बाइनरी ऑप्शन टिप्स

बाजार का आकार

बाजार का आकार

विकास के लिए बाजार से धन जुटाने में पिछड़ रहे हैं शहरी निकाय

ru

बेंगलूरु. देश के महानगर ही नहीं, छोटे शहर भी विकास की बयार में बाजार का आकार तेजी से बदल रहे हैं। लेकिन, विकास कार्यों और जनसुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए शहरी निकाय बाजार से धन जुटाने में पिछड़ रहे हैं। अधिकांश शहरी निकाय संपत्ति कर जैसे राजस्व के परंपरागत संसाधनों और केंद्र अथवा राज्य सरकार के अनुदान पर निर्भर हैं।

स्थानीय निकायों को वित्तीय तौर पर मजबूत बनाने और सरकारी अनुदानों पर उनकी निर्भरता को कम करने के लिए म्युनिसिपल बॉन्ड की व्यवस्था शुरू हुई थी। इसमें कोई भी शहरी निकाय पूंजी बाजार के माध्यम से धन जुटा सकता है। लेकिन, २५ साल बाद भी कुछ चुनिंदा निकाय ही म्युनिसिपल बॉन्ड के माध्यम से धन जुटा सके हैं। विकसित देशों की तुलना में म्युनिसिपल बॉन्ड देश में न तो निकायों को लुभा रहा है और न ही निवेशकों को।

बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्ववर्ती अवतार बेंगलूरु नगर निगम (बीएमसी) ने देश में सबसे पहले म्युनिसिल बॉन्ड जारी किया था। १९९७ मेें जारी किए गए इस बॉन्ड से बीएमसी ने बाजार से १२५ करोड़ रुपए जुटाए थे। लेकिन, ढाई दशक बाद भी इस बॉन्ड से देश के शहरी निकायों ने छह हजार करोड़ रुपए से कम की राशि बाजार का आकार ही जुटाई है। १९९८ में म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला अहमदाबाद नगर निगम देश का दूसरा शहरी निकाय था। इसके बाद म्युनिसिपल बॉन्ड का देसी बाजार २००० के दशक के मध्य तक तेजी से बढ़ा। इस दौरान ९ शहरी निकायों ने १२०० करोड़ रुपए बॉन्ड के जरिए जुटाए मगर वर्ष २००५ के बाद बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हाल के वर्षों में म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया में फिर से तेजी आई है। वर्ष २०१७ से २०२१ के बीच नौ शहरी निकायों ने ३८४० करोड़ रुपए बॉन्ड के जरिए जुटाए हैं। इस बॉन्ड को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार भी अमृत योजना के तहत प्रति १०० करोड़ रुपए की राशि पर १३ करोड़ रुपए प्रोत्साहन अनुदान निकायों को देती है। इस बॉन्ड के जरिए अभी तक सबसे अधिक दो हजार करोड़ रुपए की राशि वर्ष २०१८ में आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास ने जुटाई थी।शहरी स्थानीय निकायों के अलावा जलापूर्ति और स्वच्छता आदि से जुड़े सरकार निकाय भी इस बॉन्ड से धन जुटा सकते हैं। अभी तक २४ शहरी निकायों और जनसुविधाओं से जुड़े सरकारी उपक्रमों ने ३८ म्युनिसिपल बॉन्ड से ५९०१.५ करोड़ रुपए रुपए की राशि जुटाई है। दोबारा बॉन्ड जारी करने वाले शहरी निकायों की संख्या काफी कम है। अहमदाबाद नगर निगम ने पांच बार बॉन्ड जारी कर ५५८ करोड़ रुपए जुटाए तो दो-दो बार में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने ४९८ करोड़, मदुरै नगर निगम ने ५१.२ करोड़, नासिक ने १५० करोड़ और वडोदारा ने २७० करोड़ रुपए जुटाए।

