बाइनरी ऑप्शन टिप्स

इनकम ट्रेडर

इनकम ट्रेडर
एक निश्चित आय व्यापारी एक वित्तीय मध्यस्थ है जो सरकार या कॉर्पोरेट बॉन्ड, नोट या बिल जैसे निश्चित आय प्रतिभूतियों में ट्रेड करता है या तो व्यक्तिगत निवेश के लिए या अपने नियोक्ता, एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के ग्राहकों के लिए।

ट्रेडर तो यहां-वहां उछलते बंदर हैं

पानी की कीमत तो प्यासा ही जानता है। उसी तरह ज्ञान की असली जरूरत और भूख निवेशक समझता है। ट्रेडर की तुलना तो अधिक से अधिक उस बंदर की जा सकती है जो इस डाल से उस डाल, इस पेड़ से उस पेड़ पर फुदकता रहता है। वे तो उन बेचारे देहाती लोगों की तरह है जिनके पास दिन के आखिर में बस पैसा होता है और कुछ नहीं।

सेरा, एस्ट्रा, एलएमएल, गिलैंडर… और क्या चाहिए हमें खुद को साबित करने के लिए? हां, इनकम ट्रेडर आपके पास जो सूचनाएं अभी तक मुफ्त में आ जाया करती थीं, अब वे रुक गई हैं और अब आप अनजान वीराने में भटक रहे हो। अगर आपको किसी स्टॉक को अच्छी तरह जानना-समझना है तो आपको हमारी रिपोर्ट खरीदकर खुद को शिक्षित करना होगा। हम गारंटी के साथ कह सकते हैं कि कोई भी एफआईआई ब्रोकर वीआईपी इंडस्ट्रीज में 34 रुपए (बाजार पूंजीकरण/मार्केट कैप 65 करोड़ रुपए) पर खरीद की रिपोर्ट लाने की हिम्मत नहीं करेगा। कंपनी के फंडामेंटल्स में कोई फर्क नहीं पड़ा है और महज आरजे के आने से यह स्टॉक 340 रुपए पर पहुंच गया (आपको भले ही इसका पता अब चला हो, लेकिन आरजे इसमें 95 रुपए पर ही उतर गए थे)। मुझे अच्छी तरह पता है कि अब बहुत सारी रिपोर्टें आएंगी कि यह 450, 500, 600 और इससे ऊपर भी जा सकता है। इससे इस स्टॉक में सिर्फ बेकार की उठापटक होगी।

मुझे ऐसी बात लिखने में कोई हिचक नहीं है क्योंकि हमारे बेरहम उद्योग में यही सब कुछ हो रहा है। हिंदुस्तान ऑयल को हमने 40 रुपए पर पकड़ा था और पूरी दुनिया इसको लेकर तब चौकन्नी हुई जब यह 400 रुपए पर पहुंच गया था। उस वक्त मैंने आपसे कहा था कि यह बहुत हाथों में जा चुका है। उसके बाद यह स्टॉक कभी भी ठीक से नहीं चला। स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रा का विलय अपने ही समूह की कंपनी सैब इंडस्ट्रीज में हो रहा है। सैब के पास पांच लाइसेंस, मॉल और कई हेक्टेयर जमीन जैसी भारी संपदा है। इस विलय के बाद यह स्टॉक सचमुच हवा से बातें कर सकता है। असल में, सैब को चंडीगढ़ से 2170 करोड़ रुपए का एक सड़क कांट्रैक्ट मिला है।

सैब इंडस्ट्रीज की तुलना उत्तर भारत में डीएलएफ से की जा सकती है। यही वह वक्त है जब आप 22 रुपए के आसपास चल रहे स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रा में सोचा-समझा जोखिम उठा सकते हैं। विलय हो गया तब तो यह शेयर न जाने कहां पहुंच जाएगा। अब चूंकि इस स्टॉक के साथ हमारे निजी स्वार्थ जुड़े हैं, इसलिए इसके बारे हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। वजह आप समझ ही सकते हैं। खैर, हमारी अगली सनसनी गल्फ ऑयल है और ऐसा क्यों है, इसे हम बहुत जल्द जारी होनेवाली अपनी रिपोर्ट में बताएंगे। एस्ट्रा और गिलैंडर मिड कैप में हमारे चुनिंदा स्टॉक रहे हैं और ऐसी बहुत-सी कॉल आप केवल सीएनआई से पा सकते हैं।

