब माइक्रोसॉफ्ट उम्मीद और अपेक्षाओं की ऊंचाई से कहीं ज्यादा ऊंचा हो गया तो सरकार, लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों और पूरे सिस्टम के कान खड़े हो गए. मीडिया की सुर्खियां बदल गईं और एक आइडियल सफल बिजनेसमैन एक कॉरपोरेट क्रिमिनल के तौर पर पत्रिकाओ के कवर पर दिखाई देने लगा.
बिल गेट्स कुछ-कुछ पैसा तब भी टैक्स सेविंग के नाम पर अपने फाउंडेशन पर लगा रहे थे, लेकिन ये पैसा इतना भी नहीं था कि दुनिया के महानतम दानवीरों में उनका नाम शुमार हो जाए. बिल गेट्स मीडिया की हेडलाइंस में अब माइक्रोसॉफ्ट पर चल रहे मुकदमों की वजह से थे.
रातोंरात खबरों की हेडलाइंस बदल जाती है
इन मुकदमों के चलते बिल गेट्स की पब्लिक इमेज लगातार धूमिल हो रही थी. पब्लिक इमेज का तो ऐसा है कि किसी का अचानक अतिशय अमीर हो जाना जनता को अभिभूत करता है और बाकी अमीरों और प्रतिस्पर्धियों को ईर्ष्या से भर देता है. रातोंरात बिलियेनयर बन गए जिस आदमी को लोग अब तक अभिभूत होकर देख रहे थे, अचानक मुकदमों की खबरों से उसकी सार्वजनिक छवि धूमिल होने लगती है. और तभी बिल गेट्स ये घोषणा करते हैं कि वे 100 मिलियन डॉलर बच्चों के वैक्सीनेशन पर खर्च करेंगे. 1997 में ही वो भारत आते हैं और HIV/AIDS के खिलाफ अपने मिशन में लाखों डॉलर दान करते हैं. इसी दौरान वो कई अफ्रीकी देशों की यात्रा करते हैं.
इसी के साथ उन पर चल रहे कॉरपोरेट फ्रॉड के मुकदमे भी लाखों डॉलर्स के साथ सेटल किए जाते हैं और फिर रातोंरात खबरों की हेडलाइंस बदल जाती है.
मीडिया में अब भी बिल गेट्स का नाम है, लेकिन उस शख्स के रूप में नहीं, जिस पर कानून का उल्लंघन करने के कारण मुकदमे चल रहे हैं, उस शख्स के रूप में, जिसने अपनी दौलत का एक बड़ा हिस्सा तीसरी दुनिया के गरीबों के दुख और बीमारियां दूर करने के लिए लुटा दिया है. जो दयालु है, दानवीर है, गरीबों के दुख से जिसका दिल पिघल गया है. जो चैरिटी नहीं कर रहा, जो फिलेन्थ्रोपिस्ट है. चैरिटी करने और फिलेन्थ्रोपिस्ट होने में बड़ा फर्क है.
गरीबों और वंचितों के दुख दूर करने के लिए खर्च किए गए 50 अरब डॉलर का नतीजा ये होता है कि मीडिया और दुनिया में बिल गेट्स की छवि अचानक बदलने लगती है. अब तक वो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे, अब वो सबसे अमीर और सबसे दानवीर भी हैं.
एक नाबालिग मां की संतान जेफ का पैसों के साथ रिश्ता
ऐसा नहीं कि जेफ बेजोस पर मुकदमे कुछ कम रहे हैं. या मीडिया में उनकी छवि हमेशा गरीबी से उठकर दुनिया का सबसे अमीर इंसान बन जाने वाले प्रेरक व्यक्तित्व की रही है. लेकिन बिल गेट्स के मुकाबले जेफ बेजोस को इस पब्लिक इमेज की परवाह थोड़ी कम रही. उनके लिए महानता और अमरता प्राप्त करने के मुकाबले पैसा कमाना, पैसा उड़ाना और पैसे की ताकत को महसूस करना, जीना ज्यादा बड़ी जरूरत है और उसकी भी ठोस वजहें हैं.