पिछले २५ साल में २०१८ में सबसे अधिक २७१० करोड़ की राशि म्युनिसिपल बॉन्ड से जुटाई गई थी। २०१९ में ५०० करोड़, २०२० में २०० करोड़ और २०२१ में १५० करोड़ रुपए इस बॉन्ड से शहरी निकायों ने जुटाए।

आरबीआई ने शहरी निकायों को व्यवहार्य वित्त पोषण प्रदान करने के लिए म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने के पैमाने को बढ़ाने और द्वितीयक बाजार में इन बॉन्डों के कोराबार को अनुमति देने की सिफारिश की है। आरबीआई ने कहा कि म्युनिसिपल बॉन्ड को शेयर बाजार बाजार का आकार में सूचीबद्ध किए जाने से शहरी निकायों के लिए धन जुटाना आसान होगा। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक तकनीक सुविधाओं की कमी के कारण छोटे शहरी निकायों के लिए बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाना मुश्किल होता है। ऐसे निकायों के लिए पूल्ड फाइनेंसिंग का तरीका अपनाया जा सकता है जिसमें कई बाजार का आकार बाजार का आकार निकायों को मिलाकर एक साथ बॉन्ड जारी किया जाता है। करीब १५ सरकारी निकायों ने पूल्ड फाइनेंसिंग से म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए धन जुटाया है।

वित्तीय पारदर्शिता भी जरूरीजानकारों का कहना है कि स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति को लेकर अस्पष्टता के कारण भी म्युनिसिपल बॉन्ड को लेकर आकर्षण कम रहता है। आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार २०१८ में जिन ९८ शहरी निकायों की क्रेडिट रैकिंग की गई थी उनमें से मात्र ५९ प्रतिशत को ही निवेश या उससे अधिक का ग्रेड मिला था। बैंकों या केंद्र सरकार के बॉन्ड की तुलना में अधिक ब्याज दर के बावजूद अत्यधिक जोखिम और छोटे आकार के कारण निवेशक ज्यादा आकर्षक नहीं होते हैं।

कब कितने बांड
वर्ष संख्या राशि
1997 1 125
1998 1 100
1999 2 110
2000 1 110
2001 2 80
2002 3 180.4
2003 3 174.5
2004 3 240
2005 4 298.5
2007 1 21.2
2008 1 6.7
2010 3 513.2
2012 1 51
2013 1 51
2017 2 280
2018 4 2710
2019 3 500
2020 1 200
2021 1 150

स्थानीय शहरी निकायों के लिए राजस्व के बेहतर स्त्रोत विकसित करने के साथ ही वित्तीय प्रबंधन को अधिक सुदृढ़ करने की जरूरत है। सभी राज्यों में शहरी निकायों के लिए आबादी, क्षेत्रफल और विकास की जरूरतों के आधार पर धन आवंटन के लिए एक समान नीति अपनाई जानी चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारों को जीएसटी का एक निश्चित हिस्सा शहरी और देहाती स्थानीय निकायों को देना चाहिए। साथ ही पारदर्शी लेखा व्यवस्था को अपनाकर शहरी निकाय बॉन्ड बाजार से अधिक आसानी से धन जुटा सकेंगे।

अर्थ जगत: शेयर बाजार ने बनाया नया रिकॉर्ड और ट्रेड यूनियनों ने बजट पूर्व बैठक का किया बहिष्कार

भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी के साथ बीएसई का सेंसेक्स और एनएसई का निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। देश की दस बड़ी ट्रेड यूनियनों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट को लेकर विचार-विमर्श करने वाली बैठक का बहिष्कार किया।

फोटो: IANS

नवजीवन डेस्क

शेयर बाजार ने बनाया नया रिकॉर्ड, सेंसेक्स पहली बार 62,बाजार का आकार 504 और निफ्टी 18,562 पर बंद

भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी के साथ बीएसई का सेंसेक्स और एनएसई का निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। बीएसई का सेंसेक्स सोमवार को 62,016.35 अंक पर खुलने के बाद 62,701.40 की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया और दिन के दौरान 61,959.74 अंक के निचले स्तर को छू गया। 62,000 अंक से नीचे आने के बाद, सेंसेक्स फिर से उस मील के पत्थर को पार करने के लिए ऊपर चढ़ा और बाद में नीचे गिर गया।

अंत में सेंसेक्स पिछले बंद 62,293.64 के मुकाबले 211.16 अंकों की तेजी के साथ 62,504.80 पर बंद हुआ। बीएसई के अनुसार, सेंसेक्स का पहले का सर्वकालिक उच्च स्तर 62,245.43 था, जो 19.10.2021 को था। एनएसई पर निफ्टी पहले 18,512.75 अंक पर बंद होने के बाद 18,430.55 अंक पर खुला। फिर निफ्टी 18,614.25 अंक तक चढ़ा और 18,365.60 अंक के निचले स्तर को छुआ और अंत में 18,562.75 अंक पर बंद हुआ।

ओला इलेक्ट्रिक ने भारत में खोले 14 नए केंद्र, 200 खोलने का लक्ष्य

फोटो: IANS

ओला इलेक्ट्रिक ने सोमवार को घोषणा की है कि उसने देश के 11 शहरों में 14 नए केंद्र खोलकर अपने डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) फुटप्रिंट का विस्तार किया है। एक बयान में कहा गया कि कंपनी ने बेंगलुरु में 3, पुणे में दो और अहमदाबाद, देहरादून, दिल्ली, हैदराबाद, कोटा, भोपाल, नागपुर, रांची और वडोदरा में एक-एक केंद्र खोले।

ओला इलेक्ट्रिक के अब 50 से अधिक केंद्र हैं और इस साल के अंत तक 200 खोलने का लक्ष्य है। ये केंद्र इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के प्रति उत्साही लोगों को इसकी ईवी तकनीक का अनुभव करने की अनुमति देते हैं और ग्राहकों को एस1 और एस1 प्रो की टेस्ट राइड लेने में भी सक्षम बनाते हैं।

मस्क अपनी बेडसाइड टेबल पर डाइट कोक, रिवॉल्वर क्यों रखते हैं?

फोटो: IANS

ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें चार डाइट कोक (कैफीन मुक्त कोक), एक पारंपरिक बंदूक और एक रिवाल्वर उनके बेडसाइड टेबल पर रखी थी। मस्क ने तस्वीर को कैप्शन के साथ पोस्ट किया, "माई बेडसाइड टेबल।" उन्होंने कहा, "कोस्टरों की कमी के लिए मेरे पास कोई बहाना नहीं है।" मस्क के पोस्ट पर कई यूजर्स ने अपने विचार व्यक्त किए।

एक ने कमेंट किया, "यकीन है कि बाईं ओर ऐसे लोग हैं जो डाइट कोक या बंदूकें पसंद करते हैं।" अन्य ने ट्वीट किया, "आप बंदूक कल्चर का समर्थन करते हैं? मुझे लगा कि आप मानवता और शांति के हिमायती हैं।" इस साल जून में ट्विटर के सीईओ ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर डाइट कोक के प्रति अपने प्यार का इजहार किया था।

10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक का किया बहिष्कार

फोटो: IANS

एआईटीयूसी, आईएनटीयूसी, एसआईटीय, एचएमएस, एलपीएफ, एसईडब्ल्यूए और एआईयूटीयूसी समेत देश की दस बड़ी ट्रेड यूनियनों ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट को लेकर विचार-विमर्श करने वाली बैठक का बहिष्कार किया। बताया जा रहा है कि केंद्र के समक्ष अपनी मांगों को रखने के लिए उन्हें उचित समय नहीं दिया गया था।

