फॉरेक्स में बार क्या है

लिवरेज का सबसे बड़ा फायदा ये है के अगर हमारे पास राशि की कमी है तो लिवरेज की मद्त से हम फिर भी ट्रेड कर सकते है| जिससे हमे फायदा पहले की फॉरेक्स में बार क्या है मात्रा में ज्यादा हो सकता है |
Lot Size क्या है?
शेयर बाजार में, लॉट साइज फॉरेक्स में बार क्या है एक लेनदेन में आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या को दर्शाता है। ऑप्शंस ट्रेडिंग में, लॉट साइज एक डेरिवेटिव सिक्योरिटी में निहित अनुबंधों की कुल संख्या का प्रतिनिधित्व करता है। लॉट साइज का सिद्धांत वित्तीय बाजारों को मूल्य उद्धरणों को विनियमित करने की अनुमति देता है। यह मूल रूप से उस व्यापार के आकार को संदर्भित करता है जो आप वित्तीय बाजार में करते हैं। कीमतों के नियमन के साथ, निवेशक हमेशा इस बात से अवगत होते हैं कि वे एक व्यक्तिगत अनुबंध (Individual Contract) की कितनी इकाइयाँ खरीद रहे हैं और आसानी से यह आकलन कर सकते हैं कि वे प्रत्येक इकाई के लिए कितनी कीमत चुका रहे हैं।
यदि कोई Lot Size परिभाषित नहीं किया गया है, तो कीमत का कोई मानकीकरण नहीं होगा और Option Contract का मूल्यांकन और व्यापार भारी और खपत वाला होगा। उत्पादन का एक छोटा सा हिस्सा कई दुबला विनिर्माण रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सूची (List) और विकास (Development) सीधे लॉट आकार को प्रभावित करते हैं। अन्य कारक भी हैं, जो कम स्पष्ट हैं लेकिन समान रूप से आवश्यक हैं।
फॉरेक्स लॉट साइज क्या है? [What is Forex Lot size? In Hindi]
एक विदेशी मुद्रा व्यापारी आमतौर पर एक विशिष्ट इकाई फॉरेक्स में बार क्या है के रूप में मुद्रा खरीदता या बेचता है जिसे लॉट कहा जाता है। तो हम कह सकते हैं कि 'लॉट' विदेशी मुद्रा में व्यापार की इकाई है।
एक विदेशी मुद्रा व्यापारी के रूप में, जब आप एक विदेशी मुद्रा मंच पर एक आदेश देते हैं, तो उस आदेश को लॉट में उद्धृत आकार में रखा जाता है।
फॉरेक्स में चार तरह के लॉट होते हैं। मानक लॉट में मुद्रा की 100,000 इकाइयाँ होती हैं। Iron Condor क्या है?
एक मिनी लॉट मुद्रा जोड़ी में आधार मुद्रा की 10,000 इकाइयों के बराबर होता है और मानक लॉट आकार की तुलना में मात्रा में दसवां हिस्सा होता है।
जब कोई निवेशक एक मिनी लॉट का व्यापार करता है, तो वह currency pair की संबंधित आधार मुद्रा की 10,000 इकाइयां खरीद या बेचेगा। उदाहरण के लिए, GBP/USD currency pair में, जब कोई निवेशक एक मिनी लॉट में ट्रेड करता है, तो वह 10,000 GBP खरीदता या बेचता है।
अगर भारत में आया आर्थिक संकट, तो सिर्फ इतने वक्त चलेगा फॉरेक्स रिजर्व से काम!
- नई दिल्ली,
- 16 अप्रैल 2022,
- (अपडेटेड 17 अप्रैल 2022, 12:42 AM IST)
- कोविड ने बिगाड़ा विदेशी निवेश का खेल
- अक्टूबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर था फॉरेक्स रिजर्व
- पहले कर सकते थे 17.4 महीने का आयात
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत पर जिस तरह का वैश्विक दबाव है और अमेरिका की मौद्रिक नीति के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से निकासी कर रहे हैं. ऐसी नाजुक स्थिति में अगर देश में कोई आर्थिक संकट आता है, तो हम अभी अपने विदेशी मुद्रा भंडार से देश के लिए सालभर का आयात पूरा कर सकते हैं. श्रीलंका में फिलहाल जो आर्थिक संकट आया है, उसकी कई वजहों में से एक वहां के विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) की खस्ता हालत होना भी है.