निफ्टी में अब धमाका होने को है क्योकि बाजार में आज का उतार-चढ़ाव आखिरी रुकावट था। इसमें पहला लक्ष्य 5370 अंक का है। इसके बाद इसे 5400 तक पहुंचने में थोड़ी मुश्किल आएगी। लेकिन इसके बाद तो धन के लिए आपको किसी ब्लॉकबस्टर की जरूरत होगी ताकि आप बाजार के लिए भी ऐसा कुछ कर दिखाएं।

सबसे बड़ा तोहफा, जो हम एक-दूसरे को दे सकते हैं, वह यह है कि हम एक-दूसरे की अहमियत समझें, उन्हें सम्मान दें और पूरा ख्याल रखें।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

बैंक से कितना पैसा निकालने पर टीडीएस कटेगा?| TDS Rule on Cash Withdrawal from Bank

सरकार ने बड़े लेन-देनों (Transactions) पर नजर रखने के लिए और ज्यादा से ज्यादा लेन-देन को डिजिटल तरीके से निपटाने के लिए ज्यादा पैसा निकालने पर TDS काटना शुरू कर दिया है। इसके लिए इनकम टैक्स ऐक्ट में section 194N जोड़ा गया है। लेकिन, ये टीडीएस काटने का नियम, अलग-अलग कैटेगरी के लोगों पर अलग-अलग तरीके से इनकम ट्रेडर लागू होगा। इस लेख में हम जानेंगे कि किस कैटेगरी के व्यक्ति को कितना पैसा निकालने पर टीडीएस कटेगा। What is the TDS Rates on cash withdrawal from Bank or Post Office

पूरा लेख एक नजर में

बैंक से कितना पैसा निकालने पर टीडीएस कटेगा? When will TDS be deducted on cash withdrawal from Bank

इनकम टैक्स एक्ट के section 194N के मुताबिक, बैंक से पैसा निकालने पर TDS तब कटेगा जबकि-

  • 20 लाख पर 2%, 1 करोड़ पर 5%- अगर आपने पिछले तीन वर्षों के दौरान, किसी भी वित्त वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न नहींं भरा है तो बैंक से 20 लाख रुपए से ज्यादा पैसे निकालने पर 2% TDS कटेगा और 1 करोड़ से अधिक पैसा निकालने पर 5% TDS कटेगा।
  • 1 करोड़ पर 2%: अगर, आपने पिछले तीन वित्त इनकम ट्रेडर वर्षों के दौरान, किसी वित्त वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया है तो फिर सिर्फ 1 करोड़ रुपए से अधिक पैसे निकालने पर 2% TDS कटेगा। 20 लाख रुपए से ऊपर निकालने पर कोई TDS नहीं कटेगा।

अगर कई बैंकों में अकाउंट हैं तो…

अगर आपके कई बैंकों में अकाउंट हैं तो प्रत्येक बैंक अपने-अपने यहां के अकाउंटों में TDS काटने के नियम का पालन करेंगे। जैसे कि मान लिया कि आपके SBI और HDFC में अकाउंट हैं। तो SBI अपने यहां पैसे निकालने की लिमिट का ध्यान रखेगा और HDFC अपने यहां पैसे निकालने की लिमिट का ध्यान रखेगा। आप दोनों बैंकों से अलग-अलग अपनी लिमिट में पैसे निकाल सकेंगे। जिस भी बैंक में आप 20 लाख या 1 करोड़ की लिमिट पार करेंगे वह बैंक अतिरिक्त रकम पर TDS काटना शुरू कर देगा।

मतलब यह कि 20 लाख या 1 करोड़ पर TDS काटने का नियम, व्यक्ति के हिसाब से लागू नहीं होता। बल्कि, बैंक के हिसाब से लागू होगा। जितने बैंकों में आपका अकाउंट होगा, हर बैंक अपने यहां आपको पैसा देते वक्त, आपके रिटर्न दाखिल करने के हिसाब से पैसा निकालने की लिमिट का लागू करेगा।

किसके पैसा निकालने पर कटेगा टीडीएस

यह सेक्शन, निम्नलिखित श्रेणियों के करदाताओं पर लागू होता है—

  • व्यक्ति (individual)
  • एचयूएफ (Hindu Undivided Family)
  • कंपनी
  • पार्टनरशिप ​फर्म/ LLP
  • लोकल अथॉरिटी
  • एसोसिएशन आफ पर्सन (AOP)
  • बॉडी आफ इंडिविजुअल्स (BOI)