एक नाबालिग और अकेली मां की संतान (उनकी मां ने उन्हें तब जन्म दिया, जब वो हाईस्कूल में पढ़ती थीं और इस वजह से उन्हें स्कूल और पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी) और शुरुआती जीवन बेहद अभाव और गरीबी में गुजारने वाले जेफ बेजोस का पैसों के साथ रिश्ता, अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित और स्थायित्व वाले परिवार में पले-बढ़े बिल गेट्स के मुकाबले थोड़ा टेढ़ा था.
जेफ बेजोस के लिए दुनिया का सबसे अमीर आदमी होना सिर्फ ताकतवर होने का थ्रिल भर नहीं था, ये उस बच्चे का दुनिया को जवाब भी था, जिसने कभी उसे बहुत कमजोर और ठुकराया हुआ महसूस कराया था. मॉर्गन हॉसेल “द साइकॉलजी ऑफ मनी” में लिखते हैं, “पैसा अभाव का विलोम नहीं है. वह उसका प्रतिशोध है.”
पहले अमीर होने और फिर अमर होने की चाह
पैसा कमाने की सबकी अपनी-अपनी वजहें हो सकती हैं. कुछ दुर्लभ संयोग भी. जैसाकि स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग या अली गोधासी के साथ हुआ. लेकिन पैसा कमा लेने के बाद उस पैसे के साथ अरबपति बनने के लिए अरबपति बनने के लिए आपका रिश्ता आपके दिमाग की उस कॉम्प्लेक्स वायरिंग से बनता, बिगड़ता और तय होता है, जो आपकी ग्रोइंग के दौरान विकसित हुई.
बिल गेट्स, वॉरेन बफे, मैकेंजी स्कॉट, चार्ल्स फीनी, जॉर्ज सोरॉस, माइकल ब्लूमबर्ग और अब जेफ बेजोस. सबने पहले खूब पैसा कमाया और फिर वो पैसा लुटा दिया. सेवा के नाम पर, फिलेन्थ्रोपी के नाम पर, दुनिया से गरीबी, अन्याय, असमानता को मिटाने के नाम पर. मानवता के नाम पर.
दुनिया का सब सुख, धन, वैभव, ऐश्वर्य और पावर का स्वाद चख लेने के बाद अंत में क्या बचा रह जाता है. अमीर होने की चाह के अंत में सबको अमर होने की चाह है.
अरबपति बनने के लिए
अरबपति कैसे बनें?
आखिर एक बिलियनेयर, बिलियनेयर बनन से पहले शुरूवात में ऐसा क्या करता है? की वो एक दिन बिलियनेयर बन जाता हैं? ऐसे कौन से वो स्टेप्स है जो बिलियनेयर बनने से पहले हमे फॉलो करने होते हैं। क्योंकि ऐसा तो है नहीं कि जो बिलियनेयर हैं वो शुरुआत से ही बिलियनेयर पैदा हुए हैं। चाहे वो Bill gates हो, Elon Musk हो, Jeff bezos हो, या कोई और वो ही चीज आज हम इस article में जानेंगे।
एक बिलियनेयर बनने के लिए आपके पास सबसे पहले एक इनकम सोर्स जरूर होना चाहिए। क्योंकि अगर आपके पास अभी कोई इनकम सोर्स नहीं है और आप billionaire बनने की सोच रहे हैं तो कम से कम आपको सबसे पहले एक इनकम सोर्स बनाने पर फोकस करना चाहिए। ताकि आप उस इनकम सोर्स का यूज करके और भी इनकम सोर्स बना पाए। एक इनकम सोर्स बनाने के लिए आप अपने इंटरेस्ट का कोई भी काम शुरू कर सकते हैं जिससे आपको पैसा आए। और हो सके तो किसी ऐसे काम के मास्टर बने जिसे आप बाद में एक बिजनेस में बदल सके। क्योंकि अगर आप ध्यान से देखें तो Jeff Bezos, Warren buffet, इनकी शुरुआत भी कुछ ऐसे ही हुई थी। तो आपको भी सबसे पहले एक इनकम सोर्स बनाने पर फोकस करना चाहिए।