फॉरेक्स शुल्क फॉरेक्स में बार क्या है की चोरी से खानी पड़ सकती है जेल की हवा
प्रवर्तन निदेशालय ने 14 साल में पहली बार हाल ही में सूरत के एक हीरा व्यापारी को ‘जानबूझकर’ फॉरेक्स शुल्क चोरी करने के लिए हिरासत में ले लिया और उस पर फेमा की धारा 14 के तहत 3.99 लाख रुपये जुर्माना लगाया।
फेमा उल्लंघन से जुड़े मामले देखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘1999 के बाद से यह पहली बार है कि एजेंसी ने विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के उल्लंघन के एक मामले में किसी को हिरासत में लेकर उसे जेल भेज दिया है। एजेंसी देशभर में इस तरह फॉरेक्स में बार क्या है के मामलों में और कदम उठाने की तैयारी में है।’’
वर्ष 1999 में बने फेमा कानून को देश में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लागू किया जाता है और सख्त मनी लांडरिंग रोधी कानून के मुकाबले फॉरेक्स शुल्क चोरी के मामलों की प्रकृति दिवानी मुकदमों की होती है।
गुजरात के सूरत के मामले में हीरा व्यापारी ने अवैध तरीके से 60,000 डॉलर विदेश स्थानांतरित कर फेमा कानूनों का कथित उल्लंघन किया।
Forex Card: कौन ले सकता है फॉरेक्स कार्ड, क्या हैं इसके फायदे और कितना देना होगा चार्ज; जानिए सबकुछ
जानिए Forex Card कार्ड के लाभ (फोटो-Freepik)
विदेश में सफर करने के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है। अगर आप विदेश में सफर करने वाले हैं, तो विदेशी मुद्रा हासिल करने में आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में फॉरेक्स कार्ड विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के काम को आसान बनाता है। यह एक डेबिट कार्ड की तरह है, जो विदेश फॉरेक्स में बार क्या है में आवश्यकता पड़ने पर निकासी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कौन ले सकता है फॉरेक्स कार्ड
केवल भारतीय नागरिक, जिन्होंने केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की है फॉरेक्स कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है। नॉन रेजिडेन्ट भारतीय फॉरेक्स कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं। माता-पिता या पैरेंट की ओर से आवेदन पत्र पर सिग्नेचर करने के बाद 12 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिगों को कार्ड जारी किया जा सकता है।
फॉरेक्स कार्ड आवेदन फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन भरा जा सकता है। इस फॉर्म के साथ कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। फॉरेक्स कार्ड के लिए सेल्फ अटेस्टेड पासपोर्ट की एक कॉपी, वीज़ा और कन्फर्म टिकट की खुद से सत्यापित की गई कॉपी देनी होती है।
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कितना लगेगा चार्ज
फॉरेक्स कार्ड बनवाने से पहले लोगों को इसके चार्जेज के बारे में जान लेना चाहिए। कार्ड जारी करने, मुद्रा लोड करने या टॉप अप करने, एटीएम से निकासी, बैलेंस पूछताछ, सुविधा शुल्क इत्यादि के संबंध में कार्ड पर किए गए लेनदेन पर लगाए गए शुल्क की जांच करनी चाहिए। यह चार्ज बैंक या कंपनी की ओर से अलग-अलग लगाया जाता है।
इस कार्ड के तहत कंपनी या बैंक यात्री पर बीमा भी प्रदान करती है। एक फॉरेक्स कोर्ड के तहत कई विदेशी मु्द्रा रखी जाती है। फॉरेक्स कार्ड की समय सीमा 5 साल के लिए होती है। इस कार्ड को 60 दिनों के अंदर प्राप्त किया जा सकता है। अगर विदेश यात्रा के दौरान धन का उपयोग नहीं किया गया है, तो इसे भारत आने की तारीख से 180 दिनों के भीतर बैंक को वापस करना होगा।
विदेशी मुद्रा व्यापार में एक पिप क्या है?