बैंकों और इन संस्थाओं के निकालने पर लागू नहीं

  • सरकारी निकायों, बैंक या को-आपरेटिव बैंक, बैंक कंपनियों के बिजनेस करेस्पांडेंट, किसी भी बैंक के व्हाइट लेबल एटीएम आपरेटर
  • ऐसे व्यक्ति जिन्हें केंद्र सरकार ने इनकम ट्रेडर कमीशन एजेंट या ट्रेडर या अथॉराइज्ड डीलर/फ्रेंचाइजी एजेंट या सब एजेंट नियुक्त किया हो
  • रिजर्व बैंक की ओर से लाइसेंस प्राप्त Full-Fledged Money Changer (FFMC) भी इस प्रतिबंध से मुक्त होंगे। इन संस्थाओं को अपने कारोबार संचालन के लिए भारी मात्रा में नकदी की जरूरत होती है।

बैंक या पोस्ट आफिस को TDS काटने का जिम्मा

नकदी निकासी पर नियम के अनुसार, TDS काटने की जिम्मेदारी, रकम का भुगतान करने वाले बैंक, को आपरेटिव बैंक या पोस्ट आफिस की होगी। ये भुगतान करने से पहले, निर्धारित प्रतिशत में TDS काट लेंगे और बाकी रकम का भुगतान करेंगे। उस काटे गए TDS को सरकार के पास जमा कर दिया जाएगा। रकम पाने वाले के टैक्स अकाउंट में यह दर्ज हो जाएगा। आप अपने PAN नंबर की मदद से लॉगिन करके, फॉर्म 26 A में इसके डिटेल्स चेक कर सकते हैं।

एक बैंक के सारे अकाउंट किए जाएंगे शामिल

टीडीएस काटने के लिए नकदी की सीमा (Limit) का निर्धारण, किसी एक बैंक या पोस्ट आफिस में हुए सभी लेन-देन को जोडकर किया जाएगा। एक ब्रांच के हिसाब से नहीं। किसी एक बैंक या पोस्ट आफिस में, एक व्यक्ति के नाम खुले सभी तरह के अकाउंट जैसे कि savings account, current account, cash credit account, overdraft account वगैरह से निकाले गए पैसों को जोडकर लिमिट तय होगी। सभी बैंक शाखाओं में कोर ​बैंकिंग (core banking solutions) की सुविधा के कारण ऐसा कर पाना बहुत आसान हो गया है।

टुकडों में रकम निकालने पर कैसे काम करेगा नियम

अब सवाल यह उठता है कि अगर किसी ने इकट्ठा पूरी रकम न निकालकर ‘ अलग-अलग करके पैसे निकाले तो। ऐसी स्थिति में नकदी निकालने पर टीडीएस कटौती का नियम कैसे काम करेगा?

मान लिया आपने पिछले तीन वर्षों से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है और वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 10-10 लाख करके कुल तीन बार नकदी निकाली।

  • पहली बार 10 लाख रुपए निकालने पर कोई TDS नहीं कटेगा, क्योंकि यह 20 लाख की सीमा के अंदर है।
  • दूसरी बार 10 लाख निकालने पर भी कोई TDS नहीं कटेगा, क्योंकि तब तक का Total 20 लाख की सीमा के अंदर है।
  • तीसरी बार 10 लाख निकालने पर TDS कटेगा, क्योंकि अब आपका टोटल 20 लाख रुपए से अधिक (कुल 30 लाख रुपए) हो गया है। 20 लाख से अतिरिक्त जो 10 लाख रुपए निकाले गए हैं, उन पर 2 प्रतिशत TDS काटा जाएगा।
  • इसी प्रकार आगे भी 20 लाख से अतिरिक्त जितनी भी रकम निकालेंगे उस पर 2% टीडीएस कटने के बाद, आपको बाकी रकम मिल सकेगी।
  • जैसे ही नकदी निकासी की सीमा 1 करोड़ पार हो जाएगी, तो 1 करोड़ से अधिक वाली रकम पर 5 प्रतिशत की दर से TDS कटेगा।

नकदी निकासी पर TDS का प्रतिशत जानने के लिए टूल

इस नियम को आसानी से लागू करने और लोगों को समझाने के मकसद से Income Tax विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक नया टूल शुरू किया है। इसके स्टेप्स इस प्रकार हैं-