क्योंकि आप एक इनकम सोर्स से तो एक बिलेनियर नहीं बन सकते हैं। अगर आपको एक बिलियनेयर बनना है तो आपके पास एक ऐसा बिजनेस जरूर होना चाहिए जहां से आपको बिना ज्यादा मेहनत किए हुए भी पैसा आता रहे। ताकि आपके पास बहुत सारा समय बच सके और उसी समय का यूज करके आप और नए बिजनेस शुरू कर सकें ताकि आपको और ज्यादा इनकम आए। इसी चीज का यूज करके आप एक बिलियनेयर बनने की जर्नी में आगे बढ़ेंगे। यही वह स्ट्रेटजी है जिसे Jeff Bezos, Elon Musk, Bill gates, जैसे अमीर लोगो ने फॉलो किया है। और आज वो एक बिलेनियर है। अगर आपको भी एक बिलेनियर बनना है तो आपको भी इसी स्ट्रेटजी को फॉलो करना होगा। अमीर बनना है तो यह जान लो Cashflow Quadrant
एक बिलियनेयर बनने के लिए आपके पास पैसिव इनकम के सोर्स होने चाहिए जहां से आपको बिना मेहनत किए हुए पैसिव इनकम आए और उसी पैसिव इनकम को यूज़ करके आप और नई पैसिव इनकम बनाएं। क्योंकि अगर जिंदगी भर आप ही काम करते रहे तो आप कभी एक भी एक बिलेनियर नहीं बन सकते हैं। इसलिए अपने पैसे को काम पर लगाएं अपनी जगह ताकि आपका पैसा आपके लिए काम करें आप पैसों के लिए काम ना करें। लेकिन हां आपको शुरुआत में मेहनत करके पैसिव इनकम के सोर्स क्रिएट करने होंगे। ताकि बाद में आपके बिना काम किए हुए भी आपको पैसा आता रहे।
अरबपति बनने के लिए खुद में लाइए ये 5 जुनून, दिखने लगेगा बदलाव
अमीर बनना कौन नहीं चाहता है, लेकिन अरबपति बनने के लिए यह भी सच है कि यह कोई जादुई कला नहीं है। फिर भी कुछ ऐसी आदतें हैं जिनको अपने रूटीन में लाकर आप जल्द ही अमीर बन सकते है। कमियां आपमें, हममें हम सबमें होती हैं। अपने व्यक्तित्व की छोटी-छोटी खामियों को कभी नजरअंदाज ना करें। इन्हें समझें और सबक लें। अपनी कमजोरियों को दूर करने का जुनून पालिए। जैसा दुनिया के इन अरबपतियों ने किया।
स्टीव जॉब्स- ऐपल
ऐपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स हमेशा परफेक्शन को लेकर जुनूनी थे। अनका कहना था, 'आपके पास लिमिटेड वक्त है। इसे दूसरों की तरह जीने में खर्च ना करें। सबसे पहले अपनी प्राथमिकता तय करें। ऐसे लोगों की राय को स्वीकार ना करें, जो दूसरे लोगों के विचारों के नतीजों पर आधारित हो। अपनी राय खुद बनाएं और अपना रास्ता खुद चुनें।'
मार्क जकरबर्ग- फेसबुक
फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने कहा कि हर किसी को बड़ा दांव खेलने की इच्छा रखनी चाहिए। ये आपकी इच्छाशक्ति ही हो जो आपको आगे लेकर जाती है। जकरबर्ग का बड़ा दांव फेसबुक न्यूज फीड लॉन्च करना था। पहले कई लोगों ने इसकी आलोचना की थी।
बिल गेट्स- माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कहा कि आपके सम्मान की चिंता दुनिया नहीं करती हैं। दुनिया यह अपेक्षा करती हैं कि आप खुद के बारें में अच्छा महसूस करें, इससे पहले आप कोई काम पूरा कर लें। चीजें आसान है या कठिन ये तय करने वाले आप खुद हैं।
रिचर्ड ब्रैन्सन-वर्जिन ग्रुप
वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचर्ड ब्रैन्सन ने कहा कि आप किसी और की तरह नहीं, आप अपने जैसा ही बनें। खुद को अपनाएं, स्वीकार करें और खुद का बेस्ट वर्जन बनें। किसी की नकल करके आप खुद को बना नहीं सकते।
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