विदेशी मुद्रा व्यापार समझने के लिए पिप एक बढ़िया इंडिकेटर है| इसकी वजह भी बहोत ही साफ़ है| हम सब ये तो जानते है के फोरेक्स ट्रेडिंग में करेंसी फॉरेक्स में बार क्या है पेअर को ट्रेड किया जाता है| जिसमे करेंसी की कीमत बदलती रहती है| और करेंसी में होने वाले सबसे छोटे बदलाव को ही फोरेक्स ट्रेडिंग में पिप कहा जाता है|
आम तौर पर पिप ०. ०००१ मूल्य परिवर्तन के बराबर होता है| जैसे Eur -USD पेअर के लिए अगर ट्रेडिंग रेट 1.4999 से बढ़कर 1.5001 हो जाती है, तो आपको टू-पाइप मूवमेंट मिलता है।
लेकिन, हर बार पिप की कीमत 0.0001ही हो ये जरुरी नहीं | जैसा की हमने पहले ही बताया के ये स्मॉलेस्ट करेंसी वैल्यू चेंज को दिखता है| तो अगर करेंसी पेअर अलग हो तो पिप्स की कीमत भी अलग होगी|
उदहारण के लिए USD-JPY पेअर बहोत ही जल्द बदलती है ये फॉरेक्स में बार क्या है Eur -USD जितनी स्थिर नहीं, जैसे करेंसी की ट्रेड वैल्यू 103.34 से 103.36 तक बदलती है तो ऐसे में इन्हे 0.01 चेंज के रूप में देखा जाएगा| इसलिए इस उदहारण फॉरेक्स में बार क्या है में 0.01 पिप होगी |
विदेशी मुद्रा व्यापार में स्प्रेड का क्या अर्थ है?
विदेशी मुद्रा व्यापार में प्रसार विदेशी मुद्रा दलाल की बिक्री (पूछना) दर और खरीद (बोली) दर के बीच का अंतर है जब विनिमय या व्यापारिक मुद्राएं होती हैं।
स्प्रेड, आस्क और बिड मूल्य के बीच का अंतर है, इसलिए यह निम्नलिखित कारकों के आधार पर संकरा या चौड़ा हो सकता है: मुद्रा जोड़ी, दिन का समय व्यापार शुरू होता है, बाजार में अस्थिरता, और आर्थिक स्थिति।
विदेशी मुद्रा व्यापार में मार्जिन क्या है?
विदेशी मुद्रा बाजार में मार्जिन ट्रेडिंग एक या एक से अधिक मुद्राओं में पोजीशन बनाने के लिए ब्रोकर के साथ राशि का विभाजीत होना मतलब मार्जिन कहलाती है|
मार्जिन बहोत हद तक लिवरेज से जुडी हुई है |
आइये हम मार्जिन को एक उदहारण से समझते है; मान लीजिये के आपको EUR / USD पेअर के $१०००० का ट्रेड करना है ; तो इसके लिए आपको पुरे $१०००० जमा करने की जरुरत नहीं है| मार्जिन की मदत से आप काम राशि से ट्रेड कर सकते है और बाकी की राशि ब्रोकर जमा करता है| लिवरेज के साथ भी यही होता है|
मार्जिन ट्रेडिंग क्या है ? इक्विटी मार्किट या फिर फोरेक्स मार्किट में ट्रेडिंग करते वक़्त अगर हम मार्जिन का इस्तेमाल करते है तो इसे मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है |
मार्जिन ट्रेडिंग के फायदे और नुक्सान :
मार्जिन ट्रेडिंग का यह फायदा है के आप सिमित राशि से भी ट्रेड कर सकते हो|
मार्जिन ट्रेडिंग का नुक्सान यह है के इसमें एक निश्चित जोखिम होता है| जैसे अगर हमारा ट्रेड नुक्सान का १००% के करीब पोहचता है तो ऐसे में ब्रोकर हमें और डिपाजिट या पोजीशन क्लोज करने के लिए बोलेगा जिससे पूरा व्यापार बंद हो जाएगा और जमा खो जाएगा।
निष्कर्ष: इस पोस्ट में हमने फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करे ? इस बात को बहोत ही सरल ढंग से समझने की कोशिस की है| यह पोस्ट लिखते वक़्त हम ये मानकर चल रहे है के; ये पोस्ट हर किसी के लिए लाभदायक रहे|
हमारा यह मानना है के अगर किसी ट्रेडर को फोरेक्स मार्किट की बेसिक बाते पता न हो तो उसे फोरेक्स ट्रेडिंग करने से बचना चाहिए | सबसे पहले चीजों चीजों को सीखना सही रहेगा | हमारा नॉलेज ही हमारी जीत की गुरंटी हो सकती है| इसलिए हमने एक्चुअल ट्रेडिंग के अलावा सिखने की ऊपर ज्यादा ध्यान दिया है |