  • इनकम टैक्स की वेबसाइट खोलें। इसका लिंक है— https://www.incometaxindiaefiling.gov.in
  • होमपेज पर बाईं साइड में थोडा नीचे जाने पर Verification of applicability u/s 194N का लिंक दिखता है। इस पर क्लिक करें। (नीचे स्क्रीन शॉट में देखें)
  • अगले स्टेप्स में आपको निम्नलिखित चीजें करनी हैं—
    • पहले खाली बॉक्स में अपना PAN नंबर डाल दीजिए।
    • दूसरे खाली बॉक्स में अपना Mobile Number डाल दीजिए।
    • नीचे लिखे घोषणापत्र के पहले बने बॉक्स में टिक कर दीजिए।
    • सबसे नीचे मौजूद continue के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
    • रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्ति के इनकम टैक्स अकाउंट के साथ ऊपर बताई प्रक्रिया अपनाने के बाद स्क्रीन पर यह मैसेज लिखकर आया—
    • रिटर्न न दाखिल करने वाले एक मित्र के पैन नंबर और फोन नंबर की सहायता से ये स्टेप्स पूरे किए तो अंत में जो मैसेज स्क्रीन पर आया उसमें लिखा था— TDS is deductable@2% if cash withdrawal exceeds Rs 20 Lakhs, @5% If it exceeds Rs 1 Crore, as the taxpayer has not complied with requirements of Section 194N.

    तो दोस्तों ये थी, बैंक से कैश निकालने पर TDS कटौती के नियमों के बारे में जानकारी। रुपयों-पैसों से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियों के लिए देखें हमारे लेख-

    What is Swing Trading in Hindi: जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? और क्‍या हैं इसके फायदे?

    Swing Trading in Hindi: इस लेख में, हम ऐसी एक स्ट्रेटेजी को कवर करेंगे जिसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है। तो आइए जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है? (What is Swing Trading in Hindi) और स्विंग ट्रेडिंग के फायदें क्या है? (Benefits of Swing Trading in Hindi)

    Swing Trading in Hindi: शेयर मार्केट में अपना पैसा निवेश करना सामान्य प्रकार के पैसिव इनकम में से एक है जिसके माध्यम से हम आपके धन को अधिकतम कर सकते हैं। अगर सही स्ट्रेटेजी और कार्यों के साथ किया जाए तो निवेश करना बहुत आसान हो सकता है। इस लेख में, हम ऐसी एक स्ट्रेटेजी को कवर करेंगे जिसे स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) कहा जाता है। तो आइए जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है? (What is Swing Trading in Hindi), स्विंग ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है? (Types of Swing trading in hindi) और स्विंग ट्रेडिंग के फायदें क्या है? (Benefits of Swing Trading in Hindi)

    स्विंग ट्रेडिंग क्या है? | Swing Trading Kya Hai? | What is Swing Trading in Hindi

    जब कोई ट्रेडर कम से कम 1 दिन और एक सप्ताह तक पोजिशन रखता है तो यह स्विंग ट्रेडिंग के अभ्यास को संदर्भित करता है। स्विंग ट्रेडर पोजीशन में प्रवेश करने और उनमें से रिटर्न बनाने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते हैं।

    (टेक्निकल एनालिसिस रुझानों की पहचान करने और भविष्यवाणियां करने के लिए पैटर्न का उपयोग करने की एक प्रक्रिया है)

    स्विंग ट्रेडिंग का मतलब (Swing Trading Meaning in Hindi) स्टॉक की कीमत में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है। सीधे शब्दों में कहें तो यह इनकम ट्रेडर इनकम ट्रेडर वह प्रक्रिया है जिसमें व्यापारी यह पहचानते हैं कि किसी एसेट की कीमत आगे कहां बढ़ सकती है, पोजीशन दर्ज करें और उस प्राइस मूवमेंट से मुनाफा बुक करें।

    यह ट्रेंड ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग से कैसे अलग है?

    ट्रेंड ट्रेडिंग में, इनकम ट्रेडर ट्रांजैक्शन की मात्रा कम होने के कारण व्यापारी लंबी अवधि के लिए पोजीशन धारण करते हैं लेकिन प्रॉफिट प्रति पोजीशन पर अधिक हो सकता है।

    डे ट्रेडिंग में, व्यापारी एक दिन या उससे भी कम समय के लिए पोजीशन रखते हैं और यहां प्रॉफिट सबसे कम होता है।

    लेकिन Swing Trading के मामले में, व्यापारी लंबी अवधि के लिए और न ही छोटी अवधि के लिए पोजीशन धारण कर रहे हैं, यह प्रॉफिट अमाउंट डे ट्रेडिंग और ट्रेंड ट्रेडिंग के दौरान अर्जित प्रॉफिट अमाउंट के बीच है।

    स्विंग ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Swing Trading in Hindi

    1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेडिंग (Counter trend swing trading) - जब कोई ट्रेडर वर्तमान, व्यापक ट्रेंड के खिलाफ ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाने का प्रयास करता है तो यह एक काउंटर-ट्रेंड है।

    2) ट्रेंड फॉलोइंग स्विंग ट्रेड (Trend following swing trade) - यह एक ट्रेडिंग स्टाइल है जहां ट्रेडर्स ट्रेंड नीचे जाने पर बेचते हैं और ऊपर जाने पर खरीदते हैं।

    स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग के बीच अंतर | Difference between Swing Trading and Day Trading इनकम ट्रेडर

    स्विंग ट्रेडिंग में, व्यापारी एक दिन या एक सप्ताह के लिए पोजीशन रखते हैं। जबकि डे ट्रेडिंग के मामले में एक दिन से अधिक समय तक पोजीशन पर बने रहना संभव नहीं है।

    डे ट्रेडिंग की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग का अधिक प्रॉफिट नहीं होता है।

    स्विंग ट्रेडिंग के मामले में, डे ट्रेडिंग की तुलना में ट्रांजैक्शन की संख्या कम होती है क्योंकि स्विंग ट्रेडर प्रक्रिया के माध्यम से एक स्टॉक चुनते हैं जबकि डे ट्रेडर एक ही दिन में कई स्टॉक चुनते हैं।

    डे ट्रेडिंग की तुलना में Swing Trading के मामले में समय की आवश्यकता अधिक नहीं है। और यही कारण है कि स्विंग ट्रेडर्स को पार्ट-टाइम ट्रेडर्स के रूप में जाना जाता है जबकि डे ट्रेडर्स को फुल-टाइम ट्रेडर्स के रूप में जाना जाता है।

    Swing Trading के लिए उच्च मार्जिन की आवश्यकता होती है। जबकि डे ट्रेडिंग के लिए उच्च मार्जिन की आवश्यकता नहीं होती है।

    आइये कुछ और मानदंडों के आधार पर स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर समझते है-

    स्विंग ट्रेडिंग - मिनिमम - 1 दिन, अधिकतम - कुछ सप्ताह

    डे ट्रेडिंग - एक दिन से ज्यादा नहीं या उससे भी कम हो सकता है

    स्विंग ट्रेडिंग - दिन के कारोबार की तुलना में कम लीवरेज

    डे ट्रेडिंग - अत्यधिक लाभदायी

    समय की आवश्यकता

    स्विंग ट्रेडिंग - कम (पार्ट टाइम ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है)

    डे ट्रेडिंग - अधिक (फुल टाइम ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है)

    स्विंग ट्रेडिंग - मार्जिन की उच्च आवश्यकता

    डे ट्रेडिंग - मार्जिन की कम आवश्यकता

    स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है? | How does Swing trading work?

    स्विंग ट्रेड में फुटप्रिंट का एनालिसिस करने और प्राइस चार्ट को पढ़ने के स्किल का कॉम्बिनेशन होता है। स्विंग ट्रेडिंग को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है जो इस प्रकार हैं:

    अपना स्टॉक चुनें - पहला हिस्सा हमेशा उन शेयरों को चुनना होगा जिनके माध्यम से आप अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। एक स्विंग ट्रेडर के रूप में, आपको एक टेक्निकल एनालिसिस करना चाहिए ताकि मजबूत स्टॉक ढूंढना आसान हो सके।

    चार्ट का एनालिसिस - मौलिक रूप से मजबूत स्टॉक का चयन करने के बाद आप अपने चयनित स्टॉक के चार्ट के एनालिसिस के लिए आगे बढ़ सकते हैं। मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (MACD), रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), ट्रेंड लाइन और वॉल्यूम आदि जैसे विभिन्न संकेतकों का एनालिसिस करें और चयनित कंपनियों के बारे में दैनिक लेख और समाचार भी पढ़ें।

    सेटअप - अंतिम भाग सेट किया जाएगा जिसमें टार्गेट प्राइस एंट्री प्राइस से ऊपर निर्धारित किया जाएगा और एंट्री प्राइस के नीचे अपना स्टॉप-लॉस ऑर्डर दिया जाएगा। और इस तरह आप बाजार में लगे झूलों से रिटर्न कमा सकते हैं।

    स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी | Swing trading strategies

    अगर आप अपनी निवेशित राशि पर रिटर्न कमाना चाहते हैं तो आपको स्विंग ट्रेडर के रूप में कुछ स्ट्रेटेजी को लागू करने की आवश्यकता है। भारत में स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी निम्नलिखित हैं-

    टी-लाइन ट्रेडिंग - उपलब्ध चार्ट के आधार पर निर्णय लेने के इनकम ट्रेडर लिए व्यापारियों द्वारा टी-लाइन का उपयोग किया जा सकता है। जब कोई सिक्योरिटी इस रेखा के नीचे बंद हो जाती है तो यह एक संकेत है कि कीमत में गिरावट जारी रहेगी। जबकि अगर यह लाइन के ऊपर बंद हो जाता है तो संकेत है कि कीमत में वृद्धि जारी रहेगी।