25 नवंबर को सीतारमण को लिखे एक पत्र में, वित्त मंत्रालय द्वारा मंत्री के समक्ष अपने विचार रखने के लिए समय देने का आह्वान किया गया था, जब उनके अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यूनियनों ने बैठक का बहिष्कार करने की धमकी दी। उन्होंने प्रत्येक यूनियन को अपनी बजट मांगों को आगे बढ़ाने के लिए आवंटित तीन मिनट के समय को मजाक करार दिया।

सैमसंग, हुआवेई, एलजी मेटावर्स पेटेंट रैंक में सबसे आगे

फोटो: IANS

दक्षिण कोरियाई और चीनी कंपनियां मेटावर्स हार्डवेयर पेटेंट हासिल कर रही हैं, एलजी और हुआवेई सबसे मेटावर्स पेटेंट के साथ रैंक में बढ़ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। वैश्विक मेटावर्स बाजार के 2030 में 996 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 39.8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज कर रहा है।

एक प्रमुख डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडाटा के अनुसार, 2021 में आकार 22.79 अरब डॉलर तक पहुंच गया। निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2016 के बाद से, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने सबसे अधिक मेटावर्स पेटेंट आवेदन दायर किए हैं, जो 2010 से 2015 तक 11वें स्थान से ऊपर जा रहा है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स दूसरे स्थान पर रही।

Second Hand मार्केट में इन 3 कारों की तगड़ी डिमांड, सालों तक नहीं देती धोखा, रिसेल वैल्यू भी जबर्दस्त

.

ऑटो न्यूज डेस्क - भारत में जितनी नई कारें बिक रही हैं, उतनी ही पुरानी कारें भी बिक रही हैं। यहां सेकेंड हैंड कार का बाजार काफी लोकप्रिय और बड़ा है। जिन लोगों के पास नई कार के लिए बजट नहीं होता, वे पुरानी कार खरीद लेते हैं। इसके अलावा कुछ लोग नई की जगह पुरानी कार खरीदना ज्यादा समझदारी समझते हैं। हाल ही में पुरानी कारों से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बेस्ट सेलिंग सेकेंड हैंड कारों की लिस्ट दी गई है। हम आपको इस लिस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप सही फैसला ले सकें।

.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक FY22 में यूज्ड कार मार्केट अपनी प्री-कोरोना पोजिशन पर पहुंच गया है। प्री-ओन्ड कार बाजार का आकार FY22 में 4.1 मिलियन यूनिट से दोगुना होकर FY27 में 8.2 मिलियन यूनिट होने की उम्मीद है। FY22 में, 49% बाजार हिस्सेदारी के साथ उपयोगिता वाहनों ने छोटी कारों (45%) और सेडान (3%) को पीछे छोड़ दिया। इसी अवधि के दौरान बड़ी (8% से 3%) और छोटी (65% से 45%) कारों की वार्षिक बिक्री में गिरावट देखी गई है।

.

OLX प्लेटफॉर्म डेटा के अनुसार प्री-ओन्ड कार सेगमेंट में सबसे लोकप्रिय UVs Hyundai Creta, Maruti Brezza, Maruti Ertiga और Mahindra XUV500 हैं। प्री-ओन्ड सेगमेंट में 5 साल की औसत आयु वाली सबसे लोकप्रिय छोटी कारें मारुति बलेनो, हुंडई एलीट i20, रेनॉल्ट क्विड, मारुति सुजुकी डिजायर और हुंडई ग्रैंड i10 रही हैं। दूसरी ओर, होंडा सिटी भारत की पसंदीदा सेडान बनी हुई है।