    जापानी कैंडलस्टिक - यह बाजार में सभी व्यापारियों के बीच आम है। चूंकि इसकी व्याख्या करना आसान है और इसे समझा जा सकता है, अधिकांश व्यापारी इसे पसंद करते हैं

    स्विंग ट्रेडिंग के फायदें | Benefits of Swing Trading in Hindi

    जैसा कि आप जानते हैं कि स्विंग ट्रेडर चार्ट पढ़ने और पैटर्न का एनालिसिस करने से संबंधित हैं जो आटोमेटिक रूप से रुझानों और पैटर्न का पालन करके उनके लिए अच्छा रिटर्न अर्जित करने के अवसर पैदा करता है।

    काम के घंटे का लचीलापन- एक स्विंग ट्रेडर के रूप में, आपको लचीलेपन का लाभ मिलता है जो आपके पास लंबे समय तक व्यापार करने के लिए नहीं होता है, आप इसे पार्ट टाइम आधार पर करते हुए आसानी से लाभ कमा सकते हैं।

    उच्च मार्जिन - स्विंग ट्रेडिंग आपको एक सप्ताह के भीतर उच्च मार्जिन अर्जित करने में मदद करेगी। चूंकि लेनदेन कम है, प्रति लेनदेन लाभ की दर भी यहां अधिक है।

    कम जोखिम - स्विंग ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस के बारे में चिंतित हैं और चूंकि शामिल संकेतक सुरक्षित हैं और अधिकांश स्विंग व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाते हैं, कोई भी आसानी से उन पर भरोसा कर सकता है और स्विंग ट्रेडिंग को कम जोखिम भरा मान सकता है।

    निश्चित आय व्यापारी

    एक निश्चित आय व्यापारी एक वित्तीय मध्यस्थ है जो सरकार या कॉर्पोरेट बॉन्ड, नोट या बिल जैसे निश्चित आय प्रतिभूतियों में ट्रेड करता है या तो व्यक्तिगत निवेश के लिए या अपने नियोक्ता, एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के ग्राहकों के लिए।

    स्पष्टीकरण

    व्यापारिक पेशे में, अधिकांश व्यापारी या परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां अपने निपटान में प्राप्त ज्ञान और संसाधनों के आधार पर निवेश पर एक विशेष डोमेन के विशेषज्ञ होते हैं या जिस तरह के बाजार या ग्राहक के आधार पर वे सौदा करना चाहते हैं। इसलिए, कमोडिटी, इक्विटी, वैकल्पिक निवेश, फिक्स्ड इनकम या डेरिवेटिव्स में ट्रेडर जैसी श्रेणियां हैं।

    एक निश्चित आय व्यापारी की जिम्मेदारियां

    • यदि निश्चित आय व्यापारी अपने स्वयं के निवेश पोर्टफोलियो के साथ काम कर रहा है, तो उसे कई टोपियां करनी पड़ सकती हैं, जैसे कि ट्रेडिंग रणनीति डेवलपर, पोर्टफोलियो प्रबंधक, और व्यापार जल्लाद
    • यदि इनकम ट्रेडर वह एक बुटीक इन्वेस्टमेंट फर्म के लिए काम करता है , तो उसे एक पोर्टफोलियो मैनेजर के साथ काम करना पड़ सकता है , जिसके पास यह तय करने की जिम्मेदारी होती है कि पोर्टफोलियो का कितना हिस्सा किस तरह के सिक्योरिटीज के क्लाइंट्स के IPS, और डोमेन के भीतर विश्लेषण करने के बाद जाता है। रणनीति व्यापारी द्वारा विकसित की जाती है जो इस रणनीति को पूरा करने के लिए निष्पादन करता है।
    • हालांकि, यदि फर्म एक बड़ा परिसंपत्ति प्रबंधन समूह है जैसे कि ब्लैकरॉक , तो श्रम का एक बड़ा विभाजन है, और ऐसे मामले में, उनके पास संपत्ति की उच्च मात्रा का प्रबंधन करने के लिए एक अलग रणनीति विभाग हो सकता है।
    • इस तरह की फर्मों का एक कर्तव्य है , जिसका अर्थ है कि ग्राहक उन्हें अपने निवेश पर विवेक देते हैं, और इसलिए उन्हें ग्राहकों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने की आवश्यकता होती है। ऐसे माहौल में, व्यापारी बड़े पैमाने पर व्यापार जल्लाद की भूमिका निभाता है।
    • निष्पादन की जिम्मेदारी के अलावा, व्यापारी को पोर्टफोलियो के प्रदर्शन पर लगातार नजर रखने की जरूरत है और देखें कि क्या पोर्टफोलियो आईपीएस में निर्धारित लक्ष्यों से अलग हो गया है और निर्दिष्ट ट्रेडिंग रणनीति। यदि ऐसी स्थिति है, तो यह व्यापारी का कर्तव्य है कि वह पोर्टफोलियो को फिर से संतुलित इनकम ट्रेडर करे और इसे पटरी पर लाए।

    इसलिए, व्यापारी की भूमिका को निम्नलिखित स्मार्ट कला के अनुसार संक्षेप में प्रस्तुत किया जा सकता है:

    मूल में, हमारे पास निष्पादन, और उस तक माध्यमिक है, और हमारे पास निगरानी और असंतुलन है। इन दो जिम्मेदारियों के अलावा, रणनीति विकास और पोर्टफोलियो प्रबंधन की उच्च-स्तरीय भूमिकाएं पोर्टफोलियो की मात्रा के अनुसार होती हैं, जितनी बड़ी मात्रा होती है, उतनी ही कम संभावना होती है कि ये दोनों जिम्मेदारियां व्यापारी के दायरे में आएंगी।

    कौशल एक निश्चित आय व्यापारी बनने के लिए आवश्यक है

    # 1 - तकनीकी ज्ञान

    व्यापारी को निश्चित आय निवेश के मूल्यांकन और उनके भुगतान को अच्छी तरह से समझना चाहिए। इस डोमेन में शामिल उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे सरकार और कॉर्पोरेट ऋण, संपार्श्विक ऋण दायित्व (सीडीओ), संपार्श्विक ऋण दायित्व (सीएमओ), संपार्श्विक ऋण दायित्व (सीएलओ), बंधक समर्थित प्रतिभूतियां (एमबीएस) या संपत्ति क्रेडिट सिक्योरिटीज (ABS) जैसे कि क्रेडिट कार्ड लोन या स्टूडेंट लोन और अन्य द्वारा समर्थित बॉन्ड।

    # 2 - बाजार ज्ञान

    • अर्थव्यवस्था धीमी होने पर फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज अच्छा करती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस अवधि में, ब्याज दरें अधिक हैं, और निश्चित आय प्रतिभूतियों की कीमतें ब्याज दरों से विपरीत हैं, यह वह समय है जब ऐसी प्रतिभूतियों को कम कीमत पर खरीदा जा सकता है। जब अर्थव्यवस्था उठाती है, तो ब्याज दरें कम हो जाती हैं, कीमतें बढ़ जाती हैं, यह निश्चित आय प्रतिभूतियों को बेचने और असमानताओं को निवेश करने का एक अच्छा समय है। इसलिए व्यापारी को अपने निवेश रणनीतियों में बाजार के माहौल और इस तरह के बदलावों को ध्यान में रखना होगा।
    • इसके अलावा, उपज वक्र विश्लेषण भविष्यवाणी करने के लिए एक प्रभावी उपकरण है कि अर्थव्यवस्था भविष्य में किस रास्ते पर जाएगी, और इसलिए मंदी या पुस्तक चक्रों की भविष्यवाणी करने का एक तरीका है। तो यह बाजार को समय देने में मदद कर सकता है।
    • इसलिए व्यापारी को बाजार का पालन करने और ग्राहकों के सर्वोत्तम हित में होने वाले सौदे को निष्पादित करने की कोशिश करने की आवश्यकता है।

    # 3 - आंदोलन विश्लेषण

    जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, निगरानी और असंतुलन व्यापारी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए उसके पास बाजार का विश्लेषण करने का कौशल होना चाहिए और जब वह अपनी भविष्यवाणियों से दूर हो जाता है और तदनुसार पोर्टफोलियो को फिर से चालू करने का प्रभार लेता है।

    शैक्षणिक योग्यता

    • वित्त डोमेन में एक डिग्री होने से एक इच्छुक व्यक्ति के लिए एक निश्चित आय व्यापारी बनने की संभावना है। ये डिग्री एक ही डोमेन में मास्टर की डिग्री के लिए वित्त विशेषज्ञता के साथ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक तक हो सकती है। एक सर्टिफिकेट जैसे चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए) या सीए फुल फॉर्म (सीए) बाजार में उपलब्ध उपकरणों के पीछे तकनीकी ढांचे की अवधारणा को समझने के लिए इच्छुक को एक व्यापक ज्ञान आधार दे सकता है।
    • जिन विषयों में आकांक्षी की अच्छी पकड़ होनी चाहिए, उनमें वित्त, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी और संभावना, गणित और अन्य शामिल हैं, और वर्तमान में, व्यवहार वित्त में अच्छी पृष्ठभूमि एक अतिरिक्त लाभ के रूप में काम करती है, क्योंकि यह ग्राहकों की स्थितिजन्य और मनोवैज्ञानिक रूपरेखा में मदद करता है। जिसका निवेश व्यापारी द्वारा किया जा रहा है।
    • अमेरिका में, एफआईआरआरए के दिशानिर्देशों के अनुसार , प्रतिभूतियों के व्यापार के विभिन्न डोमेन के लिए कई योग्यता परीक्षाएं हैं , जिनमें सरकारी प्रतिभूतियों के क्षेत्र में आवश्यक नगरपालिका ऋणों से लेकर कॉर्पोरेट ऋण तक शामिल हैं। कुछ प्रतिनिधि स्तर की परीक्षाएं हैं जैसे कि श्रृंखला 7 की परीक्षा जबकि कुछ प्रमुख स्तर की परीक्षाएं हैं, और अन्य संघ परीक्षाएं हैं जैसे कि श्रृंखला 63। एक कंपनी को व्यापार के लिए इन परीक्षाओं को क्लीयर करने की आवश्यकता हो सकती है, और इसलिए इच्छुक को कंपनी की नीति या संपर्क को समझने की आवश्यकता होती है। पात्रता आवश्यकता को समझने के लिए मानव संसाधन कार्यकारी।
    • एक नवसिखुआ एक विश्लेषक की स्थिति के साथ शुरू कर सकता है और वरिष्ठ पदों तक बढ़ सकता है क्योंकि उसका अनुभव 5-7 साल तक बढ़ जाता है। एक कंपनी का नौकरी विवरण ब्लूमबर्ग टर्मिनल, वित्तीय विश्लेषण, बाजार अनुसंधान, डेटा मॉडलिंग, और इतने पर आवश्यक कौशल का सुझाव दे सकता है।

    किसी भी नौकरी के लिए, वेतन कई क्षेत्रों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं जैसे कि रहने की लागत, नौकरी की आवश्यकताएं, विकास की संभावनाएं, उद्योग के मानकों और इतने पर। हालाँकि, payscale.com के अनुसार, करों और कटौती से पहले औसत वेतन $ 89,396 है और अतिरिक्त मुआवजा जैसे बोनस और लाभ-साझाकरण घटक, जो कंपनी की नीति पर निर्भर हो सकते हैं।

    इनकम टैक्स विभाग ने महाराष्ट्र और गोवा में स्टील बनाने वाली कंपनी के 44 ठिकानों पर की रेड

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    मुंबई/दि.28 – इनकम टैक्स विभाग ने महाराष्ट्र और गोवा में रेड की है. रेड महाराष्ट्र और गोवा बेस्ड एक ग्रुप जो स्टील मैन्युफैक्चर और पुणे, नासिक अहमदनगर और गोवा का ट्रेडर है पर की गई है. 44 से ज्यादा ठिकानों पर रेड्स की गई हैं.
    रेड्स के दौरान तमाम फर्जी दस्तावेज, बिल्स, इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जप्त किए गए हैं. जीएसटी अथॉरिटी पुणे के व्हीकल ट्रेकिंग ऐप के जरिए फर्जी ई-वे बिल्स बरामद किए गए. अब तक 160 करोड़ रुपए के फर्जी बोगस खरीद के सबूत इस ग्रुप से मिले हैं. जांच में ये फर्जी खरीद का एमाउंट और बढ़ने की आशंका है. अभी भी इनकम टैक्स के अधिकारी जांच कर रहे हैं.
    जांच में 3.5 करोड़ रुपए के माल की शॉर्टेज और ज्यादा स्टॉक तकरीबन 4 करोड़ रुपए के बारे में जानकारी मिली है. प्रोपर्टी में इन्वेस्टमेंट के साथ 3 करोड़ रुपए कैश, 5.20 करोड़ की ज्वैलरी भी अलग-अलग ठिकानों से जप्त की गई है. 194 किलो सिल्वर का सामान, जिसकी कीमत 1.34 करोड़ है वो मिली है. अब तक की जांच में 175.5 करोड़ रुपए की इनकम जिसमें ज्वैलरी, कैश है. इनकम टैक्स की रेड्स और जांच लगातार जारी है.

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