वनीला की खेती कैसे करें - होगी लाखों रुपए की कमाई

वनीला की खेती कैसे करें - होगी लाखों रुपए की कमाई

जानें, वनीला की खेती की पूरी जानकारी

वनीला की खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती से किसानों को लाभ हो सकता है। बाजार में इसकी मांग को देखते हुए कई किसान इसकी खेती करने लगे हैं। इसका बाजार भाव भी अच्छा मिलता है। यह फसल बाजार में 50 हजार रुपए प्रति किलो तक बिकती है। ऐसे में किसानों के लिए वनीला की खेती लाभ का सौदा साबित हो सकती है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको वनीला की खेती की जानकारी दे रहे हैं।

क्या है वनीला बाजार का आकार

वनीला एक बेलदार का पौधा होता है। इसका तना लंबा और बेलनकार की तरह होता है। इसके फूल कैप्सूल के आकार की तरह होते हैं। इसके फूलों की खूशबू काफी अच्छी होती है। फूलों के सूख जाने पर इसका पाउडर बनाया जाता है। वनीला में कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाया जाता हैं जो पेट को साफ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है।

वनीला के अर्क का क्या है उपयोग

वनीला पौधे से जो अर्क प्राप्त की मार्केट में भारी डिमांड है। क्योंकि इसके अर्क का उपयोग खास तौर से आइसक्रीम में फ्लेवर के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने सहित अनेक प्रकार की मिठाइयों में किया जाता है। इस तरह ये केसर के बाद दूसरी सबसे महंगी फसल है जिसका उत्पादन करके किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैँ।

वनीला की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए जलवायु

वनीला की खेती के लिए छायादार जगह की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए मध्यम तापमान होना चाहिए। न तो ज्यादा तेज गर्मी हो और न ही ज्यादा सर्दी, क्योंकि इसके पौधे के लिए दोनों ही सही नहीं है। इसकी खेती शेड हाउस में आसानी से की जा सकती है। इसके पौधे को छायादार जगह और हल्की रोशनी मिलती रहनी चाहिए तभी इसका पौधा विकास कर सकता है।

वनीला की खेती के लिए उपयुक्त मिट्‌टी (vanilla ki kheti)

वनीला की खेती के लिए अच्छी खाद वाली भुरभुरी मिट्‌टी की आवश्यकता होती है। इसका पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए। वनीला की खेती से पूर्व मिट्‌टी की जांच जरूर कर लेनी चाहिए और इकसे बाद इसमें पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए खाद व उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए।

कैसे करें वनीला के बीजों की बुवाई

वनीला बेल के रूप में उगता है। इसलिए इसकी बुवाई के लिए बीज व कटिंग दोनों का उपयोग किया जा सकता है। वनीला लगाने से पहले खेत में गड्‌ढे करें। इन गड्‌ढों को कुछ देर धूप में रखें। इसके बाद इन गड्‌ढों में सड़ी-गली खाद डाल दें। बेल को फैलने के लिए तार बांध दें। बेल को लगाने के लिए फव्वार विधि से पानी दें। इसके बाद बेल को तारों के ऊपर फैला दें।

वनीला के पौधों की कैसे करें देखभाल

इसमें समय-समय पर अच्छी खाद डालते रहें। इसके लिए आप इसमें गोबर की खाद, केंचुआं खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें 100 लीटर पानी में एक किलोग्राम एनपीके की मात्रा को मिलाकर छिड़काव करें।

कितने समय में तैयार होती है वनीला की फसल

वनीला की बेल में 9 से 10 माह के बाद फूल-फलियां पकने लग जाती है। इसके बाद पौधों से बीज निकाल लिया जाता है। इन बीजों को अलग-अलग प्रोसेसिंग से होकर गुजरना होता है। इसके बाद वनीला मिलता है।

क्या है इसका बाजार भाव

भारत में वनीला 40 से 50 हजार रुपए प्रति किलो तक बिकता है। यदि किसान कृषि की उच्च तकनीक का इस्तेमाल करके इसकी खेती करें तो काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों फार्मट्रैक ट्रैक्टर , जॉन डियर ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टर , पुराने ट्रैक्टर , कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

रेटिंग: 4.15
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 436